दोस्तों मेरा नाम स्वाति कुमारी (चेंज करा हुआ) हे और मैं बिहार से हूँ. मेरी उम्र अभी 32 साल हे. ये बात मेरी लाइफ का एक ऐसा चेप्टर हे जिसे मैं कभी भूल नहीं सकती हूँ. कॉलेज के दिनों में एक रात में मेरे ऊपर 10 लड़के कैसे चढ़ गए उसकी ये बात हे. आप को सुनने में थोडा अजीब और अतिशयोक्ति से भरा लगेगा. लेकिन मैं अगर कहूँ की उस चुदाई के पहले मैं वर्जिन थी तो? सच नहीं लगता ना, लेकिन काश ये एक जूठ होता!
मेरी कोलेज में एक फ्रेंड थी उसका नाम नीतू था. वो एक नम्बर की रंडी जैसी थी. उसके बहुत सब बॉयफ्रेंड्स थे कोलेज के लड़के भी और बहार के लड़के भी. आज से 8-9 साल पहले जब नए नए मोबाइल आये थे तब की ये बात हे. नीतू को बहुत सब लोग कॉल करते थे. और वो सभी से अपने फोन में बेलेंस करवाती थी. वो हम लड़कियों के साथ हॉस्टल में अपने सेक्स की बातें भी करती थी.
नीतू और मेरा विलेज एक ही था. एक बार मैं गाँव गई थी छुट्टियों में तो वो लेडिज वाली बात हो गई मेरे से. नीतू के सेक्सी किस्से मैंने गाव में अपनी एक सहेली को बोल दिए. और पता नहीं कैसे गाँव में बहुत सब लोगों को नीतू के बारे में पता चल गया. नीतू के घर पर जब ये बात कानोकान गई तो उन्होंने नीतू को घर पर बुला के उसकी अच्छी क्लास ली.
नीतू ने अपने घर कह दिया की स्वाति मेरी पढ़ाई से जलती हे इसलिए यहाँ ऐसी बातें बनाती हे. फिर वो जब हॉस्टल पर आई तो हम दोनों के बिच में काफी झगड़ा हुआ. नीतू ने मुझे बाल नोच के बहुत तमाचे लगाए. और उसने कहा साली छिनाल तेरे से कोई लड़का सेट नहीं हुआ तो मुझे गाँव में रंडी बना दिया. मैंने भी उसे मारा. दुसरे फ्रेंड्स और वार्डन ने हमें अलग किया.
फिर हम दोनों के बीच में बात एकदम से बंद हो गई. एक ही गाँव की होने के बावजूद हम दोनों अलग अलग रहने लगे.
ये सब कुछ 3 महीने तक चला. और फिर एक दिन नीतू ही मेरे पास आई और बोली, चल स्वाति अब जो हुआ उसे जाने दे. मैंने भी उसे कहा सोरी यार मेरे लिए तुझे सूनना पड़ा.
वो मेरे से गले लग गई और फिर हम दोनों में पहले जैसी दोस्ती भी हो गई.
उसके बाद भी दो हफ्ते निकल गए. और फिर एक दिन नीतू ने मुझे कहा स्वाति मेरे एक दोस्त की बर्थ-डे पार्टी हे तू चलेगी मेरे साथ?
मैंने कहा यार बगेर उसके बुलाये मैं कैसे आ सकती हूँ!
वो बोली, अरे पागल मेरा बेस्ट बडी हे वो और उसने मुझे कहा की जितने आदमियों को ले के आना हे तू ले के आना.
मैंने कहा, कौन कौन आ रहा हे.
नीतू ने कहा, रमोला को बोला हे वो शाम को अपनी दीदी के घर पर हे वो वहां से लेट हमारे साथ ज्वाइन करेगी.
मेरा मन तो नहीं चल रहा था नीतू की पार्टी में चलने को लेकिन उसने बहुत फ़ोर्स किया इसलिए मैं मान गई. नीतू ने अपनी एक स्कर्ट और ब्लेक टॉप मुझे दिया और कहा ये ले यार तेरे कपडे पार्टी के लायक नहीं होते हे.
हम दोनों हंस पड़े क्यूंकि मैं पहले से ही बहुत सिम्पल सी लड़की थी और मेरे कपडे भी मेरे जैसे ही थे. स्कर्ट पहन के मेरे से ठीक से चला भी नहीं जा रहा था. नीतू ने मुझे मेकअप की टचिंग भी कर दी. और फिर हम दोनों ऑटो से सिटी के बहार एक फ़ार्म हाउस पर गए. बहार एक बूढा चोकीदार था जिसने नीतू को पहचाना. शायद वो पहले भी यहाँ काफी बार आ चुकी थी. वो चोकीदार मुझे अजीब ढंग से देख रहा था तो नीतू ने कहा, काका मेरी सहेली हे उमेश की पार्टी के लिए आई हे.
चोकीदार: वो लोग स्विमिंग पुल के पास हे.
उसने गेट खोला और मैंने फिर से देखा तो चोकीदार मुझे अभी भी घूरते हुए देख रहा था. फिर वो अपनी केबिन में वापस बैठ गया. मेरा दिल जोर जोर से धडक रहा था. बहार लॉन में बड़ी ब्रांड की कार पड़ी हुई थी. ये किसी रिच बन्दे का फ़ार्म हाउस था. मैंने नीतू से कहा, अरे यहाँ तो पार्टी जैसा कुछ नहीं लगता?
नीतू: पागल ये मिडल क्लास की नहीं हाई क्लास की पार्टी हे. यहाँ आदमी कम और मजे ज्यादा होते हे. और मिडल क्लास में आदमी कम और मजे होते ही नहीं हे.
हम लोग पुल के पास पहुंचे तो वहां पर 6 7 लड़के थे जो चड्डी पहन के नाहा रहे थे. नीतू ने सब को हाई कहा और मुझे भी कमर पर हाथ मारा. मैंने भी हंस के सब को गुड इवनिंग कहा. वहां पर एक और लड़की भी थी. वो पुल में नहीं लेकिन बहार बैठी थी. उसके पास एक लड़का भी था. हमें देख के वो दोनों चौंक से गए. शायद वो लोग कीस कर रहे थे जब हम यहाँ आये. फिर नीतू को देख के वो लड़की हंसी और बोली, आओ डार्लिंग.
नीतू उसके पास गई और वो लड़की वाला मुआ मुआ किस किया दोनों ने. मैंने भी उस लड़की से हाथ मिलाये. वो हम दोनों से बड़ी थी और उसके मुहं पर एक महीने जितना मेकअप लगा हुआ था.
नीतू ने मुझे हाथ से दिखा के कहा, वो हे बर्थ-डे बॉय अंकुर!
मैंने अंकुर को विश किया.
अंकुर ने अभी तो रुको यार, अभी तो पार्टी करेंगे हम लोग.
वो लोग नाहा रहे थे और हम चारों बहार ही बैठे थे. एक वेटर शराब के ग्लास ले के आया. नीतू और वो तीनो ने एक एक उठाया. मैं तो पीती नहीं हूँ. नीतू ने वेटर को कहा, मेडम के लिए कोक ले आओ. और उसने उसे आँख मारी. मुझे उस वक्त पता नहीं चला की आँख क्यूँ मारी थी उसने! काश मैं उसी वक्त मना कर देती कोक के लिए!
वेटर कोक ले के आया और मैंने पी ली. कुछ देर में हम सभी लोग अन्दर एक बड़े हॉल में गए. वो सब लड़के भी कपडे पहन के आ गए. एक कौने में म्यूजिक सिस्टम लगा था वहां पर अश्लील डबल मीनिंग सोंग बजने लगे और सब नाचने लगे. नीतू मुझे भी खिंच के ले गई बिच में. मुझे हल्का हल्का चक्कर सा आ रहा था. पर नीतू के साथ मैं भी अपनी देसी डांस सताईल में थिरकने लगी.
नाचते हुए अंकुर मेरे पास आ गया. और उसने मेरी कमर में हाथ रख दिया. मुझे अजीब लगा लेकिन मैं कुछ नहीं बोली. हम दोनों डांस करने लगे. वो बार बार मेरी गांड पर हाथ लगा रहा था. पता नहीं मुझे क्या हुआ था पर मुझे उसके ऐसा करने से मजा आ रहा था. अंकुर ने अब अपने दोनों हाथ मेरी गांड के ऊपर रख दिए और मुझे खिंच सा लिया. उसका मेनहुड यानी की पेनिस मेरे आगे लग रहा था. अंकुर और मैं एकदम बिच में थे. नीतू और बाकी 7-8 लड़के और वो लड़की भी इर्द गिर्द नाच रहे थे. मैंने देखा की वो सब लड़के एक एक करे के नीतू और उस लड़की के बूब्स और गांड को हाथ लगा रहे थे.
तभी वो लड़की ने अपनी टॉप उतार दी और वो बूब्स को थिरकाने लगी. नीतू मुझे एक सेक्सी पार्टी में ले के आ गई थी. लेकिन मेरे में विरोध करने की शक्ति ही नहीं थी जैसे. नीतू ने भी अपनी टॉप खोली और वो तो एक कदम आगे जा के अपनी ब्रा को खोल के बूब्स हिलाने लगी. लड़के बार बार अपने हाथ से नीतू के बूब्स दबाते थे और निपल्स को दबाते थे. अंकुर ने अब मेरी गांड को जोर से दबाया और उसने अपने होंठो को मेरे होंठो से लगा दिया. हम दोनों एक डीप किस में आ गए. फिर उसने मेरे बूब्स दबाये. मैंने विरोध नहीं किया. हालांकि मैं जानती थी की मेरे साथ क्या हो रहा हे!
फिर अंकुर के साथ उसके दो और दोस्त मेरे पास आ गए. अंकुर ने नाचना बंद कर दिया और वो मेरे कपडे खोलने में ही लग गया. वो एक एक कर के मेरे सब कपडे खोल गया. मैं 10 लडको और दो लड़कियों के बिच में नंगी थी! अंकुर ने अब मेरी चूत को देख के अपनी लाळ टपकाई और वो निचे बैठ गया. उसने मेरी एक जांघ को पकड के अपने कंधे के ऊपर रख दी. और अपनी जबान से वो मेरी चूत को चाटने लगा. मैं अंकुर के होंठो के स्पर्श से मदहोश हुई जा रही थी. अंकुर ने पूरी जबान अन्दर डाली और चूसने लगा.
उधर मेरी नजर पड़ी तो वो दोनों नीतू और वो मेकअप वाली लड़की अपने घुटनों के पर बैठी हुई थी. और 7 लंड उन्के सामने खुले पड़े थे. वो सातों लंड को एक एक कर के चूस रही थी और हिला रही थी.
अंकुर के साथ अब वो दोनों लड़के भी मेरे बदन को टच कर रहे थे. अंकुर ने पूरी जबान को अन्दर डाल के चूसा और फिर वो अपनी एक ऊँगली से मेरी चूत को चोदने लगा. मेरी चूत से पानी छुट गया. अंकुर के बगल में खड़े हुए दोनों लडको ने अपने लोडे मेरे हाथ में पकड़ा दिए एक लंड राईट हेंड में और एक लेफ्ट हेंड में! मैं दोनों लंड को हिला रही थी और अंकुर से चूत चटवा रही थी.
फिर अंकुर ने मुझे कंधे के उपर उठाया. और वो मुझे बगल में एक बेडरूम में ले गया. वहां के नर्म गद्दे पर मुझे डाल के वो मेरे ऊपर चढ़ गया. वो मेरी छाती के ऊपर बैठ गया और उसने अपना नुकीला लंड मेरे मुहं में दे दिया. और दूसरा लड़का जो पीछे साथ में आया था वो मेरी चूत चाटने लगा और गांड के होल पर भी प्यार से जबान घुमाने लगा.
मैं मचल रही थी. और अंकुर ने अब मेरे मुहं को जोर जोर से चोदना चालू कर दिए. उसने मेरे दोनों कान पकडे हुए थे और अपने लोडे को वो जोर जोर से मुहं में ठोक रहा था. मेरे लिए लंड चुसना नया अनुभव था पर मैं शायद वही कर रही थी क्यूंकि अंकुर को बड़ा अच्छा लग रहा था. वो सिसकियाँ रहा था. मैं भी आज पहली बार इतनी बिंदास्त हो के सेक्स कर रही थी.
तभी कमरे के दरवाजा खुला. नीतू वो लड़की और बाकी के लड़के वहां आ गए. नीतू ने मुझे देखा और हंस रही थी वो. फिर वो बोली, अंकुर मार दे इस लड़की की पुसी को, बड़ी टाईट होगी जैसे तू लाइक करता हे!
सब लोग हमारे इर्द गिर्द खड़े हुए थे. अंकुर उठा और अपने लंड को हिला के उसने मेरी चूत में धक्का दिया. उसका लंड फिसल गया! मेरी चूत सच में इतनी टाईट थी. फिर अंकुर ने बेड के निचे बने हुए ड्रावर से कुछ जेली निकाली और अपने लंड के ऊपर लगाईं. और कुछ जेली उसने मेरी चूत के ऊपर भी घिसी. फिर अंकुर ने एक हाथ से मेरे बूब्स को मसले और अपने लंड को उसने मेरी चूत के ऊपर घिसा. अब चिप चिप लग रहा था और उसने एक धक्का दिया तो मेरा कलेजा जैसे मेरे मुहं में आ गया! मुझे इतना दर्द हुआ की इतना दर्द तो मुझे अपनी लाइफ में कभी नहीं हुआ था. मैं चीख रही थी और नीतू और वो लड़की हंस रही थी.
अंकुर का आधा ही लंड चूत में गया था और मेरी चूत जैसे फट गई थी. मेरी योनी से लहू की टसर फुट पड़ी थी और वो अंकुर के लंड को भी लाल कर रही थी. अंकुर ने एक मिनिट तक मेरे बूब्स मसले और फिर अपनी एक ऊँगली को मेरे मुहं में डाली. और फिर उसने एक और धक्का दिया. उसका पूरा लोडा मेरे अन्दर आ गया और एक लोहे की रोड के जैसा लगा मुझे. मैंने उसकी ऊँगली को काट लिया और चीखने लगी. अंकुर ने अब धक्के लगाए और वो मुझे चोदने लगा.
तभी बाकी के लडको में से दो लड़के मेरे पास आ गए. उसमे एक सरदार था और दूसरा एक लड़का था जिसका लंड बहुत बड़ा था. वो दोनों ने भी अपने लंड मुझे दे दिए. मैंने अंकुर की ऊँगली मुहं से निकाली और सरदार का लंड चूसने लगी. दुसरे लंड को मैं अपने हाथ से हिलाने लगी.
और तभी बाकी के सब लड़के भी अपने अपने लंड निकाल के मेरे पास आ गए. मैं बेड में पड़ी एक लंड से चुदवा रही थी और बाकि के 9 लंड मेरे चारो तरफ थे. एक चूत में,. एक मुहं में, दो हाथ में! अब भला बाकी के 6 लंड को मैं कैसे संभालती!
अंकुर के धक्के और भी तेज हो गए थे और सरदार लड़के ने पूरा लंड मुहं में डाल के मेरी ग्गग्ग्ग्ग करवा दी थी. वो सब लोग बोल रहे थे, याआआआआ फक ठीक बिच अंकुर शी नीड्स योर कोक मेन!
अंकुर को ये सब से पानी चढ़ रहा था. और वो कस कस के मुझे चोदता गया. उसका पानी 10 मिनिट में छूटा तो मुझे लगा की हास!
लेकिन मैं गलत थी. सरदार लड़का अब मेरी चूत के पास आया और बोला, सानु भी दे दो ताह्डी फुदी बेबी!
और साले ने बिना कुछ कहे ही अपने लंड को मेरी चूत में डाल दिया. नीतू सब देख रही थी. और मैं बाकी के 9 लंड से भी ऐसे ही चुद गई. मेरे में जरा भी शक्ति नहीं बची थी. सब ने अपने लंड का पानी मेरी चूत में ही छोड़ा था और मुझे बिस्तर में एकदम चिपचिप भी लग रहा था. पता नहीं कब मुझे नींद आ गई और मैं सो गई.
सुबह जब मैं उठी तो बिस्तर के अन्दर सब तरफ खून ही खून था. इन 10 लंड से मेरी चूत फट गई थी. मुझे अब बहुत घिन सा लग रहा था. बाप रे ये सब मैंने कैसे कर दिया. तब मुझे याद् आया की वेट्र ने मुझे कोक पिलाई थी उसके बाद ही ये सब हुआ था. शायद इन लोगों ने मुझे चोदने के लिए ही ये पार्टी रखी थी और उसकी मुख्य सूत्रधार नीतू ही थी.
कुछ देर में नीतू कमरे में आई तो मैंने उसको गले से पकड़ लिया. उसने मुझे धक्का दिया और बोली, साली नीच रंडी बैठ उधर ही.
मैंने कहा, नीतू तूने मेरी लाइफ बर्बाद कर दी.
नीतू ने अपने मोबाइल में एक क्लिप मुझे दिखाई! बाप रे वो तो मेरी ही क्लिप थी जिसके अन्दर मैं 10 लंड के बिच में घिरी हुई थी.
वो बोली: साली रंडी 10 लंड ले रही थी रात को. हमारे विलेज में चलवा दूँ इसे केबल के ऊपर? तेरी माँ मर जायेगी सुसाइड कर लेगी या फिर तेरा खून करवा देगी वो!
मैंने रोते हुए उसे कहा: तूने ये सब क्यूँ किया? मेरी लाइफ बर्बाद मत करो प्लीज़!
वो बोली: तूने जो किया था ना कुछ महीनो पहले उसकी ये सजा हे. तूने मेरी बात करी थी गाँव में की मैं लडको से मिलती हूँ. अब मेरे पास तो कहने के लिए सबूत भी हे! मैं लोगों के ये दिखा के कह सकतीं हूँ की स्वाति ही नीच हे और वो दुसरो से ये सब करती हे और मुझे खामखा में बदनाम किया उसने.
मैं नीतू के पैर में पड़ गई और बोली,. नीतू मुझे माफ़ कर दे, मैंने तुझे बदनाम करने के लिए किसी को कुछ नहीं कहा था.
नीतू: लेकिन बदनाम तो मैं फिर भी हुई ना डार्लिंग! अब तू मेरे लिए रंडी का काम करेगी, मैं जिस से कहूँगी उसके साथ तू लेटेंगी वरना तुझे गाँव से हाथ धोने पड़ेंगे!
स्वाति: नीतू प्लीज़ हम बचपन के दोस्त हे!
नीतू हंस के बोली: तभी तो तेरी कमाई में से मैं तुझे 10% दूंगी खर्चे के लिए!
मैं रोती रही. तभी कुछ देर में दो लड़के आये और उन्होंने मुझे पकड के मेरी चूत और मुहं को चोदा.
उसके बाद पूरी हॉस्टल लाइफ नीतू मुझे सब में कॉलगर्ल बना के रखी. उसने बहुत सब बूढ़े क्लाइंट्स के पास भी मुझे भेजा. वो फोन रखती थी अपने पास जिसपर लोगों के कॉल आते थे. वो सब कुछ फिक्स कर के मुझे कहती थी यहाँ जाओ क्लाइंट के पास. और वो मुझे कमाई में से सिर्फ 10% ही देती ही.
फिर हॉस्टल की लाइफ खत्म हुई और नीतू से मेरी जान छूटी. वो तो मुझे कॉल करती थी लेकिन मैंने अपना नम्बर ही बंद करवा दिया और अपने गाँव भी नहीं गई कुछ महीनो तक. मैं अपने फूफा जी के वहां मुंबई चली गई जॉब ढूंढने के बहाने से. आज भी मैं मुंबई में ही हूँ और अपने गाँव कभी कभी ही जाती हूँ. नीतू की भी शादी हो चुकी हे और उसके बच्चे भी हे. लेकिन उसे देख के आज भी मन करता हूँ की साली का खून पी जाऊ!