Quantcast
Channel: Indian Bhabhi Hindi Incest Savita Vellamma Naughty Sex Stories
Viewing all 200 articles
Browse latest View live

अंधेरे में बेटी की जगह माँ को चोदा

$
0
0



हेलो दोस्तों, सारे रीडर्स को आशु का प्यार, मैं एक बार फिर हाजिर हूं अपने लाइफ में घटी एक अनोखी घटना लेकर. मगर उस से पहले मैं उन सबका थैंक्यू करना चाहता हूं जिन्होंने मेरी पिछली सारी कहानियों को इतना पसंद किया कि उनका प्यार मुझे ईमेल के जरिए मिला और मुझे एंकरेज किया और कहानी लिखने के लिए, इसलिए मैं अपने बिजी शेड्यूल में से टाइम निकालकर यह कहानी लिख रहा हूं. ऐसे ही मुझे प्यार देते रहिये मैं कभी आप लोगों को निराश नहीं करुंगा..

यह बात कुछ टाइम की है जब मैं ९वी क्लास में था, उस वक्त हम लोग गांव में रहते थे. आप लोगों को पता है या नहीं मैं नहीं जानता फिर भी मैं बताना चाहता हूं कि जो सारी सुविधाएं शहर में होती है वो सब गांव में नहीं होता, जैसे कि हर घर में बाथरूम या प्रॉपर इलेक्ट्रिसिटी..  हमारा एक बहुत छोटा सा गांव है और यहां अक्सर बरसात के दिनों में बिजली चली जाती है और ३-४ दिनों तक नहीं आती. यह जो घटना घटी वह उसी अंधेरे के कारण ही घटी थी.


हमारे घर से ३ घर छोड़ कर एक परिवार रहते हैं, जिसमें तीन बेटियां और पति पत्नी रहते हैं. उस घर में जो पति है वह ५० साल का है और उनका नाम हरिप्रसाद है. पत्नी की उम्र ४८ साल की है उनका नाम राधा है. मे उन दोनों को दादा दादी बुलाता हूं और उनकी तीनों बेटियों को बुआजी बुलाता हूं. सबसे छोटी बेटी का नाम मंजू है वह २७ साल की है मंजू बूआ थोड़ी मोटी है क्योंकि वह रोज गर्भ निरोधक टेबलेट खाती है और रंग सांवला है. आज से एक साल पहले मैंने उनको और उनकी सहेली छाया को चोदना स्टार्ट किया था, मैं जब छोटा था तब से यह दोनों मुझे बहुत ही प्यार करते थे मैं हर टाइम इन दोनों के पास होता था.

जब मैं आठवीं क्लास में था तब इन दोनों को मेंने लेसबियन सेक्स करते पकड़ा था, वह दोनों नंगे हो कर एक दूसरे की चूत चाट रहे थे और उंगली डाल कर चोद रहे थे. मैं जैसे ही कमरे में घुसा तो यह देखकर मैं डर गया मगर यह दोनों सेक्स के नशे में चूर थे जिस कारण उन दोनों ने मिलकर मुझे जबरदस्ती नंगा किया और मेरे लंड  को चूस कर खड़ा कर के बारी बारी से मुझसे चुदवाया. उस दिन के बाद में आज तक दोनों को चोदता आ रहा हूं लेकिन ८ महीने बाद छाया बुआ की शादी हो गई और वह अपने ससुराल चली गई. मगर जब भी अपने घर आती हैं तो मैं दोनों को मिलकर चोद देता हूं..

छाया बुआ की शादी के बाद में सिर्फ मंजू बुआ को चोदता हूं और वह रोज रात को उन के घर में जा कर चोदता हूं कभी कभी दिन में भी अकेले देख कर चोदता हूं, ऐसा एक साल से हो रहा है. इस बारे में उनकी मां को भी पता है, मगर वह किसी से कुछ नहीं कहती, क्योंकि मैं जब एक दिन रात को मंजू बुआ को चोद के जा रहा था तो मैंने राधा दादी को उनकी मजली बेटी और दामाद को कमरे में चुदाई करते देखते हुए पकड़ा था..

वो उन के कमरे में खिड़की से झांक रही थी, दादी ने जैसे ही मुझे देखा तो वह डर गई, फिर मैंने उनसे कहा कि मैं किसी को नहीं बताऊंगा इस बारे में, मगर फिर भी वह डरती है, कि कहीं ये बात में किसी को ना बता दूं, उनके पति हर वक्त खेत में होते हैं वह एक छोटा सा मकान है, वह दादी को छोड़ कर बाकी सब औरतों की चुदाई करते हैं. उनके खेत में जितने भी औरत मजदूर काम करती हैं सब को चोदते हैं. इस कारण हरी दादाजी ने पिछले १५ सालों से अपनी पत्नी को चोदना तो दूर ठीक से देखा भी नहीं है.

तो इस तरह में रोज मंजू बुआ को चोदता था, उन के कमरे में टीवी और वीसीआर है जिसमें हम लोग ब्लू फिल्म देख देख के चुदाई करते हैं. हमें एक अनोखे स्टाइल में चुदाई करते थे. पहले बुआ जी मेरे लंड को चूस क लोहे की रोड जैसे खड़ा कर देती थी, फिर उसके बाद एक बडे जग में ढेर सारा तेल लेते थे, उस में वह मेरे लंड को डूबा देती थी और फिर दोनों हाथों से मेरे लंड को उस जग के अंदर मालिश करती थी. जिस से मेरा लंड और भी तन जाता था, ऐसा १० से १५ मिनट तक करती थी..

फिर मैं उनको बेड पर सुला देता और उनके चूत का मुंह खोलकर उस में तेल डाल देता और उस के बाद में फिर से अपने लंड को तेल में डूबा कर चूत में घुसाता था. चूत तो पहले से भी तेल से लबालब भरा होता था और मेरा लंड तेल में डुबाने के कारण वह भी तेल से भीग जाता था, फिर जब मैं धीरे से तेल भरी चूत में लंड  डालता था, तो घुसाते ही चूत में से पचक की आवाज निकलती थी, और मेरा लंड  एक बार में ही पूरा चूत में घुस जाता था, उस के बाद में चोदने लगता था..

तेल के कारण चुदाई के टाइम चूत में से ऐसी आवाजे निकलती के हम दोनों उसे सुनकर मदहोश हो जाते थे, इसी तरह जब में गांड में लंड घुसाता था तो उससे पहले गांड के छेद में उंगली डालकर तेल से लबालब भर देता था, और फिर लंड डालकर चोदता था, गांड मारते टाइम भी पचक पचक ऐसी ही आवाज गांड से निकलती थी.

मैं आप लोगों को बता नहीं सकता था कि उसे चोदने में कितना मजा आता था, उस वक्त मैं छोटा था चुदाई का इतना अनुभव नहीं था तो उस टाइम में समझ नहीं पा रहा था ऐसे चोदने का मतलब. मगर चोदने में बहुत मजा आता था, यह आयडीया मेरा नहीं था वह बुआ जी का था. पता नहीं उनको ऐसी चुदाई के बारे में किसने बताया था. मगर आज मैं उस बात को समझ गया हूं कि ऐसे चोदने में मजा दुगना हो जाता है. मैं आप सब से भी यह कहना चाहता हूं कि ऐसे चोदकर या चुदवा कर देखिए कितना मजा आता है, उसके बाद मुझे बताना कि कैसा लगा.

एक दिन की बात है, जब मैं बुआ जी को रात में चोदने के बाद घर जाने लगा तो मुझे बुआ ने कहा कि दोपहर को घर में कोई नहीं होगा, तुम चुपके से चले आना. हम दोनों बहुत मस्ती करेंगे. मैंने उनकी बात मान ली और २ बजे उनके घर पहुंच गया. घर में सच में कोई नहीं था. इस कारण हम दोनों ने आराम से टीवी  पर ब्लू फिल्म देखा और उसी स्टाइल में बहुत देर तक चुदाई किया. मंजू बुआ ने मुझे रात को भी आने को कहा और फिर मैं वहां से चला गया. मेरे जाने के बाद उनके मामा जी आए और मंजू बुआ को लेकर अपने साथ चले गए. यह सब इतना जल्दी हुआ कि वह मुझे बता भी नहीं पाई, इसलिए मुझे पता नहीं था कि वह घर पर है या नहीं. और मैं रात को रोज की तरह उनके कमरे में घुस गया.

मंजूर बूआ दिन में सलवार कमीज पहनती है और रात को नाइटी पहन कर सोती है. उस दिन शाम को बारिश की वजह से लाइट चली गई थी, इस कारण उनके कमरे में भी अंधेरा था. मेने अंदर जाते ही दरवाजा बंद कर दिया, फिर मंजू बुआ के साइड में जाकर सो गया और उनको जोर से अपनी बाहों में जकड़ लिया. बाहों में लेते ही मुझे लगा कि वह थोड़ी ज्यादा मोटी लग रही है.

तो मैंने पूछा कि क्या हुआ बुआ जी? अचानक इतनी मोटी कैसे हो गई? उन्होंने कुछ नहीं कहा तो मैंने उस बात पर ध्यान नहीं दिया. फिर मैं उनकी नाइटी के ऊपर से ही बूब्स को दबाने लगा था. आज चूची भी मुझे थोड़ी पतली और छोटी लगी क्योंकि मंजू बुआ के बूब्स बहुत बड़े बड़े और टाइट है, मगर मेरा ध्यान उस टाइम सिर्फ चोदने पर था, तो इन सब बातों को मैंने अनदेखा कर दिया. मुझे थोड़ा अजीब लगा कि आज में ही सब कुछ कर रहा हूं. बुआ जी तो चुपचाप पड़ी हुई है.

मैंने उनके नाइटी उतार दिया और उनको सीधा लिटा दिया उसके बाद में उनके ऊपर चढ़ गया और बुब को चूसने लगा, तो उन्होंने मुझे कसकर पकड़ लिया. आज बुआ ने नहीं ब्रा पहना था और नहीं पेंटी पहनि थी तो मैंने पूछा फिर क्या हुआ बुआ जी? आज तो आप पहले से ही रेडी है चुदाई के लिए, इसलिए ब्रा और पैंटी खोल दी है. बूब्स चूसते मैंने हाथ चूत की तरफ बढ़ाया. जैसे ही मैंने चूत पे हाथ रखा तो मुझे बालों का एहसास हुआ, मैंने ठीक से हाथ लगाया तो देखा कि चूत में बहुत सारे बाल थे. मैं चौंक गया क्योंकि आज दोपहर जब मैंने उनको चोदा था तब चूत बिल्कुल साफ थी.

अचानक इतना सारा बाल चूत मैं कहां से आ गया, अब में डर गया के कौन है? जिस कारण मेरा लंड भी सिकुड़ गया. में तुरंत उन के ऊपर से उतर गया और पूछा के कौन हो आप? पर मुझे कोई जवाब नहीं मिला. तो मैंने जाकर झरोखा खोल दिया बाहर बहुत बारिश के साथ तेज बिजली भी चमक रही थी. उस बिजली के चमकने से मैं उनका मुंह देखा तो मैं देखता ही रह गया.

मैंने देखा कि अब में मंजू बूआ समझकर जिसे नंगा कर दिया था वह मंजू बुआ नहीं थी उसकी माँ और मेरी दादी है, मैं डर गया और वहां से जाने लगा. तो दादी ने मुझे आवाज दिया कि रुक जाओ. मैं रूक गया तो उन्होंने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे बेड पर बैठाया, मुझे इतना पता था कि इस बारे में किसी को नहीं कहेंगे. मगर मैंने कभी उन्हें चोदने का सोचा भी नहीं था. दादी ने कहा कि अधुरा काम छोड़ कर कहां जा रहे हो..

तो मैंने कहा कि मैं आपको कैसे चोद सकता हूं? आप मुझ से बहुत बड़ी है. इस पर उन्होंने कहा कि बडी हुई तो क्या हुआ? मैं अभी तो एक औरत हूं मेरी भी चूत है जिसमें तुम आराम से अपना लंड डाल कर चोद सकते हो. यह सुन कर मेरे होश उड़ गए क्योंकि इससे पहले मैंने कभी ४८ साल की औरत को चोदने के बारे में सोचा भी नहीं था, चोदना तो दूर की बात है. उस टाइम मैं छोटा था अगर आज की तारीख में ऐसा होता तो मैं कभी पीछे नहीं हटता क्योंकि मुझे लड़कियों से ज्यादा औरतों को चोदने में मजा आता है. अगर 30 साल से ज्यादा की हुई तो अच्छा है, पर ४० से ऊपर की हुई तो बहुत अच्छा है. यह मेरे उन दोस्तों को पता होगा जिन्होंने ऐसा सेक्स किया होगा. अब में कहानी पर आता हूं.

दादी की बात सुन कर मैंने कहा यह क्या कह रही है आप? यह सब ठीक नहीं है. आप तो शादीशुदा हैं जाकर अपने पति से चुदवाइए ना, इतना कह कर में जाने लगा तो वह मेरे पांव में गिर गई है गिडगिडाने लगी कि ऐसे मत जाओ बिना मुझे चोदे, फिर उन्होंने मुझे अपनी दुख भरी कहानी सुनाई. दादी ने कहा जब उनकी शादी हरि दादा के साथ हुई थी तो हरी दादा उन्हें बहुत चोदते थे, दिन भर में ५  बार और रात को तीन चार बार चोदते थे.

जब भी वह खेत में जाते थे मुझे अपने साथ लेकर जाते थे और वहां एक चार पाई थी उसके ऊपर सुलाकर चोदते थे, जिस कारण वह चारपाई भी चार दिनों में ही टूट गई थी. एक बार हम दोनों मेरी बहन की शादी में गए थे वह भी यह मुझे एक कमरे में ले जाकर चोदने लगे, उस वक्त बाहर शादी चल रही थी.

मगर हम लोग अंदर कमरे में चुदाई कर रहे थे, इस बीच मेरे पिताजी हमें बूलाने आ गए, तो अंदर से ही मैंने जवाब दिया कि आप जाइए हम आते हैं. क्योंकि तेरे दादाजी ज्यादा देर तक नहीं चोद सकते थे, बस १२-१५ मिनट चोदने के बाद ही उन का लंड  पानी छोड़ देता था.

मेरी बड़ी बेटी ८ महीने में ही पैदा हो गई थी. तब हमारी शादी को एक साल पूरा हुआ तो मैं दूसरी बार ३ महीने प्रेग्नेंट थी. इस बार जब मैंने दूसरी बेटी को जन्म दिया तो डॉक्टर ने कहा कि इसके बाद कम से कम २ साल तक कोई बच्चा नहीं होना चाहिए नहीं तो मेरी जान को खतरा हो सकता है, यह सुनते ही तेरे दादाजी दुखी हो गए.

फिर उसके बाद उन्होंने मुझे चोदना कम कर दिया. इस कारण वह बाहर की औरतों को चोदने लगे थे. कभी कभी अगर मन किया तो मुझे चोद देते. इस तरह मंजू पैदा हुई. उसके बाद तो वह महीने में एक बार मुझे चोद दे तो वह भी बहुत था. मगर पिछले १५ सालों से उन्होंने मुझे छुआ तक नहीं था. इस कारण में रोज चुदाई के लिए तरस गई हूं..

फिर जब दोनों बड़ी बेटियों की शादी हुई तो जब भी वह अपने पती के साथ आती थी तो रात को चुदाई करते हुए मैं उनको देखकर अपने आप को शांत कर लेती हूं, मगर अब तो वह भी देखने को नहीं मिलता. इसलिए मैं तुम्हें मंजू को चोदते हुए कभी कभी देखती थी. आज जब मंजू ने मुझे कहा कि मैं तुझे उसके जाने के बारे में बता दू, तो मेरे मन में ख्याल आया की इस बात का फायदा उठा कर मैं तुम से चुदवा लू और १५ सालों से प्यासी अपनी चूत की आग को बुझा दू. इसलिए मैं तुम्हारे पैर पड़ती हूं, मुझे चोदकर मेरी प्यास बुझा दो. तुम जो कहोगे मैं वह करूंगी. इसके लिए मैं तुम्हें रोज ५० रूपये दूंगी, मगर मुझे ऐसे छोड़ कर मत जाओ.

यह सुनकर मेरी आंखों में पानी आ गया, मैंने उनको कहा ऐसे मत बोलिए मुझे कोई पैसे नहीं चाहिए. अब मैं मंजू बूआ के साथ साथ आपको भी चोदूंगा. मगर बुआ जी गयी कहां है? तो दादी ने बताया कि उनको देखने कोई लड़का आने वाला है उनके भाई के घर पर इसलिए वह अपने मामा जी के घर गई है, २ दिन के बाद आ जाएगी, यह सुनकर में थोड़ा उदास हो गया.

क्योंकि अगर बुआ जी की शादी हो गई तो मैं कीसे चोदुंगा, मगर फिर मुझे याद आया कि अरे उसके लिए दादी है ना, जब तक कोई नहीं मिलती मैं उन को चोद लिया करूंगा. फिर मैंने दादी जी को बेड पर लेटा दिया और उनके बूब्स को चूसने लगा. अंधेरे में कुछ दिखाई नहीं दे रहा था. मगर मैंने चूत पर हाथ लगाया तो महसूस किया की दादी जी का चूत बालों से बिल्कुल ढका हुआ है.

मैंने बालों को हटाते हुए चूत के अंदर उंगली डाल दी तो दादी के मुंह से अहह औऊ इई हह्ह्ह ईई ममाआआ आवाज करने लगी. उन्होंने कहा यह क्या कर रहे हो? तो मैंने कहा आप देखती जाईए मैं क्या क्या करता हूं. मैंने उनकी चूत के दाने को जोर से रगड़ने लगा. तो दादी के मुंह से तेज आवाज ही निकलने लगी, १० मिनट  तक ऐसे करने के बाद जोर से चिल्लाने लगी और मेरे हाथ को चूत से दूर कर दिया और बेड पर तड़पने लगी.

मैं डर गया और पूछा क्या हुआ? इस पर दादी के सिसकिया निकालते निकालते जवाब दिया कि मेरा चूत बहुत जल रहा है, और उसमें से कुछ निकल रहा है. पता नहीं तुमने क्या किया? फिर मैंने चूत को हाथ से छुआ तो पता चला की दादी जड गई है, तो उस कारण चूत का मुह अपने आप खुल और बंद हो रहा था, और फिर से ढेर सारा गाढा पानी निकल रहा है.

मेने दादी से कहा कुछ नहीं हुआ, तुम जड गयी हो इसलिए तुम्हारी चूत में से यह पानी निकल रहा है उसके बाद दादी ने कहा मगर ऐसा तो पहले कभी नहीं हुआ था.. फिर आज क्यूं? मैंने कहा लगता है आज से पहले कभी आप जड़ी नहीं है, शायद दादा जी जब आप को चोदते थे तो कभी आप की चूत को ऐसे नहीं मसला है, फिर दादी ने कहा की चूत मसलने की बात कर रहा है

आज तक तेरे दादाजी ने मुझे कभी पूरा नंगा करके चोदा नहीं, यहां तक की उन्होंने कभी मेरी चुचियों को छुआ तक नहीं, मैंने आज तक कभी उनका लंड देखा नहीं और उन्होंने भी कभी मेरी चूत देखी ही नहीं है. यह सुनकर आप लोगों को शायद अजीब लग रहा होगा, मगर यह बात आज से १५-१६ साल पहले की है उस वक्त गांव में सभी मर्द धोती पहनते थे. जब भी वह किसी को चोदना चाहते तो धोती ऊपर कर के की चोद देते थे, तो इस कारण दादी ने भी कभी चुदाई का असली मजा लिया ही नहीं था.

दादी की चूत से सारा पानी निकल गया तो वह थोड़ी शांत हो गई. फिर मैंने कहा अब आप बैठ जाओ और मेरे लंड को मुंह में डालकर चुसो. पहले तो उन्होंने लंड  चूसने से मना किया. फिर मैंने कहा कि एक बार चूस कर देखो, अगर अच्छा नहीं लगा तो फिर कभी नहीं  कहूंगा. उसके बाद डरते हुए दादी ने मेरे लंड को हाथ में लिया और मुझे अपने मुंह में डालने लगी.

पहली बार मुंह में लिया तो उल्टी करने लगी फिर बार बार ऐसा करते करते उसने मेरे लंड को चूसना शुरू किया, उनको पता ही नहीं था कि लंड कैसे चूसते हैं? तो मैंने कहा आप एक काम करो. लंड को मुंह में रखो और आइसक्रीम की तरह चुसो. फिर दादी ने वैसा ही किया, वह सिर्फ लंड का पिंक हिस्सा मुंह में लिया और चूसने लगी, जब लंड चूस रही थी तो मुंह से आवाज निकलती थी. मुझे बहुत मजा आ रहा था.

जब मेरा लंड रेडी हो गया तो मैंने उन्हें बेड पर लेटा दिया और टांगों के बीच जाकर बैठ गया. फिर मैंने अंधेरे में चूत के छेद को हाथ से ढूंढ कर लंड को उसके मुंह पर रख दिया, उसके बाद मैं दादी के ऊपर सो गया और धीरे से लंड  को चूत में घुसाने लगा. दादी जी ने जितने दिन भी दादी को चोदा था उसमें चूत की धज्जियां उड़ा दी थी.

जिस कारण दादी की चूत फट गई थी मगर पिछले १५ सालों से नहीं चुदने के कारण चूत सिकुड़ गई थी, मैंने धक्का मारकर लंड को चूत में पूरा घुसा दिया, जब मेरा लंड चूत में घुस गया तो मैं तेज झटके मारने लगा. दादी के मुंह से अच्छा लग रहा है इतने सालो बाद लंड को चूत में लेकर आःह अय्य्य सस ससु उस ऊसू सुसुसू स्सीई ससम्म सीई ऐसी आवाज आ रही थी. अरे वा बेटा तू तो बड़े अच्छे से चोदता हे बिल्कुल मर्दों की तरह.

दादी की चूत बहुत गर्म थी में ३० मिनट में ही झड़ गया और मैंने सारा वीर्य उनकी चूत में ही निकाल दिया, उसके बाद दादी ने मुझे अपनी बाहों में लेकर मेरे माथे को चूम मां और दादी ने मुझे कहा कल दोपहर को आ जाना मैं तैयार रहूंगी चुदाई के लिए, मैंने कहा ठीक है मैं कल आ जाऊंगा.

अगले दिन में दोपहर को उनके घर गया तो दादी पहले से ही बूआ के कमरे में रेडी थी. अंदर जाते ही मैं उनके गले लग गया. उस दिन उन्होंने साड़ी पहनी थी. वह अंदर कुछ नहीं पहनती थी तो मैंने उनकी साड़ी को पूरा निकाल दिया. जैसे ही मैंने उनको नंगा देखा तो मैं देखता ही रह गया. उनकी बॉडी का रंग काला था उन की चूत में बहुत बाल थे..

इतने बाल थे कि काली बॉडी में काला बाल बिल्कुल चूत को ढक दिया था. बाल नाभी के नीचे से ही निकला हुआ था नीचे चूत तक, ऐसे बाल चूत में देखकर मुझे अजीब लगा, मैंने कहा दादी क्या आप अपनी चूत के बालों को साफ नहीं करती शेविंग करके? तो उन्होंने कहा मुझे क्या पता कैसे करते हैं.. मैंने कहा चलो आज मैं आपकी चूत के बालों का शेव करता हूं. मैंने देखा था कि मंजू बुआ और छाया बुआ कैसे एक दूसरे की चूत का शेविंग करते थे.

फिर मैंने मंजू बुआ का शेविंग सेट लाया और साथ में थोड़ा पानी भी, पहले मैंने केंची से बालों को काटा, फिर मैंने चूत में अच्छे से साबुन लगाया और ब्लड से शेव करने लगा, शेविंग करते वक्त दादी हंसने लगी, क्योंकि उनको बहुत गुदगुदी हो रही थी. मैंने धीरे धीरे उनकी चूत को पूरा साफ कर दिया, और पानी से अच्छे से धो दिया. उसके बाद हम दोनों बेड पर आ गए.

मैंने दादी की चूत का मुह खोला अंदर लाल दिख रहा था, पिछली रात को मैंने उनकी चूत को नहीं देखा था मैंने कहा आपकी चूत तो मंजू बुआ से भी बहुत अच्छी लगती है, दादी शरमा गई और मुझे अपने बाहों में भर लिया. मैं उसके बूब्स दबाने लगा.

फिर मैंने उनकी चूत का मुंह खोला और उंगली डालकर चोदने लगा, कुछ देर बाद वह  चीख कर जड़ने लगी, उनकी चूत से सफेद गाढ़ा पानी निकल रहा था. उसके बाद मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए, दादी को लंड चूसने के लिए कहा. उन्होंने कहा तेरा लंड  तो काफी बड़ा है, ऐसा कहकर वह मेरे लंड को मुंह में डाल कर चूसने लगी. मैं उनकी गांड के छेद को सहलाने लगा, मेरा लंड जब तैयार हो गया तो मैंने उनको बेड के साइड पर लेटा दिया..

मैंने उनके पैरों को अपने कंधे पर रखा और लंड को चूत के मुंह पर टिका दिया, फिर मैंने दोनों बूब को पकड़कर एक जोर का धक्का मारा तो पूरा लंड चूत में घुस गया. दादी की चीख पड़ी आह्ह्ह औऊ अह्ह्ह औउ उईई मम्म इई अय्युय उऔउ इई  दर्द हो रहा है, थोड़ा धीरे. मैं जोर से चोदने लगा, कुछ देर बाद मैंने कहा आप उल्टी हो जाओ. मैं आपकी गांड में लंड घुसा के चोदूंगा.

तो दादी ने कहा नहीं, गांड में भी कोई चोदता है. इतना बड़ा मुसल लंड अगर मेरी गांड में घुस गया तो मेरी गांड फट जाएगी. मैंने कहा आप चिंता मत कीजिए. मैं आराम से चोद दूंगा. फिर मैंने उनको घोड़ी बनाया पीछे गांड के छेद में लंड लगाकर लंड घुसाने लगा तो वह फिसल जाता था, क्योंकि उन्होंने कभी गांड नहीं मरवाई थी. तो वह बहुत टाइट था. फिर मैंने तेल की शीशी लाया और गांड में अच्छे से उसे लगाया और मेरे लंड पर भी लगाया.

उसके बाद मैंने उनको गांड खोलने के लिए कहा और लंड को छेद के मुंह पर रख दिया. फिर जोर से धक्का मारा तो तेल के कारण आधे से ज्यादा लंड गांड के अंदर घुस गया, दादी चिल्लाने लगी दर्द हो रहा है. उनकी बात सुने बिना एक और धक्का मार कर पूरा लंड गांड में घुसा दिया, और चोदने लगा. वह चिल्लाती रही औउ ईई अय्य्य ओऊ ओआह्ह औऊ अह्ह्ह मर गई, मेरी तो गांड फट गई.

मैं उनकी बात को अनसुना करते चोदने लगा मुझे बड़ा मजा आ रहा था, कसी हुई गांड मारने में. मैंने अपनी रफ्तार बढ़ा दी तो वह और तेज चिल्लाने लगी. फिर मैंने उनको सीधा किया और चूत में लंड डालकर चोदने लगा, इस बीच दादी जड़ गई थी. अब मैं भी झड़ने वाला था तो मैं और जोर से चोदने लगा. मैं उनके ऊपर सो कर चोद रहा था साथ ही साथ बूब्स को चूस रहा था और दबा रहा था. कुछ देर बाद में भी झड़ गया. मैंने उनको कस के पकड़ लिया और तेज झटके मार मार के झड़ने लगा. सारा लंड का पानी चूत में निकाल लिया, उसके बाद दादी ने कहा कल तो मंजू  आ जाएगी और तुम उसे चोदने लगेगा, फिर मेरा क्या होगा? मैंने कहा आप चिंता मत कीजिए मैं सब कुछ संभाल लूंगा..

अगले दिन जब मंजू आई तो मैं उनको चोदने के लिए रात को गया, मैंने उनको जम के चोदा फिर उनको बताया कि कैसे मैंने उन की गैर हाजरी में दादी को चोदा. पहले तो विश्वास नहीं कर रही थी. फिर जब मैंने दादी को कमरे में बुलाकर कहा, तो वह मान गई. हम दोनों ने उसको सब कुछ बताया. तो वो मान गई और उस दिन के बाद में मां बेटी दोनों को मिलकर चोदने लगा. हम ब्लू फिल्म देखकर चुदाई करते थे. हम तीनो बहुत चुदाई करने लगे, फिर ३ महीने बाद मंजू बुआ की शादी हो गई, और मैं सिर्फ उनकी मां को चोदने लगा. पर जब भी मंजू बुआ अपने घर आती थी तो मैं इन दोनों को चोदता था, यह सिलसिला करीब २ सालों तक चला. फिर मैं कॉलेज की पढ़ाई के लिए शहर का गया.

शहर आने के बाद मैंने फिर कभी उन दोनों को नहीं चोदा. मगर यह मेरी लाइफ का एक ही एक्सपीरियंस है कि जिसे मैं कभी भी चाहूं तो भी भुला नहीं पाऊंगा. आज मंजू बूआ के दो बच्चे हो गए हैं, मैं जब भी गांव जाता हूं तो अगर वह अपने घर आई होती है फिर मैं उनसे मिलने जाता हूं. और उनकी मां बूढ़ी हो गई है. उनके पिताजी की मौत हो गई है. मगर फिर भी हम तीनों बैठकर सारी पुरानी यादें ताजा करते हैं.

3 अंकल और जवान लड़की!

$
0
0


दोस्तों ये मेरी पहली कहानी ही हे इस वेबसाइट पर. दो महीने पहले की बात हे. मेरे साथ कुछ ऐसा हुआ जो मैं आप लोगो को सेक्स कहानियों की इस साईट पर बताना चाहता हूँ.  दो महीने पहले मेरे साथ जो हुआ वो इस सेक्सी कहानी की शकल में मैं आप लोगो के लिए पेश कर रही हूँ. दोस्तों मेरा नाम अनीता हे और मैं आरामबाग से हु. मेरे सिवा मेरे घर में मेरे बड़े भाई. दीदी और मेरे पेरेंट्स हे.

मैं दिखने में सामान्य हूँ और मेरी हाईट 5 फिट 5 इंच और रंग मीडियम हे मेरा. मैं जब छोटी थी तब से ही मुझे सेक्स के वीडियो देखने का शौक हे. मेरा पहला सेक्स जब मैं 18 साल की थी तब हुआ था. और मुझे पहली बार मेरे बॉयफ्रेंड ने चोदा था. मेरे पापा फ़ौज में थे जो अब निवृत हे. वो बहुत बड़े शराबी हे और अक्सर ड्रिंक कर के वो मेरी मम्मी के साथ लड़ते हे.


अक्सर पापा के दोस्त लोग भी पापा के साथ ड्रिंक करने के लिए हमारे घर पर जमा होते थे. और मम्मी को उनके लिए बर्फ लाना, पकोड़े बनाना, नमकीन लाना, पानी देना वो सब काम करने पड़ते थे. मुझे इस शराब सभा के ऊपर बड़ा गुस्सा चढ़ता था. लेकिन पापा का डर भी बहुत था. वो बड़े ही गुस्से वाले आदमी जो हे!

पिछले महीने की ये बात हे. मेरे कोलज में एक्साम्स थे इसलिए मैं पढाई में लगी हुई थी. मेरी माँ, भैया और दीदी वो लोग मेरी नानी के घर गए थे. दोपहर को मैं अपने पेपर को खत्म कर के घर पर आई. मैं अपने और पापा के लिए खाना बनाने लगी. खाने के बाद पापा बाइक पर मार्किट में चल दिए और मैं निचे हॉल में टीवी देखने लगे.

शाम के करीब 6 बजे के बाद पापा घर पर आये तब वो नशे में पुरे धुत्त से थे. और फिर कुछ देर में उनके नशेड़ी दोस्त लोग भी आ गए. वो लोगों ने बहार के कमरे ही अपने ग्लास लगा लिए. ड्रिंक करते करते वो लोग एकदम ओपन गन्दी गालियाँ बोल रहे थे. मैं लेटी हुई अपने मोबाइल के उपर सेक्स क्लिप देख रही थी. और मूवी देखते ही मेरी आंख भी लग गई.

जब मैं उठी तो रात हो गई थी. मैं बहार गई तो देखा की वो लोग वही सोये हुए थे और सब नशे में लग रहे थे. मैं बाथरूम में घुसी अपनी चूत में साबुन लगा के ऊँगली डाली और मजे कर के फ्रेश हो के बहार आ गई.

पापा बहार से खाने का पार्सल लाये हुए थे जो किचन में पड़ा हुआ था. मैं खा लिया और वापस सू गई. रात एके दो बजे के करीब मुझे पैर में गुदगुदी सी होने लगी. मैं एकदम से चौंक के उठ गई. मैंने देखा की शर्मा अंकल थे वहां पर. वो मेरे बूब्स को हाथ से और होंठो से टच कर रहे थे. और निचे गुप्ता अंकल मेरी गांड के पास बैठे हुए थे. वो नशे से भरी हुई आँखों से मेरी गांड को देख रहे थे.

तीसरे अंकल जिनका नाम रमेश था वो मेरे मुहं के पास अपने लंड को रख के खड़े हुए थे. मैं लंड चुसना जरा भी पसंद नहीं करती हूँ तो मैं उसे मुह में लेने से एकदम मना ही कर दिया. तीनो अंकल एकदम मुड में थे. वो लोग मेरे कपडे फाड़ने लगे जैसे मेरा रेप करना हो! मेरी पेंटी के भी वो लोगो ने टुकड़े कर दिए. सब से बड़ा टुकड़ा रमेश अंकल के हाथ में आया जिसे उन्होंने अपने लंड पर लपेट लिया!

वो लोग मुझे बेड से उठा के निचे फर्श पर ले गए. और फिर भूखे कुत्तो की तरह मेरे ऊपर टूट पड़े. वो मुझे पुरे बदन के ऊपर दांतों से काट रहे थे.

शर्मा अंकल ने मेरे बूब्स को ऐसे मस्त चुसे के वो एकदम लाल हो गए थे. और मुझे निपल्स के अंदर दर्द भी हो रहा था. लेकिन मुझे मजा भी आया रहा था इसलिए मैं विरोध नहीं कर रही थी. तीनो एकदम नशे में थे और मुझे छेड़ते और छुते हुए मुझे वेश्या, रंडी, छिनाल जैसे शब्द से पुकार रहे थे.

गुप्ता अंकल जो मेरी चूत के पास थे उन्होंने मेरी दोनों टांगो को खोल दिया. शर्मा अंकल अभी भी मेरी चूचियां चूस रही थी. और रमेश अंकल ने अपना साड़े सात इंच का लंड मेरे हाथ में पकडवा दिया. मैं उसे सहला रही थी. गुप्ता अंकल ने मेरी चूत को अपनी जबान से चाटना चालू कर दिया. और फिर उन्होंने जीभ को बुर के छेद में घुसा दिया और चूसने लगे मेरे चूत के दाने को! सच में इतना मजा आ रहा था की क्या कहूँ! शर्मा अंकल अब मेरी चूत के पास आ गए और उन्होंने गुप्ता अंकल को हटने के लिए कह दिया. वो लोगों से भी चला भी नहीं रहा था इतनी ड्रिंक कर रखी थी. शर्मा अंकल ने अब अपना लौड़ा बहार निकाला और मेरे बुर के ऊपर लगा दिया. बाकि के दोनों अंकल उस वक्त मेरे चुन्चो को चूस रहे थे और मेरे बदन को टच कर के उत्तेजित कर रहे थे. मैं आह आह कर के सिसकिया रही थी.

कुछ देर तक शर्मा अंकल ने लंड को घिसा और फिर धीरे से उसे अन्दर डाला. आसानी से लंड घुसा नहीं तो उन्होंने मेरी चूत के ऊपर थूंक लगा दीया और बोले, साली रंडी बड़ी कडक चूत हे तेरी तो! और अब की उन्होंने धक्का लगाया तो लंड घुस गया. वो मुझे और गालियाँ देते हुए चोदने लगे. मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था. शर्मा अंकल ने जोर जोर से चुदाई पहले से ही चालु कर दी. और एक मिनिट के अन्दर ही 10-12 धक्के लगाने के बाद उनका वीर्य मेरी योनी में ही चूत भी गया.

रमेश अंकल ने अब शर्मा अंकल को कहा, चल हट अब मैं इस छिनाल को पेलता हूँ. शर्मा अंकल का लंड सिकुड़ के मेरी योनी से बहार आ गया. रमेश अंकल ने अब अपना लौड़ा मेरी चूत में लगाया और अन्दर धकेल दिया. वो लंड बड़ा था और मुझे और भी मजा आ गया अन्दर ले के. रमेश अंकल का लौड़ा सीधे मेरी बच्चेदानी में टकरा रहा था और मुझे चूत में जलन भी होने लगी थी. ऐसे लग रहा था की जैसे लोहे की सलाख को किसी ने गरम कर के चूत में घुसेड दिया हो मेरी! लेकिन उन्हें मेरी जरा भी दया नहीं आ रही थी. वो मुझे रंडी छिनाल कहते हुए चोदते गए.

तभी गुप्ता अंकल पीछे आ गए और पीछे गांड के दरवाजे पर उन्होंने अपना लंड रख दिया. गांड टाईट थी और लंड अन्दर जा नहीं रहा था.

वो बोले, साली की गांड मार के ही रहूँगा. और उन्होंने मुझे कहा अपने हाथ से गांड को खोल रंडी. मैंने अपने कुल्हे को साइड में दबाया और गुप्ता अंकल को गांड मारने के लिए थोड़ी जगह दे दी. उन्होंने लंड को पीछे पेल के चोदना चालू कर दिया.

पीछे और आगे दो लंड मेरे बुर और गांड में डाले गए थे. दोनों छेद जैसे छिल गए थे और जलन हो रही थी.

शर्मा अंकल साइड में खड़े हुए कपडे पहन रहे थे. वो बोले, जल्दी करो इसका बाप उठ गया तो पंगे हो जायेंगे.

गुप्ता अंकल बोले, इसकी माँ भी बड़ी कमाल की चीज हे, लेकिन बेटी तो माँ से भी बड़ी छिनाल निकली!

साले मेरी माँ को भी चोदने ही आते थे ये लोग. और आज माँ नहीं थी तो मेरी पुंगी बजा ली इन्होने.

जब वो तीनो कपडे पहन के मेरे कमरे से गए तो मेरे सब छेद में वीर्य था और सब छेद में दर्द भी हो रहा था!

वर्जिन कामवाली की चूत का खून निकाला

$
0
0
दोस्तों मेरा नाम अग्निश हे और मैं पटियाला का हूँ. और ये बात आज से बहुत समय पहले की हे. जब मैं 12वी में था तब की ये बात हे. हमारे घर में एक कामवाली थी उसकी दो बेटियाँ थी. और दोनों में जो छोटी थी, रोहिणी, उसका फिगर एकदम ही सेक्सी था. उसको देख के किसी के मुहं में भी पानी आ जाए. मैं उसे काफी दिनों से लाइन मार रहा था.
एक बार ये जवान कामवाली झाड़ू लगा रही थी और मैं उसके पीछे से निकला. मैंने धीरे से उसकी गांड के ऊपर हाथ रख दिया. वो थोड़ी चौंकी लेकिन कुछ बोली नहीं. मैं ऐसे अब बार बार करने लगा था. वो कुछ नहीं कहती थी इसलिए मेरी हिम्मत बढ़ने लगी थी. लेकिन मुझे डर सा था की कही वो मेरी मम्मी को ना बोल दे इसलिए मैं आगे नहीं बढ़ रहा था.
लेकिन एक दिन मैंने सही हिम्मत दिखा ही दी. घर के बाकी के लोग बहार हाल में थे और वो मेरे कमरे में झाड़ू लगाने के लिए गई. मैं उसके पीछे गया. वो आगे की और झुक के झाड़ू लगा रही थी. मैं उसके पीछे दबे पाँव गया. और मैंने उसे ले दबोचा. वो घबरा गई लेकिन कुछ नहीं बोली. वो बोलती भी कैसे मैंने सीधे ही उसके होंठो को अपने होंठो से लगा के थूंक की लेनदेन चालु भी कर दी थी. और फिर मैंने अपने एक हाथ से उसके बूब्स के लड्डू दबाये. तभी मुझे किसी के कदमो की आवाज आती लगी तो मैंने उसे छोड़ दिया.
वो उसकी माँ थी जो कहने के लिए आई थी की बहार का झाड़ू पहले लगा दो मुझे पोछा करना हे. मैंने मन ही मन कहा तेरी माँ की चूत मारू साली कुछ देर लेट आती तो तेरी माँ चुदती थी.
वो मेरे तरफ देख के चली गई. लेकिन एक बात थी की उसके चहरे के ऊपर स्माइल थी. और मुझे लगा की अब तो इसको चोदना ही हे कुछ भी कर के.
शाम को मुझे फिर से मौका मिल गया रोहिणी के साथ में. शाम को वो कमरे में आई तो मैंने उसे वापस पकड़ लिया. और कपड़ो के साथ ही उसके साथ सेक्स करने लगा. वो पोछा करने के लिए निचे बैठी थी तो मैंने उसके बालों को पकड के उसके चहरे पर पेंट के साथ ही लंड को घिसा. वो मुझे छोड़ने के लिए कह रही थी पर मैं तो चोदने के मुड में था. मैने अपने एक हाथ को उसके ढीले कुरते में डाला और उसके लड्डू मसलने लगा. मैंने उसकी एक चुन्ची को बहार  निकाल के अपने होंठो से चाट ली. साला फिर से कोई आ गया और मेरा काम बिगड़ गया.
फिर तो मैं जब भी मौका मिलता था उसे पकड़ के किस कर लेता था. और उसके हाथ से अपने लंड को पकड़ा देता था. उसके बूब्स मसलता था और वो निचे झुके तो उसकी गांड पर अपना लंड टच करता था. पर चोदने के लिए सही मौका मुझे नहीं मिल रहा था.
मैं वर्जिन लड़कियों की चुदाई की कहानियाँ पढने लगा था. और एक दिन मैंने उसे पूछा की झांट साफ़ करती हो क्या तुम?
रोहिणी एकदम से शर्मा के अन्दर के रूम में भाग खड़ी हुई. मैं उसके पीछे गया और उसके हातथ को पकड़ के अपने लंड पर रख दिया. आज मौका था कुछ टाइम के लिए. मम्मी छत पर कपडे लेने गई थी अपने.
मैंने फिर से पूछा, रोहिणी झांट साफ़ करती हो क्या तूम?
वो बोली, वो क्या होता हे?
मैंने कहा, जो चूत के ऊपर बाल उगे होते हे उसे झांट कहते हे. निकाले हे कभी?
वो हंस के बोली, नहीं!
मैंने कहा एक बार दिखाओ ना अपनी चूत.
वो बोली, मेडम आ जायेंगी.
मैंने कहा., मेडम के आने से पहले तू बंद कर लेना चूत को.
वो डर सी रही थी. मैं उसे ले के दरवाजे के पीछे आ गया. उसने अपना नाडा खोला और अपनी घाघरी को निचे किया. उसने सच कहा था उसकी चूत झांटदार थी और एकदम कडक और कसी हुई देसी वर्जिन चूत थी वो. उसे देख के ही मेरे मुहं में पानी आ गया. मैंने अपने हाथ से उसे सहलाया तो रोहिणी के मुहं से सिसकी निकल गई. तभी सीड़ियों की तरफ से मम्मी की चप्पल की आवाज आई. मैंने दरवाजा खोला और वो भाग गई.
अब मैंने इस नादान कामवाली की बेटी को चोदने के लिए एक प्लान बनाया. मेरे एक दोस्त के पास ब्ल्यू गंदे फोटोस की एक मेग्जिन थी. उसे मेग्जिन के अन्दर बड़े लंड से बुर चुदाई के पिक्स थे. मैंने दोस्त से कहा की मुझे एक हफ्ते के लिए दे दे. वो बोला, साले एक हफ्ते तक मुठ मारेगा क्या!
मैंने कहा, अरे वो बाद में बताऊंगा.
दोस्त की मैगज़ीन मैंने अपने कमरे में तकिये के निचे रख दी. दुसरे दिन रोहिणी जब कमरे की सफाई कर रही थी तो मैं छिप गया. उसने तकिये को उठा के बिस्तर साफ़ करने का अपना रोज का काम चालू किया. मैंने मैगज़ीन ऐसे रखा था की तकिया  उठाते हुए बुर के अन्दर घुसा हुआ लंड दिखे. रोहिणी वो देख के एकदम से खड़ी हो गई. उसने मैगज़ीन को उठा ली और एक एक कर के सब फोटो देखने लगी. वो एकदम हार्डकोर पिक्स थे जिसमे बड़े 9-10 इंच के लंड से भी चुदाई होती दिखाई गई थी. रोहिणी ने पन्ने पलटे और मैंने पीछे से उसके पास आ गया. मैंने उसे पकड लिया.
वो बोली, साहब मेडम हे घर पर.
मैंने कहा वो अपने कमरे में हे मैं देख के आया हूँ.
फिर मैं उसे अलग अलग फोटो दिखाने लगा. एक फोटो में एक लड़की को लंड चूसते दिखाया गया था. मैंने कहा, ऐसे करो ना!
वो बोली, नहीं नहीं साहब कोई आ जाएगा!
साला फिर से वो भाग गई!
मैं दुखी हो रहा था और रोज उसके नाम की मुठ मारने लगा था. फिर एक दिन आशा का किरन निकला. मम्मी ने एक दिन कहा की मैं कल नाना जी के वहां जा रही हूँ तू आएगा?
मैंने कहा नहीं मम्मी मेरी क्रिकेट की मेच हे कल.
दुसरे दिन मम्मी सुबह में ही निकल गई. उसने जाते हुए कहा रोहिणी आये तो उन्हें कहना की आज काम नहीं हे.
मैंने कहा ठीक हे.
माँ के जाने के कुछ देर में पापा भी ऑफिस चले गए. मैंने कहा आज तो रोहिणी का बुर पेलूँगा ही. मैंने रोहिणी के आते ही उसे अपने कमरे में ले जा के बहुत किस दिए. वो बोली, साहब मेडम देख लेंगी.
मैंने कहा आज घर में सिर्फ हम दोनों ही हे!
ये सुनते ही उसके अन्दर भी अजीब सी हिम्मत आ गई. मैंने उसके कपडे फटाक से खोल के उसके बाल वाले बुर को देखा. मैंने फिर अपनी पेंट को खोली, मेरे लंड को वो एकदम अजीब नजरों से देख थी. मैं फिर समझा. मैंने कहा, अरे वो फोटो में जो होते हे वो तो बहुत बड़े होते हे ऐसे असली में बहुत कम होते हे.
वो हंस पड़ी. मैंने उसकी बुर को खोल के देखा. वो ऊपर से काली और अन्दर से डार्क लाल थी. मैंने एक ऊँगली अन्दर की तो वो हिल उठी. मैंने फिर अपने लंड को उसके मुहं के पास रख के कहा, फोटो के जैसे इसे चुसो. रोहिणी ने फट से लंड को मुहं में ले लिया और चूसने लगी. रोहिणी सिर्फ सुपाडे को और निचे के एक इंच जितने लंड को चूस रही थी. लेकिन मेरे लिए उतना भी काफी था. साला बहुत दिनों से हाथ से काम चलाना पड रहा था.
फिर मैंने रोहिणी को कहा चलो अब मैं बुर चाटूं. वो पलंग के ऊपर लेट गई. मैंने उसकी टांग को पूरा खोला और अपने हाथ से उसकी मुनिया सहलाने लगा. वो सेक्स के नशे में चढ़ सी गई थी. मैंने अपनी ऊँगली से उसकी बुर हिलाई और फिर अपनी जबान से उसके दाने वाले हिस्से को चाटने लगा. रोहिणी की बुर से एकदम गन्दी मूत यानी की पेशाब की जैसी स्मेल आ रही थी पर चाटने में तो मजा आ ही रहा था मुझे. मैंने कुछ देर उसकी चूत चाटी.
मैंने फिर से अपने लंड को उसके मुहं में दिया और कहा अब थोडा अंदर तक ले लो इसे और चुसो.
वो समझ गई की मैं क्या कहना चाहता था. उसने लंड तिन इंच जितना अन्दर ले के चूसा. मैंने उसके माथे को पकड़ के अपनी तरफ दबाया और आधा इंच जितना और अन्दर किया लंड. वो मजे से लंड को चुस्से लगा रही थी.
मैंने कुछ देर लंड चूसा के उसकी टाँगे खोली. वो बोली, दर्द तो नहीं होगा ना?
मैंने कहा तुझे किसने बताया की दर्द होता हे.
वो बोली, बाबा जब माँ की टाँगे खोल के ये सब करते हे तो माँ रोने लगती हे.
मैंने कहा, फिर कुछ देर बाद माँ हंसती भी होगी ना?
वो बोली, हां.
मैंने कहा तेरे साथ भी ऐसे ही होगा.
मैंने अपने लंड के ऊपर एक कंडोम चढ़ाई. मैंने सब इंतजाम कर के ही रखा था. फिर धीरे से अपने लंड को उसकी बुर पर लगाया. ग्लिसरीन की बोतल से थोडा निकाल के लंड के ऊपर लगाया और उसकी चूत पर भी. फिर एक हौले से झटका दिया. सुपाड़ा ही अन्दर घुसा था पर वो ऐसे चिल्लाई की जाने क्या हो गया हो उसके साथ में.
मैंने उसके कंधे पकड के एक कस के धक्का लगाया. आधा लंड अन्दर गया और उसकी बुर से खून निकल गया. उसकी सिल टूट चुकी थी. और वो एकदम रोने लगी थी और कह रही थी, अह्ह्ह्हह्ह अह्ह्ह निकाल लो बाबु जी बड़ा दर्द हो रहा हे.
,मैंने कहा अभी मजा आएगा जानेमन.
और ये कह के मैं उसके छोटे छोटे बूब्स को चूसने लगा. वो कुछ देर तक गिडगिडाती रही और मैं हौले हौले से आधे लंड से उसे चोदता रहा. कुछ देर के बाद उसे भी सेक्स के अन्दर मजा आने लगा था. मैंने उसके होंठो को अपने होंठो से जकड़ के फिर ऐसा झटका लगाया की पूरा 6 इंच का लंड उसकी देसी बुर के आरपार निकल गया. वो छटपटा उठी लेकिन मैंने उसे हिलने नहीं दिया. ;लंड को कुछ देर ऐसे ही रोहिणी के बुर में रहने दिया मैंने. जब उसे थोड़ी शांति हुई तो उसने रोना कम कर दिया. फिर मैंने धीरे धीरे से अपने खून से सने हुए लंड को उसकी चूत में हिलाने लगा. वो मचल उठी थी. अब उसे भी अच्छा लग रहा था लंड लेना.
कुछ देर की मस्त चुदाई के बाद मैंने रोहिणी की दोनों टांगो को अपने हाथ में ले लिया. और उन्हें उठा के अपने कंधे के ऊपर चढ़ा दिया. वो बोली, साहब दर्द चालू हो गया वापस.
मैंने कहा, लंड पूरा जो घुसा तेरे झांटवाले बुर में जानेमन.
वो हसं पड़ी.
मैंने धक्के लगाने चालू कर दिए. वो भी अब अपनी कमर को थोडा ऊपर कर के गांड को हिला रही थी. मेरा लंड उसके सेक्सी बुर को ठोक रहा था. बहुत दिनों के बाद रोहिणी को चोदने का सपना पूरा हो रहा था मेरा इसलिए मैं भी बहुत खुश था.
पांच मिनिट की बेबाक और मस्त चुदाई के बाद मेरे लंड का पानी छुट गया. कंडोम के आगे के हिस्से में चिकना कम निकाल दिया मैंने. फिर धीरे से कंडोम ना फटे ऐसे लंड को आराम से उसकी चूत से निकाल लिया. हमारी चद्दर पूरी लाल हो गई थी. उसकी चूत से खून निकल के वहाँ गिरा था. उसने खून देखा तो बोली, ये कहा से आया?
मैंने कहा, मेरी जान आज मेरे लंड ने तुम्हारी चूत को लड़की से औरत बनाया न उसका ही खून हे.
वो बोली, मेरी माँ ऐसा करती हे उसे तो नहीं आता.
मैंने कहा अब हम करेंगे तो तुझे भी नहीं आएगा.
फिर मैंने उसे कहा जाओ ये चद्दर धो के अपने घर पर चली जाओ आज काम की छुट्टी.
वो बोली, मेरे से भी आज काम नहीं होना हे.
मैंने उसे 200 रूपये दिए और कहा, आगे भी मौका मिला तो मैं ये करूँगा तुम्हारे साथ.
वो बोली, हां बाबु जी मुझे भी मजा आ गया.

मोम को प्रिंसिपल से चुदवाया

$
0
0


हेलो दोस्तों, यह चुदाई स्टोरी से पहले आपको मेरी दो स्टोरी पढने पड़ेंगे जिससे पता चलेगा कि कैसे मैंने मेरे मॉम को चोदा और उनको अपनी रंडी बनाया. ( मोम ने कैसे पहले अफेयर पैसों के लिए शुरू किया- पार्ट२) (मोम ने कैसे पहले पहले अफेयर पैसों के लिए शुरू किया).

तो मैं अपनी यह वाली स्टोरी स्टार्ट कर रहा हूं शायद आपको मेरी पहले वाली स्टोरी पसंद आई होगी.


मैं अपनी मोम को रोज चोदता था, एक भी चांस नहीं छोड़ता था उन को चोदने के लिए. मैं बहुत रेर स्कूल जाने लगा था और मेरा अटेंडंस बहुत कम हो गया था. एक दिन जब मैं स्कूल गया तब मुझे हमारे प्यून ने बोला कि प्रिंसिपल मिलना चाहते हैं मुझसे, तो मैं उनसे मिलने गया. उन्होंने बोला कि मेरा अटेंडेंस बहुत कम है मैं अपने १२ के एग्जाम नहीं दे पाऊंगा. उन्होंने मुझे बहुत चिल्लाया और बोला कि कल अपने पेरेंट्स को बुलाकर लाना, अब तुम इस स्कूल में नहीं पढ़ सकते हो.

तो मैं उनसे सॉरी मांगने लगा लेकिन उन पर कुछ असर नहीं हुआ.

मैं शाम को घर गया और मैं बहुत दुखी था, मोम ने एक नाइटी पहनी हुई थी मोम आ के सीधा मेरे गोद में बैठ गई, और बोली आ गए बेटा? तो मैं बोला मोम आज नहीं तो मोम ने पूछा क्यों? तो मैंने बोला कि मेरा अटेंडस बहुत कम है और मैं एग्जाम नहीं लिख सकता और वह मुझे स्कूल से निकाल रहे हे. यह सब सुनकर मोम हैरान हो गई उसने पूछा कि क्या कुछ नहीं हो सकता क्या? मैंने बोला कि कल पेरेंट्स को बुलाया है तो मोम ने बोला हां तो मैं आ के उनसे बात करुंगी, हो जाएगा सब कुछ ठीक. मैं बोला मोम कुछ नहीं होगा सिर्फ एक ही रास्ता है.

तो मोम ने पूछा क्या है करके तो मैं बोला कि आप को प्रिंसिपल को पटाना पड़ेगा और उनसे चुदवाना पड़ेगा. तो मोम गुस्से में बेडरूम में चली गई रात में मोम ने हम सब लोगो के लिए डिनर लगाया और फिर हम सोने गए. मैं सो नहीं पा रहा था. मॉम डैड के सोने के बाद मेरे कमरे में आई और बोली बेटा और कुछ नहीं हो सकता क्या? मैं बोला कि नहीं मोम प्लीज चुदा लो, मेरे मार्क्स भी बढ़ जाएंगे और  अटेंडेंस भी बढ़ जाएगी. तो मोम कुछ भी नहीं बोली तो में मोम को प्लीज़ प्लीज़ बोलते जा रहा था.

तो मोम ने बोला प्लीज अच्छे से पढ़ना तो मेरे पूछा कि तुम मान गई. तो उन्होंने हां बोला. मैं बहुत हैप्पी हो गया था और उन्हें जोर से किस किया और उनके चुचे दबाने लगा और चूत में उंगली कर रहा था. मोम भी मुड में आ गई और मेरे लंड को मेरे ट्रेक्स में से निकाला और हिलाने लगी.

फिर मोम ने मेरी छाती पर किस किया, मैंने मेरे मॉम के नेक में किस किया और फिर मैंने मेरी मां की नाईटी निकाली और मोम ने मेरा ड्रेस निकाला. मैं धीरे से मोम के ऊपर चढ़ गया और मां की चूत चाटने लगा उनके चूत में थोड़े थोड़े बाल थे तो मैंने बोला कि उनको कल क्लियरली शेव कर देना. तो मोम हंसने लगी और फिर मैंने मेरी मां की चूत में लंड डाला और उंहें जोर से चोदने लगा. फिर थोड़ी देर में मैंने अपना लंड निकाला और मॉम के मुंह में रखा और अपना पूरा पानी मोम के मुंह में डाल दिया और फिर मैंने ड्रेस किया और मोम अपने रूम में चली गई और मैं वैसे ही सो गया.

अगले दिन..

मम्मी सुबह डेड को जॉब पर भेज दिया और खुद रेडी होने लगी स्कूल जाने के लिए. मैंने बोला मोम को एकदम प्रोस्टिट्यूट जैसे ड्रेस करना तो मोम ने एकदम टाइट वाली ड्रेस पहनी और स्किन कलर वाली लेगी, वह तो एकदम हॉट दिख रही थी. उनके बड़े बॉल उनके ड्रेस में से फट के आने ही वाले थे. मोम कि गांड देख कर कोई भी चोद देगा ऐसे दिख रही थी. फिर मैंने अपना मेकअप किया थोड़ी देर में मैं भी रेडी हो गया और हमने एक ऑटो पकड़ा और स्कूल के लिए निकल गए. हम स्कूल जाते ही देखा उधर प्रिंसिपल नहीं थे, हम उनका उनके केबिन के बाहर वेट कर रहे थे, तो थोड़ी देर में प्रिंसिपल आए हमने उनको विश किया वह मेरी मॉम को देखते ही रह गए थे. उन्होंने बोला कि मां को अंदर आने और प्रिंसिपल ने मुझे बाहर रुकने को बोला तो मैंने मोम को इशारा किया और चला गया.

मेने जाते जाते पडदा थोड़ा साइड किया जिससे मैं मां की चुदाई देख सकु. बाहर के गिलास से जो एक कॉर्नर में था और मैं बाहर चले गया, और दरवाजा थोड़ा खुला रखकर मैं सुन रहा था उनकी बातें. तो प्रिंसिपल ने मां को देख कर एक स्माइल किया और बोला कि आपके बेटे का अटेंडेंस बहुत कम है तो वह एग्जाम नहीं दे सकता है. यह सुनते ही मोम को रोना आ गया उन्होंने यह भी बोला कि वह मुझे स्कूल से निकाल रहे हैं तो मोम ने उनको बोला की मेरे बेटे की लाइफ बर्बाद हो जाएगी और अपने दुपट्टे से वह अपनी आंख पोंछने लगी.

फिर मोम अपना दुपट्टा एडजस्ट करना भूल गई, मेरी मॉम के बड़े बड़े बॉल बाहर दिख रहे थे तो वह मेरे मोम के पास आए और कंधे पर हाथ रख कर बोला की मैडम आप करो रो मत, वह खड़े होकर मेरी मां के बोल को ही देखते जा रहे थे तो मोम ने उनको देख लिया और अपने दुपट्टा को ठीक किया. और पूछा इसके अटेंडेंस के लिए कुछ हो सकता है क्या? तो उसने मुझे बोला नहीं कुछ नहीं हो सकता. तो मोम ने बहुत पूछा और बोला मैं कुछ भी कर सकती हूं, प्लीज उसे एग्जाम लिखने दो. यह सुनते ही प्रिंसिपल के फेस में स्माइल आ गई.

वह धीरे से मोम के पास आया और बोला क्या कर सकती हो आप? मोम ने स्माइल देकर बोला कुछ भी, तो वह समझ गया और मॉम को चेहरे को घुमाया और मोम के मुंह के पास उसका पेंट था तो उसने बोला करते दिखाओ. मोम ने धीरे से उसकी जांघ पर हाथ लगाया और धीरे ऊपर हाथ बढ़ाया और फिर पैंट के ऊपर से लंड पकड़ लिया, उसने पटक से मोम को उठाया और किस करना शुरु कर दिया. थोड़ी देर वह किस करते रहे और फिर किस तोड़ दिया और अपना बेल बजाया और प्यून को बुलाया, मोम अपनी जगह पर बैठी थी और प्रिंसिपल अपनी जगह पर उसने बोला कि वह मीटिंग में है उनसे 30 मिनट के लिए किसी को भी अंदर भेजना नहीं, यह सुनकर वह चला गया.

मैं चुप के से देख रहा था उसने मेरी मॉम को अपने पास बुलाया और मोम भी गई तो वह मोम को दुपट्टा पकड़कर खींचा और फेंक दिया और उनके ड्रेस के अंदर हाथ पकड़ कर अपने पास खींच लिया और वह दोनों एक दूसरे को किस कर रहे थे. उसने मोम को बोला ड्रेस निकालने उसने भी अपना पैंट निकाल दिया. अब मोम सिर्फ ब्रा और पेंटी में थी. और वह हाफ नंगा था. उसने मॉम को हग दिया और उसके बाजू में सोफे में मॉम को सोने के लिए बोला और मोम के ऊपर सो गया वह मोम के बोल किसी कुत्ते के जैसे चूस रहा था. उसने ब्रा निकाला और जोर से बूब्स दबाने लगा उसने थोड़ी देर में पेंटी भी निकाला और मॉम का शेव किया हुआ चूत देख कर खुश हो गया, और हाथ से रगड़ रहा था. उसने फिर चूत पर किस किया और फिर चाटने लगा. मोम बहुत आवाज कर रही थी तो उसने अपना टाइ निकाला और मॉम के मुंह में बांध दिया और फिर अपने लंड को हाथ में लिया और सीधे चूत में डाल दिया थोड़ी देर ऐसे ही चोदता रहा.

फिर उसने मोम को उठाया और घोड़ी बन ने को बोला और मोम ने भी वैसे ही किया. उसने अपने ड्रावर में से एक जेल निकाला और अपने लंड पर लगा लिया और थोड़ा सा मोम के गांड के अंदर उंगली डाल कर लगा लिया. मॉम का गांड बहुत टाइट था. वह धीरे धीरे अंदर डालना शुरू किया फिर एकदम अंदर तक चला गया, मोम चिल्ला भी नहीं सकती थी, मां की आंखों से आंसू आ रहे थे. फिर थोड़ा थोड़ा फास्ट फास्ट कर रहा था. उसने थोड़ी देर मोम की गांड मारी फिर लंड को गांड में से निकाल दिया और मुंह में से टाइ निकाला और लंड सीधा मुह के अंदर डाल दिया मोम ने पूरा पानी पी लिया.

फिर उसके बाद मोम सोई हुई थी सोफे में वह उठा और अपना ड्रेस पहन लिया और उसमें मॉम को भी अपने हाथों से ड्रेस पहनाया और मोम को किस कर रहा था.

फिर मोम ने वाश बेसिन में मुंह धोया और सब सेट कर दिया पहले जैसे, प्रिंसिपल ने भी मुंह धोया और अपने प्लेस में बैठ गया. प्रिंसिपल ने बेल बजाई और प्यून को बुलाया और बोला कि मेरी क्लास टीचर को थोड़ी देर के बाद बुलाने और मेरी मॉम को बोला कि आप जाओ और उसको रोज ठीक से स्कूल भेजा करो, मैं उसके एग्जाम लिखने दूंगा और मोम ने स्माइल किया उसको और उसने भी,  और मोम बहार आई. मेरे मोम को एक स्माइल दिया और फिर हम सीधा ऑटो पकड़ घर आ गए और फिर आते ही हमने भी चोदना शुरु कर दिया.

तो दोस्तों कैसी लगी मेरी चुदाई स्टोरी. अगली स्टोरी में मैं बताऊंगा कैसे मैंने मेरी मॉम का ट्रेन में ग्रुप से गैंगबैंग करवाया पैसों के लिए.

नोकर और उसके दोस्त ने मम्मी को चोदा

$
0
0

हेलो दोस्तों मेरा नाम अंकुर है और मैं हरियाणा में रहता हूं. मेरी उम्र १९ साल है और मेरे घर में मैं और मेरे मम्मी डैडी और मेरा एक छोटा भाई है, मेरे डैडी एक बिजनेसमैन है इसलिए वह हमेशा ही घर से बाहर रहते हैं.

मैं कॉलेज में स्टडी करता हूं और मेरा भाई पांचवी क्लास में स्टडी करता है, मैं आपको अपनी मम्मी के बारे में बताता हूं, मेरी मम्मी ३६ साल की है और एकदम गोरी है. उनका फिगर ३४-३०-३६ है, मेरी मम्मी एक सेक्स बोम्ब जैसी है, उन की हाइट करीब ५ फुट ४ इंच है.


अब अपनी कहानी पर आता हूं दोस्तों, मैं आपको बता दूं कि मेरी कहानी एकदम सच्ची है और मैंने आज तक यह बात किसी को नहीं बताई, आज पहली बार आप सब दोस्तों से शेयर कर रहा हूं, तो दोस्तो बात २४ अक्टूबर की है, मुझे डेट भी बहुत अच्छे से याद है, क्योंकि इस दिन मेरी मम्मी चूदी थी वह भी हमारे घर के नौकर रामू से.

उस दिन मैं कॉलेज नहीं गया था और मैं नीचे वाले रुम में बैठकर स्टडी कर रहा था. रोज की तरह. उस दिन भी रामू १० बजे घर आया और सफाई करने के लिए मम्मी के कमरे में गया, मुझे पता था कि घर में रामु आया है इसलिए मैं अपने रूम में ही बैठा रहा, थोड़ी देर मुझे लगा कि घर में कोई और भी आया है और घर को बंद भी कर दिया है.

मैं चुपके से बाहर आया तो घर में बहुत शांति थी, मुझे डर लगने लगा और इसीलिए चुपके से मोम के रूम की विंडो पर गया और जो मैंने देखा उसे देख कर मेरे होश उड़ गए, रामू अपने किसी दोस्त के साथ मेरी मम्मी के साथ अंदर रूम में था और मेरी मम्मी बेड पर लेटी हुई थी, शायद वह बेहोशी की हालत में थी. रामू और उस का दोस्त बोल रहे थे आज तो इसकी चूत और गांड दोनों फाड़ देंगे हम दोनों, साली ने बहुत दिनों से तड़पाया हे.

फिर रामू ने मेरी मम्मी के सारे कपड़े एक एक कर के उतार दिए, ववाह मेरी मम्मी को देख कर तो मेरा भी लंड खड़ा हो गया था, मैं भी अब अपने लोड़े को अपने हाथ से सहलाने लगा, क्योंकि मेरी मम्मी पूरी सेक्सी लग रही थी, उसका बदन क्या कमाल लग रहा था?

रामू तो मेरी मम्मी पर टूट पड़ा और मेरी मम्मी की बूब्स और लिप्स खाने लगा. और उस का दोस्त मेरी मम्मी के पैर को खोल कर मेरी मम्मी की चूत को चूसने लग गया, वह दोनों मेरी मम्मी की बोडी से खेल रहे थे जैसे दोनों के दोनों मेरी मम्मी से कुश्ती लड रहे हो.

मैने यह सब देख कर इसलिए कुछ नहीं किया क्योंकि इस से मेरी मम्मी की इज्जत खराब हो जाती और साथ में हमारी भी, मैं इसलिए चुप चाप जो हो रहा था उसका मजा लेने लग गया, और सब देख रहा था, अब रामू ने अपने कपड़े उतारे और अपना काला लंड मेरी मम्मी के बूब्स के बीच में रख दिया, इतना बड़ा लंड?? मैंने कभी इतना बड़ा लंड कभी नहीं देखा था, फिर रामू ने लंड मेरी मम्मी के बड़े बड़े दूध के बीच में रखा और लंड रगड़ने लगा.

और उसके दोस्त ने अब मेरी मम्मी की चूत में उंगली डालने लग गया जिस से मेरी मम्मी की चूत में से पानी बाहर आने लगा और वह बहुत अच्छे से मेरी मम्मी की चूत का पानी पीने लग गया और चूत चाट कर साफ करने लग गया, अब उस ने भी अपने कपड़े उतार दिए और अपना लंड  निकाल कर वह भी मेरी मम्मी की चुदाई के लिए तैयार हो गया, उस ने मेरी मम्मी के पैर खोल दिए.

और अपना बडा लंड मेरी मम्मी की चूत में डाल लिया, उसने इतनी जोर से अंदर डाला की मम्मी बेहोश होने के बावजूद भी हीलाने लगी, तभी रामू ने उसे कहा  साले आराम से कर ले वरना यह उठ जाएगी, तब वो आराम आराम से मम्मी की चूत चोदने लगा और उधर रामु ने बूब्स की चुदाई के बाद मम्मी का मुह खोला और उस में लंड डाल दिया और मम्मी का मुह चोदने लग गया.

अब उसका दोस्त बोला यार अब तु इधर आ जा, मुझे भी साली का मुह चोदना है, फिर दोनों ने अपनी जगह बदली और एक ने अपना लंड मम्मी की चूत में डाला और बोला आज आया असली जन्नत का मजा, पता नहीं कितने टाइम से ईस की चूत के लिए मेरा लंड तड़प रहा था और रामू जोर जोर से मम्मी की चूत मारने लगा.

उसका दोस्त मम्मी का मुंह चोद रहा था, उस ने मुंह को चोदते चोदते ही अपना सारा पानी मम्मी के मुंह में निकाल दिया, उसका इतने सारे पानी से मम्मी का पूरा मुह भर गया और सारा पानी बाहर आने लग गया, क्योंकि मम्मी बेहोश थी इसलिए उसने पानी तो पिया नहीं तो वह बाहर आकर मम्मी के गाल से होता हुआ बेड पर गिर रहा था, उसके पानी से मम्मी के गाल चमकने लग गए थे.

अब रामु अपने दोस्त से बोला, बस साले इतनी जल्दी निकल गया??

उसके दोस्त ने कहा, हां यार बस बहुत हो गई चुदाई, अब तू भी निकाल, चलते हैं अब.

तो रामू ने जवाब दिया, साले अभी तो इस साली की गांड मारनी है मुझे.

ईतना कह कर रामू ने अपना लंड चूत से निकाला और मेरी मम्मी को उल्टा किया और बहुत सारा थूक मम्मी की गांड पर लगाया और अपना लंड गांड पर सेट कर के मम्मी के ऊपर ही लेट गया और मम्मी की गांड मारने लगा, यह देख कर मेरी भी बहुत बुरी हालत हो रही थी, मैं भी अब मुठ मारने लगा था, क्या कमाल की चुदाई हो रही थी मम्मी की और मे लाइव देख रहा था.

करीब १० मिनट बाद रामू का भी पानी निकल गया और उस ने भी मेरी मां की गांड में ही पानी निकाल दिया और खड़ा होकर बोला साली आज जाकर चुदी मेरी जान मुझ से, कितने दिनों से इस को चोदने की सोच रहा था, यह कह कर रामू और उस के दोस्त ने अपने कपड़े पहने और चले गए.

अब मेरी मम्मी अकेली रूम में नंगी लेटी हुई, उनके जाने के बाद मैं अंदर आया मेरा लंड वैसे ही खड़ा था, मैंने सोचा मैं भी अपना पानी निकाल देता हूं, पर मेरा मन नहीं माना. फिर मैंने अपनी मम्मी की चूत और गांड साफ की और उन्हें उन के कपड़े डाले और सोने के लिए छोड़ दिया. फिर मम्मी शाम को उठी और वह ऐसे बिहेव कर रही थी जैसे कि कुछ भी नहीं हुआ.

उस दिन से में अपनी मम्मी का यह दिन याद करके मुठ मार लेता हूं,  मुझे उम्मीद हे आप सब दोस्तों ने भी मुठ मारी होगी..

अनजान हाउसवाइफ को चोदा

$
0
0


हाई दोस्तों मेरा नाम राहुल हे और मैं फाइनल इयर में स्टडी कर रहा हूँ. मेरी उम्र 22 साल हे और मैं सामान्य देखाव और बिल्ड वाला लड़का हूँ. अब स्टोरी पर आते हे. मैं दोस्तों की तलाश में था उन दिनों जब मैं नया नया आया था इस शहर में. कोलेज और यह शहर दोनों मेरे लिए एकदम नए थे.

इंटरनेट नयी नयी चीज थी उन दिनों मेरे लिए. और गूगल के माध्यम से मैंने चेटिंग और डेटिंग की साईट खोजना चालू कर दिया. मुझे देखने से लगता था की डेटिंग वेबसाइट के 90% से भी अधिक प्रोफाइल फेक थे पर फिर भी टाइम पास के लिए मैं उसे खोल के लोगों से चेटिंग करता था.


फिर मुझे एक दिन दिव्या नाम की एक हाउसवाइफ का मेसेज आया. उसने हाय लिखा था सामने से मुझे और फिर हमारी चेटिंग चालू हो गई. वो 32 साल की थी और बगलोर में रहती थी. कुछ दिनों में हमारी अच्छी बनने लगी थी और फिर उसने अपना नम्बर भी मुझे दे दिया.

कुछ दिनों की नोर्मल चेटिंग के बाद मेरी और दिव्या की नोटी यानी की हॉट और सेक्स वाली चेटिंग भी चालू हो गई थी. मैं उसे अक्सर गंदे जोक्स भेजता था. फिर एक दिन उसने पूछा की क्या हम मूवी में जा सकते हे?

मैंने कहा ठीक हे चलो चलेंगे. उसने मुझे सिटी के ही एक मॉल में मिलने के लिए कहा था. मैं वहां पहुंचा गया. और तब पहली बार मैंने दिव्या को लाइव देखा. वो एकदम सेक्सी लग रही थी. वाऊ साडी के अन्दर उसका उभार एकदम हॉट था. उसका फिगर 34 28 36 था. मैंने तो उसे देख के जैसे पथ्थर ही हो गया था.

वो मेरे पास आई और हंस के बोली, क्या हुआ! मैं हंस के बोला कुछ भी तो नहीं. वो मुझे ले के सिनेमा में गई और हमने पास में बैठ के मूवी देखी. मूवी में पब्लिक बहुत थी और हमारी सिट सही नहीं थी इसलिए कुछ नहीं हुआ. बाद में मूवी खत्म होने के बाद हम लोग लंच के लिए गए. खाते हुए उसने कहा की आज मेरे घर पर कोई भी नहीं हे, तुम चलोगे?

अब भला ऐसे मौके पर कौन मना करेगा. मैंने कहा सौख से.

वो खाने के बाद ऑटो कर के मुझे अपने घर पर ले गई. उसने मेन डोर का लोक खोला. वो घर काफी बड़ा था. मैंने पूछा आप के साथ और कौन कौन रहता हे यहाँ पर? तो उसने कहा मैं मेरे पति और मेरे सास ससुर.

उसने आगे कहा की मेरे पति अपनी ऑफिस की एक ट्रिप पर गए हुए थे. और मेरे सास ससुर यात्रा पर हे. और ये सुन के मेरे अन्दर का सेक्स का कीड़ा रेंगने लगा था.

फिर मुझे पूछा की क्या लोगे चाय या कोफ़ी?

मैंने उसे देख के कहा, दूध!

उसने मुझे अजीब ढंग से देखा और हंस के किचन में चली गई. वो कुछ देर में अपने हाथ में कोफ़ी के दो कप ले के आ गई. हम दोनों चेटिंग करते हुए कोफ़ी पिने लगे. कोफ़ी पीते हुए वो मेरे करीब आ रही थी जो मैं देख रहा था.

मैंने कोफ़ी का खाली कप रखते हुए धीरे से उसके हाथ को टच किया. और फिर मैंने दिव्या भाभी को कहा की मैं अपनी पारी का एक चुम्मा लेना चाहता हूँ! वो बोली अब भला ये परी कौन हे? मैंने कहा तुम! उसके मुहं से अब एक भी शब्द नहीं निकला और वो एकदम चूप सी थी. मैंने अपने हाथ से उसके होंठो को टच किया. उसने अपनी आँखों को बंद कर दिया. मैंने उसके पास जा के अपने होंठो को उसके होंठो से लगा दिया और उसको किस कर ली. वो भी गरम हो गई और मस्त रिस्पोंस करने लगी.

3-4 मिनिट किस करने के बाद वो उठी और बोली मैं डोर लोक कर के आती हूँ. वो लोक कर के आई और मेरा हाथ पकड के बेडरूम में ले गई. वहां पर हमारी किस फिर से चालू हो गई. मैंने अब उसका पल्लू हटा दिया और लाइफ में सब से सेक्सी बूब्स आज देख मैंने! और उसके ऊपर उसका मंगलसूत्र और भी मस्त लग रहा था. उसे ऐसे देख के मेरा लंड एकदम कडक हो गया था.

मैंने उसके बूब्स को टच कर लिया और फिर उसके गले के ऊपर भी चूमने लगा. फिर मैंने अपना शर्ट हटा दिया और फिर से उसे किस कर लिया. अब मैंने दिव्या भाभी के ब्लाउज को खोला और ब्रा को भी. उसके नंगे बूब्स और निपल्स को देख के मेरा लंड एकदम कडक हो चूका था. दिव्या भाभी के 34D बूब्स एकदम हार्ड थे और वो जोर जोर से अह्ह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह्ह की मोअनिंग कर रही थी.

अब दिव्या भाभी ने मेरी पेंट को खोला और मेरी अंडरवेर भी निकाल दी. उसने मेरे लंड को देखा और एकदम खुश हो गई और बोली, वाऊ मस्त हे ये तो! उसने अपने मुहं में लंड को रखा और चूसने लगी. मैं मोअन करने लगा. वो लंड चूसने में बड़ी मस्त थी. वो मजे से 10 मिनिट तक मेरे लंड को चुस्ती रही.

मेरा माल उसके मुहं में ही निकल गया. फिर मैंने उसकी साडी को हटा दिया और हम दोनों अब एकदम नंगे थे. मैंने उसकी चूत देखी जो एकदम साफ़ और एकदम क्लीन शेव्ड थी. मैं एकदम क्रेजी हो गया. और मैंने उसको लिटा बिस्तर के अन्दर. और मैं उसकी चूत के पास चला गया और उसको चाटने लगा. मैं खासकर के उसकी चूत के दाने को लिक कर रहा था और वो जोर जोर से मोअन कर रही थी अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह अह्ह्ह राहुल अह्ह्ह्हह मजा आ गया.

उसकी मोअनिंग मुझे और भी उत्तेजना दे रही थी. और मैं और भी सेक्सी ढंग से उसकी चूत को चूसने लगा. वो चीख रही थी. मैंने फिर उसे पूछा की कंडोम के साथ चोदना हे या ऐसे ही?

वो कुछ नहीं बोली और मैं समझ गया. मैंने ऐसे ही बिना कंडोम के अपना लंड इस चुदासी हाउसवाइफ की चूत में डाल दिया. वो जोर जोर से मोअन कर रही थी. काफी मस्त चोदने के बाद मैंने अपना माल उसकी चूत में ही निकाल दिया.

फिर मैंने उसे कहा की चलो डौगी स्टाइल में चोदते हे. वो उलटी हुई और मैंने उसकी सेक्सी गांड को देखा तो वहां डालने का मन हो गया. उसने कहा की मेरी गांड वर्जिन हे अभी तक. ये सुनते ही मेरा मन और भी हो गया एनाल करने के लिए.

उसकी गांड का छेद एकदम टाईट था. मैंने चिकने लंड को गांड में डालना चाहा लेकिन वो बार बार फिसल रहा था. उसने कहा राहुल बहुत दर्द हो रहा हे मुझे प्लीज़ इसे निकाल लो ना. मैंने कहा रुको जान. मैंने लंड के ऊपर थूंक लगा दिया और फिर एक ऐसा धक्का दिया की गांड में घुस ही गया. वो जोर जोर से ऐसे रो रही थी जैसे मरी जा रही थो. मैं धीरे धीरे उसकी गांड को चोदने लगा था. लंड अब बिना घर्षण के उसकी एसहोल में आ जा रहा था. मेरी स्पीड बढ़ी वैसे वैसे उसे दर्द हुआ और वो रोने लगी थी. लेकिन अब उसने नहीं कहा की निकाल लो.

पांच मिनिट उसकी गांड मारने के बाद मैं उसे और भी कस के पेलने लगा था. उसकी मोअन अब एकदम लाउड हो चुकी थी. मेरे लंड का पानी अब की मैंने उसकी गांड में ही निकाल दिया.

हम दोनों थक चुके थे. वो मेरी गोदी में ही पड़ी रही नंगी की नंगी. उसने मेरे बालों में हाथ फेरते हुए कहा, वैसे मैं घर पर पुरे दो दिन अकेली हूँ चाहो तो यही रह लो.

मैंने कहा कोई आ गया तो बिच में?

वो बोली, कोई आ जाए तो पलंग के निचे छिप जाना.

मैंने हंस पड़ा. और फिर मैं उसके घर पर ही रह गया. और खूब चोदा उसे दो दिन तक!!!

सेक्सी भाभी पार्क में मिली और कार में चुदी

$
0
0
हेल्लो दोस्तों मेरा नाम विजय हे और मैं दिल्ली से हूँ. ये मेरी पहली ही कहानी हे तो लिखने में कुछ गलती हो तो माफ़ कर देना. मैं अभी 22 साल का हूँ और मेरी हाईट अच्छी हे करीब 6 फिट जितनी. मेरा लंड भी इतना बड़ा तो हे की वो किसी की चूत को भी शान्त कर दे. आज मैं आप को एक शादीसुदा औरत के साथ मेरे सेक्स की कहानी बताने के लिए आया हूँ. ये औरत मेरे से चुदवा के मेरी चुदाई की पार्टनर बनी.

उसका नाम दीपाली हे और उसकी उम्र 24 साल हे. वो मेरिड हे और एक दिन मैं उसे जोगिंग करते हुए पार्क में मिला था. वो चहरे से बड़ी क्यूट हे और उसका पूरा बदन एकदम सेक्सी हे. उसके बूब्स बहुत बड़े नहीं हे, लेकिन जो भी हे लंड खड़ा करने वाले हे. और गांड भी उसकी एकदम टाईट लगती हे जोगिंग वाले कपड़ो में.


एक शाम को मैं पार्क में जोगिंग करते हुए उसे उसे मिला था. वो पार्क मेरे घर के पास में ही हे. पहले मेरा जोगिंग का कोई फिक्स समय नहीं था. लेकिन इस भाभी को देखने के बाद मैंने अपना समय फिक्स कर दिया. जब भी वो जोगिंग करती तो मैं उसके पीछे ही जोगिंग करता और उसकी उछलती हुई गांड को देखता. हम दोनों की नजरें मिलती तो स्माइल की आप ले हो जाती थी.

सेक्सी भाभी की मटकती हुई गांड

उस दिन उसने ब्लेक कुर्ती और मेचिंग पाजामा पहना हुआ था. वो बड़ी ही हॉट और क्यूट लग रही थी उन कपड़ो में. और उस दिन मैंने सोचा की कुछ भी कर के उसे पाना हे. मैं उसके पीछे जोगिंग कर रहा था. हवा से उसकी कुर्ती ऊपर निचे हो रही थी और उसकी स्मूथ और फर्म गांड को देख के मेरा लंड खड़ा हो रहा था. मैं तो चाहता था की उसको पीछे से पकड़ के वही पार्क में झुका दूँ और उसकी चूत की चुदाई कर दूँ खुले आसमान के निचे ही!

करीब 2 राउंड खत्म करने के बाद मैं उसके आगे आ गया और ऐसे चलने लगा की जैसे मुझे उसकी कोई परवाह नहीं थी. कुछ देर चलने के बाद मैंने देखा की अब बहुत कम लोग थे इस सेक्शन में थे. उसे देख के मैं रुका और अपने मोबाइल को निकाल लिया. मैंने जानबूझ के ऐसे ब्रेक लगाईं थी की वो मेरे से आ के टकरा जाए. और मुझे उसके निपल्स का अहसास हुआ जब वो मेरे अंदर बम्प हुई. और मेरा हाथ भी उसकी जांघ और चूत वाले हिस्से को टच हो गया. मैं सोरी कहूँ उसके पहले ही उसने सोरी कहा और मेरे से दूर हो गई.

वो कुछ पल बड़े ही सुहाने थे मेरे लिए. जब उसने सोरी कहा तो मैंने उसके लिप्स देखे थे जो रस से भरे हुए थे. और मैं तो जैसे खो सा गया था. उसने मुझे कंधे से पकड़ा तो मैं होश में आया. उसने मुझे पूछा की ठीक तो हो आप?

मैंने हां कहा तो उसने राहत की सांस ली और उसके छोटे से बूब्स ऊपर की और उठे. मैं अभी भी उसके बूब्स को ही घुर रहा था. उसने कहा क्या देख रहे हो? मैंने कहा आप की खूबसूरती! वो बलश कर गई और फिर हम दोनों पार्क के अन्दर ही एक बेंच के ऊपर बैठ के बातें करने लगे.

उसने मुझे पूछा की आप मुझे देख के स्माइल देते हो मैंने काफी दफा आप को देखा हे.

मैंने अपनी सब हिम्मत को जुटा लिया और उसको कहा आप बहुत ही सुंदर हो. वो हंस पड़ी और मैंने आगे कहा मैं बस आप को एक किस करना चाहता हूँ.

वो बोली: अरे आप अपनी लिमिट में रही मिस्टर मैं एक शादीसुदा औरत हूँ!

मैंने कहा, मैं जानता हूँ इसलिए किस गालों पर मांग रहा हूँ होंठो पर नहीं!

मेरी इस बात को सुन के वो अपनी हंसी छिपा नहीं सकी. और बोली, बस एक ही लेकिन!

वो बोली: लेकिन यहाँ पर नहीं यहाँ कोई देख लेगा.

मैंने कहा चलो पार्क के बहार मेरी गाडी खड़ी हे उसके अन्दर.

वो बोली, वहां तो कोई देख लेगा.

मैंने कहा: अरे उसकी टिंटेड ग्लास ऊपर कर लूँगा.

मैं उसे ले के कार में चला गया. ग्लास खिंच के मैंने गाडी का एसी ओन कर दिया. फिर उसे कमर से पकड़ के मैंने अपनी तरफ खिंचा तो वो बोली, ये क्या कर रहे हो. मैंने कहा कुछ मत बोलो और अपनी आँखों को बंद कर दो. मैंने उसकी जांघो की साइड में अपनी जांघो को टच करवा दी. और फिर मैंने उसके गाल के ऊपर एक किस कर दी. और फिर मेरा हाथ भी इधर उधर चलने लगा. वो कुछ नहीं बोली और मैंने अपने हाथ को उसके बूब्स के ऊपर रख दिया.

कार के अन्दर मजेदार सेक्स भाभी के साथ

मुझे ऐसा था की वो मना करेगी ऐसे टच करने में. लेकिन वो कुछ नहीं बोली और मैं उसके बूब्स को मसलने लगा. वो इधर उधर देख रही थी. मैंने कहा आप घबराओ नहीं बहार से कोई अन्दर नहीं देख सकेगा. फिर मैंने उसकी चूत के ऊपर भी हाथ रख दिया. वो भी मूड में आ चुकी थी. उसने अपनी कुर्ती को अपने हाथ से ऊपर कर दिया. उसकी स्पोर्ट्स ब्रा के अन्दर उसके बूब्स एकदम सेक्सी लग रहे थे. मैंने हाथ को ब्रा में ऊपर से अन्दर डाला और वो सिहर उठी. उसने अपने हाथ को आगे कर के मेरे लंड को टच कर लिया. मेरी ट्रेक पेंट में मेरा लंड एकदम कडक हुआ पड़ा था.

मैंने लंड को बहार कर दिया ट्रेक को निचे कर के. वो लंड को गियर के डंडे के जैसे पकड के हिलाने लगी. वो चुदासी हो चुकी थी. मैंने उसके बूब्स बहार कर के उसके अन्दर अपना मुहं डाल दिया. मेरा लंड एकदम कडक हो चूका था. वो बोली: चलो पीछे की सिट पर चलते हे. मैं उसे ले के पीछे चला गया. वहां पर हमने 69 पोज बना ली. वो मेरे लंड को सक कर रही थी और मैं उसकी चूत को चाटने लगा था कपड़ो के ऊपर से ही.

फिर मैंने उसकी पजामी को भी खोला, वो कुछ नहीं बोली. मैंने उसकी बाल वाली चूत को जल्दी से जबान को नुकीली कर के चाटना चालू कर दिया. उसने भी मेरा पूरा लंड अपने मुहं में भर लिया था. एक मिनिट में ही वो पुरे लंड को अन्दर ले के सक दे रही थी.

फिर मैंने उसे कहा की चलो अब तुम मेरी गोदी में आ जाओ. वो लंड को पकड़ के अपनी चूत में ले के मेरी गोदी में बैठ गई. मैंने उसके छोटे से बूब्स को पकड़ के चोदने लगा था. और वो भी कमर को ऊपर निचे कर के अपनी चूत को मरवाने लगी थी.

2 मिनिट में ही मेरे लंड का पानी उसकी चूत में निकल गया. वो बोली चलो जल्दी से कपडे पहन लो.

हमने कपडे पहन लिए और वो निचे उतर गई कार से. उसने इधर उधर देखा और फिर मैं भी बहार निकला. वो बोली, चलिए फिर मिलती हूँ आप को कल जोगिंग में.

मैंने कहा, अरे मैंने आप का नाम तो पूछा ही नहीं! सोरी!

वो बोली: मेरा नाम फरजाना खान हे!

बहन ने पार्किंग में 3 लंड लिए

$
0
0

हाई दोस्तों मेरा नाम जय हे और मैं अपनी चुदाई की कहानी ले के हिंदी पोर्न स्टोरीज़ डॉट कॉम पर आया हूँ. ये कहानी मेरी सब से बड़ी वाली सिस्टर की चुदाई की हे! ये बात पिछले साल की हे जब मैंने अपने स्कुल के एक फ्रेंड को किसी काम से अपने घर पर बुलाया था.

बात जलाई के महीने की हे और उन दिनों बहुत गर्मी थी. मेरे घर में सब लोग काफी मोडर्न हे और लेडीज़ शोर्ट कपडे पहनने में खीचकती नहीं हे.


दोस्तों इस सेक्स की कहानी में आगे बढ़ने से पहले मैं अपने दोस्त का परिचय भी करवा दूँ. उसका नाम अजय हे और उसकी हाईट थोड़ी कम हे. उसका बदन हेवी हे और पेट थोडा बहार को आया हुआ है. वो अपने एक दोस्तों को ले के मेरे घर आया था.

अजय मेरे घर आया हुआ था. और वो गलती से मेरी बहन के करे में घुस गया. तब उसने पहली बार मेरी बहन को देखा. मेरी बहन का नाम अंकिता हे. वो देखने में एकदम गोरी हे और उसका फिगर  34d 28 34 हे. वैसे मेरे घर में सब का फिगर मस्त हे क्यूंकि सभी जिम फ्रिक हे. क्यूंकि गर्मी ज्यादा थी इसलिए उस दिन मेरी बहन ने सिर्फ टी-शर्ट और स्कर्ट पहनी हुई थी. वो अपने पेट के बल बिस्तर पर पड़ी हुई थी. बहन की मस्त बड़ी गांड देख के मेरे दोस्त का तो लंड खड़ा हो गया. लेकिन मेरी बहन ने उसे नहीं देखा.

अजय और उसका दोस्त दोनों मेरी बहन की बड़ी गांड को देख के मस्त हो गए थे. साले दोनों अपने लंड को बहार से ही सहलाने लगे. अजय के साथ जो उसका दोस्त आया था उसका नाम रविन्द्र था और वो हाईट और बोड़ी में एकदम हट्टा कट्टा था. वो दोनों ही बड़े हरामी भी थे. वो लोग लड़ाई झगडा नशा वगेरह सब करते थे. और लड़कियां उनके लिए बस चूत देनेवाली मशीन थी. वो ओग औरत को कोई इज्जत नहीं देते थे.

वो मेरी बहन की गांड को देख रहे थे तभी मैं वहां आ गया. और मैंने उन्हें कहा अरे ये मेरा कमरा नहीं हे, चलो उधर.

अजय बोला, सोरी यार गलती से यहाँ आ गए हम. फिर हम तीनो मेरे रूम में आ गए.

मेरे रूम में एक विंडो हे जहाँ एक छोटा छेद हे. वो छेद से बाथरूम दीखता हे. वैसे मैंने इस छेद का यूज कभी नहीं किया था.

मेरे दिमाग में पता नहीं क्या सुझा मैंने अजय से ही पूछा लिया. मैं बोला, यार तेरे ध्यान में कोई कारपेंटर हे इस विंडो का छेद रिपेर करवाना हे. मैंने अजय को होल दिखाया. उसने पूछा पीछे क्या हैं? मैंने कहा पीछे बाथरूम हे. वो बोला यूज़ करते हो बाथरूम को. मैंने कहा हां!

वो बोला मैं बताऊंगा.

फिर हम वापस बेड की तरफ आ गए. तभी मेरी बहन अंकिता के बाथरूम में घुसने की आवाज आई. मैंने कहा मैं आया 10 मिनिट में.

जैसा मैंने सोचा था वैसे ही हुआ. जैसे ही मैं निकला कुछ ही सेकंड्स में वो दोनों हरामी उस छेद से अन्दर बाथरूम का सिन देखने लगे. दोनों वन बाय वन छेद से अन्दर झाँक रहे थे. मेरी सेक्सी बहन का बदन देख के उनकी आँखे खुली की खुली रह गई थी. अजय रविन्द्र को इशारे इ बता रहा था की मेरी बहन के बूब्स काफी बड़े और सेक्सी हे. अब वो दोनों ने अपने लंड बहार निकाल लिए और उसे हिलाने लगे. अंकिता 15 मिनिट तक बाथरूम में थी और ये दोनों साले तब तक उसे देखते ही रहे और अपने लंड को हिलाते रहे. मुझे ऐसा ही था की बाथरूम में मेरी बहन थी. लेकिन जब मैं ऊपर आया तो देखा बाथरूम में से मम्मी बहार आ रही थी. मैंने अजय और रविन्द्र को अपनी नंगी मम्मी के दर्शन करवा दिए थे!

इसके बाद वो दोनों चले गए. और लगभग रोज मेरे घर आने लगे. सब से थोड़ी जानपहचान भी हो गई थी उन दोनों की. एक दिन अजय ने मुझे बताया की रविन्द्र ने अंकिता को प्रोपोस किया. मैंने कहा क्या बात कर रहा हे? तो अजय ने कहा हां और तेरी बहन ने भी हाँ कह दिया हे. मैं जानता ही था की लड़का हट्टा कट्टा हे इसलिए मेरी बहन अंकिता भी कहाँ से मना करती.

एक दीन मैंने देखा उसको फोन पर बात करते हुए. मैं बस इतना सुन पाया की, ठीक हे पर अजय को बोलो की जय को कुछ न बताये. मैं समझ गया की कुछ तो गडबड हे इन लोगो के बिच में. मैंने अंकिता का पीछा करना चालु किया इस फोन  के बाद. वो एक बिल्डिंग की बेसमेंट पार्किंग में घुस गई. वहां पर एक स्कोर्पियो गाडी थी उसके अन्दर जा के वो बैठ गई. मैं अन्दर जाने लगा तो पार्किंग वाले ने मुझे रोक लिया. वो बोला सर कोण सी कार हे आप को बता दो मैं ले के आऊंगा. मैंने कहाँ नहीं मैं ऐसे ही जा रहा हूँ. वो बोला नहीं ऐसे नहीं जा सकते.

मैंने कहा ऐसे क्यूँ भाई, बाकी आगे तो जाने दिया. उसने कहा सर किसी ने मना किया हे. ज्यादा पूछा तो पता चला की रविन्द्र ने ही मना किया था किसी को अन्दर भेजने को और उसने पार्किंग वाले को बोला था की तुझे भी मजे करवाएंगे. मैंने कहा मैं तुझे पैसे देता हूँ तू एक काम कर मुझे ब्लेक शीशे वाले गाडी में बिठा के उस स्कोर्पियो के पास में पार्क कर दे.

थोड़ी देर में वो मान गया. उसने रविन्द्र को कॉल किया सर अभी मत करना बस एक लास्ट कार लगा दूँ. ये कह के वो एक गाडी अन्दर ले गया और मैं उसमे बैठा हुआ था. वो कार उसने ऐसी लगाईं की मुझे सब आराम से दिखाई दे!

अब जो मैंने देखा तो मैं हक्का बक्का रह गया. उस दिन अंकिता ने स्यूट पहना हुआ था. मैंने देखा की अजय ने अंकिता की सलवार पकड़ी और उसे निचे खिंच ली. अंकिता की पेंटी दिखने लगी. अंकिता का सर अजय की गोदी में था और पैर रविन्द्र की गोदी में.

रविन्द्र हाथ आगे कर के उसकी चुन्चिया दबा रहा था बहार से. धीरे धीरे कर के अंकिता भी एकदम गर्म हो गई. यहाँ से बहार से ही अजय उसकी चूत में ऊँगली भी कर रहा था. अब दोनों ने अपने बड़े लंड को बहार निकाल दिए.

अजय ने अंकिता को पूरा नंगा कर दिया. उसके दोस्त रविन्द्र ने भी देर न की और ऊपर से अंकिता के बाकी के कपडे उतार फेंके. क्या मस्त बूब्स थे मेरी बहन के! पिंक निपल्स और गोल खड़े बूब्स! अब अंकिता बैठ गई और वो रविन्द्र का लंड चूसने लग गई. और अजय ने अपना लंड मेरी बहन को हाथ में पकडवा दिया जिसे वो हिलाने लगी. इसके बाद उसने कुछ देर में अजय का लंड भी अपने मुहं में ले लिया और रविन्द्र के लंड को हला दिया. अब दोनों ही अंकिता की चूत चुदाई के लिए उत्सुक थे. रविन्द्र ने बोला तू बहार खड़ा हो पहले मैं इस रंडी की चूत मारूंगा.

अजय बिना कुछ कहे बहार आ खड़ा हुआ. रविन्द्र अंकिता के ऊपर चढ़ा तो ऐसे लगा की कोई राक्षश किसी बची की चूत मार रहा हो. अब उसने अपना लंड मेरी बहन की चूत में घुसाया और जो झटके मारे! अंकिता के मुहं से दर्दभरी आवाजें निकल रही थी. आह  अह्ह्ह ओह्ह्ह ओह्ह्ह अह्ह्ह्हह. लेकिन रविन्द्र ने कोई दया नहीं दिखाई. वो अपने हाथ से बूब्स को नोंच रहा था और अपनी गांड को हिला हिला के चूत को पेल रहा था. उसने 10 मिनिट तक मेरी बहन को चोदा. और फिर वो खड़ा हो के बहार आ गया.

अब अजय की चोदने की बारी आई. अजय के दोस्त रविन्द्र ने उसे कहा, तू चोद ले उसे. मैं पार्किंग वाले को बुला के आता हु वो भी चोदेगा इसे. अंकिता ने कहा, अरे बाबा उसे क्यूँ? तो रविन्द्र ने कहा अरे तभी तो उसने अंदर सेक्स के लिए घुसने दिया. ऊपर ऊपर से मजे कर लेने देना उसे भी यार. उसने फिर अजय से कहा मैं ऊपर हूँ तू इसकी मार के घर आ जाना.

अजय कार में घुसा और अंकिता के होंठो से अपने होंठो को लगा दिया. वो किस करते हुए अंकिता के बूब्स मसलने लगा. अजय इतना भद्दा दिख रहा था. पता नहीं मेरी बहन कैसे इस कलूटे और मोटे के साथ सेक्स कर सकती थी! अजय ने अंकिता को कार की सिट पकड के बिठा दिया. और वो खुद निचे लेट गया. अंकिता अपनी चूत खोल के उसके लंड पर जैसे ही बैठी उसके मुहं से आह निकल गई. अजय का लंड बड़ा मोटा था! और वो लम्बाई में भी बड़ा था रविन्द्र से. अजय ने जो जम के चुदाई की मेरी बहन की! साला पूरी गाडी को हला रहा था अपनी चुदाई के झटको से!

कुछ देर ऐसे ही जम के चोदने के बाद वो झड़ गया. और वो अंकिता के उपर ही लेट गया. थोड़ी देर में उठा और बोला, मैं पार्किंग वाले को भेजता हूँ. थोड़ी देर में पार्किंग वाला आ गया. तब तक अंकिता ने कपडे पहन लिए थे और वो कार के सहारे खड़ी हुई थी.

पार्किंग वाला आया तो अंकिता ने उसके पेंट की चेन खोली. और उसके लंड को बहार निकाल के हिलाने लगी. उसको जोश चढ़ने लगा था और वो पास आया. अंकिता बोली, दूर खड़े रहो तुम.

लेकिन पार्किंग वाले ने मेरी बहन का स्मूच ले लिया. और बूब्स भी दबा दिए. मेरी बहन फिर से गर्म हो गई.

अंकिता को उसने उल्टा कर के कपडे ऊपर किये. अंकिता बोली अरे नहीं. लेकिन उसने एक भी नहीं सुनी मेरी बहन की. उसने अंकिता को डौगी स्टाइल में ही खड़े हुए चोदा और अपना बड़ा लंड चूत की गहराई में ही डाल दिया. वो 1 मिनिट के झटको में ही लुढक गया.

अंकिता रोते हुए बोली, साले कमीने मना किया था न तुझे चोदने के लिए!

वो लंड पेंट में घुसेडते हुए बोला, मेडम आने के टाइम तो सीधे सीधे आ गई थी. और चूत एने के वखत इतनी मच मच!

अंकिता बोली, चल भाग.

वो लड़का बोला, तू भाग साली रंडी कहीं की, छनाल, वेश्या! साली पैसे ले के धंधा करती हे!

सच में अजय और रविन्द्र ने होटल के पैसे बचाने के चक्कर में मेरी बहन को एक रंडी ही बना दिया था!!!

गांड का बदला चूत से लिया

$
0
0

आओ मेरे दोस्तों आज मैं आपको सैर पे ले चलता हूँ पोम्प्बन गाँव की जहा पे मैंने चुदाई का खुनी खेल खेला | पर ये इतना आसान नहीं था क्यूंकि इसमें मुझे बहुत कुछ गंवाना पड़ा और फिर मुझे मिला भी बहुत कुछ पर उसके पहले मेरी गांड तो मार ली गयी न | पर मैंने इस बात पे कभी भी घमंड नहीं किया | दोस्तों मैं हूँ राहुल वर्मा और मैं मुंबई में रहता हूँ | मेरे माँ बाप नहीं है वो बचपन में ही गुज़र गए पर मुझे पाल पोस के मेरे दादा दादी ने बड़ा किया | मैं पेशे से एक हलवाई हूँ और मुझे कुछ भी समझ नहीं आता जब म्मुझे कोई बोलता है बेटा खाना बना दो | क्यूंकि जब दादाजी मुझे खाना बनाना सिखाते थे तब मैं अपनी धुन में रहता था और कभी कुछ नहीं सीखा | एक दिन मेरे दादाजी निकल लिए और मुझे बताया भी नहीं | जी हाँ मेरे दादाजी को दिमाग में लोचा हो गया और वो निकल लिए | मेरे दादाजी ने मेरे साथ चीटिंग की मुझे बताया भी नहीं | अगर बता देते तो हम दोनों दारु पार्टी कर लेते | मतलब मेरी ख़ुशी से तो किसी को कुछ लेना देना ही नहीं है |

अब मेरी दादी का बुरा हाल हो गया और सारे घर की ज़िम्मेदारी मेरे नाज़ुक से कन्धों परे आ गयी | मैंने कभी भी नहीं सोचा था कि मुझे दादाजी ऐसे अकेले छोड़ के चले जाएंगे पर अब होनी को कौन ताल सकता है | अब सब शांत हो गया और दादाजी की अस्थियों का विसर्जन करने के लिए मुझे हरिद्वार जाना था | पर मेरे दोस्तों ने पहले से प्लान बना लिया था कि हम इस बार गोवा जाएंगे और मैं भी तैयार था | पर दादीजी की हालत देखके मुझे लगा कि मुझे हरिद्वार ही जाना चाहिए | पर दोस्त तो कमीने होते ही हैं | और ये आप सब को पता है | मैंने सोचा की उनको मन कर दूंगा पर वो साले मानने को तैयार ही नहीं थे | उन्होंने मुझे बताना शुरू किया कि देख गंगा बहके समुद्र में आती है तो गोवा में भी गंगा कही न कही मिलती होगी | मैं उनकी बातों में आ गया और चल पड़ा गोवा के लिए | पर दादी को दिखाने के लिए मैं हरिद्वार की ट्रेन में जाने के बारे में सोचने लगा | अब दादी मुझे छोड़ने के लिए स्टेशन तक आई और मैं ट्रेन में बैठ गया | पर जैसे ही मेरे दोस्तों का फोन आया में उतर गया पर जब उनसे बाहर मिला तो मुझे याद आया कि मैं दादाजी को तो ट्रेन में ही छोड़ आया हूँ | मैं दौड़ के गया और दोस्तों से कहा तुम लोग मुझे अगले स्टेशन पे मिलना | अब मैंने कलश ट्रेन से निकाल लिया और अगले स्टेशन के लिए एक ट्रेन में चढ़ गया | मैंने देखा एक लड़की दौड़ती हुयी आ रही है ट्रेन में चढ़ने के लिए तो मैंने उसको हाथ दे दिया और अन्दर खींच लिया |

पर बात तब बिगड़ गयी जब उसके पीछे पीछे चार काले मोटे भद्दे लड़के और चढ़े | मैंने सबको हाथ दिया और वो सब गुंडे जैसे लग लग रहे थे | मई जाके बैठ गया अपनी सीट पे और सामने वही आइटम बैठी थी | फिर मेरे दोस्त का फोन आया और कहा हम लोग पहुँच गए हैं तू भी जल्दी आ | मैंने कहा हाँ आ रहा हूँ और हो सकता है मुझे कुछ टीम हो जाए क्यूंकि मुझे कोई मिल गया है | वो लोग समझ गए कि मेरी तारक जाग चुकी है और उन्होंने ठीक है बोलके फोन काट दिया | मैं उस लड़की को ताड़ रहा था ऊपर से नीचे तक और वो मुझे गुस्से में देख रही थी | फिर थोड़ी देर बाद मैं उसके बगल में जाके बैठ गया और कहा हेल्लो मेरा नाम राहुल है | उसने कहा मेरा नाम नीलाम्मा है | मैंने कहा क्या नाम है आपके गाँव का | उसने कहा नहीं ये मेरा ही नाम है और मुझे इशारे में कुछ समझाने लगी | मैंने उसका हाथ पकड़ के कहने लगा डरो मत मैं तुम्हरे साथ हु | तभी उसका भाई पीछे से आया और मेरी गर्दन पे बन्दूक अड़ा के कहा उसको डरने की ज़रूरत नहीं है हम उसके साथ हैं | फिर वो लोग वहीँ बैठ गए और उसने मुझे बताया की वो भाग रही थी नहीं तो ये लोग उसकी शादी जा\बर्दास्ती करवा देंगे | मैंने कहा चिंता मत करो और उतने में टी सी आ गया | मैंने उसे गाना गाके सब बता दिया और उसने उन लोगो को पकड़ लिया | अब वो उन्हें दरवाजे पे ले गया और थोड़ी देर बाद मैंने देखा उन लोगों ने उसको नदी में फेक दिया | मेरा दिल जोर से धड़कने लगा और मैंने सोचा अब मेरा क्या होगा | पर मुझे कोई दिक्कत नहीं थी क्यूंकि वो मुझे कुछ बोल नहीं रहे थे | उनमे से एक आया और कहा अब तो तू हमारे साथ हमारे गाँव चलेगा और मेरा मोबाइल फेक दिया | मेरे दोस्त मुझे कॉल करते रह गए पर अब क्या फायदा था इन सब चीज़ों का और मैंने भी समझौता कर लिया | फिर मैंने सोचा क्यों न रात में इसको चोद लूँ गांड तो मर ही गयी है | इसलिए जैसे ही रात हुयी मैंने सोचा चल राहुल निलाम्मा को पटा के चोद ले | उसके बाद मैंने नीलाम्मा के पास जाके उससे कहा मेरे साथ करलो फिर इनको तुमाहरी शादी मुझसे ही करवाएँगे | उसने मुझसे पुछा क्या करलो तो मैंने कहा चुदाई करलो मेरे साथ | तो उसने कहा ये क्या बोल रहे और उसके भाइयों ने सुन ली ये बात | वो मेरे पास आए और मेरे कपडे उतार दिए | फिर एक करिया आया और उसने मेरी गांड में कुछ डाला और उसने आआआआआअह्ह्ह्ह किया और मेरी चीख निकल गयी | जैसे नीलाम्मा ने लाइट चालु की तो मैंने देखा उसका काला मोटा लंड मेरी गांड में है | वो आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः करके मेरी गांड मार रहा था और मैं रो रहा था | फिर एक आया उसने मेरे लंड में लात मारी और मैं फिर चिल्लाने लगा | फिर एक ने अपना लंड मेरे मुह में दिया और वो भी आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः करने लगा |

थोड़ी देर बाद मेरे मुह से मूत निकलने लगा और मेरी गांड से भी | फिर दो और आए और उन्होंने भी यही किया और मैं अब आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः कर रहा था | एक अबला मर्द चार कमीनो से चुद गया और मुझे इस बात का बदला लेना था | जैसे ही मैं उनके गाँव पहुंचा तो उन्होंने मुझे कमरे में बंद कर दिया फिर नीलाम्मा मेरे पास आई और खाना खिलाया मुझे | मैंने नीलाम्मा को पकड़ लिया और उसे किस करने लगा और मुझसे मन करने लगी पर मुझे बदला लेना था | मैंने उसका ब्लाउज फाड़ दिया और उसके दूध चूसने लगा और वो मुझसे छोटने की कोशिश करने लगी | फिर थोड़ी देर बाद उसके दूध चूसने लगा और वो थोड़ी गरम हुयी और उसने छटपटाना कम कर दिया | वो अब आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः कर रही थी |

मैंने उसकी चूत में ऊँगली डाली तो पता चला बाल ही बाल है पर मैं ऊँगली से ही उसकी चूत को चोदने लगा | फिर मैंने उससे कहा मेरा लंड चोस और उसने मन कर दिया तो मैंने एक ही झटके में उसकी चूत में लंड पे दिया | उसकी चूत से खुल निकलने लगा पर मुझे तो बदले का जोश चढ़ा था | अब चुदते हुए नीलाम्मा जोर से आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः कर रही थी | उन लोगों ने इस आवाज़ को सुन लिया और सब आ गए | सबने देखा कैसे नीलाम्मा मेरे लंड से चुद रही है और आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः कर रही है |

फिर मैंने कहा मैंने बदला चूका दिया मेरी गांड तुमने मारी मैंने इसकी मारी और फिर उसके बाप ने कहा तू लेजा इसको 

Sexperience with my Brother-in-Law

$
0
0
Hi everyone around.  I am Simran and I’m a 26-year-old housewife.  I am married to Rahul for a couple of years.  I’m enjoying my life quite well in the Metro.  The incident I am going to narrate is my sexperience with my brother-in-law Kailash.  Even though I am not a very adventurous desi wife, my situation has led me to have sex with Kailash.

He is a great flirt even though he was just 19 when he fucked me.  Maybe its my voluptuous structure that’s making him an even bigger flirt of me.  He would never miss a chance to steal a glimpse of my milky globes which are more than a fistful for him.  There were some numerous incidents where he tried to rub his limbs to my arse or boobs.

Actually myself and Rahul were staying in an apartment alone and having a great life until Kailash came in to have some coaching in the city.  Now we are having a hell of a great life.  Rahul as he is doing job in an emerging software company he will always have to put that extra effort in the company which means extra pleasure for both of us.

All this seducing episode from Kailash has started very recently.  In fact, he was a virgin until he lost it to my pussy where his very own brother lost it.  It was Monday morning, me and Rahul woke up early.  As he is to go to the office by 8 I had to hurry with all the early household work.  Kailash’s coaching starts at 10 so he can wake up late so he is still sleeping in his room.

I was wearing a red cotton sari and a matching blouse and there is nothing inside my faintly transparent blouse which if observed keenly can make my dark nipples visible over my white tanned boobs.  I rushed through most of the work and has sent Rahul to office.  The I started to mop the floor.

I was carrying a bucket of water a cloth with my sari below my belly button exposing navel and with tight blouse which gives a very clear out line of my breasts and loose pallu.  I went on to mop the floor of our bedroom and went to the next.  Kailash was still sleeping there on the bed.  He was just wearing a boxer and was exposing his sensuous body.

He had athletic and strong body.  I never had any bad intentions until then but just for a second felt that itching between legs.  I then started to mop the floor by sitting on my knees and bending forward and most of my cleavage is clearly visible from the front with my pallu is loose.

Even though I was busy mopping the floor I constantly kept looking at him, the boxer has not covered more than his thighs and I had a great view of his tight buttocks.  He wore no shirt and his body is great to watch.  I finished moping on one side and went to other where I was facing him, he was lying side on.

It was almost time and had to wake him up but I thought otherwise to just enjoy looking at him and continued mopping while feeding my eyes.  And at one moment when I looked up, he was feeding his eyes on my cleavage while I was bending to mop.  i know what he must be thinking, he would love to have my nipples on tongue and my globes squeezed under his palms.

But when I saw straight at him, he just pretended to sleep.  So I thought to play it naughty, with the name of waking him up I kept my cold palm on his naked thigh and pushed him he did n’t wake up, I knew he was acting.  He simply changed his angle as if sleeping upright.  There was a huge tent under his short where he wore nothing underneath.

Next thought is to reach the top of his tent and hold his bulb.  In the name of waking him up from sleep I raised my hand and just when I was about to reach his manhood the clock has struck and I came back to conscious and I was taken aback.  What am I doing? The situation is quite hot in the room I just took the bucket and came out of the room.

I continued with other works and called out Kailash to wake up.  He woke up and came into the hall, he still wore nothing on top and could see the tent is still on.  He is daring me now I can feel it but I kept my cool.  I gave him tea and told him I am going to bath and took the towel and went into the attached bathroom.

The handle lock of the door is broken and it left back a small hole to the bathroom door, as much as a 25 paise coin.  But I least expected him to take advantage of it.  I slowly started to undress.  Took the sari off and placed it on the hanger and the unhooked my blouse and my boobs have sprung to life like birds released from a cage.

Then I pulled the string of my undergarment below as it dropped to the floor.  I placed them all on the hanger.  The next thing I did  was I reached to my hairy pussy with my right hand and was not surprised its wet.  I know it needs some nice trashing.  I smelled the hand and them I cupped my boobs with my hand felt proud of my sexy structure.  My nipples were hard.  I pinched them playfully.

I still had this naughty feeling to have my pussy filled by Kailash but was unable find courage.  Out I excitement I slowly bent down sticking my arse in the air and peeped through the hole of the door wanting to watch Kailash.  I never expected it but the sexual urge I me wanted to watch him and I got it.

He slowly walked into the room and opened the wardrobe and searched and pulled out my bra from it.  He buried his face into it and smelled it like a dog.  He then reached for his pole inside the boxer and brought it out with his right hand and placed my white bra over his dick and rubbed it.

At that moment I felt like he is gently stroking his penis in between my boobs while I was holding them together.  I was seriously getting wet in my pussy.  I kept my middle finger deep inside and started to stroke it while watching him play with his penis in front of the dressing mirror.  Then he walked forward and started coming towards the bathroom door.

I know what he is going to do next.  I immediately moved under the shower and took my position.  Opened the shower fully and got hold of the knob with one hand for grip and bent forward slightly and reached my pussy with another hand.  I closed my eyes tightly and was imagining being banded from behind like fucking dog by my Kailash.  There was intense urge for sex.

I increased my speed of stroking and was gently touching my clitoris regularly and finally came to climax after sometime.  I stayed like a rock for a minute catching my breath.  I turned around and peeped through the hole but did n’t find him.  Guess he has spilled his seed.  The I finished my bath and came out in towel, it was just about covering my nipples but revealing my cleavage and hardly covering my knees.

I was really excited with the course of things, I walked to the bedroom door as I would generally dress up with the door closed.  As I was about reaching the door I saw Kailash sitting straight to door in the hall.  The door is half closed and if it is fully open then he would be sitting straight to the dressing table in the bedroom.  I thought I to give him a nice show, so I opened the door ever so slowly.

Now he can directly see the dressing mirror.  I started to dress up behind the door so he can clearly watch my juicy body through the mirror.  I dropped the towel to the floor making myself completely nude.  I know he will be watching me.  I am expecting him to take chance but he never did .  I have dressed up.

I wore the white bra which he rubbed against his dick a few minutes ago and wore a skin colour blouse to arouse him and wore a matching sari.  I made sure I did wear it below my belly button.  The blouse was tight and my boobs were pressed up revealing my cleavage.  Now I am mentally fixed to have taste of his cock.  But I should tempt him to make the move.

I know he is burning with desire to taste my pussy juices.  I went out very normally and asked him to get ready, then he replied that he will not go out today.  Now I know he too is planning something naughty.  I served him the breakfast after he has brushed and I finished all the work.  Finally, I came and settled in front of the TV.  We both sat in the individual chairs.

He still was wearing the short and his cock is throbbing from the side of his boxer I could the bulge quite clearly.  He kept some channel and placed the remote on his thigh.  I reached for the remote and by the back of the hand touched his cock.  There was slight moment in him but still he not getting courage.

I have changed the channel and placed the remote on my lap and kept my hand behind the head giving him a nice view of globes side on.  There were rabbits in the rooms beside the TV which we used to pet.  Sudden they started to fuck madly and there was that funny sound.  He then asked me innocently what are they doing?

I smiled and said they got the age and doing what they have to.  Then he reached for the remote in my lap and pressed it against my pussy gently and touched my thigh.  I am getting very excited.  Then I asked him to go to bath.  Then he went and removed his cloths and tied the towel.  Then I called to get something from in attic in the kitchen.

He climbed up on the chair while I was holding it. I could have clear view of his manhood from under.  He knew why I asked him to climb the attic now, he saw the excitement in me and the way I was watching his dick. He then let the towel to fall to the floor and stood naked on the chair with his dick standing like a beacon.

Ohh he said and before he could get down I caught his penis with my hand and gave a gentle stroke.

“What is this Kailash”

“Sorry Bhabhi”.

“It’s not time to sorry”.

“You need punishment, give me a massage right now. “

As I stood there he hesitantly has removed my sari and the with both hands started to unhook my bra and with my hand I reached his standing dick and pulled him closer and started to stroke it gently and could see on his face he was enjoying it. As he unhooked me my erect nipples came out and my boobs have sprung to life.

He took them both in his hands like a hungry cat and he started to suck my nipples. I held his face and took him off my boobs and kissed him on his lips. He never kissed anyone like this I knew it the way he is doing it to me. I then made myself nude in front of him completely. Pushed him on to the bed and spread his legs. Took his dick deep into my mouth and started to suck it.

He just gave a shiver. He didn’t know what to do. He held the bed spread with his hand and the other was place on my head and he was pushing me on to his cock. I took his balls into my mouth and was playing his penis with my hand and as I was about to increase the speed he just exploded and the cum was sprayed over my face. He innocently said sorry.

Then I said no problem and I sat on the bed and asked him to lick my pussy. He hesitantly went down and brought out his tongue and placed it over my clitoris. I was just over the cloud nine.  And as he went on to work out with my hairy pussy I was rubbing my nipple and was swearing out loud. He is really a good licker though he was hesitant in the starting.

He was licking me so much but I never was at climax but he got back his erection. He was gasping for breath. Then I made him lay down and mounted on cock to ride it. As I sat heavily on it the dick just deep into my pussy. I gently started to ride his cock. As was increasing speed he loved every bit of it. And finally we came together.

Crazy Night at Valentine’s Day

$
0
0

As was usual, the men were gathered around the bar at one end of the patio and the women were clustered in the kitchen, talking about whatever they talk about while preparing supper.

There was Rohan, Karan, Varun, Abhishek, Rahul, Gaurav, Kunal, Akash, Divyansh, Mohit, Deepak, Tamal, Deep, Rohit, even my father-in-law, Ramesh, and of course me, Sagar. Varun cracked a joke, as usual, and asked, “Who called this meeting to order?”

Karan added, “What is the nature of the discussion.”

Rohit said, “You know it’s the eleventh already, and I don’t have anything for Valentine’s Day yet.”

There were groans all around. I suggested, “Let’s run down to Wal-Mart and get cards and candy for all the women and girls.”

Rohan said, “That’s so normal, so expected, and so dull.

Varun stated, “It’s worked for me for the last forty years plus, what wrong with it?”

Karan said, “It just seems we should be able to come up with something more bizarre or at least meaningful.”

“What’s the big deal, Kunal said, “I get Shawna a card, Shawna gets me a card, everyone is Happy.”

Abhishek said, “I always try to take Tina out for dinner on Valentine’s Day. Last year we went to Chili’s for lunch. She really liked it.”

I asked Rohit, “You have a bunch of women, what are you going to do?”

“I have no clue,” Rohit said, with a puzzled expression on his face.

Rohan said, “Whatever it’s going to be, we are going to have to get going. We should come up with something for all the women and girls and have it from all of us, something really wild.”

Akash asked, “Now what would be bizarre enough to get a rise out of our ladies?”

Kunal said, “They like booze, dressing up sexy, babies, going sailing, going riding, and fooling around with us. They mostly enjoy that special private time we enjoy together.”

Ramesh said, “That’s no help. We can have a drink, they can put on a sexy gown, and we can fool around anytime. We need something special to go with that.”

Rahul said, “I have an idea.”

We all crowded around to listen.

Valentine’s Day just happens to be on a Saturday this year. While the ladies were asleep Friday night, a bunch of us guys got up and moved some truck trailers into the big grassy area next to the patio. Between the two big trailers we put up a cover that made a roof and a room area between the two. The unique thing about these two trailers was that they were both very bright red. On them were giant hearts with the cute saying that are on those little candy hearts. You know, ‘Be mine, ‘ ‘I’m yours, ‘ ‘My Valentine.’

We pulled some steps out from the rear of the trailers for easy access to the doors, then closed up everything and went back to bed. Just for fun, we all scattered red rose petals all over our houses and bedrooms.

Inside those truck trailers were the surprises.

Mornings at our park always come early. I slid from bed, amidst groans of “Not yet, it’s Saturday.”

I showered quickly then began teasing the faces of the ladies with the rose petals. I laid them on their noses and over their eyes. I even slipped one between Mukti’s lips and tucked some down in Tanya’s wonderful cleavage.

Since they were not waking up, I went out to the kitchen and started some coffee. It was just getting done when Tina came into the patio wearing a bright red silky gown.

“Good morning, Tina, you’re pretty fancy this morning, happy Valentine’s Day.”

Tina gave me my morning hug and then pointed toward the bright red trailers, “What are they doing there and when did they get there?”

I said, “I guess that little fairy that shoots those arrows must have brought them last night.”

“How did you get them in there and not wake me or everyone else up last night?”

“I guess the fairies are quiet.”

“Oh you,” Tina said, “Give me some coffee. You guys are in for a surprise this morning.”

At that moment, Rohit came from one of the guest bedrooms, smiled and said, “I like your gown, Tina.”

Tina said, “Divyansh you, Rohit. Are those trailers the reason you and all your women stayed out here last night?”

“Pardon me? Those trailers must have been brought by fairies.”

“You’re as bad as Sagar. Just let me drink my coffee and think about what we’ll have for breakfast.”

The back door opened and Rohan and Tushar came in with Kriti and Priyanka, who were also in sheer red gowns. Those two ladies were enough to get the juices running.

About the time a huge catering van pulled up outside, Kunal and Shawna, with their kids, came walking across the lane. Shawna didn’t have her usual holey T-shirt on, but had on a red gown like Kriti and Priyanka.

Two carts pulled in, with Gaurav and Nancy in one, and Rahul and Akanksha in the other. Both women had the same sheer gown on.

Kunal was staring over my shoulder, so I turned to see Rohit’s menagerie all standing and displaying their wares in those same sheer red gowns. That’s when I saw kids come running from the hallway. All were dressed in red pants and T-shirts. I turned to see that Shawna’s kids were dressed that way as well.

My ladies came out of the hallway and gave me hugs, all wearing the same sheer red gown as was being worn by the other women. Vidya was with them and had a gown similar to Tina’s.

Tanya pointed at the catering truck and the tables that were being assembled outside the patio. “What’s that and where did those trailers come from?”

Rohan said, “We can’t have you ladies slaving over breakfast. We thought you might enjoy being served this morning.”

Mukti said, “Okay, that takes care of the food thing, but what’s with the trailers.”

Shawna said, “I knew Divyansh was up to something. He was in the big paint booths over at the rebuild shop the last two nights.”

Divyansh was standing there and said, “You have me confused with someone else.”

Shawna rolled her eyes and said, “Sure.”

All of the kids were having a great time inside watching the early Saturday cartoons, while the mothers hovered over them and getting them juice in little pouches with straws to start their day.

I kept watch and saw a bunch of women in red harem clothing get out of some vans and disappear between the truck trailers. The surprise was set.

After we ate, Karan stood on a chair and hollered. “Happy Valentine’s Day, ladies. In this coffee can, I have numbers from one to fifty. I think that will cover it. Each of you will pull a number and we will escort you, beginning with the lowest number to begin your Valentine present.”

One at a time, the ladies reached into the coffee can and pulled out a number. Fittingly, Tina had pulled number one and Anvesha had pulled number two.

Rohan held up a big red blindfold and said, “All right. Let me blindfold this Valentine and we’ll lead her to begin her tour.”

When Tina had walked up the steps and entered the first truck, Rohan had her turn toward him and took the blindfold off. He turned Tina around for her to see the trailer made up into a beautiful red room, with fancy soft chairs and lounges, but with something strange. A hair salon hair washing basin and a couple of hair salon chairs. When you looked, you realized that this was only half of the trailer and there was something beyond the red curtains.

Four girls, dressed in red harem clothes, came for Tina as Rohan stepped out. As he went back for Anvesha, Tina was seated in the hair washing basin seat and the girls began. By the time Rohan had returned with Anvesha, Tina was in the styling chair, with a high-energy hair dryer blow-drying her hair.

Tina couldn’t get over how fast her hair dried, and she was equally surprised the stylist had her hair done as she liked it in just a few minutes. As Anvesha was being led to the other styling chair, Tina was moved through the curtains to a room with four more ladies, also clad in harem outfits, standing beside massage tables. There were two other girls on each side of the tables with nail equipment and utensils.

Tina said, “Oh my, are you really going to give me a massage and do my nails?”

One of the girls asked, “Would you enjoy something to drink. How about some Bailey’s in some coffee?”

“Ooh, that would be nice,” Tina said.

As Tina was being pampered with a message and manicure, Anvesha joined her and was also offered something to drink. They also offered the ladies some small pieces of rich chocolate to taste with their drinks.

The women were moving through the trailer in a smooth manner. When Tina was done, she was led out another door in front of the trailer down in the covered area. There were white tables and chairs on a red carpet. The attendant told Tina, we have more for you, but if you want to rest a little, we can serve you a drink if you’d like?”

Tina said, “I want to see what else you are going to do.”

The harem clad attendant led Tina up the steps into the next trailer. There another lady said, “We’re going to give you a facial and facial massage first, then, as an extra treat, you’ll receive a special foot massage at the same time.”

Tina was laid back in a reclining chair and an attendant began spreading a special compound on her face. The treatment covered all of her face except her eyes. When the compound dried, the attendant gently peeled it off and began gently massaging Tina’s face with the nicest smelling oils. This felt so good, along with the wonderful foot massage, that Tina almost fell asleep.

When the massage was complete, Tina was helped up and taken into the last room of the tour. There, several attendants in red harem outfits sat Tina down in a nice chair in front of a mirror. One attendant handed Tina a small glass of Amaretto and asked if she wanted another small piece of chocolate. While Tina sampled the tasty treats, Abhishek came into view in the mirror. He handed Tina a card and a heart shaped box of candy and put a simple necklace around her neck. On it was a simple little gold heart with “Be My Valentine” inscribed on it.

Tina was overcome and stood to hug and kiss her childhood sweetheart that she had grown up, and grown old, with. The attendants helped them down the stairs and suggested that they either sit in the room between the trailers or go home for a while. With a sly grin, Tina said, “Abhishek, Honey, why don’t we go home and lay down for a while.”

As they left, Varun was stepping into the trailer.

This continued until all of the women had been treated the same way. Sagar’s and Rohit’s ladies were too abundant to take anywhere, so they all came back to the patio and went into the living room to compare the luxury they had just experienced. They were looking at their Valentine cards and tasting the sweets in their heart shaped boxes.

The men had taken care of the children. All the little girls and boys had received a little card and a small heart shaped box of candy. The kids all had a great time comparing their cards.

When the last lady had been given her card, candy, and necklace, everyone was called back to the patio. There Rohan announced, “To all of you ladies, Happy Valentine’s Day. And now, we need to adjourn to Park Place where the restaurant has set aside a separate area for all of us, including our harem girls, to have a wonderful meal. Please adjourn to the buses waiting for us in the lane.

The ladies panicked, “We can’t go out in public in these gowns.”

Sagar hollered, “Yes you can, we’re going into Park Place from the inside park entrance. You will be more covered than most of the people.”

Many of the girls were still hesitant, but all of them finally got on the buses.

Sagar was busy as he, in addition to his women, had Ishita and Yukti as his special ladies today. He was happy that Dinesh was available for Purva and Diya, and Mohit was there for Neha, Sheena, and Betty. He had helped each lady with her necklace and walked her out.

The kids looked cute in their red apparel, but the ladies were a sheer pleasure to see. They were so happy that it made all of us guys happy we had surprised them with luxury, rather than just gifts.

Back at home, the trailers were gone and the harem girls were all tipped and sent home. As all of the patio people had a drink in celebration of a happy day, Neha said what all the women wanted to say.

Neha was standing in front of Mohit, who had Sheena and Betty on each side of him. “Mohit, Honey, you’ve made us the happiest women in the world and now we’re going to take you home and make you the happiest man in the world. We’re going to ravish you and be your Valentines.”

Kriti was pulling Rohan by the hand out the back door, with Priyanka pulling Tushar behind them. All the couples were vanishing, those with kids were carrying them home as most of them were now either already sleeping or nodding off.

As I lay among my Tanya, Mukti, Kareena, Lolita, Ishita, and Yukti, totally exhausted, I said, “Happy Valentine’s day. Will all of you be my Valentines?”

Each one of the group softly said “Yes.” Use your imagination as to how I was rewarded for this special day.

Happy Valentine’s Day.

Love/Sex in the Modern Age

$
0
0


Kuldeep is now far away from me on his business tour. He is my hubby, my sweet hubby, we married few months back. I was a blushing virgin before I met Kuldeep.

Before my marriage my sex life was practically non-existent. I needed to be with a man who would pleasure me, adore me and make love with me in the way he would like, in the way I would desire.

Kuldeep is the focus of all my fantasies. He is the person who gave me the test of real flesh inside my pussy.

He is so handsome, so male, his body is so slender trimmed and his cock his balls between his loins are so nice, so sexy and so good sized that when I laid my eyes on his naked body first time; a soft moan escaped from my lips, a heat of passion and hunger of lust began to grow within me, electricity cackled through my body, my heart started to flutter wildly, my nipples started to ache and my pussy started to seep.

I love Kuldeep. I love him with a passion, a deep and driving passion.

He with fullest extent of his abilities taught me how to make love, how to explore every parts of each other’s naked body and how to enjoy sex. He had deflowered my virgin pussy at the sea beach under the moonlit sky. After my marriage I enjoyed being used twice or three times a day. My body started to run on our sex schedule. Each night before we go to sleep my pussy ached to be stretched by his engorged cock.

Kuldeep is always very tender and delicate with me not wanting to hurt me or scare me away. He always is slow and soft with his words, his lips, his tongue, his fingers and his pecker. He caresses me with the delicacy. His mouth explores every part of my body and wets me with his ardent tongue. His lips are so supple that I forget everything in the world when he kisses on my lips each time. He does not feel tired to play with my naked body for a long time till I get aroused and my pussy is well lubricated with my own juice to receive his rigid shaft inside. His cock penetrates my wanting pussy and fucks me initially at low pace. He then gradually increases his pace harder and faster with the strength of Tarzan. With his ability he climaxes me a number of times before he fills my pussy with his thick creamy hot load.

It had not been since that day of his departure on his business tour that I had my last taste, touch, and feel of him.

Late evening, I was sitting out on the balcony listening to an old hoot owl singing a courting song and remembering the sweet memories of our love actions after marriage. The atmosphere was warm, so I made myself comfortable by wearing only white tee shirt and silky black panties. As I sat half listening and half thinking, my cell phone rang.

I shivered with a thrill of excitement as I recognized the caller number on the cell phone screen; call from Kuldeep, my man Kuldeep. I had been fidgety most of the day awaiting for the call.

I felt all warm and flushed as his voice filled my ear across the miles and unconsciously I clenched my legs together, pressing tight the hot swelling nub that lay between. It was if he had reached out and pressed his fingers directly on my clit. I nearly climaxed with his words alone. Did he have any idea of the effect the mere sound of his voice had on my body?

“Hi Raveena my sweet honey, what are you doing?”

“Hi Kuldeep my darling, I was remembering those sweet days, those sweet and erotic moments with you in the early days of our marriage.”

“Really, tell me about it Raveena.”

“I was thinking about how nicely you had given me pleasure with your magnificent love pole in the moonlit night at the sea beach making me all wet and horny. I especially liked the way that you pumped into my virgin pussy making me cum.”

“Our first sex was fantastic and I enjoyed making love with you and filling your love canal with my hot cum. I enjoyed your nude dance in the moonlit night swaying not only your breasts but your whole body…”

Kuldeep began to talk, telling me of his day, making teasing remarks and I began to pace, clutching the phone close to my ear so I would not miss a word.

As he continued to speak, trusting the night to shield my nakedness I pulled the tee shirt from my body and slithered out of my panties. The cool breeze caressed my bare body like a lover and I laid down on the smooth marble bench.

I sighed with pleasure as I felt the wind teased at the peaks of my bare breasts; they tightened and tingled as if Kuldeep was there touching them himself. I murmured periodically as he continued to speak completely distracted by the physical response he evoked. One of my hands began to wander about aimlessly over the soft curves of my bare body.

My figures gently plucked one nipple into taunt hardness. I gasped as I increased pressure there pretending his mouth sucking insistently.

Kuldeep paused. I quickly thought up some question to ask… anything to get him talking again! My hips moved restlessly as I felt the night air blowing against the damp flesh that lay between my thighs.

With each of his words and my touch it seemed my pussy opened, my clit almost bulging between my nether lips. Each caress became more like some form of erotic torture, and he talked on. My hands roamed down over my thighs, teasing at the soft flesh where they curved in, just below where they joined. I shifted and sighed again. He once again stopped speaking.

“What are you doing over there?” Kuldeep asked curiously.

His voice seeming to drop to deeper tone and for a moment I wondered if he knew just exactly what I was doing.

A smile lit my face.

“Actually I am being very bad here.” I responded with a laugh.

I realized there was no way I was going to get through the phone without satisfying the desire that had been building inside me all day and really there was no reason not to tell him just what I was up to. He may even enjoy hearing, I thought with a grin.

“You, bad, never think it.” Kuldeep laughed back eager to hear just what mischief I was up to now.

“Well, I’m out my on the balcony completely naked.” I said softly, waiting to hear if I had finally shocked him.

“And?” He persisted, realizing the sounds he had been hearing were good hints that I was doing more than just exposing myself to the nature.

I blushed; shy for a moment until Kuldeep pushed a bit more.

“Tell me what you are doing; make me see it, make me feel it.” He whispered sexily in my ear and I was no longer shy.

“Listen.” I told him pulling the phone from my ear and moving it down close to my pussy.

I had been daydreaming about him all day and by the time he called I was more than ready; I was drenched in my own juices! I took two fingers and effortlessly pushed them inside me, my pussy lips parting easily to welcome them. Slowly I moved them around in their tight and warm casing then began to pull them out, knowing he could hear the sticky, wet, slurping sounds as my pussy clung to my fingers.

“Do you hear that darling? That is how wet you make me! My pussy is in dire need of you. It needs to be occupied and stretched, to have its inner walls tugged and to be ravaged.” I said my voice now low and throaty.

For a moment there was silence across the miles as he slowly digested the idea that I was outside, naked and touching myself while talking to him.

He drew in a ragged breath and that was all the encouragement I needed.

“Talk!” I demanded needing to know he was there with me as I continued my sensuous play.

“I’m rolling over.” I told him, loving the feel of the cold of the marble under my stomach.

Lifting a bit with my knees I had my ass in the air, legs spread wide as I began drawing the slick lubricant my desire had created up and over my swelled clit. My breath shaky and quick, I told him how I was positioned.

“Picture me my sweet heart, my ass up high and proud. Waiting for you to take me, to ride me, my pussy so wet it is gleaming in the moonlight.” I purred as I leaned forward.

My breasts felt heavy, full and ripe. So sensitive! I moved, pressing my nipples against the smooth cold marble under me. My pussy was so ready and desperate to feel of the thrust of his hard cock.

My breath was coming faster as I continued to talk.

“Are you naked Kuldeep?”

“No Raveena. But my cock is bulging and aching to be freed.”

“Take your pants off and get your cock out.”

“Yes darling I’m doing just that, I’m pulling my pants down and stepping out of them.”

“Good boy. I want to see you naked as I’m. Grab your cock and begin to stroke it.”

“Yes I’ve obeyed your instruction.”

“Are you hard for me?”

“Yes sweetie, my cock is rock hard and the pre-cum is oozing out from its slit.”

“Mmmmm, I’d suck it so nice if you were here.”

“Oh Raveena, you know how to work on my cock. I’m dying for it!”

“Kuldeep, can you feel my hand wrapping around your nice erect member? My hand is still so slippery from my own juice, making it so easy to slide them up and down your nice, strong shaft.”

“Oh! You’re making me so crazy.”

“Kuldeep Darling, there something in your suitcase pocket, get it.”

“Yes Raveena I got.”

“Tell me what you got?”

“I find two things, a tube of lube and an envelope.”

“Open the envelope and tell me what you see.”

“I find pictures of the two of us fucking. When you took those shots?”

“That was taken a few days ago prior to your departure. I had put the camera in a hidden place, turned the timer on to take pictures at given intervals and returned to fucking to get some good shots to give you a surprise.”

“Raveena you’re a naughty girl. You’ve taken so many nude pictures.”

“Kuldeep what do you see in those pictures?”

“In one picture, I see you lay on your back spreading your thigh apart, your clit is protruded out from you parting pink lips and I’m getting ready to slide my erection into you. I can’t believe how big my cock looks.”

As Kuldeep looked at each picture, I was talking to him, describing each picture and reminding him of how much I enjoyed each thrust he had given me that night.

“Can you see the picture where you have pulled your cock almost out of me?”

“Yes I can.”

“Can you see that your cock is shiny with my pussy juice?”

“I definitely can”.

“Take that lube and drizzle it over your cock and balls. Make them shiny as you see in the picture.”

“Yes Raveena, I just lubed as you said.”

“Now grab your cock and stroke it hard assuming that your cock is pumping my pussy clenched by its mussel.”

“Yes Raveena, I’ve started in doing so.”

“How do you feel?”

“That feels so exciting.”

“Hold the phone near your cock so I can hear the sound of your strokes with all that lube.”

Kuldeep did so and was sure to give several violent strokes off the head of his cock, which made a noise that cannot be mistaken for anything but jerking off.

My sweet pussy burned to be entered aroused by the sounds of his masturbation.

My hand instantly went to my glistening wet pussy. I slipped two fingers inside myself and drew my moistness back across my stiff clit. Slow and steadily I teased my clit, stroking it, pinching it between my fingertips until I was half worked up into frenzy. Then I stuck my fingers in my aching pussy. I moved them back and forth, stroking softly and then harder, describing him in detail each move, each exquisite stroke and my own response to it all.

“This is what you do to me; I think of you and get hot!” I growled into the phone.

“Raveena you’re close already, aren’t you?” he asked, his own breathing a bit rapid.

“No Kuldeep my fingers are playfully keeping in a constant piston motion in my pussy, but to no avail. My fingers are thin and are by no means a replacement of your engorged thick member. My pussy is in dire need of slamming your erect fat cock filling my wet hole completely. It needs to be occupied and stretched, to have its inner walls tugged and to be ravaged.” I said breathlessly.

“Raveena, why don’t you take the help of the special gift I presented you a few days back before my departure?”

“Are you talking about the vibrating seven-inch dildo?”

“Yes. Since you have seemed rather pleased by my manhood, I thought I should give you a replication of it to keep you company while I’m away.”

“Yes Kuldeep that is so beautiful, so sexy, the exact replica of your cock. Honey that is the prettiest artificial penis I have ever seen!”

“Have you ever tried it?”

“No, not till now.”

“Then take it and fuck your pussy with that precious mechanical stimulator. I’m sure you’ll enjoy it, you’ll feel my presence in your feminine core.”

I moved over to my bedroom and opened the drawer of my dresser to retrieve the seven-inch dildo.

I flipped the switch on and the humming sound of my toy calling out its desire for me sent a shiver through me. I was soon almost hypnotized by the rhythmic vibrations of my new friend.

I brought it to my lips, kissing it sensually as if I am kissing and adoring Kuldeep’s cock. I then held the vibrating toy lightly on my ample breasts and let it circle round my nipples. I could feel my nipples getting harder. It felt so good that I just could not help exploring my entire body with it.

I was almost incapable of speech, moaning while reaching back to brace myself on the balcony marble bench. I could feel my body getting ready, tensing.

After teasing myself with it for sometimes, I laid on my back and my legs spread wide. My clit was exposed in my current position. I placed the tip of the vibrating dildo on my crotch and roamed around my bulged pubic mound and then lightly brushed across my puffy vaginal vulva.

I placed the tip of the vibrator on my moist, steaming crack and pushed it gently into my warm opening teasing my swollen, pouting clit over and over. As it slowly slipped into me, I could feel my vaginal muscles tighten around it. I had been masturbating with my finger for years already but I’d never felt anything like this before. It was GREAT!

I was so absorbed with ramming of that humming fucker in and out of my tunnel of love that I forgot about Kuldeep.

I moved one hand to my breasts and started to knead them. My legs parted further, and when I finally let out a low sensual moan like an animal, Kuldeep asked,

“Tell me Raveena what you are doing right at this moment.”

“My darling, laying on the marble bench I’m kneading my clit by the vibrator.”

“Hearing the sound of your moans, along with your heavy breathing I become intoxicated. Please elaborate your action.”

“Parting my legs further, I’m sliding the tip of the vibrator into my already wet vagina.”

“Plunge the vibrator deeper into yourself and use your fingers of your other hand to circle your clit.”

“Yes Kuldeep, I’ve placed the tip of the vibrator into my moist, steaming crack and pushing it gently deeper and deeper inside my core teasing my swollen pouting clit over and over, filling my long empty womanhood… stretching my vaginal mussels. My vaginal muscles tighten around it. I had been masturbating with my finger for years already but I’d never felt anything like this before. It is GREAT!”

The vibration of penis shaped toy flowed through my body from toe to head.

My sexual excitement was approaching to peak. My hips began moving in my own rhythm, bucking and grinding against the humming vibrator.

My moans were stronger and louder now.

“Raveena, I can’t help stroking my stiff cock harder and faster as I hear your pleasure.”

I was so absorbed with ramming that humming fucker in and out of my tunnel of love and moaning like an animal that I could not reply.

Leaving the vibrator to perform its work I brought my hands on my breasts and started to roll my nipples between my fingers.

My body was shaking grinding my hips on the marble.

My eyes closed as pleasure filled my body. I screamed loudly.

“Raveena I can hear the low hum of the vibrator and yours whimpering. I know honey you’re getting pleasure by the action of the toy in your nooky, Please tell me just how you are enjoying. Don’t keep quite. Let me enjoy the pleasure you’re getting.”

“Kuldeep just picture. I lay on the marble bench with my legs open. The entire length of the vibrating dildo is buried deep inside in my pussy and its fake massive balls are slapping on my outer labia. My hands are on my breast and my fingers are pinching my nipples. It sends an almost forgotten shudder throughout my body. My back is arched as I’m overtaken in delicious pleasure.” A sharp piercing sexy purr came from my mouth.

“Good Raveena, I know what every sound that you make means. I have heard them so many times, and dreamed about them at least as many times. Continue till your body rocks with orgasms.”

Tingles ran from my toes to my nipples. Between my legs an intense heat radiated blocking out the rest of the world, making my pussy throb and cling to the artificial vibrating dick.

Giving Kuldeep a full picture of my condition I gasped,

“I’m pretending it you fucking me, honey. I-I’m really close, j-just a little more, I’m almost there, o-h-h-h-h-h-h-h-h!!!!”

Moaning between sentences, sometimes between words, I squeaked loudly,

“Kuldeep how far are you now? Are you ready to cum? I can’t wait more!”

“Yes Raveena. My cock is twitching with excitement, doing a little dance for you.”

“Really, how arousing!”

“My sweet heart, I feel myself getting closer to the edge. My scrotum are getting tightened, my cock starts to throb.”

“Kuldeep I want you to cum for me! Think you’re inside me, your cock slamming into me hard and fast. My pussy is so wet for you. Cum for me, imagining my pussy closing tight around you.” I demanded.

“Yes Raveena, I’m pretending the same thing as I’m stroking my cock and listening to your moan.”

“Kuldeep I want to listen when you cum. You moan loudly when you cum so I hear how much you’re enjoying yourself.”

“Yes Raveena, my naught babe, I’m approaching to climax. Holding my cock firmly, I’m giving final short and firm strokes. Sweetie, the fire in my balls is too much and I’m reaching to the peak. I can’t stand more; my cock is straining to spill the fluids that threatened to burst my balls. I am feeling an unbelievable amount of come starts to rush towards the tip of my cock.”

“Honey, don’t try to hold, cum, cum for me.”

“Raveena, the thick and hot stream of seeds is gushing from my pulsating cock. I’m cumming for you.”

I could hear his heavy breathing and his low moans. I could picture how his engorged erect cock jetted out spurt after spurt of his hot creamy sperms.

His climaxed intensified the depth of my passion.

My body started to shudder, my insides started to tremble and contract. I screamed with ecstasy. Like a firecracker exploding I felt the heat roaring over my body. I finally came in loud and thunderous orgasm one after another.

“Kuldeep, all my body shivers. An intense sensation of pleasure washes over me spreading a fire through my entire body. Each and every cell is joining into the fray of my pleasure, tingling all over. My juice starts to flow like a stream from my satisfied pussy. I’m cumming. I’m cumming for you.”

As my climax began to subside, I turned the vibrator off, took it out of my pussy and laid on the bench exhausted.

A comfortable silence stretched between the miles as we both caught our breath.

“Raveena both of us made enough noise to wake the dead!” Kuldeep broke the silence.

“That was nice honey. I love you with all my heart, soul and body.” I whispered.

We talked a few more minutes, sighing and smiling into the phone, knowing it was time to say goodbye.

Just before hanging up I purred in a satisfied voice,

“Call me this time tomorrow. I’ll be waiting for you with my naughty toy.”

Before closing his cell Kuldeep just replied,

I wonder if I can wait until tomorrow evening to dial.”

चूत की अन्तर्वासना में जलती डॉक्टर और नर्स

$
0
0
हेल्लो मेरे प्यारे प्यारे लंड के मालिकों | उम्मीद तो यही है कि आप सब अच्छे होंगे और मुझे ये भी यकीन है कि मुझे आप सब का प्यार बराबर मिलता रहेगा | मिलता रहेगा कि नहीं ? जैसे ही मैंने अपना होश संभाला बीमार पड़ने के बाद मैंने सोचा आज आपको अपनी कहानी बता देता हूँ | दोस्तों ये बिलकुल असली कहानी है और ये मैंने हॉस्पिटल में ही लिखी है | मैंने ये किसी को बताया नहीं क्यूँ की मुझे सबसे छुप के करना था सब | अब चुदाई खुले में कौन करता है और वो भी हॉस्पिटल में | मैंने कई बार देखा है जो नर्स होती हैं वो बहुत सामान होती हैं पर यहाँ तो डॉक्टर भी सामान थी | मैंने कभी सोचा नहीं था हॉस्पिटल में भर्ती होना इतना मजेदार रहेगा | मैंने ऐसी चुदाई मचाई कि क्या हॉस्पिटल और क्या चकला सब एक बराबर कर दिया मैंने और तो और नर्स भी मेरे लंड की दीवानी हो गयी और मुझसे डॉक्टर को भी चुदवा दिया | डॉक्टर तो करीब 48 साल की रही होगी पर थी बड़ी सेक्सी | और जो नर्स होती है वो 25 से 26 साल की होती हैं | इसलिए मुझे मस्त मज़ा आया चुदाई करने के लिए |

अब मेरी चुदाई की कहानी का आरम्भ इसलिए अब आप सब आराम से बैठ के मेरे चुदाई के कारनामे सुनो और अपना लंड हिलाके उसमे से मुठ निकाल दो | तो हुआ ये कि एक दिन मैंने खाया खाना और उसके बाद मैंने पी दारु तो मुझे नशा कम हुआ और मैं हमेशा यही करता था क्यूंकि मुझे ऐसे ही पीना पसंद है | इससे सेहत ख़राब नहीं होती पर मैंने सोचा कि चलो इस बार मैं थोडा ज्यादा खाना खाऊंगा क्यूंकि मुझे ज्यादा दारु पीनी थी | पर मेरा ये सोचना गलत हो गया क्यूंकि मुझे पता ही नहीं था कि मुझे ऐसा कुछ हो जाएगा जिससे मैं सीधा हॉस्पिटल मैं भर्ती हो जाऊंगा | यही हुआ मेरे साथ और मैंने दारु पीने से पहले खूब सारा खाना खा लिया | जब मैंने पीना शुरू किया उसके बाद मुझे नशा अच्छा ख़ासा हो गया और मैं अपने बिस्तर पे जाके लेट गया और सोचने लगा किस्से बात करूँ क्यूंकि नशे में मस्त बात होती है | मैंने लगा अपने दोस्त नवल को फ़ोन और उसको गचरने लगा | थोड़ी देर बाद मुझे ऐसा लगा कि मेरा सर घूम रहा है और मुझे उलटी आ रही है |

मैंने फ़ोन रखा और बाथरूम में जैसे तैसे गया लहराते हुए | वह मुझे उलटी हो गयी तो मुझे अच्छा लगने लगा क्यूंकि नशा पूरा उतर गया | पर मुझे नहीं पता था कि ये तो शुरुआत है उसके बाद मुझे और उलटी होने लगी | मैंने सोचा थोडा पानी पी लेता हूँ मैंने जैसे ही पानी पिया वो भी बाहर हो गया | अब मैं बिलकुल कमज़ोर हो गया और वहीँ नीचे गिर गया | मेरा भजी उठा होगा रात में तो उसने मुझे वह गिरा हुआ देखा और तुरंत मम्मी पापा को उठाया और मुझे अस्पताल में भरती करवा दिया | अब मुझे जब होश आया तो मैंने देखा मैं निक्कर में लेता हुआ हूँ और मैंने अन्दर चड्डी भी नहीं पहनी थी | मैंने जल्दी से मम्मी से कहा मामी मेरी जीन्स कहाँ है | उतने में नर्स आ गयी और उसने मेरे लंड को देख लिया और कहा इसको कुछ पहनाओ | मैंने भी मन में कहा मादरचोद अभी मेरा लंड खड़ा होता तो चोसने लगती बहनचोद | वैसे वो नर्स माल थी और उसने कई बार मेरे लंड को देखा | मुझे भी मज़ा आ रहा था मैं तो जानबूझ के अपना लंड बाहर निकाल रहा था |

उसके बाद वो माल डॉक्टर आई और उसने मुझसे कहा चलो बताओ कैसा लग रहा है | मैंने कहा कमजोरी है फिर उसने कहा इनको प्राइवेट वार्ड में ले जाओ | सरकारी अस्पताल का प्राइवेट वार्ड था वो और वह बस दो लो जा सकते थे | मैंने देखा एक बन्दे की छुट्टी हो गयी है और वो जा रहा है | मैंने मन में सोचा बस ये पूरा कमरा अपना और शाम तक मैं आराम से चलने फिरने लगा | वो नर्स मुझे बोतल लगाने आई और मैंने कहा प्लीज आराम से लगाना बहुत दर्द होता है | जैसे ही सुई चुभी मैंने उसको एक हाथ से कास के पकड़ लिया | उसने मेरे सर पे हाथ फेरा और कहा बस अब कुछ नहीं होगा | वो वहीँ बैठ गयी मेरे पास और मेरे बारे में पूछने लगी और मेरी नज़र एकदम से उसके चेहरे पे गयी तो मैंने देखा हूर की परी थी वो | मैंने उससे पुछा आपको काम नहीं है तब उसने बताया कि वो ईसिस वार्ड की ड्यूटी करती है तो उसे यही रहना पड़ेगा | मैंने चलो अच्छा है मुझे भी कोई मिल जाएगा बात करने के लिए | वो हसने लगी और हमारी खूब बातें होने लगी | मैंने उसके बारे में सब जान लिया और उससे ये भी पुछा आप मुझे वहाँ नीचे क्या कह रही थी | उसने कहा वो अपने अंडरवियर नहीं पहना था न इसलिए | मैंने कहा अच्छा पर आप बार बार वहीँ देख रही थी तो वो मुस्कुरा के चली गयी वहाँ से | उसके बाद रात होने लगी तो वो भी वहाँ आ गयी और कहने लगी आप से बात करने में मज़ा आया आज में रात में भी यही हूँ | मैंने कहा पर आज भी अंडरवियर नहीं है मेरे पास तो वो हसने लगी |

अब उससे मैंने बात करने शुरू किया तो मुझे उसके दूध के निप्पल दिखने लगे टी शर्ट के ऊपर से ही | मैंने उससे पुछा आप भी अंडरवियर नहीं पहनते क्या ? तो वो शर्मा गयी और कहा आज बस नहीं है और आप भी न बस वही देखिये | मेरा लंड खड़ा हो गया था तो मैंने कहा हाँ जी क्या करे अब आप यहाँ देखिये | मेरा बड़ा लंड उसके सामने था तब उसने कहा इतना बड़ा | मैंने कहा बस ये तो कुदरत का करिश्मा है | उसने मुझसे कहा क्या मैं इस करिश्मे को छु के देख सकती हूँ ? मैंने कहा देखिये इसके साथ कुछ भी करिए पर इसको अकेला मत छोडिये | अब वो मेरे पास आई और अपने नरम हाथों में मेरा कड़क लंड लेके हिलाने लगी और मुझे प्यार से देखने लगी | मैंने कहा कितनी बार ऐसा किया है आपने तब उसने बाताया आपके अलावा तीन बार और किया है | वो धीरे धीरे लंड को हिलाते हुए अपने मुह की तरफ ले गयी और मेरा सुपाडा मुह में भर लिया | मैं आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः करने लगा और वो मेरे लंड को और अन्दर तक लेती गयी |

मुझे और ज्यादा मज़ा आने लगा और मुझे इतना अच्छा लग रहा था कि मैंने 5 मिनट बाद उसके मुह में ही मुठ मार दिया और वो पीने लगी मेरे मुठ को | मैंने अपने हाथ उसके बाड़े गोल दूध पे रखे और उनको दबाने लगा | वो मेरे ऊपर आ गयी और मेरे मुह में अपने दूध को भरने लगी | मैंने भी उसकी निप्पल को कटा और चूसने लगा | थोड़ी देर बाद वो भी आंहे भरने लगी | वो भी आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः कर रही थी | फिर वो 69 की पोजीशन में आई और मैं उसकी चूत चाटने लगा और मेरा लंड चूसने लगी | हम दोनों आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः कर रहे थे |

उसके बाद वो पलटी और मेरे लंड को सीधा खड़ा करके अपनी चूत में डाल दिया और उचकने लगी उसपे | मैंने उसके दूध पकड़ के मसलने लगा और वो ऊपर नीचे हो रही थी और मस्त चुदवा रही थी | आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः की आवाज़ दोनों तरफ से आ रही थी तबी डॉक्टर आ गयी | वो भी मेरे पास आई और किस करने लगी और अपने दूध पिलाने लगी मुझे | मैं भी आराम से पी रहा था और उसकी चूत में ऊँगली कर रहा था | डॉक्टर भी आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः कर रही थी | मैंने बारी बारी दोनों को चोदा और उनके बदन से अपनी भूंख मिटाई | तीन दिन तक हमारा ये खेल बहुत चला फिर मुझे छुट्टी मिल गयी और मैं घर आ गया |

कॉलेज की दो लेस्बियन लड़कियों को चोदा

$
0
0


हैल्लो दोस्तों मैं हूँ गौरव शुक्ला | मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ और बहुत ही कमीना किस्म का इंसान हूँ | मैं हमेशा मौका ढूंढता कि मुझे किसी के बारे में कुछ पता चले और मैं उसका इस्तमाल करके अपना काम निकलवाऊ | मैंने इस तरीके से अपने बहुत से काम बनवाए और कभी कभी इसी वजह से मेरी गांड भी टूटी है | खैर ये तो रही मेरी बात, अब मैं आपको अपने ज़िन्दगी का एक मजेदार किस्सा सुनाता हूँ जिसमें मैंने दो लड़कियों का फायदा उठाया था, जो की मेरे ही कॉलेज की थी और लेस्बियन थी |

ये बात है मेरे कॉलेज ये समय की जब मैं पढाई लिखाई किया करता था लेकिन रहा तो कमीना ही | मेरी क्लास मुझे बहुत ही मादरचोद किस्म का इंसान समझती थी जो की मैं हूँ | इसलिए मेरी क्लास में मेरा एक ही दोस्त था और कभी कभी वो भी आता था तो मैं ऊपर वाली विंग में जाकर बैठता था | ये विंग बिलकुल खाली रहती थी और यहाँ सफाई वाले के अलावा कोई नहीं आता था | ये जगह ऐसी थी कि अगर कोई यहाँ किसी को चोद भी दे तो पता ना चले | मैं अक्सर वहीँ अकेला घूमता रहता था |

एक दिन मैंने वहां से दो लड़कियों को जाते देखा तो मुझे लगा ये दो यहाँ क्या कर रही हैं ? तो मैं जल्दी से भाग के उनके पीछे गया लेकिन वो दोनों जा चुकी थीं | मेरे मन में सवाल उठने लगे कि ये दोनों यहाँ क्या कर रही थी ? पहले कभी नहीं देखा इनको यहाँ | तो मुझे लगा होगा कुछ, जाने दो मुझे क्या | फिर मैं वहीँ बैठा रहा और थोड़ी देर बाद अपनी क्लास चला गया | कुछ दिन बाद वो लड़कियां मुझे फिर से दिखीं लेकिन मैं फिर से उन तक नहीं पहुँच पाया और वो निकल गई लेकिन इस बार मैंने उनका चेहरा देख लिया था |

अगले दिन जब कॉलेज की छुट्टी हुई तो मैं बाहर खड़ा था और मुझे वो दोनों लड़कियां दिखाई दी | वो दोनों एक दुसरे का हाँथ पकड़ के चली जा रहीं थी | तो मेरे मन में फिर से सवाल उठा कि ये दोनों हाँथ क्यूँ पकड़ी है | फिर मैंने दूसरी लड़कियों पर नज़र दौडाई तो कोई भी अपनी सहेली का हाँथ पकड़ के नहीं चल रही थी | तो मैं समझ गया कि कुछ तो लफड़ा है | तो मैंने इनके बारे में पता लगाना शुरू कर दिया | मैंने फेसबुक पर दोनों की फोटो देखीं जिनमें दोनों चिपक चिपक के खड़ी हैं तो मुझे लगा ज़रूर ये दोनों को एक दुसरे से प्यार है |

अब मैं कॉलेज की उस विंग में छुप छुप कर घूमता रहता था और मौका ढूंढता था कि ये दोनों मुझे मिल जाये तो मैं अपनी कुछ जुगाड़ जमा लूँ | दो हफ्ते हो गए मैं रोज़ वहीँ बैठा रहता था लेकिन वो दोनों मुझे कहीं नहीं दिखीं | फिर एक बार मैंने उनमें से एक को वहां जाते देखा और मैं भी धीरे धीरे उसके पीछे हो लिया | मैं जैसे ही ऊपर गया तो देखा वो दोनों एक दुसरे से चिपक के खड़ी थी और आपस में किस कर रहीं थी | तो मैंने सोचा कि अब मैं क्या करूँ ? तभी पीछे से किसी के आने की आहट हुई और मैं वहां से भाग गया | वो भोसड़ी वाले सफाई वाले को भी तभी आना था |

फिर मैं कुछ दिन तक सोचता रहा कि मैं अगर उस दिन ऐसे ही चला जाता, तो शायद दोनों मिलकर मेरी गांड मार लेती और मैं कुछ कर भी नहीं पता क्योंकि मेरे पास कोई सबूत नहीं था | फिर मैंने सोचा कि अब अगली बार आने दो बचके नहीं जा पाएंगीं मुझसे |  तो मैंने फिर उसी विंग में घूमना शुरू कर दिया और लगभग 10 दिन की कड़ी कोशिशों के बाद मुझे वो दोनों फिर से दिखाई दी | मैंने थोड़ी देर प्रतीक्षा की ताकि माहौल को समझ सकूँ | वो दोनों एक दुसरे से लिपट कर चुम्मा चाटी कर जा रहीं थी और एक दुसरे को यहाँ वहां छुए जा रही थी |

फिर दोनों एक कमरे के अन्दर चली गई जिसमें सिर्फ खाली टेबल ही रखी थीं | मैं भी दबे पैर वहां गया और छुप के खिड़की से सब कुछ देखने लगा | मैंने अपना फ़ोन पहले से ही साइलेंट कर रखा था तो फ़ोन बजने का कोई चक्कर नहीं | फिर मैंने सोच की क्यों ना इनका वीडियो बना लिया जाये | तो मैंने उपना मोबाइल निकाला और चुपके से उनका वीडियो बनाने लगा | वो उस वक़्त एक दुसरे कि चूत चाट रही थी और मैंने उनका वीडियो ऐसे बनाया की उनका चेहरा ठीक से दिखाई दे | फिर मैंने मोबाइल बंद किया और उस वीडियो की कॉपी बनाई और इन्टरनेट पर भी सेव कर दी ताकि मेरे मोबाइल को कुछ हो फिर भी मेरे पास सबूत हो |

मैं उठा और सीना तान के अन्दर गया और कहा मैंने सब देख लिया है और मेरे पास सबूत भी है | तो वो हडबडा के उठ गईं और कहने लगीं कैसा सबूत ? तो मैंने उनको दूर से मोबाइल में वीडियो चला के दिखाया और कहा ये सबूत | तो उन दोनों के चेहरे रोने जैसे हो गए और कहने लगे प्लाज़ हमे छोड़ दो | मैंने कहा ठीक है लेकिन एक शर्त है मेरी ? तो एक ने पूछा कैसी शर्त ? तो मैं शांत हो गया  और सोचने लगा कितने पैसे लूँ इनसे ? तो उनमें से एक ने ठीक है हम तुम्हारे साथ सैक्स करने को तैयार हैं लेकिन किसी को मत बताना | तो मेरे मन में लड्डू फूटने लगे और मैंने कहा ठीक है तो फिर चालू हो जाओ | मैंने तो पैसे की सोची थी लेकिन चूत के मज़े के आगे सब फीका है |

उनमें से एक मेरे पास आई और कहा हम लोग ये कर तो रहे है लेकिन तुम किसी से इसका ज़िक्र भी नहीं करोगे | तो मैंने कहा हाँ ठीक है और वो झुक गई और मेरे लंड को सहलाने लगी | उसने मेरी शर्ट उठाई और मेरे पेट पर हाँथ फिरते हुए कहा कैसा लगा ? तो मैंने कहा एकदम मस्त | फिर दूसरी मेरे पास आई और मुझे किस करने लगी | मैं उसके होंठों में इतना खो गया था कि मुझे और किसी चीज़ का होश नहीं रहा | तो उसने मेरे हाँथ से मेरा मोबाइल छीन लिया और कहा अब बोलो | तो मैंने कहा मैंने इसको ऑनलाइन भी सेव कर रखा है | उन दोनों ने एक दुसरे को देखा और फिर मुझ से कहा ठीक है तुम जीते और आके मेरी पैन्ट खोल के मेरे लंड को चूसने लगी | मुझे अपना लंड चुस्वाने में बड़ा मज़ा आ रहा था क्यूंकि ये पहली बार था | मैंने आज तक बस मुट्ठ ही मारा था | फिर मैंने एक को टेबल पर बैठाया और उसके टॉप को उठा के उसके दूध चूसने लगा और दूसरी नीचे से मेरा लंड चूस रही थी | मेरा उसके मुंह में ही झड गया तो उसने कहा ठीक है तो मैंने कहा पिक्चर भी बाकी है मेरे दोस्त |

फिर मैंने दूसरी वाली को टेबल पर बैठाया और पहले वाली से कहा कि तुम मेरा लंड चुसो | मैंने जैसे ही दूसरी वाली का टॉप उठाया और उसके दूध देखे मुझे तो मज ही आ गया | उसके दूध बहुत बड़े थे | मैंने उसके दूध को खूब दबाया और चूसने लगा | वो आह्हह्ह्हा आःह्ह ऊऊम्म्म्म करने लगी | फिर मैंने उनसे कहा कि दोनों अपनी जीन्स उतारो और अपनी चड्डी भी | तो दोनों ने अपनी जीन्स उतारी और पैंटी उतार के मेरे सामने खड़ी हो गई और मैं उनकी फोटो खींचने लगा | दोनों की चूत एकदम चिकनी थी | फिर मैंने उनमें से बड़े दूध वाली को टेबल पे बैठाया और उसकी चूत में लंड डाल के हिलाने लगा | वो आह्ह्ह्ह आअह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हह ऊउह्ह्ह्ह य्य्याह्ह्ह्ह करने लगी तो उसकी दोस्त उसके पास आई और दोनों किस करने लगी और फिर आवाजें बंद हो गई |

मैंने उसको करीब 10 मिनिट तक चोदा और फिर दूसरी वाली को टेबल पर बैठा के उसकी चूत में लंड डाल के आगे पीछे करने लगा | इसकी चूत थोड़ी ज्यादा टाइट थी और इसने भी आःह्ह ह्हूऊ करना शुरू किया तो दोनों फिर से किस करने लगी | मैं चोद इसको रहा था और दूध उसके दबा रहा था क्योंकि उसके बड़े थे ना | फिर मैंने बड़े दूध वाली को पलटा के खड़ा किया और पीछे से उसको चोदने लगा और दोनों फिर से किस करने लगी | फिर मेरा मुट्ठ निकला तो मैंने दोनों को बैठाया और दोनों के दूध पर झडा दिया | फिर हमने कपडे पहने और वहां से चले गए |

अब जब भी मेरा चुदाई का मन होता है तो मैं दोनों को बुला लेता हूँ और मस्त दोनों को चोदता हूँ | मैं उनको ब्लैकमेल करके उनसे पैसे भी लेता हूँ लेकिन उनकी चूत ज्यादा मारता हूँ | तो दोस्त कैसी लगी मेरी कहानी और हो सकता है ये तरीका आपको भी काम आ जाये और आपको चोदने का सुख प्राप्त हो जाये

मेरी नाकाम लेस्बियन सेक्स कहानी

$
0
0



अगले महीने मेरी शादी हो रही है। मैं शादी नहीं करना चाहती पर मेरे पास कोई और चारा नहीं है। मेरी पार्टनर ने अपने घरवालों कि पसंद के लड़के से शादी कर ली है। काश हम दोनों हमेशा साथ रह सकते! हमने कई बार भागने के बारे में सोचा लेकिन खाप पंचायत हमें कहीं चैन से नहीं रहने देगी।

कामिनी (परिवर्तित नाम) दिल्ली में एक प्राइवेट ऑफिस में सेक्रेटेरी हैं।

एक ‘कशिश’

मेरा परिवार हरियाणा से है और मैं नजफगढ़ में पली बढ़ी। मुझे शुरू से लड़कों कि तरह कपडे पहनना पसंद था और लड़कियों वाली कोई गतिविधि मुझे पसंद नहीं आती थी। इसका कारण क्या था मैंने ये जानने कि कभी कोशिश नहीं कि। आखिर क्यूँ मेरा ध्यान सलमान से ज़यादा माधुरी दीक्षित पर क्यों जाता था?

मुझे ये भी नहीं समझ आया था कि मेरी नज़रें श्यामली नाम कि उस लड़की पर क्यूँ रुकी थी जिसने कुछ दिन पहले मेरे ऑफिस में काम करना शुरू किया था। हम दोनों जाट समुदाय से थे और एक ही क्षेत्र से आते थे, और शायद इसलिए हम जल्दो ही दोस्त बन गए। बस एक बात अजीब थी, उसके छूने से मानो मेरे शरीर में कंपकपी सी दौड़ जाती थी जैसे कोई बिजली का करंट।

भावनाओं से शरीर तक

मुझे समझ नहीं आ रहा था कि ऐसा क्यूँ हो रहा है लेकिन मुझे कुछ बेचैनी सी होती थी। उसे मेरे ऑफिस में 6 महीने हुए होंगे जब वो मेरे जन्मदिन कि पार्टी में आयी और गाल पर चुम्बन करते हुए उसके होठों ने मेरे होठों को गलती से छू लिया। अजीब बात ये थी कि मुझे अटपटा लगने कि बजाये अच्छा लगा।

हमें तुरंत ही अपराधबोध जैसा एहसास हुआ। उसके बाद हम दोनों ने एक हफ्ते तक बात नहीं की। मैंने समलैंगिकता के बारे में इंटरनेट पर कुछ जानकारी अर्जित की और मैं जानना चाहती थी कि श्यामली के मन में क्या चल रहा है। मुझे तब तक श्यामली के लिए अपने इस लगाव का एहसास नहीं हुआ था।

और इसके एक महीने बाद मेरे और श्यामली के बीच का ये भावनात्मक जुड़ाव शारीरक रिश्ते तक पहुँच गया। मुझे नहीं पता था कि हम क्या कर रहे हैं और इसका भविष्य क्या है लेकिन जो भी था वो अच्छा लग रहा था। शायद इसीलिए हम समाज और परिवार के बारे में सोचना ही नहीं चाह रहे थे।

पर्दाफाश

हमारे परिवार को हमपर कभी शक नहीं हुआ। क्यूंकि उन्हें शायद लेस्बियन और समलैंगिकता के बारे में ज़यादा कुछ पता ही नहीं था। लेकिन आखिर अच्छा समय ख़त्म हो गया।

एक दिन श्यामली कि माँ ने उसके गले पर हमारे प्यार का एक निशान देख लिया और उन्होंने ये मान लिया कि श्यामली का शायद किसी लड़के के साथ सम्बन्ध शुरू हो गया है।उन्होंने उसका घर से निकलना बंद कर दिया और तीन हफ्ते में लड़का ढूँढ कर उसकी शादी पक्की कर दी।

अजीब हालात

किस्मत ने हमें अजीब मंज़र पर ला खड़ा किया। श्यामली कि माँ ने मेरी माँ को फोन करके कहा कि बहनजी दिल्ली जाकर इन् लड़कियों के पर निकल आये हैं और इनके अफेयर शुरू हो गए हैं, हमने तो श्यामली कि शादी तय कर दी है और आप भी जल्दी ही कामिनी कि शादी कर दो। उन्होंने यहाँ तक कहा कि श्यामली के लिए जो लड़का देखा है, उसका एक दोस्त है जो कामिनी के लिए अच्छा रहेगा।

मेरी माँ को तो वैसे ही मेरी शादी कि जल्दी थी। तो उन्हें ये सुझाव अच्छा लगा और उन्होंने पापा के ज़रिये बात आगे बढ़ाई और मेरी शादी भी पक्की कर दी गयी। इस सारी जद्दोज़हद के बीच किसी ने मुझसे मेरी मर्ज़ी जानने कि कोशिश भी नहीं की।

मैं अभी सिर्फ ये कह सकती हूँ की अगर यह कहानी मेरी अपनी न होती तो शायद मैं इस पर हंसती। क्यूंकि ये कितना अजीब है की मेरी इच्छा जाने बगैर मेरी शादी मेरी प्रेमिका के पति के दोस्त से की जा रही है।

तीन रंडियों के साथ एक रात

$
0
0
आप सभी चुदाई के क्रान्तिकारों  को मेरी तरफ से बहुत सारा सम्मान | मेरा नाम एस.जी. खरे हैं और मेरी उम्र ३२ साल है | मै  अभी तक कुवारा हूँ , मेरे घर में मेरे मम्मी पापा और मै रहता हूँ  , मेरा घर महाराष्ट  के लोनावला  सिटी में है |  और मै  आप को कल की बात बताने जा रहा हूँ  |

मेरी कल की सेक्स स्टोरी , वैसे तो मै आए दिन जाता हूँ रंडी खाना चुदाई के महोत्सव में पर कल की कहानी कुछ आलग हैं | कल लगता है रंडियों को कुछ ज्यादा ही प्यार आ  गया था मेरे ऊपर सब की सब मुझसे ही चुदवाना चाहती थी बहनचोद |

तो हमेशा की तरह कल भी मै गया अपने चुदाई की रानियों के पास मतलब रंडी खाना | और जाते ही साथ वहां के मेनेजर को पैसा  दिया  और मेने अपनी वाली को  जिसके मै हमेशा चुदाई  करता था उसे अपने पास बुलाया , वो मेरे पास आई और मेरे बाजु में बैठ गयी पर जब में उसको उठा के अपने साथ ले के जाने लगा तो एक और मादरचोद  मेरे गले पड़ गई बोली जानू आज मेरे साथ चलो रोज तो उसके साथ जाते हो ,, आज मेरे साथ भीं बिस्तर गीला करवा लो फिर जो मेरे साथ थी उसने कहा की नहीं वो सिर्फ मेरे ही साथ ही जायगा और किसी के साथ  नहीं इतना  बोलने  के बाद उन दोनों तो मेरे लिए  लड़ने ही लगी और यहाँ मेरा दिमाग खराब होने लगा | मैंनेकहा चलो दोनों चलो दोनो के मुह में देता हूँ  आज | यार मुझे लगा उन दोने में से कोई एक न एक चली जायगी पर वो दोनों राजी हो गई चलने को | और तो और उसके बाद एक और लड़की पीछे से बोलती में भी चलूंगी तुम्हारे साथ आज तो | मेने बोला आज तीन तीन को लगाऊंगा क्या | ये सब सोच कर तो मेरा खड़ा लंड सो गया | मैने मैनेजर को और पैसे दिए फिर मेरी एंट्री रूम में हुई और वो वो तीनो भी रूम में आ गई | आप सब लोग तो सोच ही सकते हो की  कैसा माहौल हुआ होगा वहाँ  फिर भी बता देता हूँ |

मैंने भी पकड़ा एक को और किस करना शुरू कर दिया और उसके बाद दूसरी वाली  मेरे पीछे से आई और मुझे पकड़  के मेरे सीने में हाथ फेरने  लगी पहले शर्ट के ऊपर से फिर शर्ट के बटन खोल के अंदर से | और इसके बाद तीसरी लड़की आपने कपड़े उतार कर ब्रा और पैंटी में मेरे सामने डांस करने लगी | उसके  दूध जो कुछ नीले रंग के गुब्बारे से कम नहीं लग रहे थे | उसकी नीली रंग की ब्रा के ऊपर से और चिकने चिकने पैर उसको देख को मेरे लंड से रहा नहीं जा रहा था | फिर जो मेरे पीछे से मेरे सीने में हाथ फेर रही थी और जो मुझे किस कर रही थी उन दोनों ने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और मेरे सारे कपड़े उतार दिया और खुद भी पूरी नंगी हो गई | दोनों लोग मेरे लंड को चाटने लगी और मुट्ठ मरने लगी और जो लड़की डांस कर रही थी   उसको मेने आपने ऊपर बैठा लिया और उसके ब्रा के उपर से उसके दूध में हाथ फैरने लगा और फिर उसकी ब्रा को उतार के उसके बूप्स को दवाते हुए चूत में अपनी जीभ डाल कर उसे चाटने लगा | वो भी आह्ह्ह्ह अह्ह्ह उम्ह्ह्ह आहहा करने लगी और फिर मै उसको अपने नीचे लिटाया और अपना लंड धीरे धीरे उसके चूत में दर कर अंदर बाहर करने लगा और दूसरी लड़की उसके पैरों को पकड़ी हुई थी | तीसरी वाली अपने जीभ से मेरा लंड | जिसको मै चोद रहा था उसकी चूत चाटने लगी | करीब १५ मिनट तक मैंने उसको चोदा और फिर दूसरी लड़की को घोड़ी बनाकर उसकी गांड में अपना लंड घुसा कर उसे चोदना शुरू कर दिया | बाकी  दोनों लडकियाँ उसे पकड़ी हुई थी और मै बारी बारी उन दोनो के दूध दबा रहा था और चाट और चूस भी रहा था, साथ ही साथ उन दोनों को किस भी कर रहा था | मेने करीब उसको ३० मिनट तक चोदा और फिर मेरा झड़ने वाला था तो मैंने अपना लंड निकल कर जो लड़की मेरे बगल में थी उसके मुह में डाल दिया और उसके उसके मुह में डालकर जोर जोर से चोदने लगा |  उसका मुह तो पूरा लाल ही हो गया था | मैंने पूरा पानी उसके मुह में ही छोड़ दिया और वो उसे पी गई | फिर मै लेट गया और एक मेरा लंड चूस रही थी दूसरी मुझे किस कर रही थी और तीसरी मेरे सीने में बैठकर मेरे हाथो से अपने दूध दव्वा रही थी | वो तीनो गरम हो गई थी और दो झड़ भी चुकी थी | उसके बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया | जिसको मैंने नहीं चोदा था वो मुझे उठा कर मुझे किस करने लगी फिर मैंने उसको बिस्तर में सीधा लिटाया और उसके दोनों पैरो को अलग अलग कर के अपने कंधे पर रख दिए और उसकी चूत को अपने लंड से सहलाने लगा और फिर उसे चोदने शुरू कर दिया जोर जोर से | वो मजे से चिल्ला रही थी और  आह्ह्हह्ह.. अह्ह्ह…  ह़ा.. उम्हा.. कर रही थी | दूसरी की मै चूत चाट रहा था और तीसरी दूसरी वाली के ढूध दबा रही थी और उसे किस कर रही थी | मैं करीब ३०-३५ मिनट तक उसे चोदता रहा और बाकी की दोनों लडकियों को बारी बारी किस कर रहा था तो कभी उनके ढूध को दबा रहा था साथ ही साथ चूस भी रहा था | उनके  निप्पल लाल हो गए थे और मेरे जोर जोर से दवाने  के कारण उन्हें दर्द भी हो रहा था | वो खूब चिल्ला रही थी खूब अह अह अह अह कर के और एक और बार झड़ गई थी | फिर तीसरी वाली लड़की जिसे में चोद रहा था उसे किस करने लगी और उसके दूध दबाने लगी मजे लेने के लिए | इसके बाद जिसको मैं चोद रहा था उसी की चूत में मेरा झड़ गया | बाकी दो बोली ये क्या किया हम दोनों को पानी पीना था मेने कहा अब तो झड़ गया पगली | तो उन लोग मुझे वापस लेता कर मेरा लंड पकड़ कर मुट्ठ मरने लगीं, पागलो की तरह मुह में लेने लगी | 5 मिनट बाद मेरा फिर से खड़ा हो गया और वो जोर जोर से चूसने लगी जैसे ही मेरा झडा बहन चोद वो लोग कुत्ते की तरह उसे पी गई साली बड़ी मादरचोद किस्म की रंडियां थी | ऊपर वाला कभी ऐसी रंडियां किसी को चोदने को न दे बस यही मेरी तमन्ना है | मेरी तो हालत ख़राब हो गई यारों |

भोले भाले लड़के को चोदना सिखाया

$
0
0


मेरे दोस्तों को मेरा सलाम | मेरा नाम है फरहा और मैं बिलासपुर में रहती हूँ | मेरा रंग गोरा है और मेरा फिगर अच्छा है क्योंकि मैं जिम जाती हूँ | मेरा पहले भी काफ़ी लडको के साथ अफेयर रहा है और उनसे चुदवाया है लेकिन ये दास्ताँ कुछ हटके है | ये कहानी जब कि है जब मैंने अपना कॉलेज ज्वाइन किया था और मैं पढाई में थोड़ी कमज़ोर थी इसलिए मैंने एक कोचिंग भी ज्वाइन कर ली थी | उस कोचिंग में एक लड़का आता था जिसका नाम पारस कुमार था | इस कहानी में मैं आपको बताउंगी कि कैसे मैंने उसको पटाया और उससे चुदवाया |

ये कहानी तब कि है जब मुझे कॉलेज के कुछ सब्जेक्ट पढने में प्रॉब्लम आने लगी और मैंने सोचा की मुझे कोचिंग ज्वाइन कर लेनी चाहिए | फिर मैंने अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक कोचिंग ज्वाइन कर ली | फिर कुछ दिन बाद क्लास चालू हो गई और जैसे ही मैं क्लास में गई तो मेरी नज़र एक लड़के पे पड़ी | वो लड़का देखने में बहुत अच्छा लग रहा था और अकेले बैठ के पढ़ रहा था | तो मैं जाके उसके पीछे वाली बैंच पर बैठ गई | चूँकि मैं दो दिन बाद आई थी इसलिए मैंने उससे पूछा कि पिछले दो दिन में क्या पढाया ? तो उसने अपनी कॉपी मुझे दी और बड़े अच्छे से मुझे बताने लगा | वो बहुत अच्छे से बोल रहा था इसलिए मैं तो उसको देखते देखते खो सी गई थी | फिर थोड़ी देर बाद मेरी सहेली ने पूछा कि कहाँ खो गई ? तो मैंने कहा कहीं नहीं यार |

फिर कुछ दिन यूँ ही हम दोनों थोड़ी बहुत बात कर लिया करते थे | फिर एक दिन मैंने उससे कहा कि यार पारस तुम मुझे पढ़ा सकते हो तो उसने हाँ ठीक है पढ़ा दूंगा | फिर कुछ दिन हम कोचिंग जल्दी आ जाते थे और क्लास में बैठ के पढ़ते रहते थे | मैं तो सिर्फ पारस को ही देखती रहती थी और उसे लगता था कि मैं पढ़ रही हूँ | फिर मैंने उससे उसका नंबर ले लिया ये कहकर कि मुझे अगर कुछ पूछना हुआ तो कॉल कर लुंगी | मैं अक्सर उसे कॉल करती थी और बातों में उलझाये रखती थी | अब हमारे बीच मैं काफी अच्छी दोस्ती हो गई थी और हम एक दुसरे को अपनी सारी बातें बताते थे |

पारस अपने घर वालों से काफी डरता था और इसलिए वो कहीं भी घूमने जाने में डरता था | लेकिन मैंने उसे एक बार बाहर घूमने के लिए मना लिया और हम दोनों घूमने के लिए निकल गए | हम वहां पहुंचे और मैंने मौका देख के पारस को अपने दिल कि बात बता दी | जैसे ही मैंने पारस को आई लव यू बोला तो पारस के चेहरे पे मुस्कान सी आई लेकिन फिर पारस ने कहा कि मैं भी तुम्हें बहुत प्यार करता हूँ लेकिन मैं हिन्दू हूँ और तुम मुसलमान | तो मैंने कहा डरो मत पारस हम अभी शादी नहीं कर रहे है | तो उसने कहा नहीं यार और वो घूम गया | तो मैंने पारस को पीछे से पकड़ लिया और कहा प्लीज पारस मान जाओ | तो वो पलटा और मुझे गले लगा लिया |

जैसे ही मैं उसके गले लगी तो पता नहीं मुझे क्या हुआ ? मैंने फ़ौरन पारस को पकड़ के उसको होंठों पे किस कर दिया | जैसे ही मैंने पारस को किस किया तो उसने मुझे कमर से पकड़ा और अपने से चिपका लिया | पारस का लंड खड़ा था और मैं उसे महसूस कर पा रही थी | फिर हम दोनों वहां से चले गए और उसने मुझे घर छोड़ दिया | अब मुझे पारस से चुदने की खुजली मचने लगी तो मैं प्लान बनाने लगी कि कैसे उससे चुद्वाऊ | फिर मैं धीरे धीरे पारस को अपनी नंगी फोटो भेजना शुरू की और कुछ दिन बाद वो भी अपने लंड की फोटो मुझे भेजने लगा | ऐसे कुछ दिन तक हम यूँ ही अपनी फोटो एक दुसरे को भेजते थे और कभी कभी कहीं बाहर जाते थे तो किस कर लिया करते थे | कभी कभी मैं पारस को अपने दूध भी दिखा दिया करती थी और उससे अपनी चूत पे हाँथ रखवाती थी |

मैं अक्सर ऐसा करते हुए गरम हो जाया करती थी लेकिन पता नहीं पारस को कभी इतनी गर्मी नहीं चढ़ती थी | इसलिए हम कभी भी चुदाई नहीं कर पाते थे और मैं घर आकर अपनी चूत में ऊँगली डालकर ही खुश रहती थी | फिर एक दिन मैंने पारस को अपने घर बुलाया ये कहकर कि मुझे कुछ पढना है तो तुम मुझे पढ़ा देना क्योंकि अगर मैं ये कहती कि आ जाओ चुदाई करेंगे तो शायद वो नहीं नहीं आता क्योंकि उसकी इन सब से गांड फटती थी | तो वो थोड़ी देर बाद मेरे घर आ गया और मैंने जैसे दरवाज़ा खोला तो मुझे ऊपर से नीचे देखने लगा | मैंने शोर्ट स्कर्ट पहनी थी और छोटा सा टॉप | फिर वो अन्दर आकर बैठा और किताबे निकलने लगा तो मैंने कहा रुको थोड़ी देर से पढाई करते है अभी कुछ खा पी लेते हैं |

मैंने सैंडविच और जूस बनाया और उसके जूस में जोश की गोली मिला कर उसको पिला दिया | उसका लंड जल्दी ही खड़ा होने लगा और मैं उसके सामने बैठ के बात कर रही थी | वो अपने पैर से अपना लंड छुपाने लगा तो मैंने कहा क्या हुआ पारस ? तो कहा कुछ नहीं बस | तो मैं उठी और पारस के पास जाके बैठ गई | पारस का लंड खड़ा था वो उसे छुपाने कि कोशिश कर रहा था लेकिन मैंने उसके पैर हटाये और कहा पारस तुम्हारा तो खड़ा है | तो वो कुछ नहीं बोला और यहाँ वहां देखने लगा | मैंने फिर उसके जीन्स के ऊपर से उसका लंड पकड़ना शुरू कर दिया | तो उसने पूछा क्या कर रही हो ? तो मैंने उससे कहा बस पारस आज तुम कुछ नहीं बोलोगे और उसका लंड सहलाने लगी | मैंने पारस से पूछा कभी मुट्ठ मारा है तुमने तो उसने कहा नहीं | तो मैं उसका जीन्स उतार के उसका लंड हिलाने लगी | मैंने जैसे ही उसकी लंड को मुंह में डाला तो उसने ज़ोर कि आवाज़ की आह्ह्हहा हूह्हू | मैं उसका लंड चूसने लगी और वो बैठ के आवाजें करने लगा |लेकिन मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं थी क्योंकि मेरे घर पे कोई नहीं था | मैं थोड़ी देर तक उसका लंड चूसती रही और हिलाती रही |

उसने थोड़ी देर में ही अपना माल मेरे मुंह में छोड़ दिया और मैंने उसका सारा माल पी लिया | फिर मैं उठी और अपना टॉप उतार के उसके हाँथ अपने दूध पे रखवा लिए | वो मेरे दूध दबा रहा था तो मैंने पूछा कि कैसे है मेरे दूध ? तो उसने कहा बहुत अच्छे | मैंने उससे पूछा कि कभी कोई ब्लू फिल्म देखी है ? तो उसने कहा हाँ देखी है एक दो बार | तो मैंने उससे कहा बस वही करना है हमे आज | फिर मैंने उसके मुंह के पास दूध को किया और कहा अब चूस डालो इनको | तो उसने मेरे दूध को चुसना शुरू कर दिया | मैं अपने हाँथ से अपनी चूत को मले जा रही थी तो मैंने फिर उसका हाँथ अपनी चूत पे रखवा लिया | वो मेरी चूत को मलने लगा तो मुझे लगा वाह लड़का सीख गया | फिर मैंने अपनी स्कर्ट के नीचे से अपनी पैंटी उतार दी और उसके बाजू में बैठ गई | वो उठा और मेरी चूत को मलने और उसने मेरी चूत मैं ऊँगली डाल दी तो मुझे मज़ा ही आ गया | फिर उसने मेरी चूत में थोड़ी देर तक ऊँगली की लेकिन मेरी चूत नहीं चाटी |

फिर मैंने उसको सोफे बैठाया और उसके लंड के ऊपर बैठ गई | मैंने उसका लंड अपनी चूत में डाला और उसके ऊपर कूदने लगी | मुझे उसका लंड अपनी चूत में महसूस हो रहा था और बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था | उसे भी शायद मुझे चोदने में मज़ा आ रही होगी | फिर मैंने थोड़ी सा ऊपर पकड़ लिया और वो वैसे ही नीचे से मेरी चूत को चोदने लगा | मुझे अब लगा कि दोनों तरफ बराबरी की आग लगी है | तो मैं वहीँ बाजू में लेट गई और उससे कहा कि अब मारो | तो उसने मेरी चूत में अपना लंड घुसा दिया और आगे पीछे करने लगा और थोड़ी थोड़ी देर में उसकी स्पीड बढती जा रही थी और मेरी जान निकले जा रही थी | फिर मैं घोड़ी बन गई और वो पीछे से मेरी चूत को चोदने लगा | हमने लगभग आधे घंटे तक चुदाई की थी क्योंकि मैंने उसको जोश की गोली जो खिलाई थी | फिर चोदते चोदते मैंने उससे कहा कि तुम्हें अगर लगे कि तुम्हारा निकलने वाला है तो अपना लंड बाहर निकाल लेना | तो उसने ऐसा ही किया तो मैं उसका सारा मुट्ठ अपने मुंह पे गिरा लिया | उस दिन हमने दो बार और चुदाई की | हम आज भी खूब चुदाई करते है और कभी कभी तो वो मेरी गांड भी मार लेता है |

Cuckold Husband Shares His Wife

$
0
0


Hi Everyone, I am new to AISS and wanted to share my own story.

I have been living with my beautiful 26 years old wife Akanksha in US for last 1 year. She is slim and beautiful. Her hight is 5’4″ and is absolutely stunning. She is more of open minded. I was very happy observing her outlook. She loves to wear very short dresses. She believes in exposing.  This story which I am going to narrate is my real story which happened few months back. Realizing that I am cuckold I thought to share with you all.

I would like to get your comments as I proceed with my story. My friend Gaurav called from India and informed that he is travelling to my city. He is bachelor. I told my wife that Gaurav will be coming to our city. She was happy, she met him during our marriage. She asked me where he is going to stay, I told that he might be staying in hotel while looking for apartment. She told that he can stay with us. I was totally agree and called Gaurav that he is supposed to stay with us until he gets the apartment. My wife asked that since he will be staying with us for couple of days it does not mean that she has to change her style of dressing. I said its ok, Gaurav is open minded, so don’t bother about it..wear what u feels like.

The day arrived and he came to US. Since its 1 BHK I arranged his bedding in common hall.

Akanksha was wearing thigh length skirt and deep neck top while he arrived. I can still recall Gaurav when he saw Akanksha in this short dress. His eyes was all around her.

He started searching for apartment. Friday came and its the party time since its long weekend. We bought few beer and vodka. Me, Akanksha and Gaurav were all set for drinks.

Akanksha was wearing a short translucent nightie which was hardly until her upper thigh. We all started drinking. Vodka is her favorite. After three pegs, she was in full mood. She was sitting opposite to us on couch. As she was wearing short nightie , whenever she used to sit or get up her white panty gets visible and Gaurav eyes were almost chasing that. as she was so much drunk, she was sitting without crossing lags and now her panty was full visible. I was enjoying the show as its first time that Akanksha is full drunk and exposing her panty to someone else than me.

I was astonished to see Akanksha has no shy in her eyes and I knew even she is aware that Gaurav is looking at her panty, and she was behaving as everything normal. After few more drinks I wanted to go and take rest. I said lets finish this party and we should sleep now. Gaurav said he will have few more drinks and Akanksha said she is not feeling sleepy and she wants to give company to Gaurav for few more drinks. So I said ok I am going to sleep, finish it uo soon and don’t drink so much that you guys vomit, everyone laughed and I went to sleep.

I laid down on bed and around after 1 hour I woke up and felt that Akanksha has not come yet, it was around 2 am. I thought they are still chit chatting and having drinks.

I slightly opened the door to see what’s happening. What I saw that Akanksha is sitting besides Gaurav holding his hand. I thought why she is sitting holding his hand. I thought to go out and break the momentum but I don’t know why but I wanted to see what’s going to happen next and stood near door to see what’s happening. As there was dark in room so nobody could see me but I could see them in full light. I noticed that she moved her hand over her pants to touch his penis and next moment they started kissing. Gaurav moved her hands to touch my wife’s boobs over her nightie. After few minutes he removed my wife’s nightie and now she was in white bra and panty. In the next move Gaurav removed my wife’s bra and started playing with her boobs. He removed all his cloths and Akanksha was staring her large penis. He caught her by her head and pushed towards his penis. Next moment my wife started giving him blow job. He was stroking in her mouth, it looked like he is fucking her mouth. I was not believing that my wife is giving blow job to someone else. He removed Akanksha’s panty and now my wife was full nude in front of my friend. Before 5 days she was even not knowing him much and in now she was all nude without any shame. Gaurav pushed his penis in my wife’s pussy and started fucking her. She was enjoying it. I never thought that someone else would be fucking my wife in front of my eyes.

Seeing my wife with my friend I was very excited and was standing there to see the whole episode until they finished. After sometime I noticed that she came back and slept. I could not sleep for a long time as all the moments were flashing. I was excited too. Next night also I pretended to sleep and noticed that my wife went out and had sex with my friend. Being nude with my friend was now common for her.

I never mentioned to her that I know what’s between them.

I started imagining more about her and used to think how I can wake a whore out of her. One day I told her that our sex life is becoming bore and need to spice it up. and explained that if she could expose herself to other people .She readily agreed. She booked a session in massage parlour with a guy and told me that once she come back she will tell me what naughty thing she did. After the session she came back and told that she wanted to expose but it happened little more. She asked me if I am comfortable than only she will tell me and would luv her always. I agreed so she told me the whole story. She went to massage parlour. One guy escorted her to the room. He asked my wife to remove cloths and lie down on table while he come back. She removed all her cloths except than panty and lied down on table showing her back. That guy came and started applying oil on her body. he asked where is more pain, she told lower back. He lowered down her panty a bit and started massaging her back. While massaging his hands were touching her panty, she said pain is more on lower side and signalled towards her buttock. He lowered down her panty little bit more almost half of buttocks. He asked how she is feeling, she said its better but have more pain in lower area. He understood that my wife is very open so asked can he lower down her panty more to massage proper on lower side. She gave yes signal to him. He lowered down her panty to her thigh and started massaging her buttocks. He understood my wife is very comfortable with him. Now with every stroke he started pushing her panty down and he observed that my wife is not saying anything which gave him courage and he completely removed her panty.

Now my wife was lying nude and he was massaging her full back. He asked my wife is she is comfortable he can apply oil on front side as well. She said that she will feel shy exposing her frontal. He convinced that not to be shy and she can cover her lower part while he apply oil on upper body. She turned covering her lower part with blanket. Now her boobs were exposed to him and he was staring at them. She wanted to bring some humour so said have you never seen boobs of women before. He said he has seen many but nothing like her and started praising about her that she is so beautiful and has perfect slimmed body. Now she wanted to have more naughty conversation. She said what he liked more. He replied she is fair and her boobs are stunning. With this he started applying oil on boobs and started squeezing it. My wife started moaning. With this he moved his hands down and removed the blanket making her full nude. My wife closed her eyes. He started fingering her and she came in full mood. He went down removed his pants and pulled her down so that his penis could reach her pussy. He pushed his dick inside my wife and started fucking her. after few minutes she said its enough. He smiled and said ok. He asked my wife how she is feeling. She said she is feeling fresh as he has not left any part to massage and gave smile.

He said only one part is remaining and started coming towards her face. My wife understood that he want her to do blowjob. She said no I can’t do. But he strongly hold her head, she closed her eyes. She felt some sensation on her lips. It was he who touched her lips with his penis. My wife understood that there is no option so she surrendered and opened her mouth wide and took his dick in her mouth. Now he started pushing his dick inside her mouth and ejaculated in her mouth. Now she got up and sat and said it’s time to go now and said she will come again sometime.

Erotic Holi with my Wife Richa

$
0
0





It was a Holi night and almost the whole complex was out celebrating and burning the evil in the fire of Holi. Ours was a new complex and most of the families had moved in recently as in couple of months. Not many people knew each other either. So the Holi was organized as the beginning of getting to know each other. It was fun meeting new people and celebrations and sweets. It was also decided that everyone will gather for playing colours the next day. I and Richa had a great night sleep and were eager to join the colour play the next day. We had breakfast in the morning and were ready to go. I was wearing a faded jeans and old t -shirt while Richa put on a sleeveless grey top and a black tight slack pants. “You’re going to give hard time to men, dear”, I teased her. But she laughed off and we were soon downstairs.

There were lot of people already down there and we quickly pushed ourselves into the groups. Obviously there was no shortage of stares checking Richa but everyone was trying to be polite and courteous. In an hour or so the crowd started to increase and groups were formed. There was a big chat counter set up centrally and also there were some drinks arranged. Everyone was throwing colour on each other, getting a bit tipsy with the drinks and enjoying the nice chat items. It was all a fun event so far. I and Richa were soon into different groups but I was trying to keep a check on her.

She was very much into women group and they were all having fun and were having their faces coloured really dark. It was soon becoming difficult to even recognize people. But it seemed women were having more fun than men. They were dancing on the music tunes, spraying colours in the air and ensuring that no women was left without colours. Men on the contrary were happy having a drink and eating chat items and discussions around politics, business, sports etc. Some of the men groups were occasionally mixing up with women’s group and there were few escapades as in – putting colour on each other’s faces etc. I saw a few men who I could not even recognize were putting colour on Richa’s face and even some applying colour on her arms. She seemed not bothered much and was reciprocating by putting colour on those unknown men’s faces.

As time was passing, people were getting higher with the drinks. Some people also started leaving while others continued hanging around. I was also just chilling around with an eye on Richa. It soon appeared that their group was planning to go to adjacent complexes and involve those guys also. In fact, there were few men and women from another complex who came over to ours and started this. The idea was soon picked up by our complex. All these complexes were built up by same builder and were separated by a 5 minute walk. There were some slums in between that the builder was trying to get removed to construct another tower there. I called up Richa and asked her plan. ” I am not yet done dear! If you’re, go home and relax. I will join you soon”, was her quick response. I knew something was going to cook up considering she was already little high. Her dress was wet and was showing up her curves quite clearly and most importantly, from her tone, it seemed she was in a mood.

I saw her moving out of the complex with the group. Right outside the gate, they were greeted by a large group of men and women. I saw everyone throwing colour on each other and Richa with few of her group mates were seen actively colouring the men in the group. Some men were decently getting coloured while others were reciprocating too. There must be atleast 4-5 guys who put colour on Richa’s face. Couple of them also reached until her cleavage but instead of going to her breasts they unwillingly applied on her arms. Richa was all but enjoying the attention she was getting. Soon there were more men and women joining in. There were some coming from other complex while others from our complex too. It was like a war of colour between the two complexes and it was fun watching people really enjoying the festival.

Just as the war was getting intense, I saw Richa surrounded by a group of men all by herself. It seemed she was cornered from her group but it still looked normal as those men started throwing colour on her. I saw two of them putting colour on her while one guy started colouring her on the back and moved down to her bums. He gave her a couple of slaps on her bums and they bounced in the tight slack she was wearing. And as she tried gently putting his hand away, her top was rolled up and hands moved in quickly colouring her tummy and waist. One of them even pinched her waist and moved his hand little up towards her breasts. Richa instantly tried to part his hand but there were about 4-5 pairs for her to tackle. Two of them even raised her arms and put colour on her armpits and tried pushing their fingers towards her breasts while one guys pinched her love triangle over her slacks. There were lot of noises around and since Richa didn’t react strong, nobody seemed to notice it. But just as they started getting bolder Richa whispered, “Oh god, stay away! We are in open!”. She tried hard holding their hands from groping her openly but they were all covering each other nicely and there was no way she could have tackled 5 (or don’t know if more) pairs of hands. “Let’s get into room quickly”, one guy suggested Richa. She was almost instantly dragged in the by lanes and into a small house. Within all the noise and hustling at the scene, it just appeared as though she walked in but she was left nowhere to go and was just dragged into them and made to walk into the room.

Richa quickly realized what was happening but before she could react or do anything, she found herself in a small empty room with 3 of the men inside. Almost instantly the guys rolled the top up to her neck. They didn’t remove it completely but did enough to expose her ripped melons. They pinched, groped, squeezed and kneaded her breasts to their content. She was being kissed on her back, her face and her breasts all at once. It seemed as though there was no stopping. One of the guys opened her mouth and was tickling her tongue, while the two got busy sucking her nipples. It didn’t matter to them that their bodies were all coloured up and kissing or licking on it wasn’t very healthy but the passion and lust was just too high. Richa could not hold back any longer either, she was soon kissing open mouth with the guy and pulling the other one closer. She had kisses, licking and light slapping all over her body. At one point, she was smooching two guys alternately while the third guy was enjoying licking her amazingly silky back, arms and neck. Fortunately (?), her slacks were still not rolled down until then.

The people outside started fading slowly as her group was seen moving away from our complex while some men from outside were entering ours. It seemed Richa’s absence was not particularly noticed by the group and that seemed to give enough time to the beasts accompanying my wife in the small room. Inside the room, a guy was now sitting on a plastic chair and had Richa pulled into his laps. Her top was removed by then and the man was now totally focused on her heavy bosom. He was literally trying to milk them and making Richa moan quite loud. The second guy went behind the chair and took Richa’s mouth in his hands and started kissing wildly. It seemed as though his first time to kiss a beautiful woman like Richa, he was soon licking her face all over. The third guy was not left out either. He was kissing and licking her back, arms and shoulders. They were quite smartly exchanging their places to enjoy every part of Richa’s upper half. She had received numerous love bytes by then but they didn’t remove her pants, neither dropped their. It was more than 15-20 minutes since Richa entered the room with them and I think by then they were ready for the actual action. Richa was already warmed up and it looked like there was going to be no stopping.

“No…Not here.. I can’t do this here…yahan nahi!”, Richa exclaimed when one of the guys reached out to her pants. She jerked her body and moved away a bit too. That was the first piece of resistance from her side and the guys took a step back.

“Aisi haalat mein hotel to nahi ja sakte..to kya ghar pe chalenge?”, one of the guys managed to ask.

“Tu taiyaar to hai na? to yaha kya problem hai?”, another guy spoke and winked to his friend.

Richa was too moist to deny that she was not willing. But the surrounding made her little concerned. The room was not even locked so anyone could have walked in and found them in compromising positions. Besides, she was alone with stranger men whom she didn’t even know by name and her dear husband was not around either. “Mere ghar pe”, she quickly responded.

“Aap ke ghar?”, they all exclaimed.

“Pata nahi aap ka naam kya hai par aap married lagti ho”, pointing a finger at her small mangalsutra the guy said. “pati ya koi ayega to taqleef nahi hogi na? waise hum to taiyyar hai” he added and winked at his friends again.

“Do not worry about it”, Richa comforted them as she put on her top again and was ready to walk back to our apartment. “All of you don’t try your hands on me while we’re walking back to my apartment”, she advised them. They agreed quickly and my dear wife started walking back to our apartment with 3 stranger men who were going to bang her as soon as they step in. One of the guys had courage to put his hand around her waist as they walked back. Richa didn’t mind it either and waved to the watchman that they were with her as they entered our building. The guys could not believe their luck and Richa was in no position to think about anything else.

They were all groping her right in the passage leading to our apartment. By the time Richa could locate the keys in the pockets and open the door, their hands had made ways into her clothes. As soon as they stepped in, the guys pushed Richa onto the sofa. Our nicely done living room and sofa were getting all messy with the colours all of them had on their bodies but it seemed Richa realized it. She pushed them away and rushed towards the bathroom. There was just no stopping as those guys stormed inside behind her. Richa quickly started the shower tap and they all got wet. They continued groping and kneading Richa’s body all over. This time she could do nothing as they pulled her top over and pants down. One of the guys could not hold and gave her a tight slap on the bums. “WHACK”, the sound echoed in the bathroom and excited them even more. In a matter of minutes she received multiple slaps on her bums that made her moan. It was then the ultimate moment came, the short guy pulled Richa’s panty down. My beautiful wife, with her coloured body was standing all naked in our own bathroom with three stranger men. It was just too much to bear for anyone as the guys literally attacked Richa’s body. In the matter of next minutes, Richa received countless kisses, licking and bytes all over her body. She was being kissed on the tongue as well as on the cunt. Her breasts and thighs were literally being eaten by then, infact there were love bytes on her smooth bums too. Richa was moaning uncontrollably but didn’t try to stop their wild love making even once. She was definitely overwhelmed by the occasion although she later repented about the love bytes she received all over her shoulders, arms and back cause it meant she could not wear revealing dresses for next couple of weeks. The bytes she carried on her under thighs and breasts were visible to demonstrate the lust they were into.

As the running water subdued the colour on their bodies, they were able to see the beauty of Richa’s body while she could see how they looked like. The leader of them (Sanjay) was a strong guy with mustache and hairy body, the short guy (Rajesh) was definitely a kinky fellow while the third guy (Raja) was an ugly looking soul- hairy body, big nostrils and thick lips and he smelled weird. It hardly mattered though as all of them knew what was going to happen. Rajesh was the first to push a finger around Richa’s clit and insert it a bit inside her cunt. She was more than moist but they didn’t realize it due to the tap water around. Also they were not so conversant with the act of lovemaking, although they all knew what it meant to ride a woman like Richa. As Rajesh pinched Richa’s clit, she shuddered and jerked violently. The guys were also getting the nerves and realized it was time for the action. Richa sensed it too and requested them to come one at a time. “Ek baar ek hi, jaan mat lena meri”, my beautiful wife told them as they all laughed.

Sanjay readied himself as Rajesh and Raja backed off. They didn’t even move out of the bathroom but gave room to Sanjay as he placed Richa on the spacious wash basin in our bathroom. Surprisingly, they didn’t ask for a blowjob from Richa. Sanjay just put her on the basin and dropped his trouser to the knees. He kissed her as he arranged his cock in front of her widely inviting cunt. He rubbed it in and around her cunt before pushing it in. There it was! Richa yelled a soft moan “Aaah.aa” as he moved in. Sanjay was a strong man, he pulled Richa’s hair to bring her face close to him. His expressions and demeanor was clearly stressing the authority he was showing. He kissed Richa hard and played with her breasts also. He gave her some really hard strokes that made her shriek in pain and pull him more close to her. He used a lot of bad words as he penetrated her mercilessly. Poor Richa, she knew nothing then and was just enjoying. Even Rajesh and Raja were amazed as they saw their friend humping this beautiful stranger lady real hard. Sanjay continued giving her hard strokes for over 5 minutes and then seemed going weak. He didn’t trouble Richa and pulled out well in time to flush his semen all over the basin.

Raja quickly stepped into his friend’s shoes as Sanjay walked out exhausted and relaxed on the floor just outside. Before Richa could ask him not to wet the sofa and carpet in the living room, her lips were covered with Raja’s thick lips. It was certainly a beast enjoying a beauty. But Raja seemed smart at kissing. He made Richa open her mouth and gave ample sucking to her tongue. It was incredible that Richa was able to endure his taste and smell but he was definitely having the time of his life. He kissed her face all over and licked it, he rubbed his big nose on Richa’s neck and shoulders so seductively that she closed her eyes in excitement and it reached a climax when he started rubbing his face on Richa’s bosom and breasts. He wasn’t shaved and his beard must have been tickling Richa as she reached new peaks of excitement. He definitely kissed her nicely and made up for his average looks. Richa was still resting her bums on the wash basin with legs wide open. He looked at her inviting and freshly screwed cunt and unzipped himself. He had a thicker organ and he also rubbed the tip of it around Richa’s love triangle. Richa contracted her body in anticipation. Raja kissed her again on her lips and pushed inside at the same time. He was not as aggressive as Sanjay but continued thrusting her enough and his kissing and face rubbing kept Richa enough excited. She was moaning and occasionally scratching his back over his shirt. He was kissing her so intensely that their saliva was literally dribbling between the breaks in their kissing. He kept thrusting her for about 10 minutes along with the intense lovemaking; he was also cheered by his friends who were badmouthing Richa. “Thok sali ko…jor se ragad…saaali kaamal ki cheez hai…maza aa gaya yaar”, comments like this were continually being used. But nothing seemed to break Raja’s rhythm until well over 10 minutes when he finally started going weak in his knees and groaning. Richa sensed it and requested him to pull out which he did quickly. He came in loads as Richa saw the white fluid flowing out of his member just beside where she was sitting. Raja followed Sanjay and sat beside him just outside the bathroom.

Richa couldn’t see them so she quickly got down to locate them. She wanted to ensure that they don’t damage the sofa or carpet. But as she stepped to look, Rajesh tried to block her way. “Mein baaki hoon”, his quick remark brought laughter on Sanjay and Raja’s face. When Richa saw them both just outside, she was relieved. Rajesh by then had caught her breasts and started kissing her. She looked little tired but didn’t protest and welcomed her last man of the hour. Rajesh was a short guy, shorter than Richa but seemed to carry lot of energy and excitement. He followed his friends in terms of kissing Richa’s face and breast but he did something more. He did not put Richa on the basin platform instead placed her on the toilet seat. And he was the first to drop his trouser and pushed his boxers down. Even Sajnay and Raja seemed interested in what he was trying as they moved a little closer. Richa felt as though she was going to be made to give a blow job and was probably preparing herself watching his actions. Rajesh pushed his boxer down upto his knees and brought Richa’s face close to him. She was placed at a perfect height where in her face was right in front of his hairy groin. But unlike everyone expected, he didn’t push his member inside her mouth. Instead he started rubbing his cock on her face. He started slapping her cheeks using his cocks and then rubbing it on every centimeter of her body. He made circles of her hairs and tried rubbing his cock in between, he didn’t even spare Richa’s eyes. He ensured Richa kissed the tip of his cock but still did not push inside her mouth. Richa too kept her mouth sealed and enjoyed his cock rubbing session. Somehow it was very erotic and was bringing life to his cock as he continued his cock massage down towards her breasts, nipples, waist and tummy. Richa liked the change he was bringing in and encouraged him by offering her body entirely. Both Sanjay and Raja also were supportive, “sala…full on maze le raha hai”, they spoke as everyone laughed. Finally, after rubbing cock all over Richa’s body, he was ready for the actual action. He was an average person when comparing the organ size but the way he was treating Richa, brought excitement into her. She did her best to give him the best service. But it was just all too much for everyone. He did not last long and ejaculated well inside 5 minutes. He wiped his cock on Richa’s mouth and joined his friends.

“Aap log abhi nikal jao aur please kisi bhi kuch bhi nahi batana”, my wife pleaded them once they had satisfied their lust. Luckily, it was enough for the guys as they thanked her and left happily. Richa cleaned herself quickly after they left and came out wearing a nighty. She saw me relaxing on the sofa with a wry smile and crushed into my arms. We kissed each other passionately for some time. Finally she broke, “Need to clear the mess darling”. “Oh yes, offcourse darling, you have made a lot of mess, don’t expect me to clean it”, I added quickly. “And guess what there is a surprise while you are cleaning, babes!” I said. Curiously she asked me what it was. “You liked those nasty slaps on the bums, don’t you? I said. And before she could respond, I showed her my hawaii slippers, “a SLAP on the bums every 15 minutes – until you finish darling”, I told her with cunning smile on the face. “Yes Master”, she agreed at once. We had a wonderful afternoon and rest of the day.

जीजा ने चोदा मुझे बहाने से

$
0
0


हेल्लो मेरे प्यारे दोस्तों आज आपका मैं बहुत बहुत स्वागत करता हूँ इस हसीं शाम में जिसका नाम जीजा घुस गये चूत में | दोस्तों आज की ये कहानी हमारे घर की छोटी छोटी नोकझोंक जो एक जीजा और साली के बीच में होती है उस पर आधारित है और मुझे आपको ये बताते हुए बड़ा ही हर्ष महसूश हो रहा है कि जो हमारी पिछली कहानी थी उसकी आशातीत सफलता के बाद हम और हमारा ग्रुप आप के सामने लाया है “जीजा घुस गये चूत में” | दोस्तों हम और आप सब जानते हैं की सावन का महीना हमारे हिन्दू समाज में कितना पवित्र और कितना हसीं होता है | इसी महीने में आता है हम आरी बहन का प्यार भरा त्यौहार रक्षा बंधन और जब हमारी बहने अपने मायके जाती हैं और त्यौहार के बाद जब हमारे भाई उन्हें लेने जाते हैं तो वो जो मीठी सी तकरार उनके बीच में आ जाती है इस कहानी में इसका पूरा चित्रण किया गया हैं | तो दोस्तों आइये सुनते हैं इस कहानी को और हमारे किरदार जो निभा रहे हैं वो हैं प्रेमशंकर और लवली | इस कहानी को अपनी धुन और शब्दों से सजाया हैं मैंने याने की आपके अपने गुल्लू दुबे ने | आइये अब इस कहाँनी का मंचन शुरू किया जाए और आपको ले चलता हूँ एक जद्दुई महफ़िल में जिसका अघाज़ तो है पर इसका अंत नहीं है | और आप भी कभी नहीं चाहेंगे कि ऐसा कभी हो की जो ये मीठी सी लड़ाई है जिसका अपना मज़ा है वो कभी ख़तम हो | जो कुंवारे हैं वो शादी होने का इंतज़ार करे और जो शादीशुदा है वो मेरी बात समझ चुके होंगे | बड़ी ही अजीब सी कहानी है जो प्रेमशंकर और लवली को आपको सुनानी है और उनके मन में तो धीरज है नहीं तो चलिए मैं ही अपने शब्दों को विराम देता हूँ और उनको आपके सामने आने का निमत्रण देता हूँ | चलो भाई आजाओ अब में ले रहा हूँ विदा पर यूँ न करना कभी मुझको इन कहानियों से जुदा क्यूंकि यही मेरी कमाई और यही है मेरा खुदा | दोस्तों अब वो पकाऊ चला गया और हम दोनों जिला साली प्रेमशंकर और लवली आ गये हैं आपके मनोरंजन के लिए |



दोस्तों आप तो जानते हैं उत्तर प्रदेश का रिवाज़ है कि जब कभी जीजा आये तो उनकी खातिरदारी अच्छे से करनी पड़ती हैं | मैं तो लवली हूँ और मेरे जीजा प्रेमशंकर जिससे मेरी बहन का ब्याह हुआ है वो एक एकदम निकम्मा और किसी भी लड़की पे लट्टू हो जाने वाला आदमी है | पर मोहे कोई दिक्कत ना है क्यूंकि मोरी बहन से बड़ो प्यार करतो है | मैंने तो कभी सोचा नहीं कि मेरी मुम्मी जिस लड़के को मेरी दीदी के लिए लायेंगी वो इतना बड़ा प्रेम पुजारी निकलेगा और मुझ पे ही लट्टू हो जाएगा | पर अब बोलू भी तो क्या साली होती ही आधी घरवाली है | मुझे भी कोई आपत्ति नहीं थी इस बात पे और मैंने कभी भी उनको जबरदस्ती करते नहीं देखा | हाँ वो मजाक बहुत करते हैं सभी से | मेरी अम्म तो उनको देखके ही मुह बना लेटी है जैसे की सालो से दुश्मनी चल रही हो | तो दोस्तों जैसे ही जीता घर आये पिछले साल मेरी अम्मा ने सारे बर्तन चौके से बाहर कर दिए और मोहे कह दिया लवली अप तू ही संभाल मेरे दुश्मन को | मैंने कहा मम्मी ऐसा नहीं करते घर आये मेहमान के साथ ऐसा कोई करता है क्या | तो अम्मा बोली तेरा दोस्त है तू ही खिला दे इसको पुड़ी सब्जी | अब मैं तो दो चक्की में फस गयी थी मैं सोच रही थी क्या करूँ |



मैंने भी सोचा चल लवली देखा जाएगा जो होगा और उतने में जीजा की आवाज़ आई खाना लग गया | जैसे ही माँ ने सुना माँ चिल्लाने लगी हाँ दुश्मन खा ले मोहे खा ले तू | मैंने कहा माँ चुप हो जाओ और जीजा से हाँ आ जाओ | अब बड़ी दिक्कत हो गयी थी मेरे साथ एक तरफ माँ एक तरफ जीजा और एक तरफ उनका उल्लू दोस्त जो खाते ही जा रहा था | पर एक दिन की तो बात थी | अब था सवान और कोई जीजा अपनी साली को झूला न झुलाए ऐसा हो सही सकता | मैंने तुरंत कहा चलो जीजा मुझे झूला तो जुला दो और जीजा तो ठहरे मजाकिया तुरंत कह दिया चल लवली तोहे अपनी बाहों में झूला झुलौंगा | मैंने कहा ना जीजा मोहे तो असलो वाला झूलना है | अब खेत में गए और वो गधा दोस्त भी गया वो जब तक झूला बंद रहा था तब तक जीजा और मैं बात कर रहे थे दीदी के बारे में और जीजा कहने लगे मैं धन्य हो गया तेरी दीद मिल गयी मोहे | मैंने कहा इतनी अछि साली मिली है उसका कुछ नहीं मेरी दीदी में ऐसा क्या है जो मुझमे नहीं है |



अब जीजा ठहरे जीजा वो तो कुछ भी बोल देते है | उन्होंने कहा तेरे पास न वो नहीं है जो उसके पास है | मैंने कहा बताओ जीजा क्या नहीं है मेरे पास | उन्होंने कहा ना तेरे पास कतई नहीं है  वो जो रुकमनी के पास है | मैंने अच्छा ऐसा क्या है जो मेरे पास नहीं है तो जीजा बोले लवली सुन ना पाएगी तू | मैंने कहा आप मोहे बता दो मैं सब सुन लुंगी | उन्होंने कहा पक्का सुन लेगी न | मैंने कहा हाँ जीजा अब बोल भी दो | उन्होंने कहा उसके उभार बड़े हैं और उसका बदन बिलकुल गठीला है और तू उसकी बराबरी कही से भी नहीं कर सकती | मुझे शर्म आने लगी मैंने कहा जीजा जे क्या बोल रहे हो | उन्होंने कहा तू ही सुनना चाहती थी तो ले सुनले | फिर मैंने कहा अच्छा चलो अब झूला बांध गया चलो और मोहे झुलाओ | उसका दोस्त चला गया वहां से और दूसरी लड्क्यों के साथ गप्पे मारने लग गया | जैसे जीजा वैसा दोस्त | अब जेजा मुझे धीरे धीरे झूला झुला रहे थे और मैंने कहा इतना अच्छा खाना खिलाया डीएम नहीं बची क्या अन्दर थोडा जोर से झुला दो |



जीजा ओले लवली डीएम तो इतनी है की तुझे मैं कही पे झुला सकता हूँ बस तैयार हो जा | मैंने कहा जीजा मैं सब समझती हूँ क्या बोल रहे हो आप मुझे बच्ची मत समझो मैंने भी अब सब कुछ जान लिया है | जीजा ने कहा अच्छा क्या जान लिया है ज़रा मोहे भी बता दे | तो मैंने कहा आप न मुझे चोदना कहते हो और मुझे ये बात पता है | तो जीजा ने कहा चल तो रुक्मनि के जैसी चूत  कहाँ है तेरी | मैंने बोला आपने कब देखि मेरी चूत | जीजा बोले तो दिखा न | फिर मैंने अपना लेहेंगा ऊपर करके जीजा को जैसे ही अपनी चूत दिखाई उन्होंने तुरंत अपना हाथ मेरी चूत पे लगा दिया | जीजा इतनी जोर से मेरी चूत को रगड़ रहे थे और मैं आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्ह आह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्ह आह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्ह आह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्ह आह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्ह कर रही थी | फिर उन्होंने मेरे पूरे कपडे उतार दिए और कहा चल आज खेत में ही तेरा मज़ा लेलेता हूँ | अब मैं तो पागल हो ही गयी थी और मैंने जीजा से कहा मेरे दूध पी के देखो दीदी से ज्यादा अच्छे हैं | जीजा दबा दबा के मेरे दूध पे रहे थे और मैं बस आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्ह आह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्ह आह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्ह आह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्ह आह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्ह कर रही थी |



उसके बाद उन्होंने अपनी जीभ से मेरी छूट को चाटने चालु किया और मेरे छूट के दाने से अब पानी बहने लगा था | मैंने कहा जीजा लंड पिलाओ न और आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्ह आह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्ह आह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्ह आह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्ह आह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्ह करते जा रही थी | जीजा ने अपना लंड निकाला और मेरे मुह में घुसा के पांच मिनट तक चोदा |



मैंने अब लंड का मज़ा भी ले लिया था और जीजा ने धीरे से मेरी चूत के लंड रखा और एक ही धक्के में पूरा अन्दर कर दिया | मैं आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आःह्ह आह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्ह आह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्ह आह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्ह आह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्ह आह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्ह करती रही | फिर जीजा ने मुझे आधे घंटे तक बजाय और माल मेरे पेट पे गिरा दिया | अब मैं चुदती रहती हूँ उनसे |
Viewing all 200 articles
Browse latest View live