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Channel: Indian Bhabhi Hindi Incest Savita Vellamma Naughty Sex Stories
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माँ चुद गयी सिनेमा हाल में

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मैं राज आप सब के सामने एक नयी स्टोरी अपनी मम्मी की लेकर आरहा हूँ. कामनी मेरी मम्मी की उम्र 38 है मैं 16 साल का हूँ. मम्मी की फिगर 38 34 36 है. मस्त चूची और गांड. कोई भी देख ले तो लण्ड खड़ा हो जाये. इसे पहले आपने पढ़ा कैसे मैंने मम्मी को नींद की दवा खिला के चोदा. अब आगे.

हर शनिवार मैं माँ को नींद की दवा खिला के चोद रहा था. इस चुदाई से मम्मी भी खुश थी. हालांकि उसे इस बात का पता नहीं था कि उसकी चुत से पैदा हुआ उसका बेटा उसे चोद रहा है. मम्मी का बदन भी इतना जबरदस्त है कि उसको चोद के मजा आ जाता है.


माँ के स्वाभाव में भी अब बदलाव आ रहा था. हमेशा साड़ी पहनने वाली मेरी मम्मी अब जीन्स और स्कर्ट पहनने लगी थी घर में. कुछ दिन पहले ही मम्मी ने जालीदार ब्रा पेंटी ख़रीदा था. मैं रोज माँ को नहाते देखता और उनकी ब्रा पेंटी पे मुठ मरता. पापा का देहांत हुए 3 साल हो गए थे.

एक संडे मैं और मम्मी मामा के घर गए. लौटते हुए शाम के 5 बज गए थे. रस्ते में एक सिनेमा हॉल था उसमें फिल्म लगी थी डाकू हसीना. ये फिल्म सी ग्रेड फिल्म थी. सिनेमा हाल के पास ही बस स्टैंड था. मैं और मम्मी बस का इंतज़ार कर रहे थे. अचानक मैंने कहा कि मम्मी चलो न फिल्म देखते है डाकू वाली फिल्म लगी है एक्शन मूवी है देखते है.

पोस्टर में डाकू और एक लड़की जो हीरोइन थी उसका बिकनी में तस्वीर थी. माँ ने कहा राज रहने दो ये अच्छी फिल्म नहीं है कोई और फिल्म देखते है. पर मैं फिल्म देखने की ज़िद करने लगा. आखिर कर माँ को मेरी ज़िद के आगे झुकना पड़ा. पर माँ ने कहा देखो टिकट के लिए इतनी भीड़ है टिकट नहीं मिलेगी रहने दी बाद में फिल्म देखते है.

मम्मी पिली कलर की साड़ी पहनी हुई थी लौ कट ब्लाउज पहनी थी. माँ अंदर काली ब्रा पहनी थी जो की ट्रांसपेरेंट साड़ी की वजह से दिख रही थी. फिल्म सी ग्रैड की थी इसलिए देखने वाले भी सी ग्रैड के ही थे. फिल्म देखने वालों में 2 /4 ही महिला थी जो की देखने में ही रंडी लग रही थी. हाल में भीड़ ज्यादा थी दो लोग जो की गंदे से दिख रहे थे लगातार मम्मी को घूर रहे थे और अपना लण्ड पेंट के ऊपर से सहला रहे थे.

मम्मी टिकट की लाइन में लगी. वो दोनों आदमी मम्मी के आगे पीछे लग गए. पीछे वाले ने माँ के कान में कहा मैडम हम लोग आपकी टिकट ले लेते है. माँ ने मना कर दिया. भीड़ बढ़ गयी पीछे वाला बंदा माँ से चिपक गया. उसका खड़ा लण्ड माँ की गाण्ड की दरार में घुस रहा था. शायद मम्मी को भी मजा आ रहा था. पीछे वाला बंदा धीरे धीरे माँ की गाण्ड सहला रहा था और सामने वाला चुचे दबा रहा था.

काउंटर के सामने जबर्दस्त भीड़ थी. पीछे वाले ने भीड़ का फायदा उठा के माँ की साड़ी में हाथ डाल के गाण्ड दबा दिया. माँ उन दोनों के बीच फस गयी थी. लेकिन माँ रंडी की तरह उसके लण्ड का मजा अपनी गांड में ले रही थी. काउंटर पे आगे वाले ने टिकट लेने के लिए पैसे दिए तो माँ के पीछे वाले आदमी ने कहा कि भाभी और उसके लौंडे की टिकट भी ले ले आज की फिल्म बहुत खास है.

माँ कुछ बोलती उससे पहले ही पीछे वाले आदमी ने माँ की गांड जोर से दबा दी. माँ कुछ बोल न सकी. तब तक आगे वाले ने बॉक्स की चार टिकट ले ली और माँ से कहा भाभी जी टिकट तो हो गया अब चले मज़ा आएगा.

माँ कुछ कहती उससे पहले ही मैंने कहा थैंक्स अंकल मुझे तो डर लग रहा था कि टिकट मिलेगा की नहीं.
उन दोनो ने हस्ते हुए कहा बेटा हम है ना तुम्हारी और तुम्हारी मम्मी का ख्याल रखने के लिए. हालांकि माँ थोड़ी परेशान भी हो रही थी की टिकट लाइन में जो शुरू हुआ था वो अब सिनेमा हॉल में भी होगा. तभी एक आदमी ने कहा जो लाइन में माँ के पीछे खड़ा था भाभी आप परेशान मत हो बहुत मस्त फिल्म है और हमलोग है ना आपको फिल्म बहुत मजेदार लगेगी. इस बीच दोनों माँ की कभी चुतर सहलाते तो कभी चुचे पे हाथ फेरते. माँ बुरी तरह से फस चुकी थी.

बॉक्स में सिर्फ आठ लोग थे हम चार और दो जोड़ी और दोनों महिला पूरी तरह से रंडी लग रही थी. हॉल की लाइट बंद होते ही दोनों जोड़े शुरू हो गए. मम्मी के दोनों तरफ दोनों अंकल बैठे थे और मैं सब से साइड में था. मम्मी को मैं चोद चूका था लेकिन एक साथ दो लण्ड से माँ को चुदता देखने को तड़प रहा था.

लाइट बंद होते ही दोनों अंकल शुरू हो गये. एक माँ के होंठ पे होंठ रख के चूसने लगा तो दूसरा माँ के चुचे को ब्लाउज से निकल के निप्पल चूसने लगा. माँ पागल भी हुए जा रही थी तो उसे शर्म भी आ रही थी की उसका बेटा बगल में है.

अब माँ पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी.

माँ ने दोनों हाथों में उन दोनों का लण्ड लेलिया और सहलाने लगी. तभी निप्पल चुस रहे अंकल ने एक ऊँगली माँ की चूत में डाल दिया माँ सिसकारी भरने लगी. माँ ने धीरे से कहा क्या कर रहे हो तब उस दाढ़ी वाले अंकल ने कहा साली रंडी चुपचाप मजे ले तुझे देख के ही समझ गया था कि तू बहुत बड़ी चुदक्कड़ है.

तभी उसने माँ के बाल पकड़ कर उसके मुह को अपने लण्ड के पास लगाया और कहा कि रंडी चुसो मेरे लण्ड को. तबतक दूसरे ने अपना लण्ड माँ की चूत में डाल के चोदन लगा.

एक तरफ माँ लण्ड चूस रही थी तो दूसरी तरफ माँ की चूत चुद रही थी. पहले वाला माँ की चूत में झाड़ गया दूसरे ने माँ के मुह से लण्ड निकाला और उसकी गाण्ड में डाल दिया. और चोदन लगा. फिल्म कैसी हे वो तो जिन लोगों ने उसे देखा हे वही जानते हे. ये फिल्म में डाकुरानी होती हे वो गाँव की लड़की होती हे जिसका बहुत बार बलात्कार हुआ होता हे. और उसका बदला लेने के लिए ही वो डाकू बनी होती हे. और डाकू बनने के बाद में उसकी गेंग के डाकू भी डाकुरानी को चोदते रहते हे. फिल्म में बूब्स आधे से ऊपर बहार दिखाए जा रहे थे. और ऐसी फिल्म में मेरी मम्मी चुद गई!

फिल्म के इंटरवल तक दोनों ने दो दो बार माँ को चोद लिया था. इंटरवल में माँ ने कपडे ठीक किये और फिल्म हॉल से मुझे ले के निकल गयी. इस तरह दो अंजान आदमी की रांड बन गयी मेरी मम्मी.

वर्जिन ट्यूशन वाली दीदी की चुदाई

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हेलो दोस्तों मेरा नाम अंकित है और मैं पंजाब में रहता हूं. यह स्टोरी उस समय की है जब मैं बारहवीं में पढ़ता था और मुझे अच्छे मार्कस लाने लिए लिए मुझे ट्यूशन लेनी पड़ती थी.

मेरी ट्यूशन वाली दीदी का नाम सीमा था और वह तब 24 साल की थी. सीमा दीदी बहुत होशियार थी  और वह बहोत ही सुंदर भी थी. क्योंकि वह पढ़ाई ज्यादा करती थी तो उनका कोई बॉयफ्रेंड नहीं था और वह 24 साल की उम्र में भी वर्जिन ही थी. दसीमा दीदी काफी सेक्सी और हॉट भी थी और फिर भी मुझे उन्हें दीदी बोलके बुलाना  पड़ता था. सीमा दीदी के फादर नहीं थे और वह अपनी  मम्मी के साथ रहती थी.


बात उस टाइम की है जब मैं बारहवीं में था और ठंडी की छुटी के दिन चल रहे थे. तब ठंड बहुत ज्यादा पड़ रही थी और मेरी ट्यूशन का टाइम शाम को 6:00 से रात के 8:00 बजे का था. मुझे नई नई जवानी आई थी और मेरा इंटरेस्ट लड़कियों के बॉडी पार्ट्स पर ज्यादा जाने लगा था.

में रोज ट्यूशन में अपनी बुक्स से ज्यादा दीदी की फिगर और बूब्स को  देखता था. कई बार तो उन्होंने मुझे देख भी लिया था, पर उसने हर बार मेरी भूल को स्माइल कर के इग्नोर कर दिया. गर्मी की छुट्टियो में दीदी की एक कजिन की  दिल्ली में शादी थी. मेरी ट्यूशन की वजह से उन्होंने जाना कैंसल कर दिया, क्योंकि शादी में ३-४ दिन लगने वाले थे.

तो आंटी अकेली चली गई और मेरी मम्मी को दीदी का ख्याल रखने को कह दिया. तो मेरी मम्मी ने भी मुझे बोल दिया कि रात को तुम टूशन खत्म होने के बाद सीमा दीदी के घर ही रुक जाया करना, और सुबह अपने घर पर वापस आ जाना. मैंने मां से कहा ठीक है और यह सुनकर मैं मन ही मन बहुत खुश हुआ की अब तो में दीदी के इतने नजदीक रहूँगा तो में कुछ कोशिश तो कर ही सकता हु और काम बन गया तो अपनी तो गाडी चल पड़ेगी.

अगले दिन में दीदी के घर पर ट्यूशन के लिए पहुंचा तो मेरे मन में अजीब वासना थी. सीमा दीदी के घर पर पहुंचने के बाद मैंने देखा की आज दीदी ने लाइट टी शर्ट और स्कर्ट पहनी थी. उसने पहनी हुई टी शर्ट थोड़ी टाईट थी और उसकी स्कर्ट बहुत ही शोर्ट थी. उन्हें इतनी सेक्सी ड्रेस में देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया और में मन में ही मन सोचने लगा की हे भगवान आज मेंरी लाइन क्लियर कर देना.

फिर मैने जल्दी से अपना खड़ा लंड सेट कर दीया, दीदी की नजर शायद मेरे इस हरकत को देख चुकी थी. उन्होंने फिर से स्माइल कर दी, मुझे कुछ अटपटा लगा.

जब दीदी मुझे पढ़ाने लगी तो वह जब भी थोड़ा जुक कर लिखती तब उनके बूब्स की  क्लीवेज मुझे दिख जाती. मेरे मन में उसके लिए वासना और भूख बढ़ने लगी और मेरा लंड फडफडाने लगा. मैं सोचने लगा की दीदी को कैसे चोदु.

अब में तो ट्यूशन के बाद में वह रुकने वाला था, और कुछ टाइम घूमने चला गया ७:४५ के करीब. मैंने नेट पर सर्च किया की  लड़कियों को कैसे सिड्यूस करते हैं. मुझे पता चला की वियाग्रा से ऐसा हो सकता है. सो मै स्टोर पर गया और वियाग्रा की टेबलेट ले ली. फिर मैने एक जूस की एक बोतल ली और वियाग्रा की गोली उसमें मिला दी. फिर मैं वापस सीमा दीदी के घर आ गया और मैंने जूस उनको पीने को दिया. फिर दीदी ने बड़ी ख़ुशी से जूस पी लिया.

फिर मैं किचन में पानी पीने गया १० मिनट के बाद तो वापिस आने पर देखा दीदी वहां नहीं थी. मैं उनके घर की तरफ गया तो दिदी का रूम का दरवाजा बंद था पर वह लोक नहीं था. मैंने धीरे से दरवाजा खोला तो देखा की दीदी  बेड पर लेटी हुई थी, और वह अजीब अजीब  सी आवाज निकाल रही थी, और अपनी स्कर्ट के अंदर बार बार अपना हाथ डालते हुए उसे मसल रही थी. उनकी आंखें बंद थी और वह औउ अह्ह्ह अह्ह्ह औऊ अह्ह्ह अम्म्म ओह्ह आह्ह औज्ज ईई अह्झ्ह्ह जज्ज मम्म अह्ह्ह उह्ह्ह उम्म्म ओह्ह ओंम्म्म्म कर रही थी. मैं समझ गया की वियाग्रा ने दीदी को तड़पा दिया है सेक्स के लिए.

मैं यह मौका गवाना नहीं चाहता था. तो मैं भी बहोत जल्दी से उनके पास गया और बोला क्या हुआ दीदी आपको? तो वह डर गई और अपना हाथ स्कर्ट से निकाल दिया और कहने लगी कुछ नहीं. मैंने बोला कुछ तो हुआ है प्लीज बताओ.

तो वह कुछ भी नहीं बता रही थी और वियाग्रा का फुल असर होते ही उनसे रहा नहीं गया, और उन्होंने फिर स्कर्ट में हाथ डाल दिया और चूत को सहलाना शुरू कर दिया और वह भी मेरे सामने. इधर मेरा लंड यह सब देख कर मेरी निकर को फाड़ कर बहार निकलने की कोशिश करने लगा.

मैने ज्यादा कुछ सोचा नहीं और दीदी की स्कर्ट जबरदसती उतार दी. मदहोश होने के कारण दीदी मेरा विरोध नहीं कर सकी.  मैंने जल्दी से दीदी की पैंटी  में मेरा हाथ डाल दिया और मसलने लगा. मेरा हाथ पडते ही सीमा दीदी ने अपना हाथ निकाल लिया और औऔ हहह उऔउ अम्म्म अह्ह्ह उऔ जज्ज एऊ ईई अह्ह्ह अओअऊ ओह्ह्ह ओः अहः अह्हह ओह्ह औम्म्म आयी उझ्ह्ह इम्म्म्म   आवाजे करते हुए बेड पर लेट गई.

यह देख कर मैं खुश हो गया क्योंकि मेरा काम बन गया था. दीदी की चूत एकदम से शेव की हुई और पिंक थी. मैंने एक उंगली डालनी चाहि तो मेरी उंगली उसकी चूत में  नहीं जा पाई, क्योंकि उसकी वर्जिन चूत अभी भी काफी टाइट थी. मुझे समझ में आ गया की दीदी अभी भी  वर्जिन है. अब तो में भी एकदम गरम हो गया था.

मैंने जल्दी से अपने  एक एक कर के सारे कपड़े उतारे और फिर दीदी की चूत को सहलाने लगा. दीदी मदहोशी में आह्ह अह्ह्ह अम्म ऊऊ ऊऊओ ह्ह्ह येस्स्स्स बेबी फक मी आह्ह्ह्ह ईई फक मी बेबी आऊऊ कह रही थी. इससे मेरा जोश और भी बढ़ गया. मैंने चूत के साथ साथ दीदी के एक बूब को भी दबाने लगा.

फिर सीमा दीदी और भी मचलने लगी. मैंने दीदी की टी शर्ट उतार दी और ब्रा भी खोल दी जल्दी से. ब्रा उतरते हैं उनके ज्यूस टाइट और गोरे गोरे बूब्स मेरे सामने थे. मैं उनपे झपट पड़ा और उन्हें चूसने लगा. दीदी के बूब्स बहुत रसीले थे, तो मैं उन्हें २० मिनट तक चूसता रहा और चूत भी सहलाता रहा.

फिर मैंने दीदी के होंठों को चूसा और वह भी मेरा साथ देने लगी. दीदी अभी भी मदहोश करने वाली आवाज निकाल रही थी. अह्ह्ह हह्ह्ह हहह जानू चुसो मरे बूब्स को इनका रस पि लो मेरी जान ..आझ्ह्ह अक्क्क्क इह्ह्हह्ह आह्ह्ह उम्म्मम्म ओह्ह्ह्ह चुसो बेबी और जोर से चुसो मुझे.

कुछ देर चूसने के बाद मैंने अपना लंड दीदी की चूत पर रख दिया और धीरे से झटका मारा. मेरा लंड अंदर नहीं गया क्योंकि दीदी की चूत टाइट थी और चूत की सील नहीं टूटी थी.

फिर मैंने एक जोर से झटका मारा तो लंड थोड़ा अंदर गया. दीदी चिल्ला उठी. मैंने जल्दी से उनके होठों को अपने होठों से बंद करके चूसना शुरू कर दिया और एक और जोर का झटका मारा, मेरा आधा लंड दीदी की चूत की सील तोड़ता हुआ अंदर घुस गया. दीदी दर्द में तड़पने लगी और मुझे धक्का मारने लगी. आःह्ह अंकित निकाल बाहर इसे. पर मेरे दिमाग में सेक्स सवार था, मैं नहीं रुका और फिर धक्का मारा. इस बार लंड पूरा अंदर चला गया और दीदी और तड़पने लगी मुझे मज़ा आ रहा था दीदी को तड़पते देख कर.

मैंने जोर जोर से मेरा लंड दीदी की चूत के अंदर बाहर करना शुरू कर दिया, दीदी लगातार तड़प रही थी और चिल्ला रही थी साले निकाल बाहर लंड अपना दर्द हो रहा है मुझे. निकाल देना यार.  मैं इससे और जोश में आ गया और चोदने की स्पीड बढ़ा दी दीदी और तड़पने लगी. उनकी हर अह्ह्ह उह्ह्ह इह्ह्ह निकालो अब मजे में बदलकर अहहह जानू येस्स्स्स चोदो मुझे और चोदो अंकित  मैं बदल गई.

मैं भी सातवें आसमान पर था मैं चोदता रहा दीदी साथ देती रही. और अपनी गांड उछाल उछाल कर कहती रही चोदो इस प्यासी को चोदो आज तुमने मेरा सपना पूरा कर दिया… तुम मेरी जान हो… अपनी दीदी को और जोर से चोदो यार… आई लव यू बेबी… और जोर से चोदो जानू आह्ह्ह अह्ह्ह्ह अह्ह्ह ओह्ह्ह.

लगभग ४५ मिनट के हॉट सेक्स के बाद हम दोनों झड़ गए और मेने दीदी की चूत में अपना माल छोड़ दिया. दीदी बहुत खुश थी और हम गले लगकर नंगे लेटे रहे. मैं उनके बूब्स चूसता रहा. इस दौरान मेरा लंड खड़ा हो गया और मैंने फिर सेदीदी को ३० मिनट तक घोड़ी बना कर जोर जोरसे चोदा.

फिरहम लोग नहाने चले गए जहां फिर दीदी को चोदा बात टब के अंदर पानी में. नहाने के बाद हमने खाना खाया फिर मैंने दूध पिया. रात के ११:३० बजे  जब हम सोने लगे तो मैंने फिर एक बार दीदी को जमकर चोदा. दीदी पूरे मूड में मेरा साथ दे  रही थी और इंजॉय कर रही थी.

अगले दिन सुबह घर जाने से पहले मैंने एक बार फिर अपनी प्यारी सेक्सी दीदी को चोदा. अगले 3 दिन मैंने दीदी की खूब चुदाई की और गांड भी चोद दी.

उनकी मम्मी के आने के बाद भी हम लोग दीदी के कमरे को लॉक कर के चुदाई करते थे. अब सीमा दीदी की शादी हो गई है लेकिन जब मेरा मन करता है मैं उनको बुला लेता हूं उनके मायके. आज भी सीमा दीदी मेरे लंड के लिए तड़पती है.

मेरी बीवी चुद गई फोटो स्टूडियो में

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हेल्लो दोस्तों मेरा नाम अजय हैं और मैं आज आप को अपनी एक हॉट कहानी बताने जा रहा हूँ. ये कहानी को पढ़ के अच्छे अच्छो के लंड का पानी चूत जाए ऐसी सेक्सी कहानी हैं ये.

मेरी उम्र 25 साल हैं और मेरी वाईफ का नाम नेंसी हैं 23 साल की हैं. मैं और मेरी वाइफ जालंधर में रहते हैं. और मैं अपनी लाइफ से बहुत ही ज्यादा खुश हूँ. मेरी और नेंसी की शादी को अब दो साल हो चुके हैं और हम एक दुसरे को बहुत ही प्यार करते हैं. और वो मेरा बहुत ही ख्याल भी रखती हैं.


मेरी वाईफ दिखने में एकदम सुन्दर हैं और उसकी हाईट भी अच्छी खासी हैं. और उसका रंग एकदम गोरा हैं और फिगर भी एकदम हॉट हैं उसका. मैं उसे जब भी देखता हूँ तो लंड खड़ा हो जाता हैं. और रात के साथ साथ मैं उसे दिन में भी मस्त चोदता रहता हूँ.

ऐसे ही कुछ समय निकल जाने के बाद फरवरी का महिना आया और मैंने उस वक्त सारे डे मनाये जो मैं मनाता आया हूँ. सब से पहले रोज दे मनाया और मैंने अपनी बीवी को खुश किया. और फिर उसके अगले दिन प्रोपोज डे आया और मैं उसे एक मस्त डिनर डेट के ऊपर ले गया और उसके साथ लाईफ भर का प्रोपोज किया. फिर वैलेंटाइन डे आया और मैंने पहले से ही प्लान कर के रखा था की अपनी वाइफ को बहार घुमाने के लिए ले के जाऊँगा, और फिर रात को बहार डिनर करेंगे और मैं नेंसी को फुल चोदुंगा!

वैसे चोदना तो मैं दिन में भी चाहता था पर मैं ये मजा रात को लेना चाहता था. इसलिए सुबह मैं ऑफिस चला गया और फिर जब वहाब से शाम को आया तो मेरी वाइफ नेंसी ने पिंक कलर की साडी पहनी हुई थी. वो एकदम रेडी ही थी मेरी वेट में. जैसे ही मेरी नजर उसके ऊपर पति तो मेरा लंड खड़ा हो गया क्यूंकि उसका 32 28 32 का फिगर देखह कर किसी का भी खड़ा हो जाए ऐसा बदन हैं उसका!

अब जब मैं घर आया तो मेरी बीवी ने मुझे पानी दिया और कहा की चलो पहले फोटोग्राफर के पास चलते हैं. मैंने देखा तो आलरेडी लेट इवनिंग हो गई थी और मैंने सोचा की बहुत लेट हो गया हैं फोटोग्राफर के लिए तो. मैंने नेंसी को समझाया की भला अभी कोई फोटोग्राफर नहीं मिलेगा हम को. लेकिन वो नहीं मानी और मैं उसकी जिद्द के आगे हार सा गया. मैं रेडी हुआ और हम लोग मेरी बाइक पर निकल पड़े. बहुत सब रोड घुमे लेकीन कोई भी फोटो की शॉप खुली नहीं थी. आखिर एंड में एक फोटोग्राफर की शॉप मिली जो खुली हुई थी.

शॉप ओपन मिल जाने से हम काफी खुश हुआ और फिर हम चले गये तो वहां एक फोटोग्राफर अन्दर था. तो हम सीधे अंदर ही चले गए. मैंने उस फोटोग्राफर को कहा की हम फोटो खिंचवाने के लिए आये हैं.

तो उस फोटोग्राफर ने हम दोनों को बाल वाल सही करने के लिए कहा. पहले नेंसी को सिंगल फोटो लेनी थी इसलिए वो अकेली अन्दर गई और मैं साइड में एक छोटे से स्टूल के ऊपर बैठ गया.

अब उसने पहले बेकग्राउंड को सेट किया और फिर नेंसी को खड़ा होने को कहा. और फिर उसको अच्छे से पोज़ में आने को कहा तो उस से हो नहीं पा रहा था. इसलिए फोटोग्राफर ने नेंसी के हाथ को पकड़ा और उसकी कमर पर ले जाकर रख दिया और फिर इसी बहाने उसने नेंसी के जिस्म को छू लिया. और फिर उसने एक फोटो खिंच ली. और फिर उसके पास आकर केमेरा में फोटो दिखाने लगा. और ऐसा करते हुए उसने नेंसी के बूब्स को जरा सा टच कर लिया.

इस तरह से अब उसने एक और पोज लिया और फिर नेंसी के पल्लू को आगे लेने लगा और फोटो लेने को कहा तो मेरी बीवी ने कहा की उसे साडी बांधनी नहीं आती हैं इसलिए फोटोग्राफर ने अलग पोज में फोटो ले ली. और फिर अब मुझे भी खड़ा होने को कहा और हम दोनों की फोटो ले ली. और हमें तीसरे दिन आने के लिए कहा. और फिर हम वहां से चल पड़े.

फिर अब जब तीसरा दिन आया तो मेरी वाइफ ने मुझसे पैसे मांगे. तो मैंने नेंसी को पैसे दे दिए टी उसने कहा की शाम को जाउंगी फोटो लेने. तो मैंने कहा की ठीक हैं और फिर ऑफिस के लिए निकल गया. अब जब शाम हुई तो घर आयातो नेंसी फोटो लेने के लिए जाने लगी. तो मैंने उसे रोका नहीं बल्कि खुद भी उसके पीछे चला गया.

अब जब वो पहुंची तो सिधा ही अन्दर चली गई क्यूंकि रिसेप्शन पर कोई भी नहीं बैठा था. और मैं भी अन्दर हो कर शीशे के पीछे हो गया जहाँ से मुझे अन्दर का सब दिख रहा था. जैसे ही नेंसी वहां पहुंची तो फोटोग्राफर बुला आ गए आप मैं आप का ही इंतज़ार कर रहा था. और फिर वो वही पर बैठ गई तो उसने नेंसी से कहा की आप की फ़ोटोज़ तो बहोत ही ज्यादा अच्छी आई हैं और सच में आप बहोत ही खुबसुरत हो.

ये सुनकर नेंसी खुश हो गई तो फोटोग्राफर ने एक और फोटो लेने को कहा क्यूंकि वो चाहता था की नेंसी की फोटो में साड़ी के पल्लू गिरा हुआ हो. इसलिए उसने नेंसी को साडी पहनने को कहा जो की अन्दर ही पड़ी हुई थी. मेरी बीवी ने कहा की उसे साडी बांधनी नहीं आती हैं इसलिए वो सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में ही डाल लेगी.

अब फोटोग्रफेर ने उसे हां कह दिया और कहा की मैं पहना दूंगा. तो वो अन्दर जाकर ब्लाउज पहन कर आ गई. फिर जैसे ही वो बहार आई तो उसका फिगर एकदम मस्त लग रहा था जिसको देख के हम दोनों मर्दों के लंड खड़े हो गए.

और फिर फोटोग्राफर ने साडी को हाथ में लेकर लपेटना चालू किया. और उसके हाथ नेंसी को टच हो रहे थे इसलिए वो भी गर्म हो गई टी. फोटोग्राफर ने भी मौके का फायदा उठाते हुए बूब्स को ऊपर से ही दबाना शरु कर दिया. और धीरे धीरे नेंसी सिस्कारियां भरने लगी गई. तो उसने उसका ब्लाउज उतार दिया और बूब्स को मुहं में भर के चूसने लगा गया. और उसने अपना दूसरा हाथ नेंसी की चूत पर लगा दिया.

अब फोटोग्राफर ने भी कपडे उतार दिए और लंड को नेंसी के हाथो में दे दिया. और नेंसी उस लंड को ऊपर निचे करने लग गई. और फिर उसे मुहं में लेकर चूसने लग गई. इसी बिच उसके लंड ने पानी निकाल दिया जिसे नेंसी ने पी लिया.

अब ये सब हो जाने पर नेंसी का खुद पर कंट्रोल नहीं हो रहा था. तो उसने लंड को चूत में डालने को कहा तो फोटोग्राफर ने एक ही पल में अपने लंड को चूत पर रखते ही एक जोर का धक्का दे दिया. झटके की वजह से नेंसी चिल्ला उथी और वो अपनी गांड को उठा के चुदवाने लगी.

ये देख कर मैं भी जोश में आ गया. नेंसी गांड उचका उचका के चुदवा रही थी. और करीब 10-12 मिनिट तक नेंसी ने गांड हिला हिला के लंड लिया. फिर उस फोटोग्राफर ने अपने लंड का पानी नेंसी की चूत में ही छोड़ दिया. और उसने एक एक बूंद को चूत के अन्दर खाली कर दिया.

ये सब देख कर मैंने भी वही खड़े खड़े मुठ मार ली और घर आ गया. पर दोस्तों अब मैं जान गया था की मेरी बीवी का जब भी मन होगा वो ऐसे ही उस फोटोग्राफर से चुद्वाती रहेगी.

सहेली ने मुझे अपने जीजू से चुदवाया

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दोस्तों मेरा नाम पिंकी हैं और मैं दिल्ली की रहनेवाली हूँ और कॉल सेंटर में जॉब करती हूँ. आप सब पहले मेरे बारे में जान लीजिये. मैं बहुत ही चुदक्कड किस्म की हूँ और मुझे डेली सेक्स करना पसंद हैं. क्यूंकि अब मेरे बहुत सारे बॉयफ्रेंडस हैं. मैं अपने फिगर के बारे में बताऊ टी वो 36 30 38 का हैं. मैं बहुत ही हॉट लड़की हूँ. मेरे कोलोनी के सारे लड़के मुझसे दोस्ती करना चाहते हैं. मैं भी बहुत सारे लडको से चुदवा चुकी हूँ.

ये कहानी के अन्दर मैं आप को बता रही हूँ की कैसे मैंने अपनी एक दोस्त के जीजू से चुदवाया था. मैं और मेरी ये सहेली दोनों एकदम खास फ्रेंडस हैं. मतलब की हम दोनों में से जो भी किसी से चुद्वाती हैं तो वो अपनी पिक्स और वीडियो भी दूसरी को भेजती हैं. जब मैं चुद्वाती हूँ तो उसको भेजती हूँ और वो चुद्वाती हैं तो मेरे को बताती हैं और पिक्स और क्लिप्स भी भेजती हैं अपनी.


एक दिन ऐसे ही व्हटसएप्प के ऊपर मेरी सहेली ने मुझे ओला की मेरे जीजू आ रहे हैं तो तो हमारे घर पर आजा. मैं अपनी सहेली के घर गई और कुछ देर उसकी हेल्प की क्यूंकि उसके जीजू आ रहे थे और वो अपनी जीजू के लिए बड़ी तैयारी में लगी हुई थी. मेरा मतलब की पार्टी की तैयारी कर रही थी. और बातों बातो में उस से कहा मैंने की तू तो बहुत सब तैयारी कर रही हैं, बात क्या हैं? तो उसने कुछ बोला नहीं और सिर्फ हंस दिया.

मैं समझ गई की एमरी सहेली अपने जीजू से चुदवा चुक हैं क्यूंकि उसने मुझे एक बार बताया की वो और उसके जीजू दोनों एक दुसरे को लाइक करते हैं. मैंने सोचा की अपनी सहेली से पूरी बात पूछती हूँ.

मैंने अपनी सहेली से पूछा की क्या तू अपने जीजू से चुदी हैं? वो कुछ नाह बोली लेकिन मैंने भी बार बार पूछा. तो एंड में उसने कहा की देख पिंकी किसी को पता ना चले और मेरी दीदी को पता चला तो वो मुझे कच्चा चबा लेगी. मैं समझ गई की वो अपने जीजू का लंड ले चुकी थी. क्यूंकि वो मुझे अब सब बताने लगी और बताया की जब भी जीजू आते हैं तो वो उसकी चूत को अवश्य चोदते हैं. और उसने बताया की वो अच्छे हैं चोदने में.

रात में मैं अब धीरे धीरे एक्साइट  हो रही थी क्यूंकि मेरी सहेली ने बताया था की उसके जीजा का लंड बहुत बड़ा हैं और मोटा भी. और वो चोदने में टाइम भी काफी लेते हैं. मैं भी अब चुदवाने के लिए जैसे एकदम उतावली सी हो गई थी.

मैंने उसे बोला की मेरी भी सेटिंग करवा दे क्यूंकि मैं भी अब तेरे जीजू का लंड लेना चाहती हूँ! मैंने सहेली क बाते की सच में तेरा जीजा बड़ा हेंडसम हैं और उसकी बॉडी भी एकदम मसल वाली हैं. मैंने सहेली से पूछा की बताना क्या तू मेरी मदद करेगी?

मेरी सहेली ने कहा ठीक हैं और उसने मुझे रात में आने के लिए बोला. मैं उसके साथ उसके काम में हेल्प करने लगी.

कुछ ही देर बाद मेरी सहेली के जीजू घर आ गए और हम दोनों ने उनको हग किया और अपने काम में लग गई. क्यूंकि हम दोनों ही जीजा के लिए पार्टी का इन्तजाम कर रही थी. मैं ये बता दूँ की मेरी सहेली के जीजू से मेरी भी अच्छी बनती हैं और मैं भी कभी कभी उनके साथ नॉन वेज वाली बातें करती हूँ.

मेरी सहेली और मैं जीजू से नॉन वेज बातें करइ लगे जैसे की जीजू आप रात में खूब खाते हैं क्या, आप की बॉडी बहुत अच्छी हैं. और जीजू बोले की एक को तो खा ही लिया हूँ. उनका कहने का मतलब था की वो मेरी सहेली को चोद चुके हैं. और आगे उन्होंने कहा की लेकिन मुझे आगे और भी खाना हैं, मतलब की वो मुझे भी चोदना चाहते थे. मैं समझ गई की मेरी सहेली के जीजू की नजर मेरे उपर भी थी क्यूंकि वो मुझे बहुत ही वैसे नजर से देख रहे थे. बार बार उनकी आँखे मेरे बूब्स के ऊपर आ जाती थी और जैसे वो बूब्स के बिच की बड़ी क्लीवेज में झाँक रहे थे.

मैंने जीजू से कहा की अगर आप एक को खा लिए हो फिर दूसरी को भी खा ही लीजिये. तब जीजू समझ गए की मैं भी उनसे चुदवाना चाहती हूँ और जीजू ने मेरे पीछे आकर मुझे और मेरी सहेली को हग किया और बोले की कब खाने को मिलेगा मुझे. मेरी सहेली बोली की जीजू अभी नहीं, पिंकी बहुत ही गर्म हैं अभी ऐसे खाओगे तो मुह जल जाएगा आप का.

मैंने भी एक सेक्सी स्माइल कर दी जीजू को और मेरी तरफ एक फ्लाइंग किस कर दी उन्होंने और बोले की मुझे पता हैं पिंकी बहुत ही गरम माल हैं. मई और मेरी सहेली जीजू और दीदी के लिए खाना लाए और पार्टी शरु किये. क्यूंकि मैं जल्दी ही अपने घर जाना चाहती थी. क्यूंकि शाम हो गई थी और मेरे मोबाइल पर बहुत सब के मेसेज औ व्ह्ट्सएप्प भी आने लगे थे. (वो इसलीए की मैं शाम को अपने दोस्तों के साथ न्यूड पिक्स वाली चेटिंग करती हूँ)

मैं पार्टी करने के बाद अपने अपने घर पर गई और अपनी सहेली को बोल दी  की अपने जीजू से मेरी सेटिंग करवा देना. मेरी सहेली ने मुझे आँख मारी और हग कर के बोली की पिंकी अपनी जीजू से तुझे आज ही चुदवा दूंगी और हम दोनों ने एक दुसरे को किस किया. और मैं अपने घर पर आ गई. और रात को डिनर कर के अपने बॉयफ्रेंड से सेक्स चेट कर ली. और फिर कुछ देर के बाद मेरी सहेली के मेसेज आया. वो बोली की मैं अपने जीजू के साथ तेरे घर पर आती हूँ.

मैं बोली ठीक हैं आ जा और मैं देखि की मेरी सहेली और जीजू दोनों लोग स्कूटी से मेरे घर पर आ गए. मैं जल्दी से उन्हें अपने रूम में ले आई और वो दोनों मार्केट से पिज्जा और कोल्ड ड्रिंक लेकर आये थे.

हम सबने पिज्जा खाया और कुछ देर के बाद मेरी सहेली मुझसे बोली की जीजू को मैं सब बता दी हूँ की तू उनसे चुदना चाहती हैं और वो नाटक कर के बाथरूम में चली गई और बोली की मैं 20 मिनिट में आती हूँ.

मैं और मेरी सहेली के जीजू एक दुसरे को देख रहे थे और तभी जीजू ने मुझे किया और मुझे बोली की क्या इरादा हैं.

मैं भी उनको स्माइल दी और वो समझ गए. हम दोनों बेडरूम में गए. मैं उस दिन नाइटी में थी और जीजू ने किस करते हुए मेरी नाइटी निकाल दी और अब मैं ब्लेक कलर की ब्रा और पेंटी में थी. जीजू भी धीरे धीरे नंगे हो गए और मुझे और भी तीव्रता से किस करने लगे.

5 मिनिट के बाद उन्होंने मेरी ब्रा निकाल दी और मेरी चूची को दबाने लगे और मसलने लगे. मैं अब और भी एक्साइट हो चुकी थी. हम दोनों एक दुसरे को किस किये जा रहे थे और जिजू मेरी पेंटी निकाल दिये और मेरी चूत को चाटने लगे.

मैं भी उनका लंड चूसने लगी क्यूंकि मुझे लंड बहुत अच्छे लगते हैं जब मैं उन्हें चुस्ती हूँ तब. और मैं अब तक ना जाने कितने ही अलग अलग लंड को चूस चुकी हूँ. तब जीजू ने एक कंडोम निकाला और अपे लंड पर लगाकर मेरी चूत को मारने लगे.

लेकिन मेरी चूत थोड़ी टाईट थी, धीरे धीरे चोदने एक बाद वो मुझे जोर जोर से चोदने लगे. और मैं आह्ह्ह अह्ह्ह्ह हूऊ अह्ह्ह्ह उह्ह्ह्हईई अह्ह्ह्हह ऐईईई माँ अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह करने लगी और उनके बड़े लंड से चुदवाने लगी.

करीब 15 मिनिट की चुदाई के बाद हम दोनों झड़ गए. और कुछ देर आराम करने लगे. जीजू मुझे एक बार और चोदना चाहते थे. मैं बोली की अभी नहीं क्यूंकि मेरी सहेली आने वाली थी और कुछ ही देर में बाथरूम में से आवाज आई. तो मुझे पता चल गाया की वो बाथरूम में फ्रेश होकर आ रही हैं. और मैं जीजू को बोली की आप बहुत अच्छा चोदते हो.

मैं बोली की अब कल चुदाई करेंगे और जीजू को किस की. जीजू भी मुझे किस किये और मैं अपनी ब्रा पेंटी पहनी और नाइटी को पहन ली. और बाथरूम के अन्दर चली गई.

तो मेरी सहेली बोली की कैसा लगा मेरे जीजे से चुदवा के. मैं भी स्माइल दे कर बाथरूम में चली गई और अपनी सहेली को बोली की तू भी चुदवा ले आज अपने जीजू से.मेरी सहेली भी अपने जीजू से चुदवाने लगी और मैं 20 मिनिट बाद आई अपने रूम में. तो मैंने देखा की जीजू से चुदवाने के बाद मेरी सहेली उनके ऊपर नंगी ही लेटी हुई थी.

मैंने उसको इशारा किया और वो अपनी ब्रा पेंटी पहन के आई और बोली, पिंकी चल कही घुमने चलते हैं, जीजा को घुमने जाना हैं. मैंने देखा तो जीजू मेरी तरफ स्माइल कर रहे थे.

मैंने कहा ठीक हैं और हम सब रात को घुमने के लिए निकल गए. और एक शौपिंग मॉल में जाकर जीजू ने हम दोनों को एक एक अच्छी ड्रेस दिलाई और हम लोग आइसक्रीम और डेरी मिल्क खा कर अपने घर पर वापस आया गए. और अगल दिन भी अपनी सहेली के जीजू से चुदी और मेरी सहेली ने मुझे बताया की वो मुझे हमेशा अपने जीजू से चुदवा सकती हैं.

मैं भी बोली की मैं तुमको अपने बॉयफ्रेंड से चुदवाउंगी और अगले दिन जीजू अपने घर चले गए. और मैंने वादा किया था इसलिए अपने बॉयफ्रेंड से अपनी सहेली की सेटिंग करवा दी.

मेरे बॉयफ्रेंड ने मेरी सहेली को खूब चोदा और उसकी गांड भी मारी. मेरी सहेली ने मुझे बताया की उसको बड़ा मज़ा आया. उसके बाद मैं और मेरी सहेली डेली सेक्स करते हैं और मुझे और मेरी सहेली को डेली नए नए लंड से चुदवाने में मजा आता हाँ. मैं अभी भी अपनी सहेली के जीजू से चुद्वाती हूँ. जा भी वो मुझसे मिलने मेरे घर पार आते हैं तब.

दोस्तों के साथ अम्मी का गेंगबेंग किया

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हाई दोस्तों मेरा नाम कलीम हे और मैं दिल्ली का रहनेवाला हूँ. मेरी उम्र 18 साल हे और मेरी अम्मी की उम्र 42 साल हे. मेरे अब्बा जब मैं 10 साल का था तभी मर गए थे. तबसे मेरी माँ ने ही मुझे पाल पोश के बड़ा किया. अब्बा की मौत के बाद अम्मी के किसी के साथ भी सबंध नहीं थे और फेमली में सब उसे बड़ी इज्जत से बुलाते थे. वैसे ये कोई कहानी नहीं हे बल्कि मेरी लाइफ का सच्चा सेक्स अनुभव हे.

मैंने अपनी अम्मी को कभी बुरी नजरों से नहीं देखा था. पर एक दिन सब कुछ बदल गया. मेरी अम्मी बहुत ही सेक्सी हे उनका फिगर  36-26-38 हे. उन्के बाल लम्बे हे और काले हे और आँखे भूरी हे. वो हमेशा सलवार स्यूट में ही रहती हे.


एक दिन मैंने अपने घर पर पार्टी रखी और अपने सारे दोस्तों को बुलाया. शाम के 5 बजे और एक एक कर के मेरे दोस्त लोग आने लगे. मेरे टोटल 9 दोस्त उस दिन मेरे घर पर आये. अम्मी ने सब के लिए दरवाजा खोला और मेरे कमरे में भेज दिया सब को. मेरा एक दोस्त अपने साथ ब्रांडी की 2 बोतल ले के आया था. उसने बोतल अपनी कमीज में छिपाई थी. ताकि मेरी अम्मी उसे देख ना ले. हमने ब्रांडी पेप्सी में मिलाई और धीरे धीरे पिने लगे. और साथ में अम्मी के बनाए हुए स्नेक्स खाने लगे. अम्मी अपने कमरे में थी और हम लाउड म्यूजिक लगा के डांस कर रहे थे. थोड़ी देर बाद हम सब को नशा चढ़ गया और हम गन्दी गन्दी बातें करने लगे. फिर मैंने एक ब्ल्यू फिल्म लगा दी और सब उसे ध्यान से देखने लगे.

ब्ल्यू फिल्म देखते देखते हम सब अपने हाथ पेंट पर रख के अपने अपने लंड को छु रहे थे और सहला रहे थे. ब्ल्यू फिल्म ख़त्म होने पर हम फिर गन्दी गन्दी बातें करने लगे. मेरा दोस्त अज्जू बोला, यार अगर आज कोई लड़की को ना चोदा तो मैं मर ही जाऊँगा. असीम नाम का दोस्त बोला यार सच में साला कब तक हम लोग वर्जिन ही रहेंगे अब तो किसी की चूत पेलनी ही चाहिए हम को.

मैंने पूछा, पर कैसे चोदे और किसे चोदे?

तो मेरा रोहित नाम का दोस्त बोला, यार बुरा ना मानियो पर मेरी नजर हमेशा तेरी माँ के ऊपर रहती हे. वो बहुत ही सेक्सी हे यार और कभी कभी तो मैं उसे सोच कर मुठ भी मार लेता हूँ/

ये सुनते ही मैंने कहा, पागल हे क्या ऐसी बातें मत कर वो मेरी माँ हे और मैंने उन्के बारे में कभी ऐसा गन्दा नहीं सोचा हे!

ये सुनकर वो बोला कम ओन यार बी प्रेक्टिकल घर में हम 9 लड़कों और मेरी अम्मी के सिवा कोई नहीं हे और किसे चोदेंगे इस वक्त. तेरी अम्मी इतनी सेक्सी हे की तू भी उसे ननगा देखेगा तो तेरा भी लंड खड़ा हो जाएगा.

मेरे सभी दोस्त नशे में थे और जिद्द करने लगे. मैंने उन्हें बहुत समझाया की वो मेरी माँ हे और ऐसा करना गलत हे पर उन्होंने 1 भी नहीं सुनी और हार के मैंने उन्हें कहा, ठीक हे पर हम करेंगे क्या? उन्हें सेक्स के लिए रेडी कैसे करेंगे? इसपर मेरा एक दोस्त अरुण बोला मेरे पास एक प्लान हे चलो मेरे साथ.

हम सब अम्मी के कमरे में गए. वो टीवी देख रही थी और हमें देख कर चौंक गई. और उन्होंने बोला की क्या हुआ बेटा पार्टी खत्म हो गई क्या? मेरे दोस्त अरुण ने कहा नहीं आंटी पार्टी तो अभी शरु हुई हे और हम सब आप को भी पार्टी में इन्वोल्व करने के लिए आये हे. ये सुनकर अम्मी ने कहा अरे बेटा मैं क्या करुँगी तुम लोगों की पार्टी में.

अरुण बोला, आंटी एक खेलने की सोच रहे हे और हम चाहते हे की आप भी हमारे साथ में खेले.

कुछ देर तो अम्मी ने मन किया पर फिर वो मान गई. हम सब अम्मी को लेकर अपने कमरे में आ गए. औं सब को गेम के रूल्स समझाने लगा. उसने कहा की हम स्पिन बोतल खेलेंगे और जिसके ऊपर भी बोतल आकर रुकी उसे बाकि सब जो  वो करना होगा.

अम्मी भी तैयार हो गई और उन्हें हमारे इरादों का कोई पता नहीं था. लेकिन ब्रांडी की खाली बोतल देख के वो समझ ही गई थी की हम सब ने पी रखी थी. और उसके लिए अम्मी ने हम सब को डांटा भी.

मेरे दोस्त करन ने कहा की आंटी अब हम सब बड़े हो गए हे और इस उम्र में तो ये सब चलता हे. माँ कुछ कहने ही वाली थी की इस से पहले अरुण ने कहा, चलो यार गेम स्टार्ट करो अब.

हम सब एक सर्कल बन के बैठ गए और बोतल स्पिक की. बोतल अम्मी के ऊपर ही आके रुकी. हमारा यही तो प्लान था. अब अम्मी को वो करना था जो हम सब कहें. मेरा दोस्त रोहित बोला, आंटी अब आप को वो करना होगा जो हम सब आप को कहें.

अम्मी ने कहा, हां ठीक हे बोलो.

रोहित ने कहा, आंटी आप को ब्रांडी के दो ग्लास पिने होंगे.

मेरी अम्मी ये सुनकर चौंक गई और मना करने लगी और कहने लगी मैं ये सब नहीं पीती हूँ.

अरुण ने कहा कम ओन आंटी गेम्स के रुल हे आप चीटिंग नहीं कर सकती हे. सिर्फ 2 ग्लास पिने हे वो भी छोटे छोटे ग्लास हे.

माँ ने बहुत कहा लेकिन उसकी एक नहीं चली. पहला ग्लास तो उसने बड़े धीरे से पिया और दूसरा ग्लास वो बोटम अप कर गई. अब हमने फिर बोतल स्पिन की और बोतल अतुल के सामने रुकी. सब ने अतुल को नाचने के लिए कहा और सोंग लगाया. अतुल ने एक मिनिट के लिए नाच लिया सब के सामने. फिर बोतल स्पिन की गई और फिर वो अम्मी के सामने ही रुकी. अरुण बोतल की स्पिन को ऐसे कंट्रोल कर रहा था की वो अम्मी के सामने ही रुके.

अम्मी ने कहा ओह हो अब क्या करना होगा मुझे!

मेरे दोस्त अज्जू ने बोला, आंटी आप को जो भी कहा जाए वो करना पड़ेगा आप को आप मना नहीं कर सकती हो.

अम्मी ने कहा, हां मुझे पता हे.

अज्जू ने अम्मी को कहा, आंटी आप अपने सब कपडे खोल के यहाँ बैठो!

अम्मी ये सुनके एकदम से चौंकी और गुस्से से उठ गई अपने कमरे में जाने लगी. हम सब भी उन्के पीछे दौड़े. मेरे दोस्त सोहेब ने पूछा क्या हुआ आंटी? अम्मी बोली, ये सब मजाक हे और मैं ऐसा गेम नहीं खेलूंगी तुम लोगों के साथ.

इसपर अरुण ने कहा, आंटी अब हम बड़े हो गए हे और ऐसे गेम्स अक्सर अपने दोस्तों के साथ खेलते हे.

अम्मी ने मेरी और घूरते हुए देखा और कहा, तू भी इन सब के साथ मिला हुआ हे ना!

मैंने कहा, अम्मी ये तो सिर्फ खेल हे. और खेल में तो सब चलता हे.

हम सब ने अम्मी को बहुत समझाया पर वो मान नहीं रही थी.पर हमने भी हार नहीं मानी. हमें पता था की ब्रांडी के नशे में वो थोड़ी देर एम हाँ जरुर कर देगी. हम सब उन्हें टच करने लगे और मनाने लगे. अरुण ने अम्मी के पैर पकड लिए और मलते हुए कहा आंटी आप के पैर दबाता हूँ प्लीज़ मान जाओ ना! हम सब की जिद्द को देख कर हार कर अम्मी मान गई और उसने कहा, मेरी एक शर्त हे लेकिन. हम सब ने कहा, क्या शर्त हे तो अम्मी ने कहा यहाँ आज जो भी हो वो तुम लोग किसी को भी नहीं बताओगे. हम सब अम्मी का हाथ पकड के उन्हें कमरे में ले गए.

अम्मी ने अपने कपडे धीरे धीरे उतार दिते. उन्होंने पहले अपनी कमीज को खोली और फिर सलवार का नाडा खोल के उसे भी निचे से खिंच लिया. अन्दर उन्होंने काली ब्रा और पेंटी पहनी हुई थी. अम्मी के बूब्स एकदम बड़े और दूध से भरे हुए लग रहे थे.

फिर बड़े ही सेक्सी स्टाइल में अम्मी ने अपनी ब्रा और पेंटी भी उतार दी. मैं देख कर हेरान रह गया मैंने अपनी माँ को ऐसे इस सेक्सी रूप में कभी नहीं देखा था. वो मेरे सामने एकदम नंगी खड़ी हुई थी. अज्जू ने कहा आंटी आप बहुत ही सेक्सी हो.

ये सुनकर अम्मी धीरे से हंस पड़ी. मैं और मेरे सभी दोस्त अपने अपने लंड को मसलने लगे थे. अम्मी नंगी ही हम लोगो के बिच में बैठ गई.

अम्मी ने बोला की चलो अब गेम को कंटिन्यू करो.

अरुण ने कहा आंटी पहले पेप्सी पी लो फिर हम खेलते हे.

मैंने और करन सबी के लिए पेप्सी सालने लगे. अम्मी की पेप्सी के अन्दर बची हुई थोड़ी ब्रांडी हमने मिला दी. हमें पता था इसे पीकर अम्मी जरुर अपने होश खो देगी. हम सबने अपने अपने ग्लास खत्म किये और फिर से बोतल स्पीन की गेम चाली कर दी.

अब की भी बोतल अम्मी के सामने ही रुकी. अरुण और बाकी सभी की नज़रे अम्मी की चूत और उसके बड़े बूब्स के ऊपर ही थी. अम्मी ने कहा अब बोलो क्या करवा रहे हो?

रोहित ने कहा आंटी आप हम गाना गाये उसके ऊपर डांस कीजिये.

अम्मी को चढ़ चुकी थी उसने कहा ठीक हे.

रोहित ने अपने मोबाइल में युटुब पर भीगें होंठ तेरे वाला गाना लगाया और अम्मी अपनी गांड को हिला के नाचने लगी. अम्मी की मटकती हुई गांड ने सब को पागल कर दिया! अम्मी अपने मम्मे हिला हिला के ऐसे डांस कर रही थी की सब के लंड खड़े हो चुके थे और सब अपने अपने लंड को मसल रहे थे. अम्मी अब अपने होंठो के ऊपर जबान को ऐसे घुमा रही थी की सेक्स का नशा सब के ऊपर चढ़ जाए. अम्मी भी मूड में आ चुकी थी.

गाना ख़तम हुआ और वो आकर हमारे साथ बैठ गई. अरुण ने बोतल स्पीन के लिए जमीन पर रखी तो अम्मी बोली, अब इस ड्रामे को बंद करो मुझे पता हे की बोतल कहा रुकेगी! और बोतल को घुमाए बिना ही बताओ की तुम लोगों को क्या करवाना हे मेरे से. अब हम जान गए की अम्मी को ब्रांडी चढ़ चुकी थी.

अरुण जो अम्मी के पास बैठा हुआ था उसने कहा, जो करवाना हे वो कर लेगी आप? अम्मी ने कहा हां बोलो.

ये सुनते ही अरुण ने अम्मी के बड़े बूब्स पकड़ लिए और वो उन्हें दबाने लगा. अम्मी ने कुछ नहीं कहा और अरुण धीरे धीरे से अम्मी के बूब्स के ऊपर जा के अम्मी को किस करने लगा. अम्मी ने अरुण के बाल पकड़ लिए और उसे सहलाने लगी.

उन दोनों ने करीब 2 मिनिट जितना किस किया और टंग लिक किया और सलाइवा एक्सचेंज की. अब हम सब भी उठ गए और अम्मी के पास जाकर बैठ गए. और अम्मी के बॉडी पर हाथ फेरने लगे. अम्मी को भी बहुत मजा आ रहा था. वो एक एक कर के सब को किस कर रही थी. और हम सब भी उनकी अलग अलग बॉडी पार्ट को चूम रहे थे. अब रोहित ने मेरी अम्मी को जमीन पर लिटा दिया और उनकी चूत को चाटने लगा. हम सब अपने कपडे उतारने लगे. मैंने अपने कपडे उतारे और अपना लंड जाकर अम्मी के मुहं में डाल दिया.

अम्मी मेरे लंड को जोर जोर से चूसने लगी. उन्होंने काफी सालो से कोई लंड अपने मुहं में नहीं लिया था पर अभी तो मेरे लंड को एक प्रोफेशनल रंडी के जैसे चूस रही थी. मेरा दोस्त अरुण अम्मी के बूब्स चाट रहा था और अज्जू अम्मी की जांघ को चूम रहा था. और बाकी सब उन्के अलग अलग हिस्से को चूम रहे थे और सहला रहे थे.

अब हमने अम्मी को जमीन के ऊपर बिठा दिया और बारी बारी अपने अपने लंड मुहं में देने लगे. अम्मी बड़े मजे से लंड पर थूंक लगा लगा के चूस रही थी और सबको जोर जोर से स्ट्रोक्स भी दे रही थी.

लगभग आधे घंटे तक वो हमारे लंड चुस्ती रही. अब हम अम्मी को बिस्तर पर ले गये और लिटा दिया. रोहित ने अपना लंड मेरी अम्मी की चूत में डाला और जोर जोर से धक्के देने लगा. अम्मी भी जोर जोर से अपनी कमर को हिला रही थी और चिल्ला के कह रही थी धीरे से करो दुखता हे.

पर रोहित ने उनकी एक भी नहीं सुनी और वो और भी जोर जोर से अम्मी की चूत की चुदाई करने लगा. अरुण ने भी अपना लंड अम्मी की गांड में डाल दिया और अब वो दोनों मेरी अम्मी को चोद रहे थे. मैं अम्मी के बूब्स को मसल रहा था और अज्जू उन्के बालों के साथ खेल रहा था. अचानक ही रोहित तुक गया उसका मुठ मेरी अम्मी की चूत में ही झड़ चूका था. और उसने अपना लंड मेरी अम्मी की चूत से बहार निकाल लिया. ये देख कर मैं अम्मी के पास चला गया और अपना लंड अन्दर डाल दिया और जोर जोर से स्ट्रोक देने लगा और अपने लंड को चूत के अन्दर बहार करने लगा. अम्मी को बड़ा दर्द हो रहा था लेकिन मजा भी अ रहा था.

इसी तरह से बारी बारी हम सब अम्मी को चोदने लगे और अपने अपने मुठ को उनकी चूत या गांड में ही झाड़ने के बाद लंड को उनसे चुसवा लेते थे और उन्हें किस करने लगते. अम्मी की चुदाई अलग अलग पोस में हुई और हम लोगों में से जिन्होंने सब से पहले अम्मी को चोदा था उन्के हिस्से में तो चुदाई का दुसरा राउंड भी आया. सुबह तक अम्मी को चोद चोद के उसकी चूत और गांड को हमने पूरा लाल कर दिया था. फिर हम सभी दोस्तों ने अम्मी के नंगे बदन के ऊपर ही पेशाब भी किया और उसे पिलाया भी.

दोस्तों उस दिन के बाद मैं अपनी अम्मी के साथ दो दिन तक आँख नहीं मिला पाया. तीसरे दिन अम्मी मेरे कमरे में आई और मेरे लंड को पकड़ के बोली, बेटा घबरा मत अब जो हो गया वो हो गया. लेकिन आगे से अपने दोस्तों को मत ले के आना, सालों ने सब छेद दुखा दिए मेरे. लेकिन तुझे जब भी चोदना हो तो मुझे कह देना मैं तेरा ले लुंगी!

माँ और लंगड़ा सुथार

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हम लोग जब इस घर में शिफ्ट हुए तो घर का बहुत सब काम बाकि था. पापा के जिस दोस्त के घर पर हम लोग किराए पर रहते थे उन्होंने मकान बेच दिया था. और नयी पार्टी को पजेशन की जल्दी थी. इसी वजह से मकान का काम अधुरा था तभी हम लोग यहाँ आ गए थे. वैसे सीमेंट, इलेक्ट्रिक वगेरह का काम हो गया था. सिर्फ फर्नीचर वगेरह रहता था.

मेरी फेमली के अन्दर मैं, मम्मी और पापा बस तिन लोग ही हे. वैसे मेरी एक छोटी बहन थी. उसकी पैदाइश के वक्त माँ की हिस्ट्रेकटौमी हुई थी इसलिए वो फिर से प्रेग्नेंट नहीं हो सकती थी. जौंडिस की वजह से मेरी बहन 4 साल की थी तब मर गई. चलिए अब वापस आज के ऊपर आते हे.


मेरे पापा एक शेर ब्रोकर हे और उनका अपना ट्रेडिंग ऑफिस भी हे शहर के बीचोबिच. वो काफी नामी ट्रेडर हे और उनकी ऑफिस में किसी भी टाइम कम से कम 2-3 लोग होते हे पापा की शेर ट्रेडिंग को फोलो करने के लिए. पापा दिन में सिर्फ खाने के लिए और रात में सोने के लिए घर पर आते हे. माँ ने अपने टाइम पास के लिए एक पोमेरियान पिल्ला रखा हुआ हे वो दिन भर उसे घुमाती और खिलाती पिलाती रहती हे. मैं अभी कोलेज में हूँ और मुझे दोस्तों के साथ घूमना पसंद हे.

बात डेढ़ महीने पहले की हे. पापा ने फर्नीचर के काम के लिए एक जानेमाने सुथार को घर पर लगाया था. उसका नाम मुकेश मिस्त्री था और वो डेढ़ पाँव का था. जी हां वो एक पैर से लंगड़ा चलता था. लेकिन उसकी कारीगरी का जवाब नहीं था. पापा ऑफिस चले जाते थे मैं कोलेज और मुकेश घर के अन्दर अपनी कारगिरी के लिए कभी दो तो कभी तिन मजदूरो के साथ में आता था. फिर मैंने देखा की लंगड़ा मुकेश अक्सर अकेला ही आता था. काम तो बहुत था पर वो हफ्ते में एक दो दिन अकेला ही आके लगा रहता था. पहले तो मुझे कोई डाउट नहीं हुआ लेकिन एक दिन मैं जो देखा वो देख के मेरे होश ही उड़ गए.

उस दिन मेरी कोलेज में दो लेक्चर फ्री थे. इसी वजह से मैं अपने रेग्युलर समय से डेढ़ घंटा पहले ही घर आ गया. आके देखा तो माँ का बेडरूम बंद था और उसका कुत्ता बाहर हॉल में सोया पड़ा था. ऊपर के कमरे से भी कोई हलचल नहीं आ रही थी, जिस रूम में सुथार का काम चालु था. मैंने अपनी बेग रखी और ऊपर चढ़ने को ही था की मुझे माँ की और सुथार की खुसपूस कान पर पड़ी! मैंने सुना तो मेरे होश ही उड़ गए. जैसे जैसे मैं सीड़ियों के ऊपर चढ़ा उनकी आवाज और भी क्लियर होती गई.

मुकेश: अरे आओ ना भाभी जी, और करीब आओ ना.

मम्मी: अब इतने दिन से करीब ही तो आ रही हूँ.

मुकेश: भाभी आप को जिस दिन पहली बार देखा तभी मुझे लगा की आप के अन्दर बड़ी हवस भरी हुई हे.

मम्मी: हां मैंने भी देखा था तुम्हे मेरे बूब्स को निहारते हुए, कुत्ते के जैसे लाळ टपका रहे थे.

मुकेश: आप के लिए ही कम मुनाफे में ये काम लिया हे.

मम्मी: हां मुझे चोद चोद के पैसे वसूल जो कर रहे हो!

और फिर मुकेश ने माँ को किस कर लिया. मैं अब दरवाजे के पास था और अंदर माँ सुथार के बाहों में थी वो की-होल से देख रहा था. ये दरवाजा कुछ दिन पहले मुकेश ने ही बनाया था जिसके अन्दर से मैं आज उसे और अपनी माँ को सेक्स करते हुए देख रहा था. माँ के बूब्स खुले हुए थे और मुकेश उसे अपने दोनों हाथ से दबा रहा था जैसे अन्दर से दूध निकालना हो. और उसका लंड माँ के हाथ में था.

मम्मी: जल्दी निपटा दो मेरा बेटा कुछ देर में ही आ जाएगा.

मुकेश: अरे हफ्ते में दो बार तो देती हो भाभी, फिर इतनी जल्दबाजी कैसी, एक तो आप के कुत्ते ने पुरे एक घंटे की मैया चोद दी आज!

माँ के बूब्स को छोड़ के अब मुकेश ने उसके सब कपडे खोल दिए. माँ एकदम नंगी थी लंगड़े सुथार के सामने और वो माँ की बिग गांड को पकड़ के दबा रहा था. माँ ने अब मुकेश के लंड को अपने हाथ से पकड़ के हिलाना चालू कर दिया. मुकेश बोला, हिलाओ नहीं सिर्फ अपने मुहं में भी ले लो इसे.

माँ ने हंस के उसके तगड़े लौड़े को अपने मुहं में ले लिया. मुकेश की आँखे बंद हो गई और वो माँ को लंड से मुहं में चोदने लगा. पूरा लंड माँ के मुहं में डाल के वो झटके दे रहा था. माँ किसी रंडी के जैसे कोक सकिंग कर रही थी. बड़ा ही सेक्सी सिन था मेरी माँ की चुदाई का!

मुकेश ने दो मिनिट और मेरी माँ के मुहं को चोदा. और फिर उसने अपने लंड को मेरी मम्मी के दोनों बूब्स के बीच में फंसा दिया. वो माँ के बूब्स को दोनों तरफ से पकड़ के उन्हें चोदने लगा. माँ ने भी उसके लंड के ऊपर सही प्रेशर बनाने के लिए अपने बूब्स को दबाये. मुकेश बड़े मजे से माँ के टिट्स फक करता गया. ये भी उसने तिन चार मिनिट किया. और फिर अपने लंड को एक हाथ से पकड़ा उसने. और मेरी माँ के लेफ्ट बूब को दुसरे हाथ में पकड़ के वो उसके निपल के ऊपर लंड को घिसने लगा. माँ सिसकियाँ ले रही थी और वो मजे लुट रही थी इस सुथार के साथ में. मुकेश ने कहा, डार्लिंग तेरे पति से नहीं चुदवाती हे तू?

माँ बोली: नहीं मेरी सर्जरी के बाद वो नहीं चोदते हे मुझे.

मुकेश: कैसी सर्जरी?

माँ: बच्चा न होने की सर्जरी!

मुकेश: तभी तुम कंडोम के लिए ना कहती हो मेरी रानी!

माँ ने आँख मारी और बोली: अब समझे तुम!

माँ के बूब्स को कुछ देर चोदने के बाद मुकेश बोला, चलो मेरी रानी अब कुतिया बन जाओ मेरे लिए.

माँ एक भी शब्द नहीं बोली और सीधे कुतिया बन गई सुथार के लिए. मुकेश ने माँ की गांड को खोला और उसके गहरे एस्होल के ऊपर एक ऊँगली रख के हिलाया. माँ को गुदगुदी हुई और वो हिल गई. मुकेश अपनी ऊँगली को धीरे धीरे निचे ले गया. और चूत के पास आते ही ऊँगली को दबा दिया. माँ के बदन में जैसे करंट सा दौड़ गया. माँ ने अपनी टाँगे और भी फैला दी. कीहोल से भी माँ का बुर साफ दिख रहा था मुझे. अब मुकेश ने निचे झुक के अपने होंठो से माँ के बुर के ऊपर चुम्मा दे दिया. माँ ने एक हाथ पीछे कर के सुथार को अपनी चूत पर दबा दिया. मुकेश ने माथा माँ के बुर में डाल के अपनी जबान से खेलना चालू कर दिया. माँ एकदम मस्ती के मूड में थी. और मुकेश अपनी जबान से उसे और मस्तियाँ रहा था. मुकेश की जबान माँ के बुर में घूम रही थी और माँ अब आह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह ओह्ह्ह्ह करने लगी थी.

माँ की गांड को अपने हाथ से दबाते हुए सुथार ने कुछ 2 3 मिनिट तक चूत को चाटा और गांड में ऊँगली भी की. फिर मुकेश ने अपनी ऊँगली को गीली कर के माँ के बुर में डाल दिया. माँ सिहर उठी और वो हिली. मुकेश ने एक जोर का चांटा मारा माँ को और बोला, रुक ना साली छिनाल.

माँ रुक गई और जरा भी नहीं हिली. मुकेश ने अपने लंड को एक हाथ में पकड़ा और बोला, आज तो तेरी चूत को मेरे बैगन जैसे काले लंड का सवाद दूंगा. फिर उसने माँ की बुर में अपने कलूटे लंड को डाला. माँ ने अह्ह्ह की आवाज निकाली, और मुकेश ने दोनों हाथ से माँ की गांड को दोनों साइड से पकड़ लिया. वो जोर जोर से अपनी कमर को हिलाने लगा. और उसका लौड़ा मजे से मेरी माँ के ढीले बुर में अन्दर बहार होने लगा था. माँ किसी छिनाल के जैसे उसके लंड को ले रही थी. और मुकेश किसी पोर्नस्टार के जैसे अपने मोटे लंड को पूरा माँ के बुर में डाल के फिर पूरा बहार निकाल रहा था. सिर्फ सुपाडे को वो माँ के बुर में रखता था. और फिर वापस से झटके से पूरा लंड अन्दर कर देता था. माँ भी बड़ी मस्ती में थी और हिल हिल के चुद रही थी.

करीब 10 मिनिट तक माँ की चुदाई चली इस लंगड़े मुकेश के साथ. और फिर मुकेश ने कहा, रानी आ रहा हूँ मैं.

मेरी माँ ने एक हाथ से अपना राईट कुल्हा पकड़ के उसे खोला और मुकेश ने उसकी चूत को अपने चिपचिपे वीर्य से पूरा भर दिया. मुकेश ने दो झटके और लगाए और सब का सब वीर्य माँ की भोस की गहराई में उड़ेल दिया. माँ को कस के पकड़ के उसने उसके बूब्स दबाये और फिर धीरे से उसका लंड सिकुड़ के बहार आ गया. माँ ने मुकेश के लंड के ऊपर लगी हुई वीर्य की बूंदों को साफ किया चाट के. और फिर मुकेश की बाँहों में ही वो लेट गई.

मुकेश ने बूब्स मसलते हुए कहा, जानू अब गांड सेक्स करेंगे?

माँ ने कहा, टाइम क्या हुआ हे?

मुकेश ने अपनी मोबाइल की घड़ी देखि और बोला, अभी तो कोलेज छूटने में आधा घंटा और हे.

माँ बोली, 20 मिनिट में खत्म कर लोगे?

मुकेश बोला, 15 मिनिट बस.

माँ गांड मरवाने के लिए भी रेडी हो गई.

मुकेश ने कहा, चलो इस को खड़ा करो चूस के.

माँ के सामने मुकेश ने अपने लंड को रख दिया. माँ ने फटाक से सोये हुए लंड को अपने हाथ से और मुहं से प्यार देना चालू कर दिया. माँ के प्यार में बड़ी ताकत थी क्यूंकि एक मिनिट के अन्दर ही मुकेश का लंड टाईट हो गया. माँ ने कहा, चलो जल्दी से.

मुकेश बोला, रुको न पहले तेल तो ले आओ, पिछली बार गांड छिल गई थी तो पूरा हफ्ता कुछ नहीं करने दिया था तुमने.

अच्छा तो माँ को घुटने में चोट लगने का नाटक ही था, दरअसल इस हरामी से गांड मरवा के वो लंगड़ी हुई थी.

मुझे लगा की शायद माँ तेल लेने के लिए दरवाजे की तरफ आएगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. एक कटोरी में तेल ले के पलंग के निचे ही रखी थी माँ ने. मुकेश ने ढेर सारा तेल अपने लंड के ऊपर लगा दिया. उसका लंड एकदम से चमक रहा था. फिर उसने लंड के साथ साथ मेरी माँ के छेद पर तेल मलना चालु कर दिया. माँ तो कब से कुतिया बन गई थी. मुकेश अपनी उँगलियों से माँ के गांड के होल पर तेल लगा रहा था. माँ ने गांड खोली और मुकेश ने अन्दर भी ऊँगली डाल के तेल गांड के छेद की दीवारों पर घिसा.

फिर माँ की गांड के ऊपर मुकेश ने अपने लंड को रख के दबा दिया. माँ के मुहं से जोर की सिसकी निकल पड़ी. सुपाडे के साथ साथ आधा लंड माँ ने डलवा लिया था गांड के अन्दर. मुकेश बोला, अह्ह्ह मजा आ गया मेरी जान!

और फिर उसने माँ के दोनों बूब्स को अपने हाथ में पकड़ लिए. वो अब बूब्स को मसलते हुए धीरे धीरे आधा आधा इंच लंड को अंदर धकेलता गया. दो मिनिट में उसका पूरा काला लंड मेरी माँ की गांड में था. और वो अब अपनी कमर को हिला के माँ की गांड मार रहा था.

माँ भी कम रंडी नहीं थी. वो भी अपनी गांड को हिलाते हुए इस लंगड़े सुथार से चुदवा रही थी.

मुकेश ने कुछ 10 मिनिट तक माँ की गांड में अपने लंड को घुसाए रखा और चोदा. और फिर उसका निकलने को था तो उसने लंड को बहार निकाल के माँ की गांड पर हिला दिया. उसका गाढ़ा वीर्य निकल के माँ की गांड पर और फिर वहां से टपक के चूत पर जा गिरा. माँ थक गई चुदाई की वजह से. वो वही पर निढाल हो के गिर पड़ी. मुकेश ने पूरी बेड-शीट को अपने वीर्य से गन्दी कर दी.

वो भी माँ के पास लेट गया. मैं घर से निकल आया माँ की चुदाई को देख के. जब 20 मिनिट के बाद घर वापस आया तो नीचे के हॉल में माँ अपने कुत्ते के साथ खेल रही थी और ऊपर के कमरे से मुकेश के काम करने की आवाज आ रही थी. जैसे कुछ हुआ ही नहीं था, तूफ़ान के बाद के सन्नाटे के जैसा!

करोडपति शबाना को चोद के लखपति बना

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दोस्तों आप सभी को मेरा सलाम. ये मेरी पहली कहानी हे और मैं इस साईट का बड़ा फेन हूँ. मेरा नाम नावेद हे और यूपी के लखनऊ का रहनेवाला हूँ. ये जो कहानी हे वो एक सच्ची घटना हे जो मेरी लाइफ में घटी थी. मेरी उम्र अभी 29 साल हे और जब ये घटना घटी तो मैं 20 साल का था. मेरा लंड 6.5 इंच लम्बा और ढाई इंच मोटा हे.

मेरे एक अंकल युएसए में सेट हे और उन्होंने वहां पर अपना कारोबार अच्छा सेट कर लिया हे. अंकल की उम्र 48 साल हे और उनकी वाइफ शबाना आंटी हे वो सिर्फ 29 साल की हे. शबाना आंटी का फिगर  36-28-38 था. शबाना आंटी के बूब्स और गांड सब से ज्यादा अच्छे लगते हे मुझे. जब भी वो चलती हे तो उसकी गांड ऐसे बाउंस करती हे की पीछे से उसे देखते रहने को मन करता हे बस.


शबाना आंटी मेरे अंकल की दूसरी वाइफ हे. पहली वाली आंटी मर गई उसके बाद अंकल ने अपने से उम्र में छोटी शबाना के साथ निकाह किया था. पहली वाइफ से अंकल की एक बेटी हे जो 15 साल की हे. और शबाना आंटी का एक बेटा हे. वो सब लोग युएसए में ही रहते हे. लेकिन अंकल से उम्र में इतनी छोटी होने की वजह से शबाना आंटी सटिसफाई नहीं होती हे सेक्स में.

अंकल ने उन दिनों में कंस्ट्रक्शन का बिजनेश भी शरु किया था. उस टाइम मैं फ्री था तो उन्होंने मुझे बुला के एक साईट का जिम्मा दे दिया मुझे. अंकल ने कहा की साइट्स ज्यादा हे और मैं सब जगह 100% कंसन्ट्रेट नहीं कर पाता हूँ तो तुम मेरी मदद करो. वो साईट अंकल के घर के करीब थी तो अंकल ने कहा की शबाना आंटी को कुछ काम हो तो मैंने उसे तुम्हे कॉल करने के लिए कहा हे. देख लेना और कुछ लान ले जाना हो तो प्लीज़ आंटी की मदद करना.

मैं सुबह 8 बजे जाता था साईट पर और शाम को 6-7 बजे तक वापस आता था. अंकल तो लेट हो जाते थे और कभी कभी साईट के ऊपर से कहीं बहार भी चले जाते थे सीधे ही. और उन्हें कंस्ट्रक्शन के साथ अपने दुसरे बिजनेश भी देखने थे जिसके लिए वो युएसए में अलग अलग स्टेट की टूर भी करते रहते थे.

एक दिन घर में मैं और शबाना आंटी ही थे. मैं लिविंग रूम में बैठ कर चाय पी रहा था. तो शबाना आंटी ने बोला की मैं अभी आती हूँ. मैंने कहा की ठीक हे आंटी. और शबाना आंटी अपने रूम में चली गई. मेरे इल में कुछ ऐसा वैसा ख्याल भी नहीं था उस वक्त आंटी के बारे में. कुछ देर बाद रूम का डोर ओपन हुआ और मैं देखता ही रह गया.

शबाना आंटी ने ड्रेस चेंज कर लिया था. उन्होंने उस वक्त ऐसा ड्रेस पहना था जिसमे उसकी गांड एकदम सेक्सी लग रही थी. उस ड्रेस का कमर का भाग एकदम संकरा था और गांड को जैसे कपड़ो में भींच दी गई थी. मैंने आंटी से पूछा की क्या आप कही जा रही हो आंटी?

आंटी ने कहा नहीं बस ऐसे ही चेंज किया हे और ये कह के वो मेरे सामने सोफे के ऊपर टाँगे रख के बैठ गई. यार क्या बताऊँ की वो कितनी सेक्सिओ लग रही थी उस ड्रेस में. फिर आंटी ने पूछा की कंस्ट्रक्शन का काम कैसे चल रहा हे तुम्हारा?

मैं बोला जी आंटी सब ठीक ही चल रहा हे. मैं अपनी सलवार के निचे अंडरवेर नहीं पहनी थी. और शबाना आंटी का ये सेक्सी बदन देख के मेरी हालत खस्ता सी हो रही थी. मैंने सोचा की ऐसा कुछ देर और चला तो मेरा लंड सलवार को फाड़ के बहार आ सकता हे.

मैं खड़ा हुआ और बोला मैं आता हूँ आंटी. जैसे ही मैं बोल रहा था तब शबाना आंटी किया आँखे मेरे लंड के ऊपर थी. वो बोली की अभी तो साथ में बैठे हे हम और एकदम निकल भी लिए? लेकिन मैं रुका नहीं और वहां से निकल गया.

कुछ दिन एसे ही गुजर गए. मैं शबाना आंटी से बचने के लिए कम ही उसके सामने जाता था. एकाद महिना ऐसे ही निकल गया. मैं देखता की आंटी घर पर अकेली हे तो बहार हो जाता अपनेआप से ही.

फिर एक दिन मैं साईट पर था तब आंटी का कॉल आया और उसने मुझे कहा की मुझे कुछ काम हे तो तुम घर आ जाओ. मैंने कहा की मैं आया. जब मैं घर गया तो शबाना आंटी ने बोला की मुझे पार्लर जाना हे, ड्राईवर छुट्टी पर हे. उसने कहा की मुझे पार्लर ले चलो. मैंने बोला की आप को क्या जरूरत हे भाई पार्लर की आंटी जी, आप तो ऐसे ही इतनी खुबसुरत लगती हो. मेरे ऐसा कहते ही वो शर्मा गई. मेरे पास बाइक थी उस वक्त कार नहीं थी. शबाना आंटी मेरे बाइक के पीछे बैठ गई और रस्ते में स्पीड ब्रेकर की वजह से बार बार उसके बूब्स मेरे से टकरा रहे थे. उसने मुझे कस के पकड़ा हुआ था. मुझे बहुत ही मजा आ रहा था आंटी को ऐसे बिठा के.

जब पार्लर पहुंचे तो मैंने बोला की जब आप फारिग हो जाओ तो मुझे फोन कर देना मैं आकर ले जाऊँगा आप को. आंटी ने बोला की ठीक हे, लेकिन इतने भाग क्यूँ रहे हो किसी लड़की को टाइम दिया हे क्या. मैना कहा नहीं तो. तो उसने कहा फिर कुछ देर वेट कर लो ना.

जब वो बहार आई पार्लर से तो एकदम सेक्स बम लग रही थी. घर जाते वक्त मेरी चेस्ट पर हाथ रब किया आंटी ने. घर पहुँच के मैं साईट पर जाना चाहता था लेकिन आंटी ने कहा की अंदर आ जाओ. मैंने कहा की साईट पर जाना हे तो उसने कहा की नहीं अंदर आओ ना प्लीज़.

मैं चला गया और सोफे के ऊपर बैठ गया. आंटी मेरे साथ वाले सोफे के ऊपर आ के बैठ गई. ऐसे ही बातें करने लगे हम दोनों. आंटी ने कहा और सुनाओ कैसे जा रही हे लाइफ तुम्हारी कोई एन्जॉयमेंट भी हे की नहीं. मैंने पूछा क्या मतलब? तो आंटी ने कहा की कोई गर्लफ्रेंड वगेरह हे की नहीं. मेरा चहरा सुर्ख पड़ गया था. मैंने बोला की नहीं आंटी अभी तक कोई लड़की नहीं मिली हे.

शबाना आंटी हंसने लगी और बोली, गर्लफ्रेंड चाहिए तुम को? मैंने बोला की कोई अच्छी, सेक्सी और सुन्दर लड़की हे आप के ध्यान में! शबाना आंटी जोर जोर से हंस के बोली, मैं ढूंढ दूँ? मैं शर्मा कर वहाँ से उठ गया और साईट पर चला गया. रात को मैंने शबाना आंटी के हुस्न के बारे में सोच सोच के अपने लंड को हाथ से हिलाया.

ऐसे ही शबाना आंटी मुझे फोन करती कभी किसी काम के लिए और कभी किसी और काम के लिए. दिन गुजरते गए. फिर मेरी और आंटी की फोन पर बातें और चेटिंग भी होने लगी रही. एक दिन आंटी का टेक्स्ट आया की क्या कर रहे हो. मैंने रिप्लाय दिया की कुछ ख़ास नहीं लेटा हुआ हूँ. आंटी ने कहा मुझे भी नींद नहीं आ रही हे. मैंने पूछा की क्यूँ? तो वो बोली, तुम नहीं समझोगे वो सब. मैंने हिम्मत कर के पूछा ही लिया की ऐसी क्या बात हे आंटी?

कुछ देर के बाद उसका जवाब औया की बताओगे तो नहीं ना किसी को? मैंने कहा नहीं बताऊंगा आप मेरे ऊपर ट्रस्ट कर सकती हो. फिर उसने बोला की मुझे कमपनी चाहिए. मैंने जानबूझ कर बोला की क्या मतलब? तो वो बोली की तुम्हारे अंकल बहुत दिनों से मेरे करीब ही नहीं आये हे. वो अपने काम में ऐसे बीजी हे की फेमली लाइफ की बलि चढ़ा दी हे उन्होंने. मैं समझ गया था.

आंटी ने फिर कहा, तुम भी एक गर्लफ्रेंड की तलाश में हो, अगर तुम चाहो तो मैं तुम्हारी गर्लफ्रेंड बन सकती हूँ! लेकिन अगर तुम्हे मैं पसंद हु और तुम मेरे पर भरोसा करते हो तो.

मैंने कहा लेकिन आप रिश्ते में तो मेरी आंटी हे ना? ऐसा कैसे हो सकता हे? उसने रिप्लाय किया की प्लीज़ समझा करो हम दोनों की उम्र में ज्यादा डिफ़रेंस नहीं हे. तुम मेरे ऊपर ट्रस्ट करो और मैं तुम को कहत खुश रखूंगी. मैंने बोला की मैं ये सब कैसे कर सकता हूँ? अंकल ने मेरे ऊपर बहुत भरोसा रखा हे और मैं उनकी वाइफ के साथ ही!

आंटी ने कहा अरे तुम अंकल की टेंशन मत करो उन्हें कभी कुछ पता नहीं चलेगा. ये तुम्हारे और मेरे बिच में ही रहेगा. तुम्हारे अंकल ने मुझे पैसे तो बहुत दिए हे पर मेरी सेक्स की भूख नहीं मिटा पाते हे वो. मुझे सेक्स करना बहुत अच्छा लगता हे लेकिन अंकल के पास वप शक्ति नहीं हे. तियम मुझे प्लीज़ सुकून दे दो. और मैं भी तुम्हे मायूस नहीं करुँगी, तुम जो करना चाहो वो कर सकते हो मेरे साथ.

मैंने कहा की अगर किसी को पता चल गया तो उसकी जिम्मेदारी आप की होगी मेरी नहीं. आंटी ने कहा, जान किसी को कुछ पता नहीं चलेगा मैंने कहा ना बस मेरे ऊपर ट्रस्ट करो और मैं जैसे कहती हूँ वैसे करो.

आंटी ने मुझे कहा की कल मोर्निंग में तुम साईट का चक्कर लगा के घर आ जाना वापस. मैंने दुसरे दिन वैसे ही किया. शबाना आंटी के सामने मैंने देखा तो उसने मुझे इशारा किया की गेस्ट रूम में चले जाओ. फिर उसने बच्चो को स्कुल के लिए रेडी किया. कुछ देर बाद शबाना आन्तरि चाय लेकर आई और वो बड़ी सेक्सी लग रही थी. मेरे पास आकर बैठ गई और बोली की थेंक यु तुमने मेरे ऊपर ट्रस्ट किया उसके लिए.

मेरे हाथ को अपने हाथ में लेकर किस कर लिया उसने और बोली की मौका देख कर मैं तुम्हे बुला लुंगी और हम मजे करेंगे. मैंने कहा, अब अभी के लिए कुछ कर दो प्लीज़, कल रात से परेशान हूँ. आंटी ने मेरी सलवार का नाडा खोल के लंड को हिला दिया. मेरा पानी उसने अपने दुपट्टे में निकाला और बोली, मौका मिलते ही बुला लुंगी तुम्हे लेकिन तुम मुझे ब्लेकमेल तो नहीं करोगे ना? मैंने किस कर के कहा नहीं मेरी जान.

कुछ दिन ऐसे ही गुजर गए. फिर एक दिन मुझे आंटी ने बताया की तुम्हारे अंकल कुछ दिनों के लिए शिकागो जा रहे हे और बच्चे भी उन्के साथ जा रहे हे. मैंने तबियत का बहाना बताया हे. और अंकल तुम्हे कहे तो तुम भी साईट के ऊपर काम का बहाना बता देना. उनके जाने के बाद मैं नोकर लोगो को छुट्टी दे दूंगी फिर हम मजे करेंगे. और मैंने जैसा शबाना आंटी ने कहा था वैसे ही किया.

अंकल और बच्चो को मैं ही छोड़ने के लिए गया था एअरपोर्ट पर. फिर मैं वापसी के समय मेडिकल से अपने लिए सेक्स की गोली ले चला. आंटी मेरी ही वेट कर रही थी वो मुझे पता था. घर आके देखा तो आंटी किसी सेक्स बम के जैसी हॉट लग रही थी. उसने मुझे कहा की नोकर को मैं भेज दिया हे घर उसके. मैं उसके पास बैठा और आंटी ने मेरे कंधे के ऊपर हाथ रख दिया. और मैं आंटी को किस करने लगा.

यार सच में इतना मजा आ रहा था की मैं लिख नहीं सकता. मैंने सेक्स की गोली पहले ही खा ली थी. शबाना आंटी भी एकदम गरम थी. वो मुझे खाने के लिए बेताब लग रही थी. फिर मैंने शबाना आंटी की ज्वेलरी और लहंगा उतार दिया. एक मिनिट के अन्दर तो मेरी ये करोडपति आंटी को मैंने पूरा न्यूड कर दिया था.

वाऊ दो बच्चो की माँ होने के बावजूद भी वो किसी मॉडल के जैसे चिकने बदन की थी. शबाना ने अब मेरे कपडे भी उतार दिए. और जब उसने मेरा अंडरवेर निकाला तो मेरा लंड फुल फुंफाड करता हुआ बहार को आ गया. शबाना ने लंड को देख के कहा, ओह माय गोड ये तो बहुत ही बड़ा हे! जितना मैंने सोचा था उस से भी बड़ा हे ये तो! तुम्हारे अंकल का तो 4.5 इंच का ही हे बस और ये तो जैसे दुगुना हे उस से.

मैंने कहा आज से ये आप का ही हे आंटी. शबाना आंटी ने कहा, मैं इसे सक कर लूँ? मैंने कहा जो करना हे कर लो. शबाना आंटी ने लंड को मुहं में ले लिया और उसे चूसने लगी. उसने 10-12 मिनिट मेरा लंड सक किया और उतनी हॉट ब्लोवजोब मुझे नसीब हुई इसके लिए मैं खुद को खुसनसीब समझ रहा था. मेरा पानी आंटी के मुहं में ही छुट गया.

शबाना ने मुह को पोछा. और फिर मैंने उसे पकड़ लिया और उसे किस करने लगा. लेकिन वो बोली, एक मिनिट रुको. वो बाथरूम में गई और अपने मुहं में से वीर्य को थूंक के कुल्लियाँ करने लगी. फीर बहार आ के वो बोली, आज मैंने पहली बार किसी का वीर्य टेस्ट किया!

उसके बाद मैंने आंटी को बेड में लिटा दिया और फोरप्ले करने लगे हम दोनों. मैंने उसकी चूत को हाथ से सहला रहा था और उसके बूब्स को चूस रहा था. मैं फिर से रेडी हो गया था और लान एकदम तन गया था मेरा. मैं आंटी की क्लीन शेव्ड चतु को देख के एकदम पागल सा हो चूका था. मैंने अपनी ऊँगली को अन्दर डाल के फिंगर फकिंग किया. उसके बाद में मैंने आंटी के लेग्स को उठा के अपने कंधो के ऊपर रख दिया. शबाना आंटी की चूत पर लंड को सेट किया तो वो बोली, प्लीज़ धीरे से करना इतना बड़ा लंड मैंने अपनी लाइफ में पहले कभी नहीं लिया हे!

आंटी की पुसी एकदम वेट थी. मैंने थोडा जोर दिया और मेरे लंड का टोपा उसकी चूत में घुस गया. शबाना आंटी चीख पड़ी. आराम से करो अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह, कितना बड़ा हे बाप रे ये तो!

मैंने उसे किस करते हुए और एक धक्का दिया और मेरा लंड उसकी चूत में घुस गया. शबाना आंटी बोली, प्लीज़ इसे बहार निकालो अह्ह्ह्ह मर गई मैं तो! मैंने आंटी को बोला, तुम को सेक्स का सकून चाहिए तो एक मिनट के लिए इस दर्द को सह लो.वो बोली लेकिन ये लोडा मुझे मार डालेगा! मैंने पूरा लंड चूत में डाल दिया और आंटी के ऊपर ही लेट गया!

कुछ मिनिट के बाद वो थोड़ी लाईट हुई और मैंने लंड को उसकी चूत में अन्दर बहार करना चालू कर दिया. वो फिर से रोने लगी, इसे निकाल लो प्लीज़ मुझे बहुत पेन हो रहा हे. मैंने उस की कोई बात नहीं सुनी और जोर जोर से इन और आउट करने लगा. फिर वो भी एन्जॉय करने लगी थी. वो भी बोली, फक मी अह्ह्ह्हह्ह अह्ह्ह मेरे राजा तेरे लंड की क्या बात हे मेरे राजा अह्ह्ह्ह फक मी प्लीज़.

वो बोली, आज ये शबाना तुम्हारी बिच हे जैसे चोदना हे उसे वैसे चोदो रोज. फिर मैंने आंटी की गांड के ऊपर ऊँगली रख के दबाई तो वो बोली, नहीं नहीं प्लीज़ पीछे नहीं!

मैंने कहा आंटी अब आप को जैसे पसनद था वैसे किया न मैंने अब मुझे पीछे भी कर लेने दो. वो घोड़ी बन गई और मैंने अपने मोटे लंड को उसकी गांड में भी डाल दिया. वो कराह रही थी और रोने भी लगी थी. लेकिन मैंने उसकी एक नहीं सुनी और उसकी गांड जोर जोर से ठोकी. मेरा लंड का डिस्चार्ज भी उसकी गांड में ही हो गया.

वो भी दो बार झड़ गई थी. मैंने गांड में से लंड को निकाल के चूत में कर दिया और उसके ऊपर लेट गया. हम दोनों थक के चूर हो चुके थे और दोनों को नींद भी आ गई. पता नहीं कब मेरा लंड आंटी की चूत से बहार निकल आया.

दो घंटे के बाद आंटी ने मुझे नींद से जगाया और फिर से हम दोनों सेक्स करने लगे.

शबाना आंटी ने दो दिनों तक मेरा लंड खूब लिया. नोकर को उसने फोन कर के बोला साहब आये फिर वापस आना. मैं भी साईट पर गया लेकिन एक घंटे में वापस आ जाता था. फिर हम दोनों पूरा पूरा दिन चोदते थे. आंटी के लिए मैं वो दो दिनों में सेक्स की 8-10 गोली खाई थी.

आंटी आज भी मेरा लंड लेती हे जब मौका मिले. और उसने अंकल को कह के मुझे उनका पांच पैसे का पार्टनर भी बना दिया हे. करोडपति की चूत चोद के मैं भी लखपति तो हो ही गया हूँ!

4 अफ़्रीकी लोड़ों ने मेरी इंडियन गांड फाड़ी

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हेल्लो दोस्तों मेरा नाम मीनू यादव हे और मैं मुंबई में रहती हे. मैं सेक्स लवर हूँ और सेक्स कर के ही अपना खर्च भी निकालती हूँ. मैं बड़ी लकी हूँ की मेरा बदन बड़ा ही खुबसुरत हे और मुझे सेक्स करने में बड़ा आनंद भी मिलता हे. वैसे मैं पैसे के लिए चुद्वाती हूँ. और साथ साथ मजे भी मिल जाते हे मुझे. तो दोस्तों अब आप लोगों का वक्त और ना खराब करते हुए मैं सिधे मेरी एक हार्डकोर चुदाई की कहानी आप को सुनाती हूँ. तब मैं गांड से वर्जीन भी. मुझे सच कहूँ तो गांड मरवाने से ही डर लगता था. पर एक दिन मेरे एजेंट (या फिर आप दलाल कह लो!) ऑफर दिया की मैं गांड क्यूँ नहीं मरवाती!

मैंने उसे कहा नहीं यार पीछे कभी लिया नहीं और लेने से डर लगता हे. तो उसने कहा की 4 अफ़्रीकी हे जो गांड मारने के सौकीन बन्दे हे और वो इस के लिए बहुत भारी कीमत देने को भी रेडी हे. पहले तो मैंने मन ही कर दिया उसके बाद उसने जब थोडा जिद्द सा किया तो मैं मान गई इन 4 अफ्रीकियों से अपनी गांड मरवाने के लिए.


मेरे एजंट ने बताया की वो लोग अफ्रीका की बड़ी डायमंड कम्पनी से यहाँ मुंबई में किसी मीटिंग के लिए आये थे. और वो डोलर में ही गांड मारने की कीमत भी दे रहे थे. जब एजंट ने मुझे बताया की वो लोग कितने पैसे देंगे तो मेरा मुहं खुला के खुला ही रह गया. मैंने तो प्लान भी बना लिए की इतने पैसों का मैं क्या क्या करुँगी!

मैं अपनी गांड में उन्के लंड लेने के लिए तैयार हो गई. मेरे एजेंट ने मुझे स्कर्ट पहनने को दिया और एक ढीली सी टी-शर्ट दे दी. उसने बताया की अन्दर से बाल साफ़ कर के रखने के लिए कहा और वो चला गया.

उसके जाने के बाद मैं अपनी बगल, चूत और गांड के पास के सब बाल को निकाल लिया विट क्रीम लगा के. मेरी बॉडी अब स्मूथ और हेरलेस हो गई थी. मैं इन अफ्रीकियों को खुश करने के लिए पूरी रेडी थी.

रात को मेरा एजंट करीब 8 बजे उन 4 अफ्रीकियों को ले के मेरे घर पर आ गया. वो सब के सब काले थे और हाईट में 6 फिट के ऊपर के ही थे. एक के बाल क्रिस गेल के जैसे किन्गराले थे. और उसका सीना एकदम चौड़ा था. मैंने उन्हें इम्प्रेस करने के लिए मेकप कर रखा था. और आज तो मैं कुछ ज्यादा ही सेक्सी और सुन्दर लग रही थी.

उन चारो ने मुझे ऊपर से निचे घुर के देखा. उनकी आँखों में चमक सी आ गई थी. उन चारों ने मुझे झट से पकड़ लिया. और मुझे बिस्तर के ऊपर पटक सा दिया. और सब अपने अपने लंड सहला के मेरे सामने हंस रहे थे.  सालों के लंड काले नाग और सांड के जैसे थे!

फिर उन कालियों ने चारों तरफ से मुझे पकड़ लिया और मेरे बदन को कपड़ो के ऊपर से ही हाथ घुमा के फिल करने लगे. एक एक कर के उन सब ने मेरे कपड़ो को खोलना नहीं बल्कि फाड़ना चालू कर दिया. उनकी ऐसी हरकतें देख के मैं समझ गई की ये लोग एक्स्ट्रा पैसे इसलिए ही दे रहे हे की मेरी हार्डकोर चुदाई कर सके. उन्होंने मेरे बदन के सब कपडे फाड़ दिए और मुझे पूरा नंगा कर दिया. उन्होंने ब्रा और पेंटी को भी फाड़ने से नहीं छोड़ा. मेरे पूरा नंगे बदन में वो सब हाथ फेर रहे थे अब. कोई मेरे बूब्स को जोर जोर से दबा के दर्द दे रहा था. तो कोई मेरी नाभि के अन्दर ऊँगली कर रहा था और बिच बिच में वहां पर किस भी करते थे और मेरी नाभि में लिक करने लगे थे.

अब उनमे से एक ने मेरे पैर को फैला दिया और मेरी जांघो को सहलाने लगा और वहां पर अपने चौड़े अफ़्रीकी होंठो को लगा के चुसने और चूमने लगा. वो मेरी जांघ से ले के मेरी चूत तक लिक करते जा रहा था. उसने मेरी पुसी लिप्स फैला के मेरी चूत के बिच लिक करना चालू कर दिया था.

अब वो ऊँगली से मेरे क्लाइटोरिस को रब करने लगा और उसे सकिंग भी दे रहा था. इस हरकत से मैं गरम होते जा रही थी. एक ने मेरे बूब्स को हाथ में ले के जोर से मसला और बिच बिच में वो निचे झुक के मेरे निपल्स को चाट और काट भी रहा था. मुझे दर्द और प्लीजर दोनों मिल रहा था एक साथ.

फिर उनमे जो सब से उम्र वाला लग रहा था उसने मेरे चहरे को अपने हाथ में ले के ऊपर उठाया. उसके होंठ मेरे होंठो के ऊपर आ गए और वो मुझे कस के किस करने लगा. और उसने अपनी टंग को मेरे मुहं में डाल के उसका सवाद दिया मुझे. फिर उसने सक कर के मेरी टंग को अपने मुहं में ले के दोनों को मिला दिया. वो टंग को सक करते जा रहा था और बिच बिच में मेरे मुहं में थूंक भी देता था वो.

फिर उन सब ने अपने बदन के ऊपर के बचे कुचे सब कपडे निकाल फेंके. उन्के लंड देख के मेरी आँखे फटी पड़ी थी और मेरा दिल डर की वजह से जोर जोर से धडक भी रहा था. सब के लंड एकदम शुध्ध काले और पुरे लम्बे थे.

सब के सब लंड साइज़ में गधे के जैसे लम्बे और सब से पतला लंड भी 3 इंच मोटा था. डर के मारे मेरे तो हाथ पैर ही ठंडे हो चुके थे. हमारे बिच में तय हुआ था की वो लोग चूत नहीं बल्कि सिर्फ गांड ही मारेंगे और वो भी बिना कंडोम के. मैं उन्के लंड देख के ऐसे डरी हुई थी की मन तो हुआ की वहाँ से बहाग जाऊं. लेकिन वो लोग पैसे मेरे एजंट को पहले से एडवांस में दे चुके थे. और अगर मैं भागती भी तो वो मुझे पकड़ के मेरी गांड फाड़ने ही वाले थे. अब उन्होंने मेरे पैरो को फैला दिया और मुझे पेट के बल बिस्तर के ऊपर लिटा दिया था. मेरी गांड उन भूखे लोडो के सामने थी.

उनमे से एक ने मेरी जांघ के बिच में आ के अपने लंड को मेरी गांड के छेद पर रगड़ दिया. और मुझे बहुर ही डर लग रहा था क्यूंकि वो बहुत मोटा और हॉट फिल हो रहा था मेरी एसहोल पर. मेरी आह्ह निकल रही थी और वो अपने लोडे को घिसते ही जा रहा था. दुसरे ने मेरे बाल पकड़ लिए और अपने मुहं को मेरे मुहं में सटा के एक जोरदार लिप किस कर दी. जो मेरी गांड पर अपना लंड घिस रहा था उसने अचानक ही एक झटका दिया और उसके लंड का मोटा टोपा मेरी वर्जिन गांड के अन्दर घुस गया. मैं जोर से चिल्लाने ही वाली थी पर मेरे मुहं इ के ऊपर तब तक एक मुहं आ चूका था और उसने किस कर के मुझे चीखने का मौका ही नहीं दिया.

फिर गांड के अंदर उसने दो तिन प्रयासों के बाद आधा लंड घुसा दिया, मेरी गांड जैसे फट गई थी. मेरे सामने वाले आदमी ने मेरे मुहं में अपना मुह डाला था वो हटा लिया और उसकी जगह दुसरे ने खुले मुहं में अपने लंड को डाल दिया. गले तक लंड आ गया और मेरी सांस जैसे अटक सी गई थी. मुझे सांस लेने में बड़ी तकलीफ होने लगी थी. वो मेरे मुहं के अन्दर लंड को हिला के माउथ फकिंग कर रहा था. पीछे से जोर लगा के उस आदमी ने मेरी गांड में अपना पूरा लंड घुसा दिया. दर्द के मारे मेरा बुरा हाल हो के रखा था. मेरी चुदाई दोनों तरफ से हो रही थी. एक लंड मेरा मुहं चोद रहा था और दूसरा लंड मेरी गांड को फाड़ रहा था. मेरी आँखों से दर्द के मारे आंसू निकलते जा रहे थे. वो जालिम लोग बेरहमी से मेरे बदन को चोदते जा रहे थे.

उन दोनों ने मेरे पे अपनी चुदाई की स्पीड बढ़ा दी. वो जोर जोर से मुझे चोदते जा रहे थे, मेरी गांड में और टाईट होता हुआ महसूस हो रहा था. फिर मुझे महसूस हुआ की वो लंड मेरी गांड के अंदर ही झड़ना शरु हो चूका था. मुझे ऐसा लगा की मेरी गांड के अन्दर गरम गरम लावा घुस रहा हे. जो मेरा मुहं चोद रहा था वो भी झड़ना चालु हो गया था. मुझे महसूस हुआ की उसका वीर्य मेरे गले की गहराई में झड़ने लगा था.

उसका पूरा वीर्य मेरे गले से होते हुए मेरे पेट में चला गया. उस बेरहम इंसानों का झड़ना बंद होते ही उनका लंड थोडा थोडा नर्म पड़ने लगा. फिर दोनों ने अपने लंड को मेरे मुहं और गांड के होल से बहार निकाल लिए. उनका लंड निकलते ही मैं जोर जोर से रोने लगी. लेकिन उसका उन्के ऊपर कोई असर ही नहीं हुआ. उसके हटने के बाद दो ने फिर से अपने लंड मेरे मुह में और गांड के छेद में डाल दिया. और फिर से मेरी हार्डकोर चुदाई चालु हो गई. मैं तडप तडप के हाथ पैर मारते जा रही थी. पर उसका उन्के ऊपर कोई असर नहीं हुआ. वो बेरहमी से मुझे चोदते जा रहे थे. उन चारों ने मुझे रात के चार बजे तक लगातार चोदा. एक का ख़तम होता तो दुसरे का लंड मुझे पेलने के लिए खड़ा हो जाता था. मेरे एजंट को उन्होंने कहा नहीं था एक एक शॉट का इसलिए रात भर चोदेंगे ऐसे मुझे बोला उन्होंने!

बिच में तो मैं जसे बेहोश और बेशुध्ध सी हो गई थी. लेकिन उन्के चोदने के काम में कोई कमी नहीं आई थी. वो बिना कुछ कहे मेरी गांड चोदते रहे. मैं बिस्तर के ऊपर अपनी खून से भरी गांड को ले के पड़ी थी. शालीन ने मेरी चूत और गांड के नंगे फोटोस भी लिए अपने मोबाइल के अन्दर.

मेरी नींद दुसरे दिन दोपहर के वक्त खुली. मैंने देखा की बिस्तर भी पूरा मेरी गांड से निकले हुए खून की वजह से लाल हो गया था. मैं उठ के गांड में सेनिटरी पेड़ डाल के अपनी पहचान के एक डॉक्टर के पास गई. इस चुदाई की वजह से मेरी गांड में बहुत सब वीर्य भर गया था. डॉक्टर ने गांड पर मलम लगा के मुझे कुछ दवाई थी पेन कम करने के लिए. और गांड से सब वीर्य भी निकाल लिया उन कालियों का. डॉक्टर ने मुझे कहा भी की कल की रात बहुत तूफानी थी आप के लिए!!!

मुझे गांड के इलाज में काफी खर्चा हुआ. लेकीन उसकी टेंशन नहीं थी क्यूंकि एक रात के उन चारों ने उतने पैसे दिए थे की मैं डेढ़ दो महीने धंधा नहीं करती तो भी चलता!!!

मम्मी रंडी बनी पापा के कर्जे की वजह से

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पापा के सर के ऊपर उतना कर्ज हो गया था की एक एक बाल हजार रूपये में बेचते फिर भी वो कर्जदार ही रहते. उनका अपना मेडिकल स्टोर था लेकिन  उनको शेर ट्रेडिंग की उतनी बुरी लत लग गई की उन्होंने सब गवां दिया. फिर डूबे हुए पैसे निकालने के लिए और ट्रेडिंग! और फिर कर्ज ले के भी डूबे हुए पैसे निकालने की जहमत. लेकिन जुए का एक असूल हे की जो जीतता हे उसे कोई हरा नहीं सकता. और जो डूबता हे उसे कोई बचा नहीं सकता. पापा संभले तब तक हमारा घर गिरवी था और अपने घर में रहने का हम किराया दे रहे थे.

मेडिकल स्टोर की जगह पर भी कपडे का शो रूम खुल गया. पापा को कुछ और काम तो आता नहीं था. वो शराब के आदि हो गए और कर्जदारों से बचने के लिए कभी गोरखपुर मामा के वहां तो कभी लखनऊ बुआ के वहां भाग जाते थे. लेकिन मम्मी कहा जाती. मम्मी को तो मुझे और मेरी छोटी बहन शालिनी को पालना था. घर को चलाने के लिए वो लोगों के कपडे सिलाई कर देती थी. और कर्जदार मम्मी को ऐसी ऐसी गन्दी गालियाँ देते थे जैसे की कान में एसिड डाला हो. पापा घर पर ना हो तो कभी कभी वो लोग पापा के इंतज़ार में घंटो घर में बैठे रहते थे. मम्मी को कुछ दो तिन बन्दे तो रंडी छिनाल कह के बुलाते थे. मन तो करता था की केंची को गले में डाल के उसे खोल दूँ. पर मैं छोटा था और मम्मी ने वैसे भी हमें कसम दी थी की पापा के कर्जदारों के सामने कभी हम लोग बात ही ना करें!


एक दिन की बात हे रशीद खान अपने दो आदमियों के साथ शाम को घर पर आया. पापा घर पर नहीं थे. रशीद का सूद पर पैसे देने का काम हे और हमारा घर उसके पास ही गिरवी हे. रशीद ने आके मम्मी को कहा,

रशीद: और निम्मी कैसी हो, कहा गया वो भडवा विनीत?

मम्मी: जी वो घर पर नहीं हे?

मम्मी ये कहते हुए एकदम घबराई हुई थी. रशीद ने अपने आदमियों से कहा, जाओ बे यहाँ क्या खड़े हो सालो. देखो कही इधर उधर दब के तो बैठा नहीं हे हरामी, साला डेढ़ महीने से दूकान पर आया ही नहीं.

मम्मी: रशीद भाई वो नहीं हे घर पर, दो दिन हुए आये ही नहीं!

रशीद: वो तो मेरे आदमी देख लेंगे, आप कैसी हो ये बताओ?

और ये कह के वो मेरी मम्मी को ऊपर से निचे तक देखने लगा. फिर बोला: हरामी विनीत ने आप को दुखी कर दिया? हमारा भी पैसा लगा हे उसके ऊपर इसलिए आना पड़ता हे. अब दो महीने होने को हे मकान का किराया भी नहीं दिया उसने. लास्ट टाइम आप का मंगलसूत्र दे के गया हे और अब पता नहीं क्या देगा. पैसे दे के हमें जैसे भिखारी बना दिया हे उसने, कुछ भी हमारी झोली में डाल देता हे.

मम्मी की आँखे नम हो गई और वो बोली: वो ऐसे नहीं हे रशीद भाई, पता नहीं इस शेर ट्रेडिंग को किस अभागे ने उन्हें सिखा दिया. मेरे बच्चो की हाय लगेगी!

रशीद: हाय तो हमें ही लग रही हे, पैसे दे के सूद लेने के लिए भी आना पड़ता हे. वो तो उसका दोस्त इमरान साथ में आया था इसलिए मैंने पैसे दे दिए. वरना मैं देता ही नहीं.

रशीद के आदमी बहार आये सब जगह देख के.

एक आदमी: रशीद भाई कही भी नहीं हे?

रशीद: बाथरूम संडास देखा?

दूसरा: हां वो साला यहाँ हे ही नहीं.

मम्मी: रशीद भाई वो आयेंगे तब मैं आप के पास भेज दूंगी.

रशीद ने अपने आदमियों से कहा: तुम लोग दिलावर खान के पास जाओ वो पैसे दे देगा मेरी फ़ोन पर बात हुई हे.

उन्के जाते ही वो बोला: निम्मी भाभी आप एक काम करो ये मकान खाली कर दो इस हफ्ते में. मेरे बहुत पैसे लगे हे और मैं आप को यहाँ नहीं रहने दे सकता!

मम्मी के पैरों के निचे से जमीन ही खिसक गई! उसकी आँखों नम थी और उसने अपने दोनों हाथो को रशीद के सामने जोड़ा.

मम्मी: रशीद भाई रहम कीजिये, उन्के पापो की सजा मेरे बच्चो को ना दे. वो कहा भटकेन्गे हमारे साथ. मेरे पापा मम्मी भी गुजर गए हे इसलिए मइके भी नहीं ले के जा सकती हूँ! मैं अपनी सिलाई की कमाई से पैसे चुकाउंगी आप के.

रशीद: निम्मी, उसका कर्जा तुम्हारे सिलाई के काम से चुकाने के लिए मुझे और तुम को एक एक हजार साल जीना होगा!

मम्मी के आंसू अब बहार आ गए थे. वो अपनी ओढनी से आंसू पोंछने लगी और दुपट्टा उसकी छाती से हटा तो रशीद की नजरें वहां पड़ी. कुत्ते के जैसे उसके मुहं में पानी आ गया. उसने मम्मी को कहा: वैसे एक काम कर के आप अपना घर बचा सकती हो?

मम्मी: हां हां बोलिए क्या?

रशीद: बुरा मत मानना लेकिन आप की खूबसूरती का मैं पहले से ही कायल हूँ और मुझे आप पहले दिन से ही बहुत पसंद हे. इमरान तो ठीक मैंने कर्जा आप के लिए ही दिया था आप के पति को, लेकिन वो एक नम्बर का भडवा निकला. साला अपनी इतनी सुंदर बीवी और खुबसुरत बच्चो की भी फ़िक्र नहीं हे.

फिर वो मम्मी के पास आया और उसके हाथ को देख के बोला, पूरा दिन कपडे सी सी के तुम्हारे हाथ भी अकड गए हे निम्मी!

मम्मी थोडा पीछे हटी लेकिन रशीद उसके और पास आ गया. मम्मी का हाथ उसने नहीं छोड़ा.

मम्मी: क्या कर रहे हो आप?

रशीद: कुछ नहीं तुम्हारी सुन्दरता के बारे में बता रहा था.

मम्मी: रशीद भाई ये गलत हे!

रशीद: तो फिर घर खाली कर दो. और खाली नहीं करना हे तो मैं हफ्ते में एकाद बार आऊं तो मेरी हो जाओ. मैं सूद मुद्दल कुछ नहीं मागुंगा, जब पैसे आये तब किराया देना. मैं जोर नहीं करूँगा और मेरा कोई आदमी भी लेनदारी के लिए यहाँ नहीं आएगा!

मम्मी ने इधर उधर देखा. मैं खिड़की के बहार था वहां उसकी नजर नहीं आई.

मम्मी: रशीद भाई मैं बदनाम हो जाउंगी!

रशीद: कुछ पता नहीं चलेगा किसी को निम्मी, मुझे मेरे बच्चो की कसम. तुम मेरी रखेल बन के मेरे इस घर में रहो. ऊपर से पैसे की जरूरत हुई तो मैं पैसे दे के जाऊँगा. तुम्हारे हाथ सच में एकदम हार्ड हो गए हे. तुम्हारे जैसी पढ़ी लिखी औरत संघर्ष करे वो मैं नहीं देख सकता.

मम्मी एक पल के लिए कुछ नहीं बोल पाई. उसके गले में शायद आवाज घूंट गई थी. फिर वो बोली: मैं अपने पति को धोखा कैसे दूँ?

रशीद: जब उसने सब कुछ लुटाने के वक्त कुछ नहीं सोचा फिर तुम इतना इमोशनल क्यूँ होती हो. उसने रईस बनने के लिए तुम्हे इस दलदल में फेंक दिया. और आज भी वो तुम लोगो की हिफाजत करने के बदले कही भाग गया. क्या एक पति की जिमेदारी नहीं हे की अपने परिवार की देखभाल करे? शराब पी के किसी कौने में उसे तो नींद आती हे लेकिन तुम्हारा क्या मेरी जान? तुम्हे सब सहना पड़ता हे.

मम्मी कुछ नहीं बोली. रशीद ने दरवाजे के पास जा के स्कक्ल लगा दी. वो वापस मम्मी के पास आया तो मम्मी बदल गई थी. अब वो अपनी इज्जत रशीद को देने के लिए रेडी थी. रशीद ने मम्मी को बाहों में ले लिया और वो उसके बूब्स दबाने लगा. फिर उसने मम्मी की साडी को जल्दी से उतार दिया. मम्मी का पेटीकोट और ब्लाउज उसके सामने था. मम्मी को बहुत शर्म आ रही थी और वो अपना मुहं घुमा के रशीद की आँखों से बाख रही थी. रशीद ने मम्मी के होंठो के ऊपर अपने पानवाले लाल होंठो को लगा दिया. मम्मी उस से लिपट गई. रशीद ने माँ को किस करते हुए उसका नाडा खोल दिया. माँ का पेटीकोट जमीन पर गिरा और रशीद ने अपने दोनों हाथ को मम्मी की बड़ी गांड के ऊपर रख दिया.

मम्मी ने रशीद की कमर के दोनों तरफ अपने हाथ को रखा. रशीद ने मम्मी के ब्लाउज के बटन खोले. कुछ पलों में वो भी जमीन पर था. अंदर कोई ब्रा पेंटी नहीं थी. एक मिनिट के भीतर ही मम्मी को पूरी नंगी कर दिया था इस खान ने.

मम्मी की चूत को देख के रशीद की आँखों में अलग ही चमक आ गई. वो बोला, वाह निम्मी क्या मस्त बुर हे तेरा तो! कसम से मैं सब कर्ज माफ़ कर दूंगा अगर ये मुझे मिलता रहेगा.

मम्मी ने उसे पकड़ के अपनी तरफ खिंच लिया. अब मम्मी के अन्दर की अन्तर्वासना भी जाग गई थी शायद. बहुत टाइम से पापा के साथ सोयी नहीं थी वो.

रशीद ने अपने लहंगे के नाड़े को खोला और उसे निकाला. फिर उसकी चड्डी को माँ ने ही निचे की. रशीद का कटा हुआ लंड बाहर आ गया. वो पूरा 8 इंच का लोडा था जिसके अन्दर एक चमक सी थी. माँ ने उसे हाथ में ले के हिलाया. रशीद ने मम्मी के सामने अपने कुर्ता भी उतार दिया और बनियान निकाली. मम्मी के सामने वो पूरा नंगा हुआ और उसका लंड एकदम कडक खड़ा हुआ था. मम्मी कुछ कहती उसके पहले तो उसने उसे कंधे से पकड़ के निचे बिठा दिया और अपने लंड को उसके मुहं में दे दिया.

मम्मी को लंड चुसना नहीं आता था. उसने आधे से ज्यादा लंड को हाथ में लिया था और सिर्फ सुपाडे को किस कर रही थी.

रशीद ने कहा, निम्मी अन्दर लो ना इसे मुहं के.

मम्मी को फिर भी चुसना नहीं आया तो रशीद ने अपने हाथ से लंड को पकड़ के माँ के मुहं में डाला. लंड घुसते ही माँ की हालत खराब हो गई. उसने लंड को मुहं से निकाला और उसका जी मचलने लगा था. वो वोमिट कर गई.

रशीद: पहले चूसा नहीं हे किसी का?

मम्मी: नहीं.

रशीद मन ही मन खुश हुआ की माल फ्रेश हे!

उसने मम्मी को कहा, कोई बता नहीं सिख जाओगी मेरे साथ रह रह के. फिर तो किसी ने बुर भी नहीं चाटा होगा तुम्हारा?

मम्मी ने ना में अपना मुंडा हिलाया. रशीद ने माँ की दोनों टांगो को पूरा खोला, ऐसे की माँ की चूत का छेद उसे दिखे. और फिर उसने सेंटर के ऊपर ही अपनी जबान को लगा दी. मम्मी के बदन में जैसे की करंट लगा. वो ह्ह्ह्हह्ह अह्ह्ह कर के उठने को हुई. रशीद ने माँ की दोनों जांघो के ऊपर हाथ रखा और वो चूत को चाटने लगा. मम्मी को अलग ही फिलिंग हो रही थी. कुछ देर पहले अबला नारी थी और अभी वो सेक्स की देवी के जैसे, अह्ह्ह्ह रशीद अह्ह्ह्हह जोर से अह्ह्ह्ह मजा आ गया करने लगी थी!

रशीद ने भी अपनी पूरी जबान को माँ के छेद में फिट कर दिया था और वो और भी जोर जोर से चूसने लगा. माँ के अन्दर अलग ही आग आ गई थी. उसने रशीद के माथे को अपनी चूत के ऊपर दबा के खूब चटवाया! रशीद के पास वो आर्ट थी जिस से एक औरत के अन्दर की अन्तर्वासना को पूरा भड़काया जा सके!

फिर रशीद ने अपने लंड के ऊपर थूंक लगाया और मम्मी की चूत के ऊपर रख दिया. माँ ने अपनी मुठ्ठी में लंड को पकड़ के थूंक को पूरा घिस दिया डंडे के ऊपर. फिर माँ ने अपने दोनो लेग्स को हवा में किया और लंड को चूत में डलवा  लिया. रशीद का पूरा 8 इंच का लंड मम्मी की चूत में आराम से घुस गया. शायद चूत चाटने की वजह से वो एकदम गीली हो गई थी. और लंड बिना किसी परेशानी के चूत के अन्दर घुस गया था. मम्मी को लिपट के रशीद अब झटके देने लगा था. मम्मी भी जोर जोर से उछल रही थी अपनी मरवाने के लिए.

रशीद ने अब मम्मी के बूब्स को अपने मुहं में भर लिए. वो निपल्स को चूस चूस के मम्मी की चूत को चोद रहा था. मम्मी को 10 मिनट चोद के फिर रशीद ने अपना सब माल उसकी चूत में निकाला.

वो खड़े हो के कपडे पहन रहा था. मम्मी ने भी अपना पेटीकोट लेटे हुए ही पहन लिया. रशीद ने अपने कुरते की जेब से 2000 का नोट निकाला और मम्मी को दिया और बोला, अगले मंगल को आऊंगा, अपनी चूत के ऊपर के बाल निकाल के रखना बहुत चाटूंगा. आज दिलावर के वहां जाना हे वरना जाता नहीं ऐसे छोड़ के!

मम्मी खड़ी हो के रशीद से लिपट गई. शायद उसे अपनी पैसे की और बदन की जरूरत पूरी करनेवाला मर्द मिल गया था!

दोस्त की बहन चोद कर बदला लिया

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हेलो दोस्तों आज जो ग्रुप चुदाई की कहानी बताने जा रहा हूं वह अपनी बहन और दोस्त की बहन को एक साथ चुदाई की है. आज मैं बताऊंगा कैसे अपनी बहन को चोदा, फिर दोस्त की बहन को चोदा और मेरी दोस्त की बहन को चोदने में मदद किया. नंगा कर के अपनी बहन की चूत चाटा और दोस्त की बहन के बूब्स को चूसा, दोस्त की बहन की चूत में लंड डाला और अपनी बहन की चूत में उंगली डालकर चोदा. एक एक करके दोनों बहन को चोदा, अलग-अलग स्टाइल में अपनी बहन की गांड मारी और दोस्त की बहन की गांड में लंड डाला, और चोद चोद कर गांड को बड़ा कर दिया. मेरी फैमिली में मैं और मेरी बड़ी बहन है. उसकी शादी दो साल पहले चंडीगढ में हो गई थी.

अब मै सीधा कहानी पर आता हूं, मैं २४ साल का हूं और दीदी २६ साल की है. मेरे जीजाजी इंपोर्ट और एक्सपोर्ट का काम करते है, और वह एक मंथ में १०-१५ दिन बाहर ही रहते हैं. मैं दो महीने पहले चंडीगढ़ अपनी दीदी के पास रहने गया हुआ था, वह मुझे देख कर बहुत खुश हुई. जब मैंने उसको देखा वह सच में बहुत सेक्सी लग रही थी, उसका फिगर ३४-३६-३८ के आस पास है.


उन के फ्लैट में बोइज का पीजी बना हुआ था, वहां पर तीन बॉयज रहते थे. उनमें से एक लड़का मेरे कोंटेक्ट का था उसका नाम राजू था, वह मुझे मिल कर खुश हो गया. वह स्टडी करता था, हम दोनों दोस्त शाम को मस्ती करने चले गए और रात को ८ बजे घर आ गए, और फिर दीदी के साथ में मिलकर खाना खा लिया. उस दिन राजू ने हमारे पास ही खाना खा लिया था. अब सीधा कहानी पर आता हूं, मैं जब रात को अपने रूम में सोने चला गया उस टाइम दीदी ने ब्लैक और बहुत ही सेक्सी नाइटी पहनी थी और मेरे जीजाजी अपने काम पर थे सिंगापुर.

दीदी मेरे रुम में मेरे को गुड नाईट बोल कर अपने रुम में चली गई, मैं टीवी  देख रहा था और टीवी देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया, सच यार मेरे लंड का साइज ९ इंच है और २.५ इंच मोटा है, पता है आपको. १ बजे का टाइम था, मैं मुठ मारने चला गया क्योंकि मुझे अपने दीदी के मम्मे और फैशन टीवी पर नंगी लड़की देख कर सेक्स चढ़ गया था. जब मैं बाथरूम की तरफ जा रहा था तो मुझे दीदी अपने रूम में नहीं दिखी. मैं सोचने लग गया कि दीदी इतनी रात को कहां है? जब मैं राजू के रुम के पास पहुंचा तो देख कर मेरे आंख फट गई मेरी अपनी दीदी राजू का लंड चूस रही थी और बाकी दो लड़के मेरे दीदी के दूध चूस रहे थे मेरे को बहुत गुस्सा आया.

दिल कर रहा था राजू को अभी तीन चार थप्पड़ मारूं, उसके बाद मैंने देखा उसने मेरी दीदी को नंगी करके बहुत जोर से चोदा. काफी टाइम बाद उसका पानी निकल गया, और फिर बाकी दो लड़कों ने भी दीदी को चोदा. मैंने सोच लिया कि अब मैं इसका बदला राजू की छोटी बहन को चोद कर लूंगा, और मुठ मार कर सो गया. सुबह जब उठा दीदी अपना काम कर रही थी, और राजू अपनी कॉलेज जा चुका था. मैंने दीदी को उसकी लाइफ के बारे में पूछा उसने कुछ ज्यादा अच्छा रिस्पांस नहीं दिया, मैंने जानबूझकर फोर्स किया तो उसने कहा कि तेरी जीजाजी बाहर रहते हैं और मेरे लिए उनके पास टाइम कहां है? पहले तो मैं डर रहा था की दीदी को रात वाले का कैसे पुछु? मगर मैंने दीदी को रात की चुदाई के बारे में पूछा, और वह दंग रह गई, उसके चेहरे पर पसीना आ गया वह कांपने लगी.

मैंने उसको पानी दे दिया और वह रोने लग गई, मैंने जल्दी से उसको अपनी छाती से लगाकर चुप करवा दिया. और उसने कहा कि किसी को प्लीज ना बताना मगर मैंने कहा कि दीदी मैं राजू को कभी माफ करूंगा, जब मैं उसकी बहन को चोदूंगा उसके सामने, फिर दोपहर को राजू वापस आ गया. मैंने उसको अपने रूम में बुला लिया और सब बात पूछी. वो डर गया और मेरे पैर पड कर माफी मांगने लगा. मैंने उसको कहा कि राजू अब मैं तेरी बहन की चूत मारूंगा फिर तेरे को माफ करूंगा, वह सोचने लगा और १० मिनट बाद उसने ओके कहा.

फिर उसने अपने घर फोन करके अपनी बहन को चंडीगढ बुलाने को कहा. अपनी मां को उसने अपनी मां को कहा कि पिंकी को चंडीगढ भेज दो, मैं कॉलेज से फ्री हूं और इसको चंडीगढ़ घुमा दूंगा. उसकी मां मान गई और पिंकी जो की बीए  फर्स्ट में स्टडी करती थी, वह चंडीगढ़ पहुंच गई. अगले दिन हम दोनों उसको लेने चले गए बस स्टैंड.. क्या बताऊ दोस्तों एकदम सेक्सी बोडी थी, छोटी साइज के मम्में और पतली कमर. उसने उस टाइम जींस और कुर्ता पहन रखा था, उसे लेकर हम घर पहुंच गए.

शाम को घूमने चले गए हम तीनों.. हमने आज फिर साथ में खाना खा लिया, और साथ में बैठ कर टीवी देख रहे थे. और राजू की बहन बार बार मेरी तरफ देख रही थी, मैं मन में उसको बोल रहा था की रानी आज तेरी चूत का भोसड़ा बना दूंगा. मेरी दीदी को सब पता था कि आज रात क्या होने वाला है.. और वह अपने कमरे में चली गई. अब हम तीनों रह गए थे मैंने राजू को आंख मारी और वह अपने रूम में चला गया, अब मैं पिंकी से बातें कर रहा था इधर उधर की वह मेरे पास बैठी थी.

उसने केप्री और टी शर्ट पहन रखी थी, मैं सोच रहा था कि उस से बात स्टार्ट कैसे करूं और उसको चोदु, फिर मैंने उसको कहा कि तेरा कोई बॉयफ्रेंड है क्या नहीं? वह मुस्कुरा रही थी. मैंने फ़ोर्स किया तो कहने लगी की राजू की कसम अभी तक कोई नहीं मिला, अच्छा लड़का. और मैंने पूछा कैसा लड़का पसंद है? वह कहने लगी जो मुझे प्यार करे मेरी हर बात माने और बस उसका बन कर रहे. साला राजू हमें छुप छुप कर देख रहा था, मैंने पिंकी को कहा आई लव यू जान. वह यह सुनकर दंग रह गई और अपने अपना फेस साइड पर कर लिया, फिर मैंने उसके फेस को अपनी तरफ करके उस के लिप्स को चूसने लगा, वह कहने लगी कि प्लीज़ हट जाओ, राजू आ जाएगा. मैंने कहा कि राजू सो गया है, कोई नहीं आने वाला. और फिर वो भी मेरा रिस्पांस देने लगी.

क्या कहूं दोस्तों? कमाल का एहसास था. सच यार पिंकी की उम्र १८ साल की थी, और वह वर्जिन थी. अभी तक फिर मैंने मेरा एक हाथ उसके मम्में पर रख दिया और वह आवाज निकाल रही थी, फिर मैंने उसकी टी शर्ट उतार दी और उसने ब्रा नहीं पहनी थी, उसके मम्मे अब मेरे सामने थे, एकदम बड़े और पिंक कलर के निप्पल में और फिर मैंने उसको अपनी गोद में बैठा लिया, और कैपरी में हाथ डाल दिया. उसकी चूत एकदम गरम गरम और क्लीन शेव थी और उसको टेबल पर सुला दिया और चूत में अपनी जीभ अंदर बाहर करने लगा. वह अहह हां ओ हहह अहह इह्ह हहह इई करने लगी.

मैंने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और अब हम दोनों बिल्कुल नंगे थे, उसके बाद मैं उसको उठाकर अपने रूम में ले गया और दरवाजा जानबूझकर खुला छोड़ दिया. अब पिंकी मेरा लंड अपने मुंह में लेकर चूस रही थी, वाह क्या मजा आ रहा था? वह अंदर बाहर जोर जोर से कर रही थी और राजू दरवाजे के पास देख रहा था.

उसके बाद मैंने उसको बेड पर सुला दिया और ऊपर चढ़ गया और अपने लंड पर क्रीम लगा दी, और उसकी चूत पर भी लगा दी और जब मैंने लंड चूत पर रख कर धक्का मारा वह नीचे से बोली कि प्लीज दर्द होता है.. रहने दो.. मैंने कहा रुको यार फिर मजा मिलेगा. पहले तो दर्द होता है, और मैंने फिर दोबारा अपना लंड चूत पर रखकर एक धक्का मारा और मेरा ३ इंच लंड अंदर चला गया, और वह चिल्ला उठी.   मैंने थोड़ी देर के बाद फिर से एक धक्का मारा और मेरा ६ इंच लंड अंदर चला गया और फिर उसके बाद पूरा ९ इंच अंदर चला गया और उसकी चूत से खून निकल गया.

फिर राजू मेरे पास आ गया और उसकी बहन डर गई, मगर राजू उसको बोला पिंकी मुबारक हो तुम औरत बन गई हो. उसके बाद तो मैंने २० मिनट तक उसकी चूत मारी और वह अहह हू येस्स्स्स हह्हो हह अह्ह्ह अय्य्य उऔउ हह्ह्ह चोदो मुझे मजा आ रहा है जान.. आई लव यू बोल रही थी. में पिंकी को चोदता रहा फिर ३० मिनट बाद मैंने पिंकी के अंदर अपना पानी छोड़ दिया और फिर उसके ऊपर ही पड़ा रहा. ५ मिनट बाद मैंने उसको उल्टा लेटा दिया फिर उसकी गांड मारने को बोला तो जमकर बहन की गांड मारी.. उस दिन के बाद रोज दीदी की चुदाई करता हूं.

मेरी मोम रंडी निकली

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हेलो दोस्तों, मैं मुंबई में रहने वाला लड़का हूं. उम्र २३ साल, मेरे घर में मेरी एक बड़ी दीदी और मॉम डैड है.

मेरे डैड फॉरेन में नौकरी करते हैं और मोम यहां हाउसवाइफ है.


डेड ६ महीने में एक बार आते हैं इंडिया.

मॉम को देख कर लगता था के मेरी मां इस दुनिया की सबसे अच्छी माँ है लेकिन यह बात गलत निकली.

मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि उन्हें सेक्स करने की इतनी इच्छा थी, लेकिन अब क्या कर सकते हैं? भूखे कुत्ते को हड्डी डालो तो जपट से लपटता है, वैसे ही मोम को भी सेक्स की प्यास थी.

बात तब की है जब मैं ११ के एग्जाम देकर घर आया, मैं एग्जाम देकर घर पहुंचा करीब १ बज रहे थे.

दरवाजे को खोलने गया कि मुझे अंदर से कुछ आदमियों की और मोम की बात करने की आवाज़ आई, मुझे लगा शायद अंदर कोई मेहमान आया है.

और घर के बाहर तीन आदमियों की फुटवेअर भी थी, कुछ अजीब सी फीलिंग आई लेकिन मैंने दरवाजे को धक्का मार के खोलने की कोशिश की, दरवाजा अंदर से लॉक था.

मैंने घंटी बजाई लेकिन बेल नहीं बज रही थी, बेल का मेन स्विच अंदर से ऑफ़ था.

मेरी दीदी भी घर पर नहीं थी वह कॉलेज ट्रिप पर गई थी.

मैं सोच में पड़ गया कि क्या करूं? फिर मैंने बाहर रखे एक स्टूल से घर के रोशनदान में झांकने की कोशिश की, कि शायद कोई दिखे तो दरवाजा खोलने को कहु.

अंदर देखा तो मेरे पैरों तले जमीन निकल गई, दोस्तों मैंने जो देखा मैं हक्का बक्का रह गया.

मैंने देखा कि घर में तीन आदमी थे और मोम लेदर कोच पर बैठी थी, एक ट्रांसपरेंट नाइटी पहन के. तीनो आदमी मॉम को किस कर रहे थे कोई चूस रहा था कोई निप्पल मसल रहा था कोई बूब्स दबा रहा था गांड में चाटे मार रहा था.

मोम तो जैसे एक रंडी की तरह अपना शरीर बेच रही थी.

मैं समझ गया यहां अब क्या सीन होने वाला है..

फिर उन लोगों ने मॉम को कोच पर पटका और उनके सारे कपड़े फाड़ने लगे.

मोम ने अंदर रेड ब्रा पैंटी पहनी थी, फिर उन लोगों ने मॉम को ऊपर से नीचे तक १५ मिनट तक चूसा कितना चूसा और काटा के ब्रा और पैंटी गीली हो गई.

मोम ने जोर से कहा आज फाड़ देना मुझे हर जगह से, चीर देना मुझे टुकड़ों में..

यह सुन के मेरे होश उड़ गए, सोच नहीं सकता था जिस को अपनी मां बोलता हूं वह इतनी बड़ी रंडी है.

चूसने के बाद एक आदमी ने मॉम की पैंटी फाड़ते हुए उनको कोच पे डॉग पोजीशन में रखा, फिर उसने अपना बेल्ट निकाला और मम्मी गांड पर फटके लगाना शुरु किया.

मोम की आवाज निकली आह्ह औऊ ईई माआअ, वह रो रही थी और उनकी गोरी गोरी गांड लाल हो चुकी थी, मोम के मुंह पर एक आदमी लंड रगडने लगा.

फिर एक आदमी ने मॉम की बड़ी बड़ी गांड और बड़े बड़े बूब्स पर तेल लगाया, मॉम का बटन लाल हो चुका था.

उन सब ने अपने अपने कपड़े उतारे मोम उन लोगों का लंड देखकर मचल उठी, कहां कितने दिन से तरसी हुई हु.

और उतनी देर में एक आदमी ने मोम के मुह के अंदर अपना लंड पेल दिया.

लंड उसने अंदर तक घुसा दिया.

मोम के हलख तक चला गया था लंड, मैं ऊपर से जांक कर देख रहा था, कुछ नहीं कर सकता था, बस मोम को देख कर लग रहा था कि जैसे कुतिया चुद रही हो.

दूसरे आदमी ने मोम को अपने ऊपर लेटने को कहा और उसने मॉम की गांड में अपना लंड डाल दिया. मॉम चीख उठी अहह उऔउ ईई माया हहह उऔउ अमी इःह्ह अम्मम्म, उस आदमी ने मॉम को गांड में डाल के ही रुक गया, जैसे ही उसने अपना लंड निकाला उसका लंड मॉम की टट्टी से लिपटा हुआ था, पूरे लंड पर संडास लगा हुआ था.

उसने गुस्से में मॉम को एक चांटा मारा और कहां अबे रंडी गांड धो कर क्यों नहीं आई? मोम रोने लगी और कहा कि जब तुम लोग मेरी गांड की पिटाई कर रहे थे तभी मेरी गांड फट गई.

तीनों आदमी गुस्से में थे, कुछ २० सेकंड के लिए रुक गए, अचानक दूसरे आदमी जिसके लंड में घु लगा हुआ था, उसने मॉम का मुंह पकड़कर मॉम के मुंह में लंड पेल दिया. मोम छटपटा उठी, लंड में लगा संडास मुंह में घुस चुका था.

मुझे देखकर उल्टी करने का मन हुआ.

तीन आदमी ने मॉम को पकड़कर कोच पर पटका और चूत गांड मारना चालू किया, किसी का लंड चूत में, किसी का गांड के खड्डे में, तो किसी का मुंह के अंदर पूरी तरह से घुसा रहे थे.

मॉम की चीख सुनकर मैं अफ़सोस और गुस्सा दोनों कर रहा था.

उन सब ने मॉम की इतनी बुरी तरह चुदाई की जैसे घोड़े को घोड़ी मिल गई हो.

करीब डेढ़ घंटे तक यह सब चलता रहा, फिर सबने मॉम के मुंह पर अपना लंड का मुठ मारा और मोम सारा मुठ आपने फेस पर और मुह के अंदर लिया, ऐसे पी रही थी जैसे मुठ की प्यासी हो कई सालो से.

सब नहाने चले गए.

मोम उठ कर अपना मुंह एक कपड़े से साफ कर रही थी, सारा घर एक रंडी खाने की तरह महक रहा था, गु की बदबू, फर्श पर गिरी मुठ, और कोच पर तेल की बूंदे..

फिर मैं स्टूल से उतरकर नीचे भाग गया, मुझे वह मोम का सीन देख कर अजीब सी बेचैनी होने लगी.

मैंने अपनी मां को रंडी बनकर चुदाई करते हुए देखा.

करीब २ घंटे बाद में घर गया, दरवाजा जोर जोर से ठोका, मॉम ने दरवाजा खोला.

ऐसा लग रहा था घर में कुछ हुआ ही नहीं, मोम के चलने के अंदाज से पता चल रहा था कि काफी दर्द में है. उनके मुह से हल्की सी गंदी बदबू आ रही थी. वह मुंह इधर उधर छुपा कर बोली, खाना लगा दूं? पेपर कैसा गया?

२ घंटे पहले खुब गंदा वाला गैंगबैंग हुआ था…

लेकिन मुझे पता चल गया था कि मॉम इज अ चीटर एंड अ रंडी.

इस किसे के बाद से मैंने मॉम पर काफी नजर रखना शुरु कर दिया.

और आगे ऐसे बहुत किस्से हैं जो आप लोगों को बताऊंगा मेरी मॉम के बारे में.

माँ बेटे का सेक्स और प्यार

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हेलो दोस्तों कैसे हैं आप लोग? बहुत टाइम बाद लिख रहा हूं, आप सबको पसंद आए ऐसी आशा करता हूं.

यह कहानी तब की है जब मैं १८ का था मैंने बारहवीं का एग्जाम काफी अच्छे नंबर से पास किया था और मुझे डीयू में एडमिशन मिल गया, क्योंकि मैं फरीदाबाद रहता था. तो मैंने फरीदाबाद से डेली अपडाउन ना कर के वही दिल्ली में एक फ्लैट ले लिया और अकेला रहने लगा, बीच बीच में घर चला जाता था. एक साल हो गया अब मैं थोड़ा कम घर जाने लगा था यह बोलकर कि यहां बहुत काम है.


एक दिन छुट्टियों में मां दिल्ली मेरे फ्लैट पर आ गई मैंने गेट खोला और मोम को देख कर हैरान हो गया, मेरी मॉम ३८ की है लेकिन वह ३० की दिखती है, एकदम गोरी और एकदम लंबे काले बाल हैं. और ब्यूटीफुल ३६-३२-३८ का फिगर है, जब से वह आई थी बस यही देख रहा था, कि मोम इतनी सेक्सी है, जब भी मौका मिलता है मैं मॉम को देखता हूं, उनका भरा हुआ गोरा बदन क्यों आज तक मैंने यह नोटिस नहीं किया, कि मेरे घर में एक अप्सरा है जो मेरी मौम ही है.

वह सुबह उठती है, घर साफ करती है नहा धोकर ब्रेकफास्ट बनाती है और ऐसे दिन चलता है, क्योंकि मैं एकलोता हु तो में और मोम बहुत क्लोज हैं, एक दिन हम ऐसे ही मूवी देख रहे थे, तो मोम बोली विरेन बेटा तू बहुत ज्यादा शरारती हो रहा है. मैंने कहा मोम क्या हुआ? मोम ने कहा नादान मत बन तेरी नजर एक जगह नहीं रहती  इसमें मेरी क्या गलती है? आप हो ही इतनी ब्यूटीफुल.

मोम पर बोली अच्छा मजाक है

में – मोम नहीं, तुम सच में ब्यूटीफुल हो. मेरा बस चले तो मैं आपको दिन भर निहारता रहू.

मोम बोली – थैंक्यू बेटा लेकिन तुम्हारी आंखें किसी और पर रखो मैं तुम्हारी मां हूं.

मैंने कहा – ठीक है, मम्मी जब से यहां आई है बहुत खुश लग रही है, वह मेरे साथ इंजॉय कर रही है, हम पहले से ज्यादा बात करने लगे.

मोम बोली अच्छा किचन का सामान खत्म हो गया कल मार्केट चलना है क्योंकि मुझे निकलना है वापस. अगले दिन में बाजार गया तो मोम सामान खरीद रही थी इतने में मेरा दोस्त आया और बोला यार तेरी गर्लफ्रेंड बहुत अच्छी है, और मॉम ने यह सुन लिया, पर उन्होंने कोई रिएक्शन नहीं दिया.

तो मैंने बोला यार जाना अपना काम कर. और वह निकल गया. और फिर घर जाने से पहले मॉम से बोला मॉम कॉफी पीने चलें? तो मोम मुस्कुराई और बोली ठीक है मैं मुस्कुराया फिर हम फ्लैट से पहले कॉफी पीने गए और वहां बातें करने लगे.

मैं – मोम आपने मुझे घर के बारे में नहीं बताया घर पर सब सही है?

मॉम थोड़ा उदास हो गई नहीं बेटा तेरे पापा ज्यादा पीने लग गए हैं और हर बात पर लड़ाई..  मैं तो तंग आ चुकी हूं और थोड़ी नाराज हो गई.

मैं – डोंट वरी मॉम सब सही हो जाएगा.

मॉम – चार पांच साल से यही सोच रही हूं बेटा अब तो तेरे पापा हाथ उठा रहे हैं, मेरे ऊपर और उनकी आंखों से आंसू आ गए. इसलिए तो मैं यहां आई.

मैं – मॉम प्लीज मत रोना, आप मुस्कुराते हुए अच्छे लगते हो. और मैंने उनका हाथ पकड़ा और बोला आप मेरे साथ आ जाओ, मैं बोल दूंगा मैं बीमार हूं पर कॉलेज इंपॉर्टेंट है.

मॉम – देखते हैं बेटा.

मैंने अपनी जेब से फोन निकाला और पापा को फोन लगाने लगा, मॉम बोली किस को कर रहे हो?

इतने में फोन उठा, मैं बोला पापा एक बात है, पापा बोले हां बोलो, मैं बोला पापा मेरी तबीयत खराब है पर कॉलेज जाना जरूरी है, तो मोम मेरे साथ रुक जाए जब तक मैं ठीक नहीं होता, पापा बोले ओके अपना ख्याल रखना.

मैंने फोन काटा और बोला आप मेरे साथ रहे जब तक मैं ठीक नहीं होता, और मुस्कुराया मॉम भी हंसी और बोली पागल.

फिर मोम बोली विरेन वहा अपने दोस्त को कुछ क्यों नहीं कहा? कि मैं तेरी मां हूं. मैं – मां आप को पता है मुझे लाइफ में आपकी जैसी गर्लफ्रेंड नहीं मिल सकती, आप इतनी खूबसूरत हो.

मॉम बोली – कुछ भी मत बोल बेटा, अब कहां सुंदर दिखती हूं, मैं बूढ़ी हो गई हूं.

मैंने मॉम को बोला अच्छा शॉपिंग पर चलते हैं, आप की ड्रेस चेंज करवाते हैं और फिर मैं आपको अपने फ्रेंड से मिलूवाऊंगा गर्लफ्रेंड की तरह से, अगर आपको मेरी गर्लफ्रेंड नहीं माना तो कहना.

मोम हसी चल पागल मैंने बील मंगाया फिर उठा और मॉम का हाथ पकड़ कर चलने लगा और मॉम मेरे पीछे-पीछे, मैं मॉम को शॉपिंग पर ले गया और वहां से एक जींस और एक टॉप लिया, और मॉम को ट्रायल रूम में भेजने लगा, तो बोली नहीं बेटा.

मै बोला – मॉम प्लीज, अब तो आप यहीं हो तो वह मान गई और चेंज कर के बाहर कदम रखा मैं तो जैसे हिल ही गया, मॉम ने अपने कंगन उतारा दिए थे, उनके गले में मंगलसूत्र नहीं था, और उन्होंने बाल खोल दिए थे. हम इतनी हॉट लग रही थी पूछो मत.. मैं बस उन्हें ही देख रहा था, वह मेरे पास आई और बोली इतनी भी अच्छी नहीं लग रही..

मैं बोला – मॉम तुम्हारी ज्वेलरी कहां है? वह बोली बैग में और बोली मुझे नहीं चाहिए जब में अपने बॉयफ्रेंड के साथ हु और उन्होंने आंख मारी. मैंने मॉम का हाथ पकड़ा और मॉम मेरी तरफ झुककर एक गर्लफ्रेंड की तरह चलने लगी.

फिर मैंने मॉम को अपने सब दोस्तों से मिलवाया पर जब मैं अपने एक दोस्त प्रीति से मिलवाया तो मोम पूरा टाइम मेरा हाथ पकड़ कर खड़ी रही, क्योंकि प्रीति मुझसे बार बार चिपक रही थी, उसके जाते मैं बोला मॉम क्या हुआ? कोई प्रॉब्लम हे, आपने जब से मेरा हाथ पकड़ा हुआ है इतनी जोर से. तो मोम बोली मुझे लगा तू उसके साथ चला जाएगा, मैं हंसा और मॉम को गले लगाया और बोला इतनी प्यारी गर्लफ्रेंड को मैं कभी नहीं छोड़ कर जाऊंगा, मोम ने हल्का सा मुक्का मारा मेरे पेट पर फिर गले लग कर हंसने लगी और बोली आई रियली लाइक टू बी योर गर्लफ्रेंड.

मैंने कहा काश मैं तुम्हारा बॉयफ्रेंड होता, और फिर उन्होंने मेरे होठों पर किस किया. और बोली थैंक्यू बेटा और मैं शोक्ड रह गया, मॉम के होठों ने बिजली गिरा दिया.

फिर हम वहां से निकले और घर आये, मॉम फ्रेश हुई और एक नाइटी पहन कर आई जो उनकी बॉडी से चिपकी हुई थी, जिससे मोम के बूब्स और गांड का शेप इतना हॉट लग रहा था की पूछो मत.. फिर मॉम किचन में सब्जी धोते हुए बोली अच्छा वीरेन मेरी जैसी बूढी गर्लफ्रेंड चाहिए तुझे? मैं मॉम के पीछे गया और उनकी कमर से हाथ डाल कर उन्हें हल्का पीछे खींच कर अपने से लगाया और बोला काश आप ही बन जाती मेरी गर्लफ्रेंड.

मॉम ने धक्का दिया और बोली यह नहीं हो सकता मेरा लंड कब तक पूरा खड़ा हो चुका था मैंने अपने पैंट में बन रहे टेंट को मोम की गांड पर दबाया और बोला मैं आपको बहुत खुश कर दूंगा वह बोली हल्की सी पीछे हुई पर फिर अलग हुई और बोली नहीं बेटा यह गलत है. मैं बोला क्या गलत और सही मॉम लेट बी गर्लफ्रेंड एंड बॉयफ्रेंड जैसे दिन में थे, मोम बोली बेटा वह तो ऐसे ही था.

मेरे सर पर सेक्स चढ़ चुका था और बोला आई लव यू मॉम और मॉम को बाहों में लिया, मोम झटके से अलग हुई और मेरी तरफ मुड़ी और बोली आई लव यू टू बेटा लेकिन यह सब गलत है. मैं उनकी तरफ बढ़ा और उनको गले लगा लिया और बोला मां में आपको आपके पति की तरह प्यार कर सकता हूं?

मा ने फिर मुझे अलग किया है और मेरी तरफ देखा और मॉम कुछ बोलने ही वाली थी मैं झटके से आगे हुआ और मॉम के लिप्स पर अपने लिप्स रख दिए, और किस किया. और मॉम ने भी कुछ रिस्पांस नहीं किया. मैंने उनको दोबारा किस किया और मॉम ने इस बार पॉजिटिव रिस्पांस दिया, और मुझे वापस किस किया. और फिर उनकी आंखों में आंसू थे, मैंने मॉम के चेहरे पर हाथ रखा और बोला क्या हुआ मां?

मॉम बोली मैं बहुत खुश हूं कि मुझे कोई इतना प्यार करता है. पर हम चाह कर भी ऐसा नहीं कर सकते बेटा, मॉम मुझे पता है आप की भी जरूरत है. जिसके लिए आप हर किसी पर भरोसा नहीं कर सकते, मैं इंतजार करूंगा.

मैं मोम से अलग हुआ और बोला मॉम आई लव यू, अब मैं ऐसा नहीं करूंगा और वहां से चला गया. अपने रूम में में बैठ गया. और सोचने लगा यह क्या किया मैंने सब कुछ अच्छा जा रहा था. और फिर मैं दिन के बारे में सोचने लगा, मॉम कितनी हॉट लग रही थी. मेरे सारे दोस्त जल रहे थे, मैं मुस्कुराने लगा और इतने में मॉम दरवाजे पर खड़ी थी और वह अंदर आई और मेरे सामने बैठी.

मॉम के बैठते ही मैं बोला मॉम सॉरी पता नहीं मैं क्या सोच रहा था, आई एम सॉरी मॉम.. प्लीज नाराज मत होना. और मेरी आंख में आंसू आ गए, मॉम सरप्राइज़ हो गई और आगे बढ़कर मॉम ने मेरे आंसू पोंछे और मैं बोला मॉम आई लव यू, पता नहीं मेरे दिमाग में क्या चल रहा था?

तो मोम बोली बेटा कोई बात नहीं मैं बस बात करने आई थी, मैं यहां बोलना चाहती हूं कि बेटा अभी तुम्हारे पास पूरी जिंदगी है, कोई अपनी उम्र की लड़की ढूंढो, क्योंकि यह सब सही नहीं है. मेने मॉम को रोका और बोला मां बहुत ढूंढी पर कोई आप जैसी नहीं है जो मुझे इतना प्यार करें, और मॉम क्या बुरा है मैं आपसे प्यार करता हूं मॉम बोली बेटा तुम नहीं समझ रहे.

मैं बोला नहीं समझना मुझे, बस आई लव यू मॉम. मैं आपको वह प्यार और आराम देना चाहता हूं जो आज तक आपको नहीं मिला, मोम तुम दुनिया की सारी खुशिया डीजर्व करती हो.

मा ने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और कुछ सेकंड ऐसे ही रही, मैं उनकी सांसों को फील कर सकता था, अलग होकर बोली आई लव यू टू बेटा. मैंने मॉम को देखा वह बोली बस देखना चाहती थी कि मेरा बेटा मुझे कितना प्यार करता है, फिर मैंने मॉम को बेड पर खींचा और अपने ऊपर बैठा कर किस करने लगा.

और मॉम की कमर पर हाथ फेरने लगा, मुझे विश्वास ही नहीं हो रहा था कि क्या हो रहा है. मोम अपनी गांड नाइटी से ही मेरे लंड पर रगड़ने लगी और मेरा लंड एकदम टाइट हो गया था, और हमारी किस वाइल्ड हो रही थी, मॉम मेरे होठों को काट रही थी.

फिर वह मुझसे अलग हुई और मेरे ऊपर बैठकर मुझे देखने लगी और मैं उनको. अब कमरे में बस हमारी सांसों की आवाज़ थी मोम मेरे खड़े लंड पर बैठी थी और उनकी सांसे तेज हो चुकी थी तो उनके बूब्स ऊपर नीचे हो रहे थे.

मोम मेरी आंखों में देख रही थी मैंने अपना हाथ उनकी कमर पर रखा और वहां से ऊपर ले जाने की कोशिश की, तो मोम ने मेरी चेस्ट पर हाथ रखा और आगे बढ़ी. मेरे होठों के पास आकर उन्होंने मेरा मुंह पकडा और अपने मुंह को मेरे करीब लाकर मेरी जीभ पर थूका, मैंने उसे अंदर किया गॉड कितना हॉट मोमेंट था.

फिर मैं एकदम से पलटा, अब वो मेरे नीचे थी और मैं ऊपर मैं मॉम की टांगों के बीच में आ गया. और मोम लेटी हुई थी. मैं अपना हाथ मॉम की कमर पर ले गया और वहां से उनकी नाइटी उठाया, ऊपर घुटने तक लाया, उनकी पैंटी दिखने लगी मैं अपने हाथों को आराम से जांघ से ले जाते हुए चूत तक गया और हल्का सा दबाया,  मॉम ने आह्ह औऊ किया और आंखें बंद कर ली.

में नीचे झुका और उनकी चूत पर अपना मुंह में ले गया और उनकी चूत पर किस किया क्या खुशबू थी? मैं तो जैसे खो गया था, किस करते ही मॉम ने पेर समेट लिए और आऊ ईई अह्ह्ह्ह करने लगी, तो मैंने पेंटि के बाहर से चूत को रब किया और उनकी टांगे अलग की और फिर किस करने लगा, और अपनी नाक रख कर रगड़ने लगा, मोम की पैंटी गीली हो गई थी.

फिर मैंने मोंम की वेस्ट पर हाथ रखा और पेंटी खींचने लगा, तो मोम ने खुद ही कमर उठा कर मदद की, अब मोम की चूत मेरे मुंह के सामने थी, मैंने जीभ निकाली और उनकी चूत को चाटने लगा, वह मचल उठी अब मैं उन्हें लिप किस करने लगा और वह मोंन करने लगी.

और मैं उनकी चूत चाट रहा था, इतना प्यारा टेस्ट उनकी चूत का और कुछ मिनट  चाटने के बाद उनका पूरा शरीर कांपने लगा और वह जोर से चिल्लाई अहह ईई माआअ विरेन और चूत से खूब सारा रस निकालने लगा,  और मैं वह पी गया और कुछ बेड पर गिर गया, मॉम थोड़ा रेस्ट करने लगी.

तो मैं मॉम की बगल में लेट गया और उनको किस करने लगा, और उनकी नेक पर किस करने लगा. और बोला मां आप ठीक हो? तो उन्होंने आंखें खोली और बोली हां बेटा मैं ठीक हूं. पर आज तक ऐसा नहीं कर पाए तेरे डैड.. मैंने कहा मैं डेड थोड़ी हु, मोम मजाक में बोली बन सकते हो.. मैं बोला उसके लिए तो आपको मेरी वाइफ बनना पड़ेगा, और उनको किस करने लगा और बोला आई हेट डेड, वह बोली आई हेट हिम टू और हम हंसने लगे.

और अब मोम अपना हाथ मेरे शॉर्ट के अंदर ले गई और मेरा लंड पकड़ा और लंड पकड़ते ही मोम की आंखें बड़ी हो गई और वह बोली वीरेन काश तुम मेरे पति होते मैं मॉम के कान के पास गया और कहा मैं तुम्हारा हस्बैंड हूं, और अपना लंड उनकी गांड पर प्रेस किया, मोम बोली कितना लंबा है यह, मैं बोला ८ इंच. वह बोली तेरे डैड से ४ इंच लंबा. मैं उठा और अपने शोर्ट उतारे और मोम ने अपनी नाइटी उतार कर फेंक दी और लेट गई.

मैं मॉम की टांगों के बीच में गया और अपना लंड की चूत पर रखा और रगड़ने लगा मॉम करने लगी फिर मैंने अपना लंड पकड़ा और मॉम की गीली चूत मे रगड़कर अपने लंड की को गीला किया और मां की चूत पर मारा. वह चीख उठी और बोली वीरेन अब नहीं रहा जा रहा बेटा.. तेरी मां से.. मैंने उनकी तरफ देखा और उनकी चूत पर लंड रखकर अंदर पुश करने लगा.. वह बहुत टाइट थी, ऐसा लग रहा था बहुत टाइम से सेक्स नहीं किया था. तो मैंने और जोर से पुश कीया तो वह हलका चींखी तो मैं रुका और उनके ऊपर गया.

और उन्हें किस किया और आराम से पुश करने लगा और आधा अंदर गया और अब झटका मारा और पूरा अंदर डाल दिया, वह चीखी बेटा मर गई. इतना लंबा है तेरा.. आराम से.. तेरे पापा का आधा है.. तो मैं रुक गया और उनके बूब्स दबाने लगा, उन्हें किस करने लगा आई लव यू मोम अब में आराम से करुंगा. और फिर आराम से आगे पीछे होने लगा. और मामू बोली येस बेटा ऐसे ही आराम आराम से.. तेरे पापा तो कुछ नहीं करते कब से अकेली हूं तुम मुझे जब चाहो चोद सकते हो और मैं यह सब सुनकर उन्हें जोर से चोदने लगा.

मॉम की चूत कितनी टाइट थी कि उनकी चूत मेरे लंड से चिपक रही थी और मुझे अंदर खींच रही थी, और मैं उन्हें बड़े आराम से चोद रहा था. कुछ देर बाद मम्मी ने इशारा किया और अब वह मेरे ऊपर आ गई. और उन्होंने मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत पर टिकाया और बैठने लगी, और मेरा लंड मॉम की चूत में समाने लगा, हम एक होने लगे. अब मेरा लंड मोम के अंदर था अब मोम ने अपनी कमर हीलाना चालू किया और ऊपर नीचे होने लगी, उनके खुले बाल थे जो एक साइड से होकर उनके बूब्स के साथ जंप हो रहे थे और उनके मुंह से आवाज आह औउ अय्य्य यस्स यस अहह अग्ग्ग ईई  निकल रही थी बेटा कितना लंबा है तेरा.

कुछ देर बाद मोम ढीली पड़ने लगी और मैं भी जड़ने वाला था तो अब मैं अपनी मॉम को चोदने लगा.. मोम बोली बेटा धीरे में जड़ने वाली हूं, मैं बोला मैं भी और हम एक साथ झड़ गए, मोम मेरे ऊपर गिर गई और मैंने मॉम को कस के पकड़ लिया. अब मॉम मेरे ऊपर थी मेरा लंड की चूत में सॉफ्ट हो रहा था और हमारा रस मिक्स होकर बह रहा था, मैं मोम के बालों पर हाथ फेरने लगा और बोला आई लव यू.. मॉम कुछ नहीं बोली और कुछ देर में मेरे ऊपर सो गई.

10 लंड से चुदवा के मुझे रंडी बनाया

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दोस्तों मेरा नाम स्वाति कुमारी (चेंज करा हुआ) हे और मैं बिहार से हूँ. मेरी उम्र अभी 32 साल हे. ये बात मेरी लाइफ का एक ऐसा चेप्टर हे जिसे मैं कभी भूल नहीं सकती हूँ. कॉलेज के दिनों में एक रात में मेरे ऊपर 10 लड़के कैसे चढ़ गए उसकी ये बात हे. आप को सुनने में थोडा अजीब और अतिशयोक्ति से भरा लगेगा. लेकिन मैं अगर कहूँ की उस चुदाई के पहले मैं वर्जिन थी तो? सच नहीं लगता ना, लेकिन काश ये एक जूठ होता!

मेरी कोलेज में एक फ्रेंड थी उसका नाम नीतू था. वो एक नम्बर की रंडी जैसी थी. उसके बहुत सब बॉयफ्रेंड्स थे कोलेज के लड़के भी और बहार के लड़के भी. आज से 8-9 साल पहले जब नए नए मोबाइल आये थे तब की ये बात हे. नीतू को बहुत सब लोग कॉल करते थे. और वो सभी से अपने फोन में बेलेंस करवाती थी. वो हम लड़कियों के साथ हॉस्टल में अपने सेक्स की बातें भी करती थी.


नीतू और मेरा विलेज एक ही था. एक बार मैं गाँव गई थी छुट्टियों में तो वो लेडिज वाली बात हो गई मेरे से. नीतू के सेक्सी किस्से मैंने गाव में अपनी एक सहेली को बोल दिए. और पता नहीं कैसे गाँव में बहुत सब लोगों को नीतू के बारे में पता चल गया. नीतू के घर पर जब ये बात कानोकान गई तो उन्होंने नीतू को घर पर बुला के उसकी अच्छी क्लास ली.

नीतू ने अपने घर कह दिया की स्वाति मेरी पढ़ाई से जलती हे इसलिए यहाँ ऐसी बातें बनाती हे. फिर वो जब हॉस्टल पर आई तो हम दोनों के बिच में काफी झगड़ा हुआ. नीतू ने मुझे बाल नोच के बहुत तमाचे लगाए. और उसने कहा साली छिनाल तेरे से कोई लड़का सेट नहीं हुआ तो मुझे गाँव में रंडी बना दिया. मैंने भी उसे मारा. दुसरे फ्रेंड्स और वार्डन ने हमें अलग किया.

फिर हम दोनों के बीच में बात एकदम से बंद हो गई. एक ही गाँव की होने के बावजूद हम दोनों अलग अलग रहने लगे.

ये सब कुछ 3 महीने तक चला. और फिर एक दिन नीतू ही मेरे पास आई और बोली, चल स्वाति अब जो हुआ उसे जाने दे. मैंने भी उसे कहा सोरी यार मेरे लिए तुझे सूनना पड़ा.

वो मेरे से गले लग गई और फिर हम दोनों में पहले जैसी दोस्ती भी हो गई.

उसके बाद भी दो हफ्ते निकल गए. और फिर एक दिन नीतू ने मुझे कहा स्वाति मेरे एक दोस्त की बर्थ-डे पार्टी हे तू चलेगी मेरे साथ?

मैंने कहा यार बगेर उसके बुलाये मैं कैसे आ सकती हूँ!

वो बोली, अरे पागल मेरा बेस्ट बडी हे वो और उसने मुझे कहा की जितने आदमियों को ले के आना हे तू ले के आना.

मैंने कहा, कौन कौन आ रहा हे.

नीतू ने कहा, रमोला को बोला हे वो शाम को अपनी दीदी के घर पर हे वो वहां से लेट हमारे साथ ज्वाइन करेगी.

मेरा मन तो नहीं चल रहा था नीतू की पार्टी में चलने को लेकिन उसने बहुत फ़ोर्स किया इसलिए मैं मान गई. नीतू ने अपनी एक स्कर्ट और ब्लेक टॉप मुझे दिया और कहा ये ले यार तेरे कपडे पार्टी के लायक नहीं होते हे.

हम दोनों हंस पड़े क्यूंकि मैं पहले से ही बहुत सिम्पल सी लड़की थी और मेरे कपडे भी मेरे जैसे ही थे. स्कर्ट पहन के मेरे से ठीक से चला भी नहीं जा रहा था. नीतू ने मुझे मेकअप की टचिंग भी कर दी. और फिर हम दोनों ऑटो से सिटी के बहार एक फ़ार्म हाउस पर गए. बहार एक बूढा चोकीदार था जिसने नीतू को पहचाना. शायद वो पहले भी यहाँ काफी बार आ चुकी थी. वो चोकीदार मुझे अजीब ढंग से देख रहा था तो नीतू ने कहा, काका मेरी सहेली हे उमेश की पार्टी के लिए आई हे.

चोकीदार: वो लोग स्विमिंग पुल के पास हे.

उसने गेट खोला और मैंने फिर से देखा तो चोकीदार मुझे अभी भी घूरते हुए देख रहा था. फिर वो अपनी केबिन में वापस बैठ गया. मेरा दिल जोर जोर से धडक रहा था. बहार लॉन में बड़ी ब्रांड की कार पड़ी हुई थी. ये किसी रिच बन्दे का फ़ार्म हाउस था. मैंने नीतू से कहा, अरे यहाँ तो पार्टी जैसा कुछ नहीं लगता?

नीतू: पागल ये मिडल क्लास की नहीं हाई क्लास की पार्टी हे. यहाँ आदमी कम और मजे ज्यादा होते हे. और मिडल क्लास में आदमी कम और मजे होते ही नहीं हे.

हम लोग पुल के पास पहुंचे तो वहां पर 6 7 लड़के थे जो चड्डी पहन के नाहा रहे थे. नीतू ने सब को हाई कहा और मुझे भी कमर पर हाथ मारा. मैंने भी हंस के सब को गुड इवनिंग कहा. वहां पर एक और लड़की भी थी. वो पुल में नहीं लेकिन बहार बैठी थी. उसके पास एक लड़का भी था. हमें देख के वो दोनों चौंक से गए. शायद वो लोग कीस कर रहे थे जब हम यहाँ आये. फिर नीतू को देख के वो लड़की हंसी और बोली, आओ डार्लिंग.

नीतू उसके पास गई और वो लड़की वाला मुआ मुआ किस किया दोनों ने. मैंने भी उस लड़की से हाथ मिलाये. वो हम दोनों से बड़ी थी और उसके मुहं पर एक महीने जितना मेकअप लगा हुआ था.

नीतू ने मुझे हाथ से दिखा के कहा, वो हे बर्थ-डे बॉय अंकुर!

मैंने अंकुर को विश किया.

अंकुर ने अभी तो रुको यार, अभी तो पार्टी करेंगे हम लोग.

वो लोग नाहा रहे थे और हम चारों बहार ही बैठे थे. एक वेटर शराब के ग्लास ले के आया. नीतू और वो तीनो ने एक एक उठाया. मैं तो पीती नहीं हूँ. नीतू ने वेटर को कहा, मेडम के लिए कोक ले आओ. और उसने उसे आँख मारी. मुझे उस वक्त पता नहीं चला की आँख क्यूँ मारी थी उसने! काश मैं उसी वक्त मना कर देती कोक के लिए!

वेटर कोक ले के आया और मैंने पी ली. कुछ देर में हम सभी लोग अन्दर एक बड़े हॉल में गए. वो सब लड़के भी कपडे पहन के आ गए. एक कौने में म्यूजिक सिस्टम लगा था वहां पर अश्लील डबल मीनिंग सोंग बजने लगे और सब नाचने लगे. नीतू मुझे भी खिंच के ले गई बिच में. मुझे हल्का हल्का चक्कर सा आ रहा था. पर नीतू के साथ मैं भी अपनी देसी डांस सताईल में थिरकने लगी.

नाचते हुए अंकुर मेरे पास आ गया. और उसने मेरी कमर में हाथ रख दिया. मुझे अजीब लगा लेकिन मैं कुछ नहीं बोली. हम दोनों डांस करने लगे. वो बार बार मेरी गांड पर हाथ लगा रहा था. पता नहीं मुझे क्या हुआ था पर मुझे उसके ऐसा करने से मजा आ रहा था. अंकुर ने अब अपने दोनों हाथ मेरी गांड के ऊपर रख दिए और मुझे खिंच सा लिया. उसका मेनहुड यानी की पेनिस मेरे आगे लग रहा था. अंकुर और मैं एकदम बिच में थे. नीतू और बाकी 7-8 लड़के और वो लड़की भी इर्द गिर्द नाच रहे थे. मैंने देखा की वो सब लड़के एक एक करे के नीतू और उस लड़की के बूब्स और गांड को हाथ लगा रहे थे.

तभी वो लड़की ने अपनी टॉप उतार दी और वो बूब्स को थिरकाने लगी. नीतू मुझे एक सेक्सी पार्टी में ले के आ गई थी. लेकिन मेरे में विरोध करने की शक्ति ही नहीं थी जैसे. नीतू ने भी अपनी टॉप खोली और वो तो एक कदम आगे जा के अपनी ब्रा को खोल के बूब्स हिलाने लगी. लड़के बार बार अपने हाथ से नीतू के बूब्स दबाते थे और निपल्स को दबाते थे. अंकुर ने अब मेरी गांड को जोर से दबाया और उसने अपने होंठो को मेरे होंठो से लगा दिया. हम दोनों एक डीप किस में आ गए. फिर उसने मेरे बूब्स दबाये. मैंने विरोध नहीं किया. हालांकि मैं जानती थी की मेरे साथ क्या हो रहा हे!

फिर अंकुर के साथ उसके दो और दोस्त मेरे पास आ गए. अंकुर ने नाचना बंद कर दिया और वो मेरे कपडे खोलने में ही लग गया. वो एक एक कर के मेरे सब कपडे खोल गया. मैं 10 लडको और दो लड़कियों के बिच में नंगी थी! अंकुर ने अब मेरी चूत को देख के अपनी लाळ टपकाई और वो निचे बैठ गया. उसने मेरी एक जांघ को पकड के अपने कंधे के ऊपर रख दी. और अपनी जबान से वो मेरी चूत को चाटने लगा. मैं अंकुर के होंठो के स्पर्श से मदहोश हुई जा रही थी. अंकुर ने पूरी जबान अन्दर डाली और चूसने लगा.

उधर मेरी नजर पड़ी तो वो दोनों नीतू और वो मेकअप वाली लड़की अपने घुटनों के पर बैठी हुई थी. और 7 लंड उन्के सामने खुले पड़े थे. वो सातों लंड को एक एक कर के चूस रही थी और हिला रही थी.

अंकुर के साथ अब वो दोनों लड़के भी मेरे बदन को टच कर रहे थे. अंकुर ने पूरी जबान को अन्दर डाल के चूसा और फिर वो अपनी एक ऊँगली से मेरी चूत को चोदने लगा. मेरी चूत से पानी छुट गया. अंकुर के बगल में खड़े हुए दोनों लडको ने अपने लोडे मेरे हाथ में पकड़ा दिए एक लंड राईट हेंड में और एक लेफ्ट हेंड में! मैं दोनों लंड को हिला रही थी और अंकुर से चूत चटवा रही थी.

फिर अंकुर ने मुझे कंधे के उपर उठाया. और वो मुझे बगल में एक बेडरूम में ले गया. वहां के नर्म गद्दे पर मुझे डाल के वो मेरे ऊपर चढ़ गया. वो मेरी छाती के ऊपर बैठ गया और उसने अपना नुकीला लंड मेरे मुहं में दे दिया. और दूसरा लड़का जो पीछे साथ में आया था वो मेरी चूत चाटने लगा और गांड के होल पर भी प्यार से जबान घुमाने लगा.

मैं मचल रही थी. और अंकुर ने अब मेरे मुहं को जोर जोर से चोदना चालू कर दिए. उसने मेरे दोनों कान पकडे हुए थे और अपने लोडे को वो जोर जोर से मुहं में ठोक रहा था. मेरे लिए लंड चुसना नया अनुभव था पर मैं शायद वही कर रही थी क्यूंकि अंकुर को बड़ा अच्छा लग रहा था. वो सिसकियाँ रहा था. मैं भी आज पहली बार इतनी बिंदास्त हो के सेक्स कर रही थी.

तभी कमरे के दरवाजा खुला. नीतू वो लड़की और बाकी के लड़के वहां आ गए. नीतू ने मुझे देखा और हंस रही थी वो. फिर वो बोली, अंकुर मार दे इस लड़की की पुसी को, बड़ी टाईट होगी जैसे तू लाइक करता हे!

सब लोग हमारे इर्द गिर्द खड़े हुए थे. अंकुर उठा और अपने लंड को हिला के उसने मेरी चूत में धक्का दिया. उसका लंड फिसल गया! मेरी चूत सच में इतनी टाईट थी. फिर अंकुर ने बेड के निचे बने हुए ड्रावर से कुछ जेली निकाली और अपने लंड के ऊपर लगाईं. और कुछ जेली उसने मेरी चूत के ऊपर भी घिसी. फिर अंकुर ने एक हाथ से मेरे बूब्स को मसले और अपने लंड को उसने मेरी चूत के ऊपर घिसा. अब चिप चिप लग रहा था और उसने एक धक्का दिया तो मेरा कलेजा जैसे मेरे मुहं में आ गया! मुझे इतना दर्द हुआ की इतना दर्द तो मुझे अपनी लाइफ में कभी नहीं हुआ था. मैं चीख रही थी और नीतू और वो लड़की हंस रही थी.

अंकुर का आधा ही लंड चूत में गया था और मेरी चूत जैसे फट गई थी. मेरी योनी से लहू की टसर फुट पड़ी थी और वो अंकुर के लंड को भी लाल कर रही थी. अंकुर ने एक मिनिट तक मेरे बूब्स मसले और फिर अपनी एक ऊँगली को मेरे मुहं में डाली. और फिर उसने एक और धक्का दिया. उसका पूरा लोडा मेरे अन्दर आ गया और एक लोहे की रोड के जैसा लगा मुझे. मैंने उसकी ऊँगली को काट लिया और चीखने लगी. अंकुर ने अब धक्के लगाए और वो मुझे चोदने लगा.

तभी बाकी के लडको में से दो लड़के मेरे पास आ गए. उसमे एक सरदार था और दूसरा एक लड़का था जिसका लंड बहुत बड़ा था. वो दोनों ने भी अपने लंड मुझे दे दिए. मैंने अंकुर की ऊँगली मुहं से निकाली और सरदार का लंड चूसने लगी. दुसरे लंड को मैं अपने हाथ से हिलाने लगी.

और तभी बाकी के सब लड़के भी अपने अपने लंड निकाल के मेरे पास आ गए. मैं बेड में पड़ी एक लंड से चुदवा रही थी और बाकि के 9 लंड मेरे चारो तरफ थे. एक चूत में,. एक मुहं में, दो हाथ में! अब भला बाकी के 6 लंड को मैं कैसे संभालती!

अंकुर के धक्के और भी तेज हो गए थे और सरदार लड़के ने पूरा लंड मुहं में डाल के मेरी ग्गग्ग्ग्ग करवा दी थी. वो सब लोग बोल रहे थे, याआआआआ फक ठीक बिच अंकुर शी नीड्स योर कोक मेन!

अंकुर को ये सब से पानी चढ़ रहा था. और वो कस कस के मुझे चोदता गया. उसका पानी 10 मिनिट में छूटा तो मुझे लगा की हास!

लेकिन मैं गलत थी. सरदार लड़का अब मेरी चूत के पास आया और बोला, सानु भी दे दो ताह्डी फुदी बेबी!

और साले ने बिना कुछ कहे ही अपने लंड को मेरी चूत में डाल दिया. नीतू सब देख रही थी. और मैं बाकी के 9 लंड से भी ऐसे ही चुद गई. मेरे में जरा भी शक्ति नहीं बची थी. सब ने अपने लंड का पानी मेरी चूत में ही छोड़ा था और मुझे बिस्तर में एकदम चिपचिप भी लग रहा था. पता नहीं कब मुझे नींद आ गई और मैं सो गई.

सुबह जब मैं उठी तो बिस्तर के अन्दर सब तरफ खून ही खून था. इन 10 लंड से मेरी चूत फट गई थी. मुझे अब बहुत घिन सा लग रहा था. बाप रे ये सब मैंने कैसे कर दिया. तब मुझे याद् आया की वेट्र ने मुझे कोक पिलाई थी उसके बाद ही ये सब हुआ था. शायद इन लोगों ने मुझे चोदने के लिए ही ये पार्टी रखी थी और उसकी मुख्य सूत्रधार नीतू ही थी.

कुछ देर में नीतू कमरे में आई तो मैंने उसको गले से पकड़ लिया. उसने मुझे धक्का दिया और बोली, साली नीच रंडी बैठ उधर ही.

मैंने कहा, नीतू तूने मेरी लाइफ बर्बाद कर दी.

नीतू ने अपने मोबाइल में एक क्लिप मुझे दिखाई! बाप रे वो तो मेरी ही क्लिप थी जिसके अन्दर मैं 10 लंड के बिच में घिरी हुई थी.

वो बोली: साली रंडी 10 लंड ले रही थी रात को. हमारे विलेज में चलवा दूँ इसे केबल के ऊपर? तेरी माँ मर जायेगी सुसाइड कर लेगी या फिर तेरा खून करवा देगी वो!

मैंने रोते हुए उसे कहा: तूने ये सब क्यूँ किया? मेरी लाइफ बर्बाद मत करो प्लीज़!

वो बोली: तूने जो किया था ना कुछ महीनो पहले उसकी ये सजा हे. तूने मेरी बात करी थी गाँव में की मैं लडको से मिलती हूँ. अब मेरे पास तो कहने के लिए सबूत भी हे! मैं लोगों के ये दिखा के कह सकतीं हूँ की स्वाति ही नीच हे और वो दुसरो से ये सब करती हे और मुझे खामखा में बदनाम किया उसने.

मैं नीतू के पैर में पड़ गई और बोली,. नीतू मुझे माफ़ कर दे, मैंने तुझे बदनाम करने के लिए किसी को कुछ नहीं कहा था.

नीतू: लेकिन बदनाम तो मैं फिर भी हुई ना डार्लिंग! अब तू मेरे लिए रंडी का काम करेगी, मैं जिस से कहूँगी उसके साथ तू लेटेंगी वरना तुझे गाँव से हाथ धोने पड़ेंगे!

स्वाति: नीतू प्लीज़ हम बचपन के दोस्त हे!

नीतू हंस के बोली: तभी तो तेरी कमाई में से मैं तुझे 10% दूंगी खर्चे के लिए!

मैं रोती रही. तभी कुछ देर में दो लड़के आये और उन्होंने मुझे पकड के मेरी चूत और मुहं को चोदा.

उसके बाद पूरी हॉस्टल लाइफ नीतू मुझे सब में कॉलगर्ल बना के रखी. उसने बहुत सब बूढ़े क्लाइंट्स के पास भी मुझे भेजा. वो फोन रखती थी अपने पास जिसपर लोगों के कॉल आते थे. वो सब कुछ फिक्स कर के मुझे कहती थी यहाँ जाओ क्लाइंट के पास. और वो मुझे कमाई में से सिर्फ 10% ही देती ही.

फिर हॉस्टल की लाइफ खत्म हुई और नीतू से मेरी जान छूटी. वो तो मुझे कॉल करती थी लेकिन मैंने अपना नम्बर ही बंद करवा दिया और अपने गाँव भी नहीं गई कुछ महीनो तक. मैं अपने फूफा जी के वहां मुंबई चली गई जॉब ढूंढने के बहाने से. आज भी मैं मुंबई में ही हूँ और अपने गाँव कभी कभी ही जाती हूँ. नीतू की भी शादी हो चुकी हे और उसके बच्चे भी हे. लेकिन उसे देख के आज भी मन करता हूँ की साली का खून पी जाऊ!

भांजी को चोदा तो चूत से खून निकला

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दोस्तों मैं आप को अपने बारे में थोडा बता दूँ. मैं एक शादीसुदा 27 साल का आदमी हूँ और मेरे लंड का साइज़ नोर्मल ही हे. पर मैं चोदने का पक्का खिलाड़ी हूँ और मेरे लंड के जादू का पहला सवाद मेरी सगी बहन ने लिया था. वो मेरे लंड की गुलाम बन गई थी. लेकिन ये कहानी मेरी बहन की चुदाई की नहीं हे. ये तो मैंने अपनी सगी भांजी को कैसे चोदा उसकी कहानी हे. मैं दिल्ली से हूँ और ये बात आज से 7 साल पहले की हे.  मेरी भांजी का नाम सुरभि हे और वो मेरी बड़ी बहन कंचन की बेटी हे.

कंचन और मेरी उम्र में बड़ा डिफ़रेंस हे. मैं और मेरी भांजी उम्र में बहुत छोटे बड़े नहीं हे. लगभग एकाद साल का फर्क होगा बस. मैं तो बहुत छोटा था तभी से मेरा लंड कदा होने लगा था. 15 साल की उम्र में तो मैं कैसे किसी को पटा के चोदुं उसकी फिराक में था. मेरी बहन कंचन ने एक बार मुझे लंड हिलाते हुए पकड के खूब डांटा. फिर मेरे बड़े लंड को देख के वो मेरे से चुदने से बच नहीं सकी. उसका घाघरा उठा के मैंने उस दिन ही उसकी चूत और गांड दोनों को चोदा. कंचन से छोटी बहन का नाम सुरेखा हे उसे तो मैं रात में सेड्युस किया था और पेंटी सरका के उसे भी चोदा था. सुरेखा और कंचन को मैं रेगुलर चोदता था. पर उन दिनों मुझे 10-12 दिन से दोनों में से किसी की भी चूत नहीं मिली थी. सुरेखा अपने प्रोजेक्ट के लिए गई थी शहर से बहार और कंचन दीदी का पति बीमार था इसलिए वो घर पर ही होता था. इसलिए मैं उसके घर जा के चोदता भी तो कैसे.


दिमाग में सेक्स के गंदे गंदे ख़याल आ रहे थे उन दिनों. और तभी सुरभि हमारे घर पर रहने के लिए आई. कंचन दीदी अपने पति की सेवा में रहती थी इसलिए उसने अपनी बेटी को यहाँ नाना जी के घर पर भेज दिया. सुरभि के बारे में बताऊँ तो वो बहुत ही क्यूट हे. छोटी सी उम्र में ही उसने अपने बदन को सही ढाला हुआ हे. वो कोलेज में पढ़ती थी उन दिनों लेकिन तब उसकी होलिडेस थी. वो घर में स्कर्ट और टॉप पहनती थी. और उसके टॉप में ब्रा के आकार और बूब्स की छाप को देख के मेरा लंड खड़ा हो जाता था. मामा मामा कह के बहुत चिपकती थी. और मैंने उसे छूना वगेरह चालू कर दिया था. वो इस सब को सहजता से लेटी थी.

मैं जानबूझ के उसके साथ ही सोफे के ऊपर लेट जाता था टीवी देखते हुए. और जब वो करीब होती तो उसके बदन की महक मुझे मदहोश कर देती थी. वो निविया की बॉडी क्रीम लगाती थी और उसकी महक बड़ी ही सेक्सी लगती थी मुझे. 3 दिन से ऊपर हो गया था और मेरा लोडा शिकार के फुल मूड में था. मैं सुरभि के नाम की मुठ मारने लगा था. घरवाले एक शादी के लिए दिल्ली से बहार जा रहे थे. मैंने मना कर दिया और सुरभि ने कहा की मैं भी नहीं आउंगी और मामा के साथ यहाँ रहूंगी.

बस ये सुन के तो मेरा दिमाग अपने जगह से हिल चूका था. और मेरे अंदर के दानव पूरी तरह से बाहर आ रहा था. शाम  के 7 बजे घर के सभी लोग निकल गए और वो लोग दो दिन से पहले वापस आनेवाले नहीं थे. सब गए तो मैं बहार जा के अपने लिए बियर और सिगरेट ले आया. सुरभि को मैंने कहा चल ऊपर मेरे कमरे में चलते हे. वहां पर भी टीवी था तो वो आ गई मेरे साथ. मैंने सुरभि को कहा तुम बियर पि लेती हो?

वो बोली, नहीं मामा नहीं पीती हूँ.

मैंने कहा, ट्राय करेगी?

वो बोली, आप नाना नानी को बोलोगे तो नहीं ना?

सुरभि को बियर का एक ग्लास भर के दिया और मैंने कहा, कोलेज की लडकियां पीती हे वो मुझे पता हे बेटा जी. और नाना नानी को कौन बतायेगा कोई भी नहीं बोलेगा. तुम भी उन्हें मत बोलना की मैं पीता हूँ.

उसने हंस के ग्लास ले लिया मेरे से. फिर हम दोनों ने चियर्स किया और वो पिने लगी. वो ऐसे पी रही थी की मैं समझ गया की उसने पहले भी बियर पी हे. फिर मैंने सुरभि को कहा चल ना हम दोनों डांस करते हे.

मैंने टीवी के ऊपर डांस वाली चेनल लगा दी और सुरभि के हाथ पकड़ के उसके साथ डांस करने लगा. मैं जानबूझ के अपने हाथ मेरी भांजी के बूब्स और उसकी गांड के ऊपर रख रहा था. उसे अपनी तरफ खिंच के मैं अपना लंड उसकी चूत से लडवा देता था ताकि उसे पता चले की मेरा लंड कड़क हुआ हे. उसने मुझे देखा तो मैंने आँख मार दी. वो हंस पड़ी. मैंने मौका देखके सुरभि की कमर के ऊपर से हाथ को उसकी गांड अपर रख दिया. फिर उसकी गांड के क्रेक को मैंने थोडा सा दबाया. वो आह कर उठी और मैंने उसे अपने एकदम करीब ले लिया. उसके बूब्स मेरी छाती में लगे हुए थे. मैंने देखा तो वो चुदासी नजरों से ही मुझे देख रही थी. मैंने जल्दी से अपने होंठो को उसके होंठो पर लगा के दुसरे हाथ को भी उसकी गांड पर रख दिया. सुरभि को जबान मेरे होंठो से होते हुए मेरी जबान से लड़ने लगी थी!

सुरभि ने अपनी चूत को मेरे लंड के ऊपर दबा दी और मैंने उसके होंठो को काट लिया. वो एकदम से मेरे ऊपर आ गई. मैंने उसे बाहों में भरे हुए ही बिस्तर के ऊपर डाला. और हम दोनों बिस्तर के अन्दर एक दुसरे को लिपट के चूसने लगी. सुरभि ने मेरे हाथ को अपने हाथ में ले के अपने बूब्स पर रख दिया. और मैंने दुसरे हाथ को आगे ले के उसकी चूत पर रख दिया. सुरभि की साँसे उखड़ चुकी थी और उसकी चूत में गर्मी आ गई थी. मेरे लंड की हालत तो काफी दिनों से खराब ही थी दोस्तों.

सुरभि ने अपने हाथ को मेरे लंड के ऊपर रख के दबाया और बोली, मामा आप का तो बहुत हि गरम हे!

मैंने कहा, तूने पहले कभी किया हे सेक्स?

वो बोली, नहीं बस रोमांस किया हे अपने बॉयफ्रेंड के साथ.

मैंने उसके कान के ऊपर किस दी और कहा, आज मामा तुझे सेक्स करना सिखाएगा!

सुरभि मेरे से लिपट गई. मैंने उसके कपडे निकाले तो वो शर्म के मारे अपनी चूत को अपने हाथ से छिपाने लगी. मैंने कहा, अरे भाई अब क्या शर्मा रही हो. कुछ देर में तो मैं इसे पेल दूंगा.

सुरभि ने अपनी उंगलिया चूत के ऊपर से धीरे से हटाई. उसकी चूत एकदम गुलाबी फांको वाली थी और उसके ऊपर हलके से बाल थे. मेरा मन नहीं माना और मैंने निचे झुक के अपनी एक ऊँगली को उसकी फांको पर फेर दी. और फिर ऊँगली को बहार निकाल के चाटी. सुरभि मुझे देख रही थी. मैंने ऊँगली को उसके मुह में दे के उसे भी खुद उसकी चूत का सवाद दिया. वो हंस के बोली, मामा आप बहुत सेक्सी हो.

मैंने कहा, तुम भी कहा कम सेक्सी हो मेरी जान.

फिर मैंने खड़े हो के अपने कपडे खोले और मेरे लंड को देख के सुरभि को थोड़ा डर सा लगा. हर वर्जिन लड़की को बड़ा लंड देख के ये डर होता हे की भला ये लोडे चूत के कैसे आ सकते हे. लेकिन पहली चुदाई के बाद सब डर निकल भी जाता हे.

सुरभि के हाथ में मैंने अपने लंड पकडवा दिया. वो उसे मर्दन कर के हिला रही थी. मैंने उसके बालों को पकड के उसके चहरे को अपने चहरे के सामने रख दिया. और फिर मैंने उसे एक ऐसा चुम्मा दिया की उसकी साँसे एक मिनिट के लिए थम सी गई. हम दोनों के ही मुहं बियर की स्मेल से महक रहे थे. फिर मैंने सुरभि को टांगो खोल के बिठा दिया और मैं उसकी चूत को चाटने लगा.

वो अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह माअम्म्म्मम्म्म्मा आह्ह्ह अहह आऔऊऊउ करने लगी थी. मैंने पहले उसकी चूत की फांको को ऊपर ऊपर से लिक कर के गिला कर दिया. और उसके बाद मैंने अपनी जबान को चूत के अन्दर डाला. सुरभि के अन्दर सेक्स के तरंग विसर्जित होने लगे थे. वो अह्ह्ह अह्ह्ह्ह आह्ह्ह कर के मेरे माथे को अपनी जवान चूत के ऊपर दबा रही थी. और मैंने अपनी जबान को अब चूत की फांक में अन्दर तक डाल दिया था. सुरभि की साँसे तेज हो गई थी और वो मेरे बालों को भी नोंच रही थी. मेरी भांजी की चूत रस छोड़ चुकी थी और मैं अंदर तक अपनी जबान को डाल के फिर बहार निकाल के उसके चूत के दाने को हिला देता था. वो एकदम से चुदासी हो गई थी और मैं उसे कहा, मुहं में लेना हे?

वपो कुछ भी तो नहीं बोली. मैंने उसे बेड में लिटा के मैं उसके पास घुटनों के ऊपर बैठा. फिर कंधे से उपर उठा के अपने लंड को मैंने उसके मुहं में दे दिया. आधा लंड ही ले सकी वो अपने मुहं में. और फिर उसे चूसने लगी. सुरभि के बालों में उंगलिया घुमा के मैं उसके पास ब्लोजोब करवाने लगा.

पांच मिनिट लंड चूसने के बाद उसने लंड को मुहं से निकाला. उसके मुहं में प्रीकम निकला था उसे चाट गई. मैंने उसकी टांगो को खोल के उसके ऊपर किस किया. फिर उसके निपल्स को अपने हाथ में ले के दबा लिया. वो चुदासी आवाजें निकाल के बोली, मामा जल्दी से चोदो मुझे.

मैंने अपने बिस्तर के निचे से कंडोम का पेकेट निकाला. और अपने लंड के ऊपर एक्स्ट्रा थिन कंडोम पहन लिया. फिर सुरभि की टांगो को खोल के मैंने लंड का एक धक्का उसकी चूत को दिया. सुरभि के बुर में जैसे गरम लोहे की सलाख दे दी हो वैसे वो एकदम से उछल पड़ी. मैंने लंड को ऐसे ही रहने दिया कुछ देर बिना हिले हिलाए. उसे बहुत दर्द होने लगा था और वो कराह रही थी. उसकी चूत से खून भी छुट गया था जो की उसे पता नहीं था लेकिन मेरे कंडोम के ऊपर लगा था सो मैंने देखा था.

मैंने उसे किस करते हुए उसके बूब्स दबाये. एक मिनिट में वो थोड़ी शांत हुई और आई आई बंद हुआ उसका तो मैंने एक धक्का और दिया. उसकी चूत बड़ी टाईट थी और मेरा आधा लंड ही घुस पाया था दो धक्को के बाद में.

सुरभि की आँखे लाल हो गई थी लेकिन उसने एक बार भी नहीं कहा की लंड निकाल लो. मैं समझ गया की वो बड़ी हो के आला दर्जे की रांड बनेगी. मैंने उसके बूब्स को चुसे और फिर एक धक्का मारा. अब की उसकी चूत फट सी गई और मेरा लंड पौने से भी ऊपर अन्दर था. मैंने उसे ऊपर उठा के उसके कंधे को और दुसरे हाथ से उसकी कमर को पकड़ा. और एक झटके में पुरे लंड को उसकी चूत में डाल दिया. सुरभि की बस हो गई थी अब तो.

एक मिनिट मैंने उसके कंधे को किस किया और उसके कमर पर हाथ फेरा. अब वो भी शांत और गरम हो के अपने चूतड़ हिलाने लगी थी. मेरा लंड उसकी चूत में घुस के तांडव करने लगा था.

बहुत दिनों के बाद मेरे हाथ में चूत लगी थी इसलिए मैं तो उसे छोड़ने से रहा!

सुरभि भी अब अपनी गांड को हिलाने लगी थी. और वो मुझे सेक्स का पूरा सपोर्ट कर रही थी. मैंने उसको उपर ले के निचे उसकी चूत में गच गचा के धक्के दिए. मेरा लंड जब उसकी चूत में पूरा घुसता था तो उसकी माँ बहन एक हो जाती थी. पर वो बड़े ही प्यार से मेरे लंड से चुदवा रही थी.

कुछ देर ऐसे ही उठा के चोदने के बाद मैंने उसे घोड़ी बना दी. फिर मैंने उसकी चूत को पीछे से भी चोदना चालू कर दिया. उसकी चूत में कुछ ही देर में झाग सा बन गया था. और जबरदस्त चुदाई से मेरा कंडोम भी फट गया था. मैंने लंड निकाला, कंडोम को बदला और फिर से चूत के अन्दर डाल दिया.

सुरभि को पांच मिनिट और चोद के मैंने अपने लंड को उसकी चूत में ही अपना वीर्य छोड़ा. वीर्य सब कंडोम में भर गया था जो मैंने बहार निकाल के लपेट लिया. सुरभि थक गई थी और उसने मेरे लंड के ऊपर खून देखा तो डर भी गई. लेकिन मैंने उसे समझाया की पहली चुदाई में ऐसे खून निकलता ही हे! अब सुरेखा और कंचन के साथ सुरभि की चूत भी मेरे लिए लाइन में लग गई थी.

अब्बा ने अम्मी को और 3 लंड से चुदवाया

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बरामदे में खड़ी हुई मेरी अम्मी सब्जी काट रही थी. मैं वही पर बैठा हुआ अपने असाइनमेंट को करने में लगा हुआ था. निचे से अब्बा की आवाज आई और साथ में लतीफ़, अब्दुल और रघु अंकल भी थे. वो चारों बड़े अच्छे दोस्त हे और एक ही कंपनी में काम करते हे. अम्मी नाइटी में थी. आबा के आते ही अम्मी ने सब्जी काटना बंद कर दिया और वो खड़ी हुई. निचे से चारों ने ऊपर अम्मी को देखा. अम्मी ने स्माइल दी.

अब्बा बोले, निचे आ जाओ सलमा.


अम्मी: अभी आई जी.

अम्मी ने मुझे अपने बटवे से 20 का नोट दिया और बोली, जाओ अपने दोस्तों के साथ खेलने जाओ.

मैंने कहा, अम्मी मुझे पढ़ना हे.

अम्मी: फिर एक काम करो पड़ोस में अपने दोस्त अतुल के घर चले जाओ, वही पढ़ लेना. निचे अब्बू और उन्के दोस्त आये हे तो पढाई में मजा नहीं आएगा.

मैंने कहा वो लोग निचे हे और मैं ऊपर फिर क्या प्रॉब्लम.

अम्मी: बाप रे तू बड़ी जबान चलाता हे सामने मेरे, अब्बू को बताऊँ!

अब्बू के डर की वजह से मैं अपने बसते को बंद कर के अम्मी से पैसे ले के निकल गया. निचे कमरे में देखा तो कुर्सी के ऊपर चारों दोस्त बैठे हुए थे. बिच में मुर्गी की टाँगे यानी की चिकन लेग पिस और बियर की बोत्ल्स पड़ी थी. बियर एकदम चिल्ड थी जिसमे से धुंआ सा निकल रहा था. मैंने घर से निकलते हुए इतना ही सुना: सलमा डार्लिंग आ गई हे, अब शराब शबाब और चिकन कबाब एक जगह हुआ!

मुझे पहले लगा की शायद मेरे सुनने में कोई गलती हुई हे. लेकिन मैं वही सुना था. तो इसी लिए अम्मी मुझे घर से भगाने में लगी हुई थी. बाप रे अब्बू के तिन दोस्त क्या इसलिए ही हर हफ्ते एकाद बार ऐसी शराब की महफ़िल जमाते हे हमारे घर में?

बहुत सारे सवाल एक साथ मेरे दिमाग के अन्दर चल रहे थे. मैंने सोचा की आज तो पक्का तहकीकात करना ही पड़ेगा. मेरे मेईन गेट से निकलते ही अम्मी ने घर का दरवाजा आ के बंद कर दिया. मैं अतुल के घर गया तो वो नहीं था. आंटी को कहा तो वो बोली, तुम ऊपर जा के पढो वो आता हे तो मैं भेज देती हूँ.

मैं अतुल के उपर वाले कमरे में गया. तभी मुझे आइडिया आया की अतुल की छत से अपने घर कि छत पर जाऊं और फिर निचे जा सकता हूँ मैं. मैंने बस्ता वही रख दिया और छत के रस्ते अपने घर में उतर गया. निचे के कमरे से आवाजें आ रही थी.

मैं सीढियों के ऊपर आ के छिप के वहां बैठ गया. अम्मी, अब्बू और वो तीनो चिकन के लेग पिस खा रहे थे. अम्मी के लिए भी बियर का एक ग्लास भरा गया था. और वो भी पी रही थी. तभी अब्बा ने अम्मी स कहा, डार्लिंग गाने साने तो बजाओ.

लतीफ़ अंकल: हां और थोड़ी अपनी पिछाड़ी को भी हिला के दिखाई.

रघु अंकल: सलमा को नंगा नाचते देख के ऐसा लगता हे की वो अराब बेली डांसर हो.

अम्मी ने लेग पिस वाले हाथ से ही रघु अंकल को कंधे पर एक मार दिया. अम्मी फिर खड़ी हो के गाने लगाने लगी टीवी के ऊपर. एक चेनल के ऊपर फाट म्यूजिक चल रहा था. अम्मी ने डांस चालु कर दिया. अम्मी ने नाचते हुए अपनी नाईटी को ऊपर किया और जल्दी से अपने बूब्स की झलक दिखा दी. अम्मी के बूब्स वापस नाइती में ढंक गए. अब्दुल अंकल अपने लंड को मसलने लगे. और अब्बू ने मेरी अम्मी को अपनी तरफ आने को इशारा किया. जब अम्मी आई तो अब्बा ने अपनी कमर से अपने बदन को ऊपर किया. अम्मी निचे झुकी और उसने अब्बा की ज़िप खोल दी. अब्बा के लंड को उसने अपने हाथ से बहार निकाला. रघु अंकल ने भी अम्मी को हाथ पकड़ के खिंच लिया अपनी तरफ. अम्मी ने उन्के लंड को भी बहार की हवा खिलाई. लतीफ़ और अब्दुल अंकल अभी बियर पिने में ही लगे हुए थे.

अम्मी ने अब धीरे से अपने हाथ में अब्बा का और दुसरे हाथ में रघु अंकल का लंड ले लिया और वो उसे हिलाने लगी. देखते ही देखते दोनों के लंड एकदम कडक हो गए. अब्बा ने अम्मी के माथे को पकड के उसे अपने लंड के ऊपर झुका दिया. अम्मी अब्बा के लंड को चूसने लगी और वो रघु अंकल के लंड को पकड के हिला रही थी. अब्दुल और लतीफ़ अंकल ने तो अपनी पेंट के साथ साथ बाकी के कपडे भी खोल दिए और वो भी गाने सुन के नाचते हुए अम्मी के पीछे आ गए. लतीफ़ अंकल ने अम्मी के बड़े कुल्हे दोनों हाथ से पकड़ के खोल दिए. मैंने अम्मी की गांड का होल देखा जो एकदम डार्क था. लतीफ़ अंकल ने अपने हाथ से अम्मी की चूत को टच किया और अम्मी ने एकदम सेक्सी टोन में आह कर दिया.

अब अम्मी ने रघु अंकल के लंड को मुहं में और अब्बा के लंड को हाथ में ले लिया. अम्मी के हाथो में और मुहं में जैसे जादू था दोनों लंड एकदम कडक हो गए थे. पीछे लतीफ़ और अब्दुल अंकल अम्मी के कूल्हों के ऊपर हाथ फेर रहे थे और अपने लंड भी वहां घिस रहे थे. अम्मी की नाइटी को अब अब्बा ने अपने हाथों से उतार दिया. और अंदर की जो ब्रा और पेंटी भी उसे चारों ने मिल के उतारा. रघु अंकल ने तो मेरी अम्मी की पेंटी को अपने लंड के ऊपर ही लपेट लिया और वो मुठ मारने लगे पेंटी के अन्दर. अब्दुल अंकल ने अब मेरी अम्मी के बड़े बूब्स को अपने हाथ में भर के दबा दिए.

अब्बा बोले: चल लतीफ़ तू आगे आजा मैं पीछे!

रघु अंकल: तो हम क्या हिलाएंगे ही यहाँ बेन्चोद!

अम्मी: आप लाओ मैं मुहं में ले लेती हूँ. और अब्दुल आप का हिला देती हूँ.

अब्बा अम्मी की गांड के पास खड़े थे. लतीफ़ अंकल निचे लेट गए. अम्मी ने अपने हाथ से उन्के लोडे को चूत पर सेट कर दिया. और फिर वो उसके ऊपर बैठ गई. अम्मी की चूत में लतीफ़ अंकल का लंड ऐसे घुस गया जैसे कुछ हुआ ही ना हो. अब्बा ने खड़े खड़े अपने लंड को थूंक से चिकना कर दिया. और फिर उन्होंने अपने लोडे को अम्मी की डार्क गांड पर लगाया. अम्मी की कमर को पकड के एक झटके में अब्बा ने लोडा गांड में कर दिया.

अम्मी की चूत और गांड के अन्दर एक ही टाइम पर दो दो लंड चुसे हुए थे. अब्दुल अंकल अम्मी के पास आ गए. और अम्मी ने उन्के लोडे को पकड़ के हिलाना चालू कर दिया. रघु अंकल ने पेंटी को सुंघा और फिर अम्मी के पास आके अपने लोडे को मुहं में दे दिया. मेरी अम्मी कीसी इंग्लिश पोर्नस्टार के जैसी लग रही थी. उसके सब अंग पर लंड की असर थी.

लतीफ़ अंकल के हिस्से में कुछ ज्यादा करने को आया नहीं था. अब्बा जोर जोर से धक्के लगा के अपने लंड को अम्मी की गांड में कस कस के अन्दर बहार कर रहे थे. और उसकी वजह से अम्मी की कमर आगे पीछे होती थी. तो लतीफ़ अंकल का लंड भी उसके साथ हिलता था.

पांच मिनिट तक अम्मी ने रघु अंकल के लंड को मुहं से बहार निकाला हु नहीं. वो लंड चूसते हुए चुदवा रही थी. फिर रघु अंकल ने जब लंड को अम्मी के मुहं से निकाला तो वो पूरा लाल हो गया था. रघु अंकल ने लंड को इसलिए मुहं से निकाला की वो झड़ना नहीं चाहते थे. अब्दुल अंकल के लंड को हिलाते अम्मी अभी भी चुद रही थी दोनों छेदों में.

तभी अब्बा के मुहं से अह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह की आवाजे निकल पड़ी. और उन्होंने जब लंड को बहार निकाला तो उसके अन्दर से वीर्य छटक पड़ा. अम्मी की गांड के ऊपर ही अब्बा ने सब वीर्य छोड़ दिया. फिर अब्बा साइड में हो गए. अब रघु अंकल ने लंड को हिलाते हुए अम्मी की नाइटी से गांड को साफ़ किया. फिर थूंक लगा के वो अम्मी की गांड मारने लगे.

निचे लतीफ़ अंकल की साँसे भी उखड़ रही थी. उन्होंने अपने दोनों हाथ से अम्मी के बूब्स मसले और फिर निचे से वो अब जोर करने लगे थे. अम्मी किसी रंडी के जैसे अपने पुरे बदन को झटके लगा लगा के चुदवाने बीजी थी.

रघु अंकल का लोडा अब्बा से काफी बड़ा था और वो जब गांड में पूरा घुसता था तो अम्मी उछल सी जाती थी. लेकिन फिर भी उसके मुह से दर्द की आवाजे तो नहीं निकली. मैं शायद ये सब पहली बार देख रहा था लेकिन अम्मी और इन चारों के लिए तो ये सब जैसे एकदम नार्मल था. कोई हल्ला गुल्ला नहीं. सब एक दुसरे के साथ मिल के मजे से एक दुसरे का पानी छुडवाने में बीजी थे बस.

रघु अंकल ने पांच मिनिट और गांड मारी और फिर उनका भी छुट गया.  अब्दुल अंकल ने अम्मी के मुहं में लंड दे के चुसाया. और फिर रघु अंकल का हो गया तो वो लतीफ़ अंकल को बोले, अबे साले तेरा पानी क्यूँ नहीं निकल रहा हे आज.

लतीफ़ अंकल बोले आज दोपहर को ही मेरा पानी निकला हे भाइयो.

अब्दुल अंकल बोले, तू सलमा की गांड में डाल दे तो पानी जल्दी निकलेगा. साले कब से चूत को अपनी बना के बैठा हुआ हे.

लतीफ़ ने अपने लंड को चूत से निकाला. उसका लंड काला था और अम्मी की चूत का पानी लगने से वो चमक रहा था. अम्मी शायद दो तिन बार तो झड़ी ही होगी इन लोगों  से अब तक चुदवा के! अब अब्दुल अंकल निचे लेट गए और अम्मी की चूत मारने लगे. और लतीफ़ अंकल ने अम्मी की गांड को चोदना चालू कर दिया.

दोस्तों इसके बाद भी अम्मी की चुदाई पूरी 20 मिनिट तक चली. अम्मी ना थकी ना उसने कोई ऐसी बात कही की जिस से लगे की वो थक गई हो. चारों के लंड को ठन्डे कर के वो नंगी ही सब के लिए चाय बनाने चली गई. और मैं छत के रस्ते से ही अतुल के घर की तरफ चला गया. मैं जाते जाते यही सोच रहा था की अब्बा की ऐसी क्या मज़बूरी थी की वो अम्मी को रांड बना के अपने दोस्तों से चुदवा रहे हे! (दोस्तों मुझे बाद में वो बात पता चली थी और वो कहानी मैं आप को जल्दी ही लिख के भेजूंगा!).

में मेरा बोयफ्रेंड और उसकी भाभी

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हाय मेरा नाम पिंकी है और मैं दिल्ली की रहने वाली हूं और मैं कॉल सेंटर में जॉब करती हूं. मैं अपने बारे में बता दूं, मैं अपनी कॉलोनी की बहुत ही मस्त मालू हु, मुझे देखकर सारे लड़के मेरे पीछे घूमते हैं और मेरी फिगर भी बहुत सेक्सी है. ३६-३०-३८ और मैं जबी चलती हूं तो मेरी गांड मटक मटक कर चलती है, अब मैं अपनी कहानी पर आती हु, कैसे मैं और मेरा बॉयफ्रेंड और उसकी भाभी हम तीनो ने मिलकर सेक्स किया और एक-दूसरे को खूब चुदाई का मजा दिया.

यह कहानी है मेरी जिंदगी की सबसे अच्छी और रियल कहानी, क्योंकि यह मैंने कल ही की थी और हम लोगों ने खूब सेक्स किया था, मैं अपने बॉयफ्रेंड के बारे में बता दूं मैं उससे बहुत बार चुद चुकी हु और वह भी मुझे बहुत अच्छा लगता है, और मैं भी बहुत चुदवाती हूं, अब मैं आप सब को अपने बॉयफ्रेंड की भाभी के बारे में बता दूं कि मेरे बॉयफ्रेंड की भाभी भी बहुत मस्त माल है..


मैं आपको स्टोरी में बता दूं कि मेरा बॉयफ्रेंड अपनी भाभी के साथ सेक्स करता है और अपनी भाभी की चुदाई की वीडियो मुझे व्हाट्सअप पर भेजता है, अब मैं कहानी पर आती हूं..

मुझे ऑफिस का काम रहता है इसलिए मैं डेली नहीं चुद पाती हु, क्योंकि आप सब को तो पता है ऑफिस में काम करना बहुत जरूरी है, इसलिए मैं रोज सेक्स नहीं करती हूं और मैं हफ्ते में ही एक बार चुदवाती हूं सैटरडे या संडे को. अब मैं और मेरा बॉयफ्रेंड  एक दिन ऐसे ही होटल में सेक्स कर रहे थे क्योंकि संडे को मम्मी पापा मेरे घर पर होते हैं और मेरे बॉयफ्रेंड के घर पर भी उसके घर के लोग रहते हैं. और मैं और मेरा बॉयफ्रेंड होटल में जाकर चुदाई का मजा लेते हैं, अब तो होटल वाला भी जान गया है कि हम दोनों यहां चुदाई करने आते हैं.

क्योंकि हमारे होटल में जाते ही वह मेरे बॉयफ्रेंड को होटल में एक रूम की की देता है और मेरी तरफ स्माइल करता है और मैं भी उसको सेक्सी वाली स्माइल दे देती हु जिससे वह होटल रूम में थोड़ा डिस्काउंट दे देता है और हम दोनों उस दिन होटल रूम में जाकर थोड़ा पिज़्ज़ा और कोल्ड ड्रिंक लिए..

उसके बाद हमेशा की तरह सेक्स करने लगे और उस दिन मैं अपने बॉयफ्रेंड से दो बार चुदी और हम दोनों थक गए और सो गए.. मेरा बॉयफ्रेंड बोला कि पिंकी मैं तुम्हारे और मेरी भाभी दोनों के साथ सेक्स करना चाहता हूं.

मैं बोली लेकिन भाभी को कौन मनाएगा? मेरा बॉयफ्रेंड बोला पिंकी मैं तो तुमको अपनी भाभी की चुदाई की वीडियो भेजता हूं और भाभी भी रेडी है हम दोनों के साथ सेक्स करने के लिए.. मैं बोली की ठीक हे लेकिन सेक्स कहां करेंगे? वह बोला मेरे घर पर और बोला कि मैं तुम को शाम को लेने आऊंगा..

मै आपको बता दूं मैं अपने बॉयफ्रेंड की भाभी से मिल चुकी हु और मेरी और उनकी अच्छी दोस्ती हो गई है.. मैं और मेरे बॉयफ्रेंड की भाभी हम दोनों ही नॉन वेज बातें करते हैं और मैं भी अपनी हॉट फोटो मेरे बॉयफ्रेंड की भाभी को भेज देती हु. मेरे बॉयफ्रेंड की भाभी भी मुझे अपनी हॉट फोटो भेजती है, और हम दोनों बहुत सेक्स चैट करते हैं.

मैं और मेरा बॉयफ्रेंड होटल में सेक्स करने के बाद एक अच्छे रेस्टोरेंट में गए और खाना खाए और अपने घर आ गए. मेरा बॉयफ्रेंड फिर मुझे मेरे घर तक छोड़ गया और बोला कि तुम शाम को तैयार रहना मैं तुमसे मिलने आऊंगा, और आज रात को मैं और तुम और मेरी भाभी हम तीनो ग्रुप सेक्स करेंगे.. उसके बाद शाम को मैं तैयार हूइ ब्लैक सूट में और बहुत ही मस्त माल लग रही थी..

तभी मेरा बॉयफ्रेंड मुझे मैसेज किया और बोला कि घर के बाहर आओ मैं तुमको लेने आया हूं.. मेने देखा मेरा बॉयफ्रेंड मुझे लेने आया और अपनी मम्मी को कॉल करके बोल दिया कि मैं थोड़ा लेट आऊंगी घर, तो मम्मी बोली ठीक है अच्छे से आना और खाना खा लेना.. और मैं अपने बॉयफ्रेंड के साथ उसके घर चली गई..

मै आपको बता दूं की मेरे बॉयफ्रेंड के घरवाले और मेरे घरवाले दोनों की अच्छी बनती है इसलिए मम्मी मुझे अपने बॉयफ्रेंड से मिलने देती है और उसके साथ घूमने के लिए भी जाने देती है, और मेरे बॉयफ्रेंड की भाभी कभी कभी मेरे घर पर अति रहती हैं क्योंकि मेरी और उनकी दोस्ती बहुत अच्छी है..

अब मैं और मेरा बॉयफ्रेंड हम दोनों शॉपिंग मॉल में गए और वहां से डिल्डो खरीद लिया क्योंकि मेरे बॉयफ्रेंड की भाभी कभी-कभी डिल्डो से अपनी चूत को चोदती है जब मेरा बॉयफ्रेंड कहीं बिजनेस के काम से बाहर चला जाता है.. मेरा बॉयफ्रेंड का पापा का बिजनेस है इसलिए वह अपने पापा का बिजनेस देखता है और जब मेरा बॉयफ्रेंड बाहर जाता है तब मैं अपने दूसरे बॉयफ्रेंड से चुदवाती हूं, अब मैं कहानी पढ़ाती हूं.

मैं और मेरा बॉयफ्रेंड शॉपिंग से कुछ खाने का भी सामान ले लिए और हम लोग घर पहुंचे तो मैंने देखा कि मेरे बॉयफ्रेंड की भाभी मुझे देखकर स्माइल कर रही थी और मुझे हग किया और हम दोनों भाभी के रूम में गए, तो देखा कि भाभी का रूम एक परफ्यूम से भरा था..

वहां जाते ही मुझे सेक्स करने का मन करने लगा और मेरी बॉयफ्रेंड की भाभी मेरे और मेरे बॉयफ्रेंड के लिए जूस और चॉकलेट ले कर आई, और खुद अपने भी हमारे साथ बैठकर जूस और चॉकलेट खाने लगी..

तभी मेरा बॉयफ्रेंड बोला पिंकी तुम मेरी भाभी के साथ लेसबियन करो मैं और मेरे बॉयफ्रेंड की भाभी दोनों लेसबियन करने लगी और कुछ देर के बाद भाभी मेरी सलवार सूट निकाल दी और मैं ब्लैक ब्रा और पैंटी में हो गई, और मैं भी मेरे बॉयफ्रेंड की भाभी की साड़ी और ब्लाउज और पेटीकोट निकाल दिया, और वह भी ब्लू ब्रा और ब्लू पेंटि में हो गई और अब हम दोनों लेसबियन करने लगे..

कुछ देर के बाद मेरा बॉयफ्रेंड आया और वह अंडरवेअर में था, मैं और मेरे बॉयफ्रेंड की भाभी लेसबियन कर रहे थे और मेरा बॉयफ्रेंड मेरी चूत चाट रहा था मेरी पैंटी के ऊपर से..  और अपनी भाभी के बूब को दबा रहा था, और हम दोनों एक दूसरे को सक करने लगे..

और कुछ देर में हम सब नंगे हो गए और मेरा बॉयफ्रेंड मेरी चूत चाट रहा था और मैं और मेरे बॉयफ्रेंड की भाभी के बूब दबा रही थी, और मेरे बॉयफ्रेंड की भाभी मेरे बॉयफ्रेंड के लंड को चूस रही थी और ऐसे ही हम सब एक दूसरे को चूस रहे थे..

तभी मेरा बॉयफ्रेंड मेरी चूत चाटने में लगा रहता तो कभी बॉयफ्रेंड की भाभी मेरी चूत चाटने में लगी रहती थी और मैं भी अपने बॉयफ्रेंड का लंड चूसति थी, यह मेरा बहुत ही अच्छा एक्सपीरियंस था पहली बार मुझे थ्रीसम में चुदाई करने में बहुत मजा आ रहा था..

अब मेरा बॉयफ्रेंड मेरी चूत में अपना लंड डाल कर मुझे चोद रहा था और मैं भी खूब चुदवा रही थी और भाभी मेरी चूची को चूस रही थी और मेरा बॉयफ्रेंड मुझे चोद रहा था, हम दोनों १५ मिनट की चुदाई के बाद जड गए, उसके बाद मेरा बॉयफ्रेंड एक सेक्स की टेबलेट खा ली और अपनी भाभी को चोदने लगा और मैं बॉयफ्रेंड की भाभी की चूची को दबा दबा कर चूस रही थी.

१५ मिनट की चुदाई के बाद मेरा बॉयफ्रेंड और उसकी भाभी जड गए उसके बाद मेरे बॉयफ्रेंड ने मुझे एक बार और चोदा और हम सब सो गए, और मैं रात को अपने घर नहीं गई क्योंकि मेरे बॉयफ्रेंड की भाभी ने बोला की प्लीज़ डार्लिंग तुम यहीं रुक जाओ प्लीज. मैं भी मेरे बॉयफ्रेंड की भाभी की बात मान ली और मेरे बॉयफ्रेंड के घर रुक गई और सुबह में मेरा बॉयफ्रेंड मुझे अपने घर छोड़ दिया..

अब हम अगले विक सेक्स करेंगे तो मैं आपको जरूर बताऊंगी. आप मुझे मेल करते रहना

3 वर्जिन स्कुलगर्ल्स के साथ गांड सेक्स

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हाय दोस्तों मैं राजस्थान का राठोड राजपूत हूँ. बीकानेर सिटी में रहता हूँ. मेरी उम्र भले ही 59 की हो गई हो पर अभी भी मुझे जवान लड़कियों कको बाबू कर के उन्हें लम्बे समय तक कैसे चोदा जाए उसका हुनर पता हे. मेरे अंडकोष काफी बड़े हे और लंड की लम्बाई भी 8 इंच की हे. मैंने अपनी लाइफ में 18 से ले के 45 साल तक की औरतों को चोदा हुआ हे. और मुझे स्कुल की लडकियां यानी की स्कुलगर्ल्स की चुदाई करने में बड़ा मजा आता हे.

और मेरी किस्मत ऐसी हे की मुझे स्कुलगर्ल्स आसानी से मिल भी जाती हे क्यूंकि मैं खुद एक स्कुल चलाता हूँ. और ये स्कुल एक गर्ल्स ओनली स्कुल हे. मैंने अपनी सकू में चुन चुन के सेक्सी फिमेल टीचर्स रखी हुई हे. और वो सब 22 से 28 साल के बिच की कुंवारी लड़कियां ही हे. ये स्कुल सेकंडरी तक हे और उसके अंदर 200 लड़कियां पढ़ती हे और 25 हॉट टीचर्स हे.


बीकानेर के बहार से ही ज्यादातर लडकियां यहाँ पर पढने के लिए आती हे और हॉस्टल में रहती हे. मैंने एक कम्पनी से टाइअप कर के स्कोलरशिप का काम चालू किया हे इसलिए ये विद्यालय अगल बगल के इलाके में फेमस हे और लोग अपनी लड़कियों को यहाँ एडमिशन दिलवाने के लिए घंटो लाइन में खड़े रहते हे.

हमारे स्कुल में सभी धर्मो की लड़कियां हे जिन्हें सामाजिक और दुसरे शिक्षण के साथ साथ फिजिकल, स्पोर्ट्स और सेक्स एज्युकेशन भी दिया जाता हे. स्पोर्ट्स के लिए बाकायदा बड़े सेंटर्स हे और वहां पर पुराने खिलाड़ियों को भी बुलाया जाता हे ट्रेनिंग के लिए. साथ में अक्सर स्कुल में बड़े बड़े कम्पनी के लोग आते हे और यहाँ की शिक्षा देखते हे. सेक्स एज्युकेशन का जिम्मा मैंने अपने कंधे पर लिया हुआ हे जैसे. और मैं खुद उसकी निगरानी रखता हूँ. लड़कियों के सामने खुले में सेक्स की बातें कर के जो लुत्फ़ मिलता हे वो किसी कामवासना से कम नहीं होता हे. वैसे मैं खुद एक रईस बन्दा हु और अपनी स्कुलगर्ल्स की चुदाई की फेंटसी को पूरा करने के लिए और उसे मेंटेन करने के लिए खुद भी इस स्कुल में बहुत सब फंडिंग करता रहता हूँ.

इसके अलावा डांस वगेरह की प्रवृति भी होती हे स्कुल में. और आज की ये गांड चुदाई की कहानी जिन तिन लड़कियों के ऊपर हे वो डांस के सेक्शन में ही माहिर हे. उनके नाम पिंकी, किशोरी और निन्नी हे. पिंकी कश्मीर से, निन्नी गुजरात से और किशोरी बंगाल से हे.

एक दिन नृत्य के फंक्शन में इन तीनो लड़कियों ने एक ग्रुप डांस किया. साली ये 18 साल की लडकियां ऐसे अपने अंग को फड़का फड़का के हिला रही थी और एकदम उत्तेजक डांस कर रही थी. उनके सेक्सी अंग में 18 साल की नजाकत और उभार था.

तीनो को जब नाचते हुए देखा तो मेरे मन में लड्डू फूटने लगे. ख़ास कर के पिंकी जिस अंदाज से अपनी गांड को हौले हौले से हिला रही थी वो देख के मेरे मन में उन्हें चोदने की इच्छा जाग गई. चुदाई नहीं गांड मारने की इच्छा जागी थी स्पष्ट कहूँ तो!

मैंने अपनी नृत्य की मेडम जिसका नाम पुष्पा हे उसे दुसरे ही दिन अपने कमरे में बुलाया. उसे लगा की शायद मैं उसे चोदना चाहता था इसलिए वो सज धज के आई थी.

वो आई तो मैंने उसे इन तिन लडकियों किशोरी, पिंकी और निन्नी के बारे में पूछा. पुष्पा ने बताया की तीनो बड़ी गरीब घर की हे और हमारे स्कुल में स्कोलरशिप के ऊपर ही दारोमदार हे उनका. मैंने ख़ुशी से अपनी मुठी जकड़ ली. गरीबी और मज़बूरी जहाँ हो वहां पर चुदाई जल्दी से हो जाती हे. पुष्पा को मैंने कहा उनकी फाइल्स भेज देना मुझे.

वो बोली ठीक हे सर. और ये कह के वो जा रही थी तो मैंने उसकी गांड देखी. मैंने उसे कहा, एक मिनिट.

वो मुड़ी, मैंने कहा अब आई हो तो कुछ करवा के ही जाओ!

वो हंस पड़ी और उसने दरवाजे की स्टोपर लगा दी. अपनी रिवोल्विंग चेयर के अन्दर मैंने थोडा ऊपर हो के अपनी पेंट को खोल के निचे खिंचा. साथ में चड्डी भी निचे कर दी. पुष्पा मेरे पास आई और मैंने उसे निचे बिठा दिया. पुष्पा के मुहं में लंड दे दिया मैंने और उसके बाल पकड़ लिए. उसने मेरे मजबूत लंड को पूरा मुहं में डाल लिया और रंडी के जैसे चूसने लगी.

कुछ देर लंड चुसाने के बाद मैं पुष्पा का स्कर्ट ऊपर किया और उसने अपनी पेंटी को साइड में करनी चाहि. मैंने पेंटी को उतार ही दिया. और अपनी ऊँगली से उसकी गांड पर थूंक लगा दिया. वो समझ गई की आज सर पीछे हमला करेंगे. मेरे लंड के ऊपर बिठा के मैंने उसके बुब्स पकड लिए. लंड आधा गांड में डाला था की वो अहह अह्ह्ह करने लगी. मैंने उसके बाल नोंच के कहा, चुप साली रंडी!

वो मेरे डर से चुप कर गई. मैंने बूब्स मसल के पूरा लंड गांड में पेल दिया. पुष्पा को पसीना आ गया एसी कमरे में भी. मैंने पुरे लंड को अंदर कर के उसकी खूब मारी.

जब वीर्य निकलने के बाद वो खड़ी हुई तो पूरी लडखडा सी रही थी. वो कपडे सही कर के चली गई. मैंने टिश्यू से लंड साफ़ किया और काम करने लगा.

आधे घंटे के बाद किशोरी, पिंकी और निन्नी की फ़ाइल आ गई. तीनो के बाद मजदुर या उसके समकक्ष ही थे. पिंकी के फोटो को देख के मेरे लंड में आग सुलग गई. वो जिस अंदाज में अपनी गांड हला रही थी डांस में वो सिन याद आ गए. उस दिन वो लोग स्पोर्ट्स सेंटर पर थी इसलिए बुला नहीं सका. लेकिन दुसरे दिन मोर्निंग में ही मैंने तीनो को अपनी केबिन में बुला लिया.

मैं अपने साथ तीनो के लिए गिफ्ट ले के आया था. वो कमरे में आइ.

मैं: शाबाश बच्चियों, तुम्हारा डांस देख के बहुत अच्छा लगा, 18 साल की उम्र में तुम लोगों ने बहुत कुछ सिख लिया हे.

किशोरी: थेंक यु सर, सब आप का ही आशीर्वाद हे.

मैंने उसे पास बुलाया और उसके हाथ अपने हाथ में लिए.

मैं: अभी तो स्टार्ट ही हुआ हे आशीर्वाद, आगे आगे देखो क्या होता हे!

ये लो, ऐसा कह के मैंने पैकेट्स उन्हें दिए. इसके अन्दर आप लोगों के लिए एक गिफ्ट हे अच्छे डांस के लिए.

वो तीनो बड़ी खुश हो गई.

मैंने कहा, अब मैं चाहता हूँ की अगले महीने जयपुर में जो इंटरस्कुल डांस कम्पटीशन हे उसके अन्दर हमारी विद्यालय से तुन तीनो ही जाओ.

वो खुश हो के एक दुसरे के सामने देख के हंस रही थी. मेरी नजर पिंकी की स्कर्ट पर थी. लाइन्स वाली स्कर्ट में उसकी उभरी हुई गांड को देख के मैं अपने लंड को काबू में नहीं रख पा रहा था. मैंने कहा, देखो तुम लोगो को खुद को मानसिक रूप से सब कठिनाइयों के लिए रेडी करना होगा.

किशोरी बोली, जी सर.

मैंने कहा, और आज मैं तुम्हे कुछ कठिनाइयाँ खुद दूंगा ताकि तुम लोग उस बड़े मंच के लिए खुद को रेडी कर सको. तो क्या तुम लोग चाहती हो उस बड़े मंच के ऊपर जाना?

तीनो ने एक साथ कहा, हां सर.

मैं: गुड, चलो अपनी कमर को मेरे टेबल की तरफ कर के खड़ी हो जाओ.

वो तीनो ने मेरी बात मान ली. मैं आगे गया और उनके हाथ से गिफ्ट के पेक्ट्स ले लिए और अपनी टेबल के ऊपर रख दिए. किशोरी ने पीछे मुड के देखा तो मैंने कहा, कुछ भी हो आप को पीछे नहीं देखना हे जब तक मैं ना कहूँ.

वो तीनो ने सर हिलाया.

मैं पिंकी के पीछे खड़ा हो गया और उसकी कमर के ऊपर हाथ रख दिया. वो इसके लिए रेडी नहीं थी इसलिए थोड़ी हिल सी गई. फिर वो टट्टार खड़ी रही. मैंने उसकी कमर के ऊपर हाथ घिसा और महसूस किया की उसकी साँसे फुल सी रही थी. वो पीछे तिरछी नजरों से देख रही थी. किशोरी और निन्नी ने भी निगाहें तिरछी कर ली थी. अब मैंने अपने एक हाथ की पिंकी के बम्स पर रख दिया. वो अहह कर बैठी लेकिन कुछ नहीं बोली. मैंने धीरे धीरे से उसकी गांड को सहलाने लगा. वो लम्बी साँसे ले रही थी. मैंने उसके स्कर्ट को थोडा ऊपर किया. अन्दर उसने लॉन्ग पेंटी पहनी हुई थी. मैंने पेंटी के अन्दर ऊँगली डाल के उसे थोडा ऊपर किया. पिंकी ने पीछे मुड के देखा तो मैंने मुहं के ऊपर ऊँगली रख के उसे चुप रहने को कहा. वो स्माइल के साथ आगे मुड गई.

मैं ऊँगली अन्दर डाल के उसकी चूत और गांड के छेद के साथ खेलने लगा. पिंकी की सेक्सी चूत ने पानी छोड़ दिया था सिर्फ टच करने से ही. उसका छेद काफी टाईट था और वो सिस्कियाने लगी थी. उसकी सिसकियों को सुन के किशोरी और निन्नी उसे देख रही थी. किशोरी की और मेरी नजरें मिली और वो हंसती हुई आगे देखने लगी. पिंकी की चूत को तडपा के मैं उठ गया. अब किशोरी की गांड को ही चेक करनी थी मुझे.

मैं उसके पास आया और उसके स्कर्ट को उठाया. वो साली थोडा पीछे को हुई, जैसे अपनी गांड मुझे पेश कर रही हो. मैंने स्कर्ट उठा के देखा तो उसकी पेंटी छोटी और ब्लेक थी. मैंने उसकी गांड भी सहलाई. ऐसा ही निम्मी के साथ भी हुआ. फिर मैने तीनो स्कुलगर्ल्स के स्कर्ट और पेंटी को उतार के उन्हें नंगा कर दिया. चेयर के ऊपर बैठ के मैंने कहा, अब तुम लोग इधर देखो. जब वो मेरी तरफ मुड़ी तो मैंने अपना बड़ा लंड बहार निकाल के रखा हुआ था. तीनो ने एक दुसरे की तरफ देखा. मैंने कहा इसे मुहं में लेगा वो जल्दी से जयपुर जाएगा. किशोरी ही सब से पहले आगे बढ़ी. और उसके पीछे निम्मी और पिंकी भी आ गए. वो तीनो मेरी चेयर के पास निचे फर्श पर अपने घुटनों को लगा के बैठ गई. पिंकी को सर से पकड के मैंने उसे ऊपर किया. और उसके गुलाबी होंठो के ऊपर अपने प्यार का ठप्पा लगाने के लिए उसे चूम लिया. उसके होंठो में एक अजब सा कम्पन था, शायद वो पहली बार लिप किस कर रही थी.

किशोरी ने दूसरी तरफ मेरे लंड को अपने होंठो से चूसा. और निम्मी भी उसके साथ हो ली. दोनों स्कुलगर्ल्स दोनों साइड से लंड को चूस रही थी. किशोरी ने लंड के निचे के अंडकोष को पकड़ के दबाया. मैंने पिंकी के टॉप में हाथ डाल के उसके बूब्स दबाये वो आह्ह्ह कर उठी. उसके बूब्स एकदम छोटे और अविकसित से थे. मैं उसके बटन खोले और बूब्स देखने लगा. वो 24-25 इंच के ही थे. किशोरी ने लंड के सुपाडे को और निम्मी ने अंडकोष को मुहं में ले लिया था. पिंकी ने कहा, ये दोनों ने तो मेरे लिए जगह ही नहीं रखी सर.

मैंने उसके कंधे से पकड के उसे अपनी तरफ खिंचा और कहा, पिंकी तुम्हारा डांस सब से अच्छा था तुम तो जाओगी ही जयपुर.

वो खुश हो गई. मैंने उसके बूब्स फिर से सक किये उसकी छोटी छोटी निपल्स अब ऊपर को उठ रही थी. मैंने दो ऊँगली के बिच में उसे पिंच किया तो वो कराह उठी. मैंने पिंकी की चूत पर एक हाथ रखा और उसे हिलाने लगा. उसकी चूत में से पानी बहार होने लगा था.

मैंने उससे कहा, पिंकी पूरी नंगी हो के मेरे लिए एक बार डांस करो ना.

किशोरी ने ये सुना और लंड मुहं से बहार निकाला. वो बोली, सर हम भी करें.

मैंने कहा तुम तीनो पूरी नंगी हो के नाचो मेरे सामने.

वो तीनो खड़ी हो के कपडे उतारने लगी. उतने में मैं भी नंगा हो गया. किशोरी ने वो गाना चालु किया जिसके ऊपर वो लोगों ने डांस किया था फंक्शन में, चीटिया कलाईया रे!

और वो लोग अपनी गांड हिला हिला के नाच रही थी. निम्मी तीनो में सब से शर्मीली सी थी. वो बार बार नाचते हुए मुझे ही देख रही थी. मैंने उसे इशारा कर के अपने पास बुलाया और उसे अपनी गोदी में बिठा लिया. उसके बूब्स पकडे तो वो सिहर उठी, साली ये भी वर्जिन थी एकदम!

पिंकी ने अपनी गांड उस दिन के जैसे ही हिलाई और मेरे लंड में तूफ़ान मचा दिया. मैंने उन्हें रुकने के लिए कहा. फिर मैंने पिंकी को कहा, तुमने इसका स्वाद नहीं लिया हे तुम आ जाओ. पिंकी ने घुटनों के ऊपर बैठ के मेरे लंड को मुहं में ले लिया. वो सुपाडे के साथ आधे लंड को मुहं में भर के सक करने लगी थी. और मैं सिसकियाँ रहा था मजे से. किशोरी मेरे पास ही खड़ी थी. मैंने उसे टेबल पकडवा के झुका दिया. और एक पेन उठाई. किशोरी की गांड के ऊपर मैं पेन से हिलाने लगा. और फिर वो पेन को मैंने उसके चूत के छेद में घुसा दिया. किशोरी दर्द से छटपटा सी गई. मैंने कहा, आराम से चुसो पिंकी.

पिंकी ने लंड को हिलाया और बड़े प्यार से उसे चूमने लगी. मेरी हालत एकदम उत्तेजना से भरी हुई थी. मैंने पिंकी को रोक लिया और किशोरी की गांड के ऊपर थूंक दिया. पिंकी को भी मैंने किशोरी के जैसे टेबल पर उल्टा कर दिया. निम्मी को बुला के उसे अपने लंड को हिलाने के लिए कहा. निम्मी ने दोनों हाथ से मेरे लंड को पकड के उसका मर्दन किया. पिंकी को पीछे मैंने अपने होंठो से प्यार देना चालू कर दिया. पहले तो मैंने उसके बम्स के ऊपर किस किया. वो सिहर उठी और हिली. मैंने उसके दोनों पैर पकड लिए और किस करते हुए उसकी गांड के छेद तक जा पहुंचा. वो पागल होने लगी थी. निम्मी को रोक के मैंने उसे भी उल्टा कर दिया. और किशोरी को जो पेन घुसाया था उसे निकाल के निम्मी की गांड में डाला.

तीनो स्कुलगर्ल्स की गांड मेरे तरफ थी और मेरे मुहं में पानी आ गया था उन्हें देख के. मैंने अपनी टेबल की ड्रावर से एक कंडोम निकाला और पेक्ट फाड़ के अपने लंड पर पहन लिया. पिंकी के पास जा के मैंने उसके कान में कहा. पहले थोडा दर्द होगा लेकिन मुझे पता हे की कुछ बनने के लिए दर्द सहना पड़ता हे वो तुम्हे पता हे. पिंकी ने हां में सर हिलाया. मैंने अपने सुपाडे को उसकी गांड पर लगा दिया. और निचे से दो ऊँगली डाल के उसकी चूत को हिलाने लगा. पिंकी को बड़ी मस्ती चढ़ गई थी. और वो अपनी गांड को हिला के मेरे लंड के उपर धकेल रही थी. मैंने मन ही मन कहा रुको अभी डालूँगा फिर धक्के लगाना मेरी जान!

थूंक से गीली गांड और कंडोम की चिकनाहट के ऊपर भरोसा कर के मैंने एक धक्का लगाया. पिंकी के मुहं से दर्द भरी सीत्कार निकल पड़ी, ooohhhhh बाप रे अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह ईईई अह्ह्ह्हह्ह मर गई मैं तो!

मैंने लंड को अभी तो 20% ही अन्दर किया था. इस स्कुलगर्ल की गांड एकम टाईट थी और लंड को अजब सी खुमारी चढ़ रही थी उसके अन्दर घुस के. मैंने पिंकी के बूब्स को फोंड्ल किये और लंड को जरा भी हिलाया नहीं. वो टेबल के ऊपर अपनी मुठ्ठियाँ ऐसे मार रही थी जैसे उसकी जान निकल रही हो. किशोरी और निम्मी मेरे लंड के जादू देख के आहत सी हो गई थी. किशोरी को पसीना आ चूका था. पिंकी एक मिनिट और छटपटाइ, फिर वो शांत हुई.

मैंने उसे पूछा, आगे करूँ पिंकी?

वो बोली, हां सर अब दर्द कम हुआ हे.

मैंने उसके बुब्स को पकड के धक्का दिया तो आधा लंड उसकी गांड में घुसा. वो फिर से दर्द में तडप उठी. लेकिन अब उसे पता था की गांड सेक्स का ये दर्द टेम्पररी ही था इसलिए वो ज्यादा चिल्लाई नहीं. लेकिन उसकी गांड से खून निकल गया था जिस से मेरा कंडोम लाल हो गया था.

एक मिनिट रुक के मैंने फिर से धक्का लगाया और पिंकी की सेक्सी गांड में पूरा लंड पेल दिया. पिंकी आह्ह अह्ह्ह कर रही थी. और मैंने उसके शोल्डर और नेक पर किस करने लगा था. किशोरी और निम्मी देख रही थी. तभी मैंने किशोरी को बुलाया और कहा की तुम पिंकी के बूब्स चुसो. और निम्मी को टेबल के निचे बिठा के मैंने कहा, निचे से पिंकी की चूत को चाटो तुम.

वो दोनों के आने से पिंकी की अन्तर्वासना और भी जागी. अब वो सामने से अपनी गांड को हिला रही थी. मेरे लंड के ऊपर मस्त प्रेशर बना हुआ था इस वर्जिन स्कुलगर्ल की गांड के छेद से. मैंने उसके कंधे को पकड लिए दोनों हाथ से. और फिर मैं धक्के लगाने लगा. निचे निम्मी चूत चूस रही थी और मेरा लंड अब पिंकी की एस्होल को थोक रहा था.

पिंकी खुद भी चुदासी हो चुकी थी. वो अपनी गांड हिला के मरवा रही थी. किशोरी और निम्मी भी पुरे आनंद से पिंकी को लिक और सक कर रही थी. पुरे कमरे में मेरी और पिंकी की मादक सिसकियाँ गूंज रही थी.

तभी पिंकी की चूत से झड़ निकल आया और निम्मी का मुहं गंदा हो गया. मैंने निम्मी से कहा, चाट जाओ सब. वो चाट गई.

पिंकी के घुटनों में दर्द होने लगा था, वो पहली बार खाली जो हुई थी.

मैंने लंड उसके गांड से निकाला. और कंडोम को बदल दिया.

दोस्तों मैंने पिंकी के जैसे ही किशोरी और निम्मी की भी गांड मारी. किशोरी को उतना दर्द नहीं हुआ लेकिन निम्मी का तो खून और गू दोनों निकल आया था.

जब हम लोग पौने दो घंटे के बाद फ्री हुए तो इन तीनों में से किसी के अंदर भी चलने की शक्ति नहीं थी. मैंने उन्हें गिफ्ट पेकेट के साथ हजार हजार रूपये दिए और कहा, जयपुर जाने के लिए अभी से प्रेक्टिस स्टार्ट कर दो और ये पैसे से कपडे ले आना.

तीनो गांड मरवा के खुश होते हुएमेरे कमरे से चली गई.

दोस्तों पिंकी, निम्मी और किशोरी को मैं सच में जयपुर ले के गया. लेकिन वो फेस्टिवल आने तक मैंने तीनो को बहुत चोदा और गांड मारी. किशोरी तो एक बार प्रेग्नंट भी हो गई थी कंडोम फटने से. उसका अबोर्शन करवा के मैं उसे फिर से चोदने लगा था.

कसम से ऐसी हॉट स्कुलगर्ल्स की गांड का जो मजा था वो फिर कभी नहीं आया. अब तो ये तीनो यहाँ नहीं हे पर आज भी ये चुदाई मुझे याद आती हे!

कजिन की सिलपेक चूत को खोला

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दोस्तों मन साहिल आप सब का चहिता, एक सेक्सी कहानी आप के लिए ले के आया हूँ. मुझे पक्का भरोसा हैं की आप को ये कहानी जरुर पसंद आएगी.

मैं बरेली यूपी में रहता हूँ और मेरी उम्र 26 सा हैं. मेरे लंड का साइज़ 6 इंच लम्बा और 3 इंक मोटा हैं. ये स्टोरी जो मैं बताने जा रहा हूँ वो मेरी और मेरी एक कजिन बहन की हैं. उसका नाम प्रिया हैं और उसकी उम्र करीब 18 साल की हैं. उसका फिगर 30 28 32 का हैं और वो रंग में एकदम गोरी हैं.


प्रिया वैसे तो बरेली में ही रहती हैं अपने मम्मी पापा और छोटी बहन के साथ लेकिन बिजनेश न चलने की वजह से उसकी पूरी फेमली जयपुर सेटल हो गई. ये जब जयपुर गई तो उसने मुझे फेसबुक पर एड किया और मेरे से डेली बातें होने लगी उसकी. कई बार तो हम दोनों ही लेट नाईट तक चेटिंग में लगे रहते थे.

प्रिया मेरे को डेली मेसेज करने लगी और देखते ही देखते उसको मेरे से बात करना अच्छा लगने लगा. एक दिन उसने मुझे हार्ट वाली स्माइली भेजी तो मैंने पूछा की ये क्या हैं तो उसने जवाब दिया की सोरी गलती से भेज दिया. अब उस से ये गलती लगभग रोज एकाद बार हो जाती थी. मैंने भी उसको कुछ नहीं कहा. एक दिन बातों बातों में उसने मुझे बताया की उसके एग्जाम हैं बरेली में. और उसने कहा की वो अपनी छोटी बहन के साथ एग्जाम देने के लिए आ रही हैं. मैंने जब ये बात अपने घर पे बताइ तो मेरी मम्मी ने प्रिया के घर पर कॉल कर के लड़कियों को हमारे  घर पे भेजने को कहा. मम्मी ने कहा की उनको कहना कही और नहीं लेकिन हमारे घर पर ही रुके.

दो दिन के बाद प्रिया अपनी छोटी बहन के साथ हमारे घर पर आ गई. क्यूंकि यहाँ गर्मी काफी पड़ती हैं तो मेरी मम्मी ने दोनों को मेरे रूम में ही सोने को बोल दिया. क्यूंकि मेरे कमरे में एसी लगा हुआ हैं.

जब वो रूम में आई तो मैंने इन दोनों के लिए बेड खाली कर दिया और खुद फ्लोर पर मेट्रेस डाल कर सोने की तयारी करने लगा. क्यूंकि रात काफी हो गई थी और वो दोनों भी ट्रावेल कर के थक गई थी तो हम सब अपनी जगह पर जाकर सो गए.

रात में करीब 3 बजे मैं उठा तो मैंने देखा की प्रिया की नाइटी ऊपर को उठी हुई हैं. और उसके लेग्स दिख रहे थे. मैं उठा और बाथरूम से आकर जब मैं अपनी जगह पर लेटा तो देखा की उसकी नाइटी काफी ऊपर हुई हे और उसकी पेंटी भी साफ़ साफ नजर आ रही थी.

पहले तो मेरा मन किया की आज की रात इसके साथ थोड़ी मस्ती कर ही लूँ. लेकिन फिर मुझे लगा की कही कोई दिक्कत ना हो जाए तो मैं अपनी जगह पर ही सो गया.

सुबह जब मैं उठा तो ये दोनों सो रही थी. मैं फटाफट बाथरूम में गया और नहा के रेडी हो गया. जब मैं ब्रेकफास्ट कर रहा था तो ये दोनों उठी और बहार आ गई. थोड़ी देर बाद प्रिया की छोटी बहन तो नहाने चली गई पर वो वही टेबल पर बैठी हुई थी.  माँ ने हम सब को नास्ता दिया और फिर अपने काम में लग गई. 12 बजे माँ ने मुझे बोला की वो मॉल जा रही हैं कुछ शोपिंग करने और जब उन्होंने तन्वी (प्रिया की छोटी बहन) को साथ में चलने को पूछा तो वो तैयार हो गई.

फिर मा और तन्वी तो मॉल के लिए निकल गए और घर में मैं और प्रिया ही थे. माँ ने मुझे कहा की प्रिया का ध्यान रखना.

मैं हॉल में आया और टीवी देखने लगा और प्रिया रूम में चली गई. जब वो 15 मिनिट तक बहार नहीं आई तो मैं रूम में चला गया. तो मुझे बाथरूम से आवाज आ रही थी इसलिए मैं समझ गया की वो नाहा रही हैं. जैसे ही मैं मुडा बहार जाने के लिए वैसे ही प्रिया ने दरवाजा खोला और बहार आ गई. प्रिया ने स वक्त सिर्फ तोवेल लपेटा हुआ था. मेरी नजर जैसे ही उसके भीगे उए बदन पे पड़ी सच कहूँ मेरा तो मन उसकी उसी वक्त चोदने के लिए रेडी हो गया था.

मैं जैसे ही उसकी तरफ बढ़ा  वो हडबडा उठी और उसके तोवेल भी निचे गिर गया. अब वो मेरे सामने बिलकुल नंगी खड़ी थी. इसको इस हाल में देख के मेरा लंड खड़ा हो गया. उसके 30 की साइज़ के गोरे बूब्स, सेक्सी पिंक निपल्स और ऐसी ही पिंक चूत मेरे सामने थी. मैं पागल हो रहा था ये सब देख के. मैं उसके पास गया और उसे हग कर लिया. उसने मुझे पीछे धक्का दियालेकिन मैं कहा रुक्ने वाला था मैं उसके पास गया और उसके कान में बोला, मैं तुम्हारे साथ प्यार करना चाहता हूँ!

इतनी देर में मेरे को बहार से गेट खुलने की आवाज आई. मैंने जा के देखा तो मोम वापस आई टी. वो अपने पर्स को घर में ही भूल गई थी उसे लेने के लिए वो आई थी. माँ अपना पर्सले के चली गई. जब मैं रूम के पास वापस आया तो मैंने देखा की रूम अन्दर से बंद था और जब आइने उसको खोलने को बोला तो प्रिया ने गेट नहीं खोला.

मैं डर गया की कहीं किसी को बोल ना दे. तो मैंने उसको बार बार गेट खोलने को बोला पर उसने नहीं खोला. और उतनी देर में माँ भी वापस घर आ गई. फिर सब आराम करने चले गए. मैं अपनी फ्रेंड के घर चला गया. जब मैं लौट के आया तो सब डिनर करने के लिए टेबल पर बैठे हुए थे. वो मेरे सामने वाली चेयर पर ही बैठी थी. मैंने उसकी तरफ तिन चार बार देखा पर वो केवल अपनी डिश की तरफ ही देख रही थी.

सब खाना खाने के बाद सोने के लिए चले गए. मैंने भी अपनी मेट्रेस बिछाई और सोने लगा. रात के करीब 3 बजे मुझे ऐसा लगा की जैसे कोई मेरे लंड को सहला रहा हैं. मैं हडबडा के उठा तो देखा की प्रिया मेरी मेट्रेस पे बैठी हुई थी और वही मेरा लंड सहला रही थी. जब उसने देखा की मैं उठ गया हूँ तो मेरे कान में आ के बोली, क्या हुआ प्यार नहीं करना?

जैसे ही उसने मेरे कान में ये कहा मेरा तो लंड एकदम से खड़ा हो गया. जब उसने मेरा लंड छुआ तो बोली, कितना बड़ा हैं आप का तो. मैंने उसको पूछा की पहले कभी लिया हे किसी का. तो उसने कहा रियल सेक्स नहीं किया बस ऊपर ऊपर से फॉर-प्ले किया हैं.

मैंने उसको मेट्रेस के ऊपर ही लिटाया और किस करना स्टार्ट कर दिया और धीरे धीरे से उसके कपडे उतार दिए. और अब मैं उसके नंगे जिस्म के साथ खेलने लगा. कभी बूब्स सक करने लगा और कभी उसकी चूत को ऊँगली से और अपने होंठो से किस करने लगा. चूत चाटने के साथ मैं उसको लिप किस भी कर रहा था. मैंने अपने कपडे भी उतार दिए और उसको अपना लंड हाथ में पकड़ा दिया. मैंने प्रिया को लंड मुहं में लेने को बोला तो पहले उसने मना कर दिया. पर जैसे तैसे वो मान गई.

फिर हम दोनों 69 पोजीशन में आ गए. मैं उसकी चूत चाटने लगा और अपनी जीभ उसकी चूत में डालने लगा. फिर मैंने अपनी एक ऊँगली उसकी चूत म डाली. थोड़ी सी ही अन्दर डाली होगी तो उसको दर्द होने लगा. मैंने उसको बोला अगर ऊँगली को नहीं झेल पा रही हो तो फिर मेरा लंड कैसे लोगी? फिर मैंने उसकी चूत को फिंगर करना चालू कर दिया.

जब मुझे लगा की उसकी चूत सही गीली हो गई हैं और जब वो मदहोश होने लगी तो मैंने उसको पूछा की मेरा लंड लोगी चूत में? उसने हाँ कहा. मुझे पता था की उसकी चूत कुंवारी थी और उसकी दर्द बहुत होगा. मैंने उसको अपने निचे लिटा दिया और खुद उसके ऊपर चढ़ गया. मेरा लंड एकदम गरम था और कांप सा रहा था.



मैंने उसकी दोनों टाँगे ऊपर उठाई और अपने कंधे के ऊपर रख दी. और अपने होंठो को उसके होंठो पर सेट करे. फिर अपने लौड़े को उसकी चूत पर रखा और जैसे ही मैंने उसके साथ लिप लोक किया और एक झटका दिया तो मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया. वो मुझे दूर हटाने लगी पर मैं कहा हटने वाला था. हलके हलके से मैं अपने लंड को उसकी चूत में अन्दर बहार करने लगा था. फिर 2 मिनिट बाद जब वो नार्मल हुई तो मी उसके लिप्स को फिर से अपने लिप्स के साथ लोक किया और एक जोर का झटका मारा. मेरा लंड उसकी सिल तोड़ता हुआ अन्दर घुस गया और उसकी चीख मेरे मुहं में ही निकल गई. प्रिया की आँख से आंसू बहने लगे और उसकी चूत से खून भी निकल पड़ा.

प्रिया की चूत फट चुकी थी और वो दर्द की वजह से मुझे लंड बहार निकालने को बोल रही थी. मैंने उसको शांत किया और लंड को धीरे धीरे अन्दर बहार करता रहा. मैं जानता था की उसकी छोटी बहन भी उसकी चीखों से उठ गई थी और वो चद्दर के एक कौने से हम दोनों को सेक्स करते हुए देख रही थी.

प्रिया कुछ देर में जैसे ही शांत हुई तो मैंने उसको और कस कस के चोदा. पुरे 20 मिनिट हम दोनों का चला और फिर उसकी चूत में ही मैं झड़ना चाहता था. लेकिन उसने बहुत फ़ोर्स कर के अपने बूब्स पर माल लिया.

प्रिया और उसकी बहन हफ्ते भर रुके थे. और फिर तो मैंने उसके साथ डेली नाईट में सेक्स किया. आज भी जबब वो जयपुर से यहाँ आती हैं तो मेरा लंड लिए बिना वापस नहीं जाती हैं.

वर्जिन स्कुलगर्ल की चुदाई

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हेलो फ्रेंड्स में राज में इस साईट पर सेक्स स्टोरीज को कई समय से पढता आ रहा हु. आज में स्टोरी बताने जा रहा हु वह एकदम सच्ची हे. मैने अभी अभी कोलेज पूरा किया हे भोपाल से और में भोपाल में रहता हु. मेरी उमर २१ साल हे और मेरे लंड का साइज़ ६ इंच हे.

अब में आप को ज्यादा बोर न करते हुए सीधे स्टोरी पर आता हु. यह बात उस समय की हे जब मेरे १२ वि की एग्जाम चल रही थी और में तब अपनी बुवा के यहाँ रहता था. उनके घर के पास में एक लड़की रहती थी रिया. वह बहोत ही सेक्सी थी मेरा मन तो करता था की उसको पकड कर चोद हु पर मुझे कभी मोका नही मिला.


उसका फिगर बहोत ही कमाल का था अभी तो वह 11 वी क्लास में थी लेकिन उसके बूब्स और गांड बहोत बड़ी थी.

हम पास में रहते थे तो थोड़ी बहोत बाते हो जाया करती थी. फिर मेरी एग्जाम खतम होने के बाद एक रात को हम सब साथ में बेठे थे और बाते कर रहे थे तो मैने उसको नम्बर के लिए कहा तो वह भी मान गई और मुझे नंबर दे दिया. फिर में आगे की पढाई करने के लिए भोपाल आ गया तो मेरी उसके साथ बहोत दिनों तक कोई मुलाकात हुई नही.

अब सच्ची कहानी सुरु होती हे उसका नम्बर मिलने के बाद धीरे धीरे हमारी बाते होने लगी और हम रात को देर तक बाते करते थे. मैने एक दिन उसको बोल दिया की में तुजे पसंद परता हु तो वह बोली के में तुम्हे पहले से करती हु.

धीरे धीरे प्यार भरी बाते करते करते हम लोग सेक्स चेट करने लगे और वह रोज मुजे उसके नंगे फोटो मुझे भेजती थी और हम लोग सेक्स चेट करते करते सो जाते थे.

एक दिन हम लोग सेक्स चेट कर रहे थे और उसने कहा की वह मुझसे सच में चुदवाना चाहती हे. तो मैने उसे कहा की में फ्री हो कर आता हु कुछ दिनों में और फिर में उसे मिलने गया.

में वहा पहुंचा तो उस ने कहा दी दिन में मेरे घर पर कोई नहीं रहता तो तुम छुप कर मेरे घर में आ जाना में गया पर उस समय उसका भाई घर में था लेकिन वह दुसरे कमरे में था लेकिन उसने भी बोल दिया था की वह उसके कमरे में ना आये और वह भी नही आया.

फिर में जेसे उसके कमरे में गया वह मुझे पागलो की तरह किस करने लगी और में भी उसका पूरा पूरा साथ देने लगा था और मेंने एक हाथ से उसके दूध पकड़ कर जोर से दबा दिए और वह सिसकिया लेने लगी अहहह अम्म्म ऊऊऊ मम्मम और वह कहने लगी की और जोर से दबावों.

मैने किस करते करते उसको एकदम नंगा कर दिया और उसने मुझे नंगा कर दिया. फिर वह मेरा लंड देख कर निचे बैठ गयी और पूरा मुह में लेकर चूसने लगी वह बहोत अच्छे से चूस रही थी और मैने उसके मुह में ही अपना माल छोड़ दिया.

फिर मैने उसको बेड पर लेटाया और उसके बूब्स को मुह में पकड कर चूसने लगा और वह अह्ह्ह्ह अम्म्म उम्म्म्म अह्ह्ह उह्ह्ह्ह करने लगी थी. फिर मैने उसके पुरे बूब्स में और नेक पर चोकलेट लगाया और फिर में उसके नेक को अछि तरह से किस करने लगा और उसको नेक पर काट भी लिया और उसे बहोत ही अच्छा लग रहा था और वह मचल उठी थी और वह जोर जोरसे आहे भरने लगी आह्ह हहह अम्म्म अहहह उम्म्म्म अह्ह्ह औम्म्म अह्ह्ह्ह और वह मेरा लंड हाथ में पकड कर हिला रही थी. और में धीरे धीरे उसकी बगल को चाटने लगा.

फिर मैने उसके निपल को मुह में लिया और वह बहोत कडक हो रहा था, और मैने धीरे धीरे उसके दुसरे बूब्स को मुह में पकड़ा और चूसने लगा और एक हाथ से चूत के दाने को सहलाने लगा. उसको बहोत मजा आ रहा था और उसकी चूत ने एक बार पानी छोड़ दिया था. और वह मुझे कहने लगी की चोद दो मुझे मैने कहा की इतनी जल्दी भी क्या हे अभी तो शुरुआत हुई हे. और फिर मैने उसकी चूत में चोकलेट लगा कर बहोत देर तक चाटा.

जब में उसकी चूत को चूस रहा था तब वह बहोत आवाजे निकाल रही थी अहहह अह्हह अमम्म आह्ह मम्म अहः मम्म और चुसो चोद दो मुझे फाड़ दो मेरी चूत को मैने उसकी चूत को बहोत देर तक चूसा और फिर उसका पानी में पि गया.

फिर मैने मेरा खड़ा लंडउसकी चूत पर लगाया और धीरे से धक्का देकर अंदर डाल दिया तो थोडा अंदर गया और उसे बहोत दर्द हुआ क्योंकि वह अभी तक वर्जिन थी तो वह चिल्ला उठी आहाह्ह अम्मम्म निकालो इसे बहार तो मैने उसके मुह पर अपने लिप्स रख दिए और मैने धीरे धीरे मेरा पूरा लंड डाल दिया. और में उसको चोदने लगा और थोड़ी देर बाद उसको भी मजा आने लगा और वह मजेसे चुदवाने लगी.

में १५ मिनीट तक उसको चोदता रहा और वह अह्ह्हः अहहह अम्म्म अहः ऊऊ अम्म्म अह्ह्ह अम्म्म और करो और जोर से करो बोल रही थी फाड़ दो मेरी चूत को आया हहह मम्म और यह सुन कर में बहोत जोर से उसे ज़टके मार रहा था और फीर मेरा और उसका एक साथ पानी निकल गया.

फिर हम ऐसे ही लेते रहे और किस करते रहे और मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और फिर हम 69 पोजीशन में आकर एक दुसरे के लंड और चूत को चूसने लगे, फिर वह मेरे ऊपर आ गई और मेरा लंड उसकी चूत में डालकर ऊपर निचे होने लगी और आह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह्ह अआज्ज मम्मम अह्ह्ह फक मी आह्ह चोदो मुझे और जोर से ऐसे कह कर और जोर से ऊपर निचे होने लगी.

फिर मैने उसे डौगी स्टाइल में किया अब मैंने एक ही जोरदार झटके में अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया और वो ज़ोर से चिल्लाने लगी उईईईई माँ उफ्फ्फफ्फ्फ़ कुछ देर धीरे धीरे करने के बाद एक झटके में मैंने अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया और वह मेरा साथ दे रही थी वो ज़ोर ज़ोर से मोन कर रही थी उूईईईइ आह्ह्ह्ह. और मैने थोड़ी देर में उसके चूत में मेरा माल निकाल दिया. फिर हम लोगो ने थोड़ी देर आराम किया और साथ में खाना खाया और फिर बाते करने लगे.

मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और में उसको किस करने लगा और उसको गर्म कर दिया और उसकी चूत भी गीली हो गयी फिर मैने कहा की में तुम्हारी गांड में अपना लंड डालना चाहता हु तो वह  मना करने लगी पर मेरे बहोत मनाने के बाद मान गई और में उसकी चूत को चाटने लगा और वह आह्ह हाहाह मम्म अम्मम्म अम्म्म उंम्म उअझ्ह्ह्ह करने लगी और में उसकी गांड को अपनी उंगलियों से सहला रहा था.

फिर में उसकी गांड में मेरी एक उंगली डाल के आगे पीछे करने लगा और उसको भी मजा आने लगा फिर मैने दूसरी उंगली डाल दी तो उसको दर्द हुआ पर कुछ देर के बाद ठीक हो गया में उसे उंगलियों से चोदने लगा उसे बहोत अच्छा लग रहा था तो वह बोली जानू अब तो डाल दो मेरी गांड में अपना लंड. फिर मैने देर ना करते हुए उसकी गांड पे और मेरे लंड पे तेल लगाया और फिर उसकी गांड के छेद पर टिका कर धीरे से अंदर डाला तो लंड का आगे का हिस्सा अंदर गया और वह चीख उठी और वह बोलने लगी के निकालो अपना लंड.

फिर में कुछ देर तक ऐसे ही रुका और उसका दर्द कम हो गया, फिर मैने पूरा लंड डाल दिया और धीरे धीरे चोदने लगा और उसको भी मजा आने लगा था और वह भी उसकी गांड हिला कर मेरा साथ देने लगी थी. हहह हहह्ह ममम्म अहहह येस्स्स्स हहह्ह फाड़ दो मेरी गांड को अहहह ऐसा वह कहने लगी और फिर मैने उसे बहोत देर तक चोदके मेरा रस उसकी गांड में ही निकाल दिया. फिर मैने कपड़े पहने और एक UNWANTED ७२ की टेबलेट दी और वापस आ गया. उस दिने मैने उसको २ बार चोदा और फिर में भोपाल आ गया.

मेरी कजिन ने 4 लंड लिए!

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हेल्लो दोस्तों, मैं हैप्पी और यह कहानी मेरी कजिन बहन लोरा की है. लोरा एक २० साल की लड़की हे जो बीसीए कर रही है, वह दिखने में सुंदर लड़की है, सावला रंग है उसका बदन काफी उभरा हुआ है, जब वह क्लास आठवीं में थी तब उसका बदन एक सेक्सी गर्ल का हो चुका था. उसके बूब साइज तब ३४ के हुआ करते थे और बदन पूरा कर्वी और फिगर ३४-२८-३६ था..

मेरे सारे दोस्तों उस पे तब से नजर लगा रखे थे जब घर पर कोई नहीं रहते थे, और सिर्फ लोरा  और मैं रहते थे. तब मेरे सारे दोस्त घर आते थे और बाथरूम के होल से उसका पूरा नहाने का सीन देखा करते थे, एक के बाद एक. फिर वो सब बेडरूम के होल से उस के कपड़े चेंज करने का सीन भी देखते थे.


फिर वो सब मेरे रूम में बैठकर वहां उसे बुलाते थे और उस के साथ डबल मीनिंग फ्लर्ट करते थे. लेकिन लहरा इन सब चीजों को लाइटली लेती थी ऐसा सिलसिला चलता रहा पर नारा अपनी BCA की पढ़ाई के लिए 3 साल बाहर चली गई और मेरे दोस्त उसकी फोटो देखकर अपनी आग बुझाते रहे

यह कहानी हे पिछले बारिश की, ३ साल बाद लोरा को उसके कॉलेज से लेकर मैं घर वापिस आ रहा था. रास्ता करीब १५० किलोमीटर का था और हम बाइक से आ रहे थे, कहां जाए तो लोरा अब काफी मेचर लग रही थी, उसके फिगर की साइज ३४-२८-३६ से ३८-३२-३९ तक बढ़ चुकी थी.

बाइक में उसके बड़े बूब्स बार बार मेरे पीठ से दब रहे थे और मेरा लंड टाइट होते जा रहा था. फिर यहां कहानी में ट्विस्ट आया, अचानक से बारिश होने लगी और हमने तब तक ६० से ७० किलोमीटर की सफर तय कर चुके थे, बारिश भी तेजी बढ़ने लगी और हम दोनों भीगने लगे, हाईवे पर कोई रुकने की जगह ना मिलने के कारण हम भीगते हुए चलते रहे.

बारिश की तेजी बढ़ती रही और बाइक चलाना मुश्किल होने लगा. फिर हमने तय किया कि हम रास्ते में अपने दोस्त के रूम में कुछ देर रुक जाएंगे, और बारिश थमने पर चले जाएंगे. लोरा ने एक ट्यूनिंग पहन रखी थी और साथ में कोई एक्स्ट्रा कपड़े भी नहीं लिए थे.

क्योंकि वह २ दिन के लिए घर आ रही थी, बड़ी मुश्किल से हम दोस्त के घर पहुंचे जैसे दरवाजा खोला तो अंदर पहले से ही बाकी दोस्त मौजूद थे, वह भी कहीं से भीग आए हुए थे.

सबने एक एक टॉवेल पहन रखा था, वह मुझे देख जितना खुश नहीं हुए लोरा को देखकर सबके मुंह खुले रह गए और सर से पैर तक भीगी हुई लोरा की ड्रेस उस के बदन से चिपकी हुई थी और ट्यूनिंग सिर्फ घुटने तक ही ढक रही थी.

ठंड से कांपती हुई वह दबे पैर रूम में घुसी और कुछ देर के लिए सब को टॉवल में देखकर चौंक गई, उसके बड़े बुब्स गीले कपड़े पर काफी क्लियर दिख रहे थे, चारों दोस्त अपने लंड को कस के पकड़ लिया और घबरा गए.

चारों दोस्तों के नाम लालू, टप्पू, प्रेम और देव.. फिर लालू ने लोरा को कहा जाओ बाथरूम में कपड़े चेंज कर लो, और लोरा शर्मा के बाथरुम में ही घुस गयी. तभी टप्पू शर्माते हुए कहा कि कपड़े कहां से लाएगा? कपड़े सूख गए होते तो क्या हम टॉवल में होते?

फिर बाकी हंसते हुए और लंड सहलाते हुए मेरी तरफ देख कर कहा की कोई नहीं आज लोरा हमारे साथ  टॉवल में ही रह जाएगी. फिर सब हंसने लगे और डिस्कशन जारी रहा, कुछ ही देर में लोरा बाथरूम से आवाज लगाई तो मैं वहां जाने लगा.

तब टप्पू ने अपना टावेल निकाला और मुझे पकड़ा के बोला, जा भाई यह पहनाके माल को ले आ. में नंगा बेडशीट ओढ़कर बैठ जाता हूं, फिर वह नंगा जाकर बेडशीट ओढकर ही लेट गया.

तभी मेने जा के लोरा को बाथरुम में टॉवेल दिया, टॉवेल देख के वह मुझे दरवाजे के पीछे से जांकते हुए पूछा कि मैं क्या पहनू? तभी मेरे पीछे से देव ने जवाब दिया, शर्मा मत डियर, हम सब तेरे अपने हैं. अपने कपड़े ले आप सुखा देंगे, सूख जाए तो पहन लेना.

यह सुनकर वह बहुत गभरा गई पर उसके पास कोई रास्ता नहीं था. थोड़ी देर में लोरा अपने को टॉवल में लपेट के हाथों में पीले कपड़े लेकर बाहर आई. वह एक सिंगल रूम था जिसमें बाथरूम अटैच था और किचन भी.

तभी तुरंत प्रेम उसके पास गया और उसके पास से कपड़े लेकर बोला, लाओ मैं सुखा देता हूं, तुम जाकर थोड़ा कॉफी बनाओ, सब पिएंगे. फिर लोरा शर्माते हुए नीचे सर झुका कर किचन में गई और बाकी उसे हैवानियत की नजरों से घुर रहे थे. वह टॉवेल उसके बूब्स से लेकर उसके चूत से बस २ इंच नीचे तक ढक रहा था, ऐसा लग रहा था कि वह जरा जोर से हिलेगी तो टॉवेल नीचे गिर जाएगा और सब को उसका इंतजार था.

जैसे ही वो किचन में गयी तभी सारे उसके गीले कपड़े अपने में बाट लिए, जैसे प्रेम के पास ब्रा, ट्यूनिंग लालू के पास और पेंटी पप्पू बेडशीट के अंदर अपने लंड में रगड़ रहा था. मैं यह सब देख कर घबरा भी रहा था और गरम भी हो रहा था. फिर तुरंत देव सारे कपड़े इकठ्ठे कर के अलग अलग खिड़की में छुपा दिया. फिर सब ने उसके बूब्स साइज बढ़ने की बात करने लगे..

तभी लोरा कॉफी के साथ बाहर आई सबने कॉफी पी और बारिश थमने का इंतजार किया लेकिन अंधेरा होने लगा था फिर भी बारिश नहीं थमी, बारिश और बढ़ने लगी और नाही कपड़े सूख रहे थे.

लोरा को ऐसे देखकर सब के लंड खड़े हो रहे थे और यह सब लोरा मार्क कर रही थी, और घबराई हुई भी थी. बारिश ना रुकने के कारण दोस्तों ने लोरा को खाना बनाने को कहा ताकि सब वहीं खा ले. फिर जैसे ही वह खाना बनाने को गई, यहां शुरू हो गई प्लानिंग.

प्रेम ने कहा यार ऐसा चांस फिर कैसे आएगा?

देव ने कहा आज अगर उसकी चूत में लंड नहीं डाला तो क्या किया?

तभी लालू जाकर लोरा के कपड़े दुबारा गीला कर दिया.

टप्पू ने कहां – मेरी लोरा पहले मेरे साथ सोएगी, साला मैं सुबह से नंगा लेटा हूं.

फिर लालू ने कहा – भाग साले, पहले मेरे साथ..

प्रेम और देव ने कहा – हम तो थ्रीसम करेंगे.

फिर मैंने मजाक से बोला यार गेंग बेंग करते हैं तो सारे शांत हो गए. कुछ देर के लिए और फिर जोर जोर से हंसने लगे, और हांमी मिला कर बोले यह सही आईडिया है..

लोरा अब बाहर आई और बोली तैयार है खाना, मिल कर खाते हैं. सब एक दूसरे को देख कर हंसते हुए बोले बिल्कुल मिलकर खाएंगे.

खाना परोसा गया और सब खाने बैठे. लोरा टॉवल में होने के कारण बैठने में थोड़ी दिक्कत हो रही थी. वह बैठ जाए तो टॉवेल उसके गांड से ऊपर खीच जाती थी और उसकी गांड दिखती थी. वह जैसे तैसे एडजस्ट करके बैठी, खाना खत्म हो गया और  लोरा को जहा सोने के लिए बोला गया उसके लेफ्ट में मैं, प्रेम और देव सोए, और राइट में टप्पू और लालू सोए.

टॉवेल में सोना उसके लिए अनकंफर्टेबल था और वह नहीं मान रही थी, लेकिन मैनेज कर के सो गए. कुछ देर बाद मुझे साइड कर के प्रेम लेफ्ट से और टप्पू राइट से उसकी बेड शीट के अंदर आ गए और प्रेम अपना टॉवेल खोल कर बाहर फेंक दिया जबकि टप्पू पहले से ही नंगा था.

इनके खड़े लंड लोरा को चुभने लगे तो उसकी नींद खुल गई, पर मैं चौंक गया था की वह कोई विरोध नहीं कर रही थी और चुपचाप लेटी हुई थी. टप्पू उसके जांघ को सहला रहा था और प्रेम उसके बूब्स दबा रहा था, जीरो पावर लाइट की वजह से सब कुछ हल्का दिख रहा था.

थोड़ी देर में मैंने देखा कि टप्पू ने टॉवेल खोलकर उसे बाहर फेंक दिया, थोड़ी देर में मैंने देखा कि देव नीचे से जाकर लोरा की चूत चाट रहा था और फिर लालू लोरा के होठों को चूम रहा था, कुछ पलों में सब बदल गया था.

लोरा उन चारों के बीच अपनी दोनो टांगे फाड़ के ऊपर की तरफ मुंह करके मजे से लेटी थी. प्रेम उसके लेफ्ट बुब और टपु उसके राइट बूब्स चूस रहे थे. लोरा सब इंजॉय कर रही थी आंखे बंद कर के.मुझे कुछ समाज नहीं आ रहा था पर मजा बहुत आ रहा था.

कभी प्रेम का मन बूब्स से भरा नहीं था और लोरा के मुंह से आह्ह स्श्ह्हह्श्ह आह्ह्ह औऊ आवाज आ रही थी. सब एक के बाद एक उसे अपना लंड चूसवा रहे थे.

तभी देव ने आवाज लगाया, आजा साले तू भी मजा लूट इस रंडी का. मैं थोड़ा घबराया हुआ पास गया तभी लोरा ने मेरा टॉवेल खींच कर मेरा लंड हाथ में ले लिया और चूसने लगी. मानो जैसे जन्न्नत  लग रहा था. चूसने का कार्यक्रम खत्म होते ही चूत चोदने का काम शुरू हुआ. पहला राउंड शुरू हुआ. सब चारों तरफ बैठे और लोरा को बीच में लेटा दिया.

फिर एक के बाद एक करते लोरा को चोदने लगे और बाकी अपने लंड हिलाते हुए पूरे मजे ले रहे थे. हम पांचो ने एक एक बार चोद के साथ नंगे सो गए. लोरा भी हमारे बीच में ही सो गई. कुछ देर बाद मुझे सिसराहट की आवाज आई, तो मैंने जब देखा तो लोरा खिड़की पर हाथ रख के झुकी हुई थी और देव लोरा की गांड मार रहा था.

फिर थोड़ी देर में ही प्रेम भी जाकर लाइन में खड़ा हो गया और देव का खत्म होते ही यह भी लोरा की गांड मारने लगा. मुझसे यह सहा नहीं गया और फिर मैं भी उसके बाद शुरू हो गया. बाकी अपने घोड़े बेच के नंगे पड़े थे. लोरा भी बहुत थक गई थी और वह भी वैसे नंगी जा के बीच में लेट गई.

सुबह हुई तो सब सो रहे थे. तभी आवाज आई गुड मॉर्निंग बेड कॉफी..

आंखें खुली तो देखा सब शॉकिंग थे. लोरा पूरी नंगी ट्रे में कॉफी लेकर खड़ी थी.

तभी लालू बोला – वाह.. यह तो पूरी रांड बन गई.

लोरा ने कहा – तुम लोगों से छुपाने के लिए कुछ बाकी भी है, फिर शर्म किस बात की.

फीर सब हसते हुए नंगे कॉफी पीए और फ्रेश होने के लिए बाथरुम गए एक के बाद एक. सब लोगों ने एक के बाद एक लोरा के साथ न्यूड सेल्फी ली और फिर लोरा वही सब के सामने ड्रेस पहन ली. बारिश रुक चुकी थी और हम घर के लिए निकल गए.. जाते वक्त सबको किस करते हुए बोली फिर मिलेंगे.. अब छुट्टि में घर से ज्यादा यही अच्छा लगेगा.

उसके बाद हम घर चले गए. उसके बाद लोरा की कोई भी छुट्टी हो तो पहला दिन वह इनके रूम में आती, फिर घर जाती.
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